दिल्ली

नई दिल्ली,दिल्ली-NCR में शनिवार सुबह एयर क्वालिटी में काफी गिरावट देखी गई। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 पॉइंट को पार कर गया। सुबह आसमान में धुंध छाई रही और लोगों को सांस लेने में भी परेशानी महसूस हुई। उधर, यमुना नदी में जहरीला झाग लगातार दूसरे दिन भी नजर आ रहा है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दी बढ़ने की वजह से दिल्ली-NCR की एयर क्वालिटी खराब हो रही है। दो दिन से पॉल्यूशन का स्तर बढ़ रहा है। इससे लोगों को गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन हो रही है। इसी के साथ त्वचा से जुड़ी बीमारियां होने का भी खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली में पॉल्यूशन पर इमरजेंसी मीटिंग हुई दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पॉल्यूशन को लेकर 18 अक्टूबर को इमरजेंसी मीटिंग की थी। उन्होंने कहा कि कुल 13 हॉटस्पॉट हैं, जहां AQI 300 को पार कर गया है। मंत्री ने अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए और कहा- पॉल्यूशन इतना ज्यादा क्यों हो रहा है, इसकी वजह पता करें। यमुना नदी के जहरीले झाग दिखाई दे रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसमें अमोनिया और फॉस्फेट की मात्रा बहुत ज्यादा है। इससे स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहार नजदीक आ रहे हैं। इस दौरान जहरीले झाग की वजह से दिक्कत हो सकती है। इसे लेकर दिल्ली जल बोर्ड ने मीटिंग की है। जल बोर्ड छठ पूजा के पहले झाग को हटाना चाहता है। दरअसल, हर साल ओखला के कालिंदी कुंज में बैराज पर छठ पूजा के दौरान नदी में डुबकी लगाने के लिए सैकड़ों भक्त आते हैं। बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने दावा किया कि छठ पूजा से पहले और उसके दौरान ओखला बैराज के डाउनस्ट्रीम में पोर्टेबल एंटी-सर्फेक्टेंट स्प्रिंकलर लगाया जाएगा। वहीं कालिंदी कुंज में नदी और नालों के तल को साफ करने का काम किया जाएगा। भाजपा बोली- जहरीली राजनीति के चलते हवा-पानी जहरीला भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा- यमुना नदी का पानी जहरीला हो गया है। केजरीवाल ने कहा था कि वे 2025 तक यमुना नदी को साफ कर देंगे। जब लोग यमुना नदी में छठ पूजा का त्योहार मनाएंगे, तो उन्हें किन बीमारियों का सामना करना पड़ेगा? यमुना नदी की सफाई के लिए आए सारे पैसे विज्ञापनों पर खर्च कर दिए। जहरीली राजनीति दिल्ली में जहरीली हवा और पानी का कारण है। पर्यावरण मंत्री बोले- BJP को बोलने का हक नहीं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा- दिल्ली के पर्यावरण पर भाजपा को कुछ भी बोलने का हक नहीं है। क्योंकि यूपी, हरियाणा, राजस्थान और केंद्र में भाजपा सरकार सो रही है।
नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 28 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। दिल्ली सीएम ने मेडिकल ग्राउंड पर एक जून तक मिली अंतरिम जमानत को 7 दिन बढ़ाने की मांग की थी। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच ने कहा कि अंतरिम जमानत बढ़ाने का फैसला CJI करेंगे, क्योंकि मुख्य मामले में केजरीवाल के खिलाफ फैसला सुरक्षित है। केजरीवाल की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं। केजरीवाल को ED ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 50 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें 10 मई को जमानत मिली थी। उनकी 21 दिन की जमानत 1 जून को खत्म हो रही है। लोकल कोर्ट में ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर सुनवाई 4 जून को दिल्ली की लोकल कोर्ट ने 28 मई को केजरीवाल के खिलाफ ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के अपने आदेश को 4 जून तक सुरक्षित रख लिया है। ED ने 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में 18वीं चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें केजरीवाल और AAP को आरोपी बनाया था। कोर्ट रूम लाइव... सिंघवी: हमें सिर्फ 7 दिन का एक्सटेंशन चाहिए। जमानत बढ़ाने की मांग मेडिकल आधार पर की जा रही है, यह छूट का दुरुपयोग नहीं है। सुप्रीम कोर्ट बेंच: पिछले हफ्ते जब मेन बेंच के जज जस्टिस दत्ता मौजूद थे तो केजरीवाल की याचिका की लिस्टिंग क्यों नहीं की गई। ​​​​​सिंघवी: प्रिस्क्रिप्शन रविवार को दिया गया था, इसलिए पिछले