इस बैक्टीरिया को खाने से दिल की बीमारी का खतरा होगा कम

लंदन आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि बैक्टीरिया और वायरस ही बीमारियों की जड़ होते हैं लेकिन अब एक नई रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि एक खास तरह के बैक्टीरिया के सेवन से हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। शोधकर्ताओं की मानें तो अक्करमेंसिया म्यूसिनीफिला नाम का बैक्टीरिया जो मानव आंत में उपस्थित जीवाणु की एक प्रजाति है का अगर पास्चुरीकरण के रूप में उपयोग किया जाए तो यह विभिन्न हृदय रोग जोखिम कारकों से सुरक्षा प्रदान करता है। प्रतिभागियों में पहले से थे दिल की बीमारी के जोखिम कारक पत्रिका ‘नेचर मेडिसिन’ में प्रकाशित इस निष्कर्ष के मुताबिक, लौवेन यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने मानव शरीर में प्रभावी बैक्टीरिया पर अध्ययन किया। इसके लिए 42 प्रतिभागियों को नामांकित किया गया और 32 ने इस परीक्षण को पूरा किया। शोधकर्ताओं ने मोटे प्रतिभागियों को अक्करमेंसिया दिया, इन सभी में डायबीटीज टाइप 2 और मेटाबॉलिक सिंड्रोम देखे गए यानी इनमें दिल की बीमारियों से संबंधित जोखिम कारक थे। 3 महीने तक करना था अक्करमेंसिया का सेवन प्रतिभागियों को 2 समूहों में बांट दिया गया- एक जिन्होंने जीवित बैक्टीरिया लिया, दूसरा जिन्होंने पास्चुरीकृत बैक्टीरिया लिया। इन दोनों समूहों के सदस्यों से अपने खान-पान और शारीरिक गतिविधियों में परिवर्तन करने के लिए कहा गया। इन्हें अक्करमेंसिया न्यूट्रीशनल सप्लिमेंट के तौर पर दिया गया। अक्करमेंसिया का सेवन इन प्रतिभागियों को तीन महीने तक लगातार करना था। डायबीटीज, हार्ट डिजीज का खतरा काफी हद तक हुआ कम शोधकर्ताओं ने पाया कि इस सप्लिमेंट को खाना आसान रहा और जीवित और पास्चुरीकृत बैक्टीरिया लेने वाले समूहों में कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। पास्चुरीकृत बैक्टीरिया ने प्रतिभागियों में डायबीटीज टाइप 2 और दिल की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर दिया। इससे लिवर के स्वास्थ्य में भी सुधार देखा गया। प्रतिभागियों के शारीरिक वजन में भी गिरावट (सामान्य तौर पर 2.3 किलो) देखी गई और इनके साथ ही साथ कलेस्ट्रोल के स्तर में भी कमी आई।

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