हफ्ते एप्लीकेशन दाखिल नहीं कर पाए। AAP ने कहा था- केजरीवाल का कीटोन लेवल कम हुआ, ये गंभीर बीमारी का संकेत आम आदमी पार्टी ने सोमवार को दलील दी थी कि गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल का वजन 7 किलो कम हो गया है और उनका कीटोन लेवल हाई है, जो किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। AAP ने यह भी कहा था कि डॉक्टरों ने केजरीवाल को पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी और कंप्यूटेड टोमोग्राफी (PET-CT) स्कैन और कुछ दूसरे मेडिकल टेस्ट कराने की सलाह दी थी, जिसके कारण उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की है। जेल में रहते हुए उनका शुगर लेवल भी लगातार चर्चा का विषय बना हुआ था। केजरीवाल और उनकी पार्टी ने यह दावा भी किया था कि उन्हें इंसुलिन नहीं दी जा रही है। केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट में अब तक 7 बार हुई सुनवाई... 17 मई को दिल्ली शराब नीति में ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में 8वीं चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें केजरीवाल और AAP का नाम शामिल है। इसकी जानकारी ED ने सुप्रीम कोर्ट भी उसी दिन दी थी। पूरी खबर पढ़ें... 16 मई को ED की गिरफ्तारी के विरोध में केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमने केजरीवाल को विशेष छूट नहीं दी है। ED का दावा था कि केजरीवाल जमानत पर बाहर जाने के बाद चुनावी भाषणों में कह रहे हैं कि अगर लोगों ने AAP को वोट दिया तो मुझे 2 जून को जेल नहीं जाना पड़ेगा। पढ़ें पूरी खबर... 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए केजरीवाल को 1 जून तक राहत मिली है। उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है। जमानत मिलने के बाद केजरीवाल 10 मई को 39 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। 7 मई को केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला सुनाए बिना सुप्रीम कोर्ट की बेंच उठ गई। सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई शुरू होने के बाद लंच से पहले तक कोर्ट ने जमानत की शर्तें तय कर ली थीं। हालांकि, तब ED ने कहा कि केजरीवाल के वकील को 3 दिन सुना गया। हमें भी पर्याप्त समय दिया जाए। 3 मई को सुनवाई दो घंटे चली थी। इस लंबी बहस के बाद बेंच ने कहा था कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें।
नई दिल्ली: स्वाति मालीवाल बदसलूकी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि न्यायालय के आदेश के मुताबिक हमने बिभव को हर रोज अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी है। वहीं बिभव के वकील ने कहा किहम रिमांड शब्द का विरोध करते हैं। रिमांड जांच के उद्देश्य से दिया जाता है। हमारा कहना है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है जिसके लिए गहन जांच की आवश्यकता हो। बिभव के वकील ने किया विरोध बिभब के वकील ने कहा कि न्यायिक हिरासत या पुलिस हिरासत दोनों ही आरोपी की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं। किसी भी चीज़ की मांग उचित होनी चाहिए। बिभव के वकील ने कहा न्यायिक हिरासत 14 दिन की होती है लेकिन पुलिस 4 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही है। CCTV फुटेज और DVR को संरक्षित करने की मांग बिभव के वकील ने अर्ज़ी दाखिल कर CCTV फुटेज और DVR को संरक्षित करने की मांग की है। उन्होंनेमकहा कि तीन बार रेड किया गया और पुलिस DVR लेकर गई। उसके बाद अब ये कह रहे हैं कि वह खाली है। इसलिए CCTV और DVR को संरक्षित कर कोर्ट में तत्काल पेश किया जाए। दिल्ली पुलिस ने बिभव की याचिका का विरोध करते हुए इस याचिका को खारिज करने की मांग की। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी ट्रायल का सेटज नहीं है, ऐसे में इस तरह की मांग नहीं की जा सकती है। दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया था। बिभव कुमार को उनके आईफोन का डेटा प्राप्त करने के लिए मुंबई भी ले जाया गया था। बिभव ने अपनी गिरफ्तारी से पहले कथित रूप से फोन को ‘फॉर्मेट’ कर दिया था। पुलिस को संदेह है कि मुंबई में किसी व्यक्ति को या वहां किसी उपकरण में अपने फोन का डेटा भेने के बाद बिभव ने अपना फोन फॉर्मेट किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि यह नजीर बन जाएगी और भाजपा नीत केंद्र सरकार को ममता बनर्जी और एम. के. स्टालिन सहित विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाने की खुली छूट मिल जाएगी जो लोकतंत्र के लिए बहुत खतनाक होगा। केजरीवाल को अदालत ने शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में एक जून तक की अंतरिम जमानत दी है और दो जून को तिहाड़ जेल वापस जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह जेल से ही दिल्ली के मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का निर्वहन करने की अनुमति के लिए अदालत का रुख करेंगे। AAP के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को उनकी सरकार की आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। भाजपा केजरीवाल से उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग कर रही है। केजरीवाल और उनकी पार्टी भाजपा की सरकार पर उन्हें, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य नेताओं को ‘फर्जी मामले’ में फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आयकर आयुक्त के पद से इस्तीफा देने के बाद मैंने दिल्ली की मलिन बस्तियों में काम किया। मुख्यमंत्री बनने (2013) के बाद 49 दिनों में जब मैंने पद छोड़ा तब किसी ने इस्तीफे की मांग नहीं की थी। एक तरह से मैंने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी ठुकरा दी थी जबकि कोई चपरासी की नौकरी भी नहीं छोड़ता है।’’ 'PM मोदी ने मुझे गिरफ्तार करने की साजिश रची' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जानबूझकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि यह मेरे संघर्ष का हिस्सा है।’’ केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 और 2020 के चुनाव में 62 सीट मिली। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देखा कि दिल्ली के चुनाव में ‘आप’ को हराया नहीं जा सकता, तब उन्होंने मुझे गिरफ्तार करने की साजिश रची। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया ताकि मैं इस्तीफा दे दूं और मेरी सरकार गिराई जा सके। लेकिन उनकी साजिश को सफल नहीं होने दूंगा। यह पूरा मामला (आबकारी नीति से जुड़ा) पूरी तरह से फर्जी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैंने कुछ गलत किया होता और पैसा मिला होता तो मैं भीतर से बहुत कमजोर हो जाता और शायद मैं भाजपा में चला जाता और मेरे सारे पाप धुल जाते।’’ 'मैंने इस्तीफा दिया होता तो यह नजीर बन जाती' केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि उन्हें जबरन जेल में रखा गया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैंने इस्तीफा दिया होता तो यह नजीर बन जाती और वे एक दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गिरफ्तार कर लेंगे और उनसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे... वे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को भी गिरफ्तार करेंगे और उनसे इस्तीफा देने को कहेंगे।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘इसलिए जहां भी भाजपा चुनाव हारेगी, विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इसके बाद उनकी सरकार को अपदस्थ कर दिया जाएगा जो लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक होगा। आप नेता ने कहा कि कानून के तहत दो साल से अधिक समय कारावास की सजा पाया व्यक्ति विधायक का चुनाव नहीं लड़ सकता है। 'मुझे गिरफ्तार करने के लिए बनाया फर्जी मामला' उन्होंने कहा कि उन्हें अबतक किसी अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है और इसलिए वह विधायक का चुनाव लड़ सकते हैं और जेल में रहने के दौरान भी मंत्री या मुख्यमंत्री बन सकते हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘‘...हम अदालत का रुख करेंगे और अनुरोध करेंगे की आदेश में मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए (जेल में ही) सुविधा दी जाए।’’ भाजपा पर निशाना साधते हुए ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि शराब घोटाला मामले में वह ‘नौटंकी’ करने में संलिप्त है। उन्होंने कहा, वे एक फर्जी मामला लेकर आए हैं जिसमें मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और वह खुद जेल गए और अब कह रहे हैं कि आप नेता आतिशी को भी जेल भेजा जाएगा। केजरीवाल ने कहा, ‘‘वे (भाजपा) कह रहे थे कि 100 करोड़ रुपये का आबकारी घोटाला है, पिछले कुछ सप्ताह से वे कह रहे हैं कि यह 1,100 करोड़ रुपये का घोटाला है। यह पैसा आखिर कहा चला गया?...क्या चवन्नी भी बरामद हुई है, कोई आभूषण मिला है...कोई सबूत नहीं है। यह हमें गिरफ्तार करने के लिए बनाया गया फर्जी मामला है।’’ केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में उन्हें पद से हटाने के लिए याचिका दायर की गई लेकिन अदालतों ने कहा कि उनके पास मुख्यमंत्री को हटाने की शक्ति नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 10 मई को एक जून तक की अंतरिम जमानत दी थी।
दिल्ली,‘मोदी न अपने लिए जन्मा है, न अपने लिए जिया है। मोदी आपके लिए खप रहा है। न मोदी का कोई वारिस है। वारिस हैं तो आप, देश की 140 करोड़ जनता।’ नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के करतारनगर में 18 मई को PM नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली कर BJP सरकार के काम गिनाए थे। भीषण गर्मी के बावजूद PM को सुनने वालों से मैदान भरा था। यहीं मिली विमला कहती हैं, 'हम तो BJP को वोट देते रहे हैं और आगे भी देंगे। मोदी जी जैसा नेता होना मुश्किल है, जिसने राम मंदिर बनवा दिया। हां, मोदी जी से शिकायत भी है। वे दूसरे देशों में जा रहे हैं, कभी हमारी कॉलोनी में भी आकर देखें कि यहां हमारा क्या हाल है।' दिल्ली के लाजपत नगर में रहने वाली कुलविंदर कौर की राय विमला से अलग है। वे कहती हैं, 'मुद्दे पर कोई आता ही नहीं, सब बेवजह की बड़ी- बड़ी बातें करते हैं। डिक्टेटरशिप आ गई है। कोई बोलने नहीं देता। जो बोलता है, उसे चुप करा देते हैं।' बगल में खड़ी कमलजीत कौर कहती हैं, 'राइट टु स्पीच होना चाहिए। जो बोल रहा है, वो पकड़ा जा रहा है।' दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर 25 मई को वोटिंग होनी है। 1. दिल्ली में पिछली बार मुकाबला त्रिकोणीय था और हार-जीत का फर्क दोगुने से ज्यादा था। इस बार विपक्ष एकजुट है। इससे हार-जीत के अंतर में फर्क जरूर आएगा, लेकिन नतीजा बदलता नहीं दिख रहा। 2. करप्शन केस में फंसे CM अरविंद केजरीवाल समेत AAP के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी का फायदा AAP से ज्यादा BJP को मिलता दिख रहा है। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी के बाद AAP के खिलाफ माहौल बन रहा है, जिसका पार्टी को नुकसान होगा। 3. BJP सांसदों के टिकट कटने को लेकर AAP एंटी इनकम्बेंसी का मुद्दा उठा रही है। हालांकि, इसका असर जमीन पर नहीं दिख रहा। इससे ये मैसेज जरूर जा रहा कि BJP जीते हुए कैंडिडेट को भी जनता की खातिर बदल सकती है। BJP का 6 नए चेहरों पर दांव, AAP ने चुनाव में विधायक उतारे दिल्ली में BJP ने 2014 और 2019 में क्लीन स्वीप किया था। इसके बावजूद पार्टी ने जीत दिलाने वाले 6 कैंडिडेट को इस बार टिकट नहीं दिया। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से सिर्फ मनोज तिवारी ही ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन पर पार्टी ने फिर भरोसा जताया है। बाकी 6 नए कैंडिडेट्स उतारे हैं। इनमें से 3 पूर्व मेयर और एक विधायक हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। 4 सीट पर AAP ने कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि 3 सीट पर कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़े किए हैं। AAP ने तीन विधायकों के साथ ही एक पूर्व विधायक को टिकट दिया है। कांग्रेस ने दो सीटों पर पूर्व सांसद और एक सीट पर युवा चेहरे के तौर पर कन्हैया कुमार को उतारा है। अब वोटों का समीकरण समझिए 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP का वोट शेयर 57% से ज्यादा था। कांग्रेस को 22.5% और AAP को 18.1% वोट मिले थे। हार-जीत का सबसे ज्यादा फर्क वेस्ट दिल्ली में था। यहां जीतने वाले BJP कैंडिडेट प्रवेश वर्मा को 60.05% और हारने वाले कांग्रेस कैंडिडेट महाबल मिश्रा को 20% वोट मिले थे। 2019 में दिल्ली की चांदनी चौक सीट पर हार-जीत का अंतर सबसे कम रहा। यहां जीतने वाले BJP कैंडिडेट डॉ. हर्षवर्धन को 44.60% वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार जेपी अग्रवाल का वोट शेयर 29.67% था। सवाल: AAP-कांग्रेस का गठबंधन कितना मजबूत है? जवाब: सीनियर जर्नलिस्ट प्रदीप सिंह कहते हैं, 'गठबंधन से कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला। जनता स्प्लिट वोटिंग का पैटर्न जितनी अच्छी तरह जानती है, उतने अच्छे से राजनीतिक पार्टियां भी नहीं जानतीं। उन्हें पता है कि राज्य के लिए किसे चुनना है और देश के लिए किसे।' वे आगे कहते हैं, 'आम आदमी पार्टी को टेक्निकली राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है, लेकिन व्यवहारिक तौर पर जनता उसे राष्ट्रीय पार्टी नहीं मानती। पंजाब और दिल्ली दोनों जगह विधानसभा चुनाव में पार्टी बहुमत के साथ आती है, लेकिन लोकसभा चुनाव में फिसड्डी साबित होती है।' सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज, यानी CSDS के को-डायरेक्टर और पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रो. संजय कुमार डेटा के जरिए इसे समझाते हैं। वे कहते हैं, 'पिछली बार मुकाबला त्रिकोणीय था, लेकिन इस बार बाइपोलर हो गया है। इसके बावजूद गठबंधन बहुत कमजोर है। पिछली बार कांग्रेस और AAP के वोट मिला दें, तो भी BJP के बराबर नहीं पहुंच रहे।' संजय आगे कहते हैं, 'इसे ऐसे समझिए कि वोटरों में एक हिस्सा सबसे मजबूत पार्टी को सिर्फ इसलिए वोट देता है ताकि वोट बर्बाद न हो। इस बार विकल्प मिलने के बाद ऐसा वोटर स्विंग करेगा, इसलिए BJP को मिलने वाले वोट शेयर में कुछ कमी आ सकती है।' सवाल: BJP ने अपने 6 कैंडिडेट बदल दिए, क्या एंटी इनकम्बेंसी का डर था? जवाब: पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रो. संजय कुमार कहते हैं, 'जितना बड़ा चुनाव, पार्टी का उतना ज्यादा महत्व। PM मोदी का भी फैक्टर है और बड़ी संख्या में लोग उनके नाम पर ही वोट करेंगे।’ वे आगे कहते हैं, ‘देखिए विधानसभा चुनाव में लोग कुछ हद तक लोकल कैंडिडेट देखते हैं। पंचायत और निकाय चुनाव में वोटिंग इसी आधार पर होती है, लेकिन लोकसभा में नहीं होती। लिहाजा, नए कैंडिडेट लाने के पीछे एंटी इनकम्बेंसी का फैक्टर तो कहीं नहीं दिखता। चुनाव लोकल कैंडिडेट के नाम पर नहीं, बल्कि PM मोदी के नाम पर हो रहा है।' सीनियर जर्नलिस्ट प्रदीप सिंह इसे BJP का सुपर मैनेजमेंट बताते हैं। वे कहते हैं,‘दिल्ली में अपने कैंडिडेट बदलकर BJP ने मैसेज दे दिया कि वो जनभावना का सम्मान करती है। उसके लिए कैंडिडेट से ऊपर जनता है। वो जनता की खातिर पुराने जीते हुए कैंडिडेट को भी बदल सकती है।' प्रो. संजय का भी यही मानना है। वे कहते हैं, 'कैंडिडेट्स बदलना मोदी की छवि को और मजबूत करता है। इससे साफ मैसेज जाता है कि BJP के लिए जनता ही सबसे ऊपर है।' CSDS की ग्राउंड पर रिसर्च के हवाले से वे बताते हैं, ‘2014 में BJP को मिले वोट में से एक चौथाई वोट PM मोदी के नाम पर मिले थे। 2019 में ये आंकड़ा एक तिहाई था। विधानसभा चुनाव में ये आंकड़ा थोड़ा कम हो जाता है, क्योंकि वहां लोकल पार्टियां और फैक्टर भी आ जाते हैं।' सवाल: इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है? जवाब: प्रो. संजय कुमार कहते हैं, 'BJP भ्रष्टाचार के मुद्दे पर AAP को घेर रही है। वहीं, AAP और कांग्रेस का गठबंधन लोकतंत्र पर खतरा और फ्रीडम ऑफ स्पीच के मुद्दे पर BJP को घेर रहा है। AAP इसके साथ ही अपनी योजनाएं भी जनता के बीच लेकर जा रही है।' सीनियर जर्नलिस्ट प्रदीप सिंह भी इस बात से सहमत हैं। वे कहते हैं, 'BJP दिल्ली ही नहीं, पूरे देश का चुनाव भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लड़ रही है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जिस तरह से दूसरी पार्टियां साथ आईं, उसके BJP ने उन सभी पार्टियों को एक बाड़े में लाकर खड़ा कर दिया।' वे आगे कहते हैं, ‘देखिए भारतीय राजनीति में और खासतौर पर इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में परसेप्शन की बहुत अहमियत है। PM ईमानदार हैं, केजरीवाल की गिरफ्तारी से ये परसेप्शन और मजबूत हुआ है। PM मोदी कहते आए हैं कि भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ूंगा। केजरीवाल की गिरफ्तारी से ये साबित हो गया है।’ सवाल: CM अरविंद केजरीवाल के जेल से छूटने का कितना और क्या असर होगा? जवाब: इंडियन एक्सप्रेस की पूर्व एडिटर और कॉलमिस्ट नीरजा चौधरी कहती हैं, ‘चुनाव के दौरान सिटिंग CM को बिना चार्जशीट और बिना कन्विक्शन के जेल में डाल देना लोगों को अच्छा तो नहीं लगा। ये चुनाव से पहले कर सकते थे या बाद में भी कर सकते थे।' 'जेल से छूटने के बाद केजरीवाल की शुरुआती 2-3 रैली में भीड़ भी इकट्ठा हुई और मोमेंटम भी बनने लगा था, लेकिन फिर स्वाति मालीवाल का मुद्दा आ गया। अब देखना होगा कि पब्लिक इसे कैसे लेती है।’ वे आगे कहती हैं, ‘अरविंद केजरीवाल के जेल जाने पर सिंपैथी थी, लेकिन अब स्वाति मालीवाल के आरोप के बाद ये देखना है कि पुलिस क्या सबूत इकट्ठे करती है। चुनाव के दिन तक इस मुद्दे पर डेवलपमेंट होगा, इसलिए अभी कुछ कहना मुश्किल होगा।' 'लोग AAP को विक्टिम की तरह देखते हैं या फिर लिकर स्कैम और स्वाति मालीवाल केस से केजरीवाल पर भरोसा खो देते हैं, ये देखने वाली बात होगी। सवाल: दिल्ली की सातों सीटों पर हवा का रुख किस तरफ है? जवाब: सीनियर जर्नलिस्ट प्रदीप सिंह इसका एक लाइन में जवाब देते हुए कहते हैं, 'चुनाव बिल्कुल एकतरफा है। पिछले दो चुनावों में वोटों का गैप इतना ज्यादा था कि उसे पाटना मुश्किल है। AAP ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।' 'उसी आंदोलन का नतीजा था कि कांग्रेस सत्ता से गई और अरविंद केजरीवाल की पार्टी काबिज हुई। अब दोनों पार्टियां हाथ मिला रही हैं। ये हार का डर है और जनता इसे खूब समझती है, इसलिए गठबंधन से कम ही असर पड़ेगा।' प्रो. संजय कुमार भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। वे कहते हैं, ’गठबंधन की वजह से कुछ पर्सेंट वोट स्विंग होंगे, जिसका असर BJP के वोट शेयर पर पड़ सकता है।’ हालांकि, गठबंधन से किसी तरह की चुनौती की बात से वे भी इनकार करते हैं। वहीं, सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी का कहना है, ‘मुकाबला तो कड़ा होगा, ये दिखता है। हालांकि, जीत-हार के बारे में अभी कहना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि दिल्ली में रोज कुछ नया घटनाक्रम हो रहा है।’
नई दिल्ली,AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल मारपीट केस में रविवार को दिल्ली पुलिस एक बार फिर अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची और CCTV फुटेज और DVR कलेक्ट किए। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पुलिस को CCTV से छेड़खानी की आशंका है। क्राइम सिक्वेंस का प्रॉपर फुटेज पुलिस को नहीं मिला है। एक्सपर्ट्स इसकी जांच करेंगे। 18 मई को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मारपीट के आरोपी और CM अरविंद केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट बिभव कुमार को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद बिभव को CM हाउस से ही 18 मई को शाम 4:30 बजे गिरफ्तार किया गया था। देर रात उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया। दिल्ली पुलिस ने बिभव की 7 दिन की कस्टडी मांगी थी। पुलिस की ओर से एडवोकेट अतुल श्रीवास्तव ने बिभव की कस्टडी पर दलीलें दीं। बिभव को अब 23 मई को कोर्ट में पेश किया जाएगा। बिभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने शनिवार रात सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्होंने लिखा कि बिभव ने उन्हें थप्पड़ और लातें मारीं। मालीवाल ने आरोप लगाया है कि बिभव ने 13 मई को सीएम हाउस में मारपीट और बदसलूकी की। उनके कपड़े तक फट गए थे। स्वाति ने 16 मई को शाम 6:15 बजे FIR करवाई थी। पुलिस ने कोर्ट में बिभव पर लगाए 4 आरोप 1. शिकायत करने वाली राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें बुरी तरह पीटा गया। संवेदनशील अंगों पर हमला किया गया। 2. हमने फुटेज के लिए DVR मांगी, हमें पेन ड्राइव दी गई, जो खाली थी। 3. पुलिस को एक आई फोन दिया गया। बिभव इसका पासवर्ड शेयर नहीं कर रहे हैं। यह फोन फॉर्मेट कर दिया गया है। 4. गवाहों पर आरोपी का प्रभाव है। उसे बर्खास्त कर दिया गया था, तब वो मुख्यमंत्री आवास कैसे पहुंचा। हमें जांच करनी है कि वो असामाजिक तत्वों से तो नहीं जुड़ा है। रिमांड के खिलाफ बिभव के वकील की 6 दलीलें 1. बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा- घटना 13 मई को हुई, तब स्वाति ने FIR के लिए 3 दिन तक इंतजार क्यों किया। सीएम हाउस जाने के लिए स्वाति ने पहले अपॉइंटमेंट नहीं लिया, ना ही इजाजत मांगी। 2. राजीव मोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री पब्लिक फिगर हैं, लेकिन हर वक्त नहीं। दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़-मरोड़ रही है। स्वाति ने PCR कॉल पर शिकायत की। उन्हें पीटा गया तो 13 मई को FIR क्यों नहीं की। कौन सी चीज रोक रही थी। 3. स्वाति की कॉल पर पुलिस पहुंचीं, पर स्वाति को अस्पताल नहीं ले जाया गया। PCR कॉल रिकॉर्डेड होती हैं और अफसर रिपोर्ट फाइल करता है। स्वाति पुलिस स्टेशन गईं और घटना के बारे में बताया था। उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं कराई। 4. किसी भी ट्रीटमेंट का कोई जिक्र नहीं है। कोई मेडिकल डॉक्युमेंट्स या एमएलसी रिकॉर्ड पर नहीं है। 16 मई तक कोई खबर नहीं थी। FIR में लिखा गया है कि कोई देरी नहीं की गई। 5. सीएम हाउस के ड्राइंग रूम में कोई CCTV नहीं है। गेट पर कोई कैमरा नहीं है। यह हमारे कंट्रोल में नहीं है। पुलिस डेटा डिपार्टमेंट से ले सकती है। इस मामले में किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया है। ऐसे में 7 दिन की रिमांड जरूरी नहीं है। 6. शिकायत करने वाले से वॉट्सऐप पर कोई झगड़ा ना हुआ हो तो फोन फॉर्मेट करने का सवाल कहां से उठता है। आरोपी को पासवर्ड देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। गिरफ्तारी जल्दबाजी में की गई। हमने एंटीसिपेटरी बेल की एप्लिकेशन दी थी। गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। गिरफ्तारी उचित नहीं है, ऐसे में रिमांड नहीं दी जानी चाहिए। घटना के दिन का पहला वीडियो स्वाति मालीवाल से बदसलूकी और मारपीट का 17 मई की सुबह एक वीडियो सामने आया था। दावा किया गया कि वीडियो CM आवास का है। इसमें स्वाति सोफे पर बैठी दिखीं। बिभव बाहर निकले और सिक्योरिटी पर्सनल को अंदर भेजा। बिभव ने स्टाफ से कहा कि स्वाति मालीवाल को बाहर निकाला जाए। घटना के दिन का दूसरा वीडियो घटना के छठे दिन यानी 18 मई को स्वाति मालीवाल का एक और वीडियो सामने आया। 32 सेकेंड के वीडियो में पुलिसवाले स्वाति मालीवाल को सीएम हाउस से निकालते दिखाई दे रहे हैं। 13 मई को सुबह 9 बजे CM हाउस पहुंचीं स्वाति, 16 मई की शाम FIR की स्वाति मालीवाल 13 मई को अरविंद केजरीवाल से मिलने सुबह करीब 9 बजे CM हाउस पहुंची थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की। उनके कपड़े तक फट गए थे। स्वाति ने घटना के तीन दिन बाद 16 मई को शाम 6:15 बजे दिल्ली पुलिस में FIR करवाई थी। 17 मई को रात 12 बजे के आसपास दिल्ली पुलिस ने AIIMS में मालीवाल का मेडिकल करवाया था। शनिवार (18 मई) को रिपोर्ट आई, जिसमें मालीवाल की आंख और पैर में चोट के निशान मिले। रिपोर्ट आने के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस CM हाउस पहुंची और बिभव कुमार को अरेस्ट कर लिया।
नई दिल्ली,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को AAP सांसदों, विधायकों और नेताओं के साथ भाजपा हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन के लिए मार्च किया। वे दोपहर 12 बजे आम आदमी पार्टी (AAP) के ऑफिस पहुंचे और आधे घंटे बाद पार्टी नेताओं के साथ 800 मीटर दूर भाजपा हेडक्वार्टर की ओर कूच कर गए। हालांकि प्रदर्शन किसी बड़े नेता की गिरफ्तारी के बिना करीब 1:30 बजे खत्म हो गया। पुलिस ने कुछ AAP समर्थकों को हिरासत में लिया, जिन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया गया। पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। भाजपा ऑफिस के बाहर धारा 144 लगा दी गई थी। साथ ही आने-जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी। अरविंद केजरीवाल ने 18 मई को स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपी अपने PA बिभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद वीडियो जारी कर भाजपा हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन की घोषणा की थी। उन्होंने आज कहा- भाजपा ने हमें खत्म करने के लिए तीन प्लान बनाए हैं, पहला- चुनाव बाद पार्टी के अकाउंट फ्रीज किए जाएंगे। दूसरा- पार्टी के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया जाएगा। तीसरा- पार्टी दफ्तर खाली कराया जाएगा। उधर, AAP के प्रदर्शन के बीच स्वाति मालीवाल ने पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने लिखा- कभी निर्भया के लिए इंसाफ मांगने वाले अब आरोपी (बिभव कुमार) का साथ दे रहे हैं। भाजपा ने पूछा- स्वाति मालीवाल केस पर चुप क्यों हैं केजरीवाल दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के बयान पर कहा- AAP के जो नेता भ्रष्टाचार के लिए जेल जा रहे हैं उन्हें जेल भेजने का निर्णय कोर्ट का है। अरविंद केजरीवाल के पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं है। मैं बस उनसे इतना पूछता हूं कि वे स्वाति मालीवाल के मामले पर चुप क्यों हैं?
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से कथित तौर पर मारपीट का मामला गर्माया हुआ है। मामला अब अदालत तक आर दिल्ली पुलिस की जांच टीम तक पहुंच गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि सीएम हाउस के घर के सीसीटीवी फुटेज के साथ खिलवाड़ किया गया है और ऐसा बताया जा रहा है कि बिभव कुमार के मोबाइल फोन को भी फॉर्मेट किया गया है। ऐसे में अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। इस बीच स्वाति मालीवाल ने अप्रत्यक्ष तौर पर अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर निशाना साधा है। स्वाति मालीवाल ने बिभव पर साधा निशाना स्वाति मालीवाल ने दरअसल सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट शेयर करते हुए स्वाति मालीवाल ने लिखा, "किसी दौर में हम सब निर्भया को इंसाफ़ दिलाने के लिए सड़क पर निकलते थे, आज 12 साल बाद सड़क पर निकले हैं ऐसे आरोपी को बचाने के लिए जिसने CCTV फुटेज गायब किए और Phone format किया? काश इतना जोर मनीष सिसोदिया जी के लिए लगाया होता। वो यहां होते तो शायद मेरे साथ इतना बुरा नहीं होता। पार्टी में कल के आए नेताओं से 20 साल पुरानी कार्यकर्ता को BJP का एजेंट बता दिया। दो दिन पहले पार्टी ने PC में सब सच कबूल लिया था और आज U-Turn।" 'गुंडा पार्टी को धमका रहा', स्वाति मालीवाल ने किया ट्वीट स्वाति मालीवाल ने आगे लिखा कि ये गुंडा पार्टी को धमका रहा है, मैं अरेस्ट हुआ तो सारे राज खोलूंगा। इसलिए ही लखनऊ से लेकर हर जगह शरण में घूम रहा है। आज उसके दबाव में पार्टी ने हार मान ली और एक गुंडे को बचाने के लिए पूरी पार्टी से मेरे चरित्र पर सवाल उठाए गए। कोई बात नहीं, पूरे देश की महिलाओं के लिए अकेले ही लड़ती आई हूं, अपने लिए भी लड़ूंगी। जमकर करैक्टर असैसीनैशन करो, वक्त आने पर सब सच सामने आएगा। दरअसल स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार पर निशाना साधा है। बता दें कि बीते दिनों संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया था कि बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल से बदसलूकी की जिसपर एक्शन लिया जाएगा। लेकिन अब पार्टी ने अपना पाला बदल दिया है।
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की लेकिन इसमें स्वाति मालीवाल के मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला। उन्होंने यह ऐलान किया कि कल दोपहर 12 बजे वे अपने विधायकों और सांसदों समेत पार्टी के नेताओं के साथ बीजेपी मुख्यालय की ओर कूच करेंगे। आप नेताओं को जेल में डालने का आरोप अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी पर सोची समझी साजिश के तहत आम आदमी पार्टी के नेताओं को जेल में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के जो भी मंत्री अच्छे काम कर रहे थे सबको एक-एक कर साजिश के तहत जेल में डाला गया। हमारा कसूर क्या है? केजरीवाल ने कहा,'एक एक कर हमारे नेताओं को जेल में डालते जा रहे हैं। मुझे जेल में डाल दिया, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, संजय सिंह को जेल में डाल दिया। आज मेरे पीए को जेल में डाल दिया। अब कह रहे हैं कि राघव चड्ढा, सौरभ भारद्वाज, आतिशी को भी जेल में डालेंगे। हमारा कसूर क्या है .. हमने दिल्ली के अंदर गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का इंतजाम किया। सरकारी स्कूल शानदार बनाए.. ये नहीं बना सके। इसलिए ये सरकारी स्कूल रोकना चाहते हैं। हमने अच्छी शिक्षा, बेहतर इलाज और फ्री बिजली दी केजरीवाल ने कहा,'हमने मोहल्ला क्लिनिक बनाया और दिल्ली के अस्पतालों में बढ़िया इलाज का इंतजाम किया। फ्री दवाई का इंतजाम किया। ये नहीं कर पा रहे.. इसलिए इसे रोकना चाहते हैं। दिल्ली में हमने पावर कट को रोका, 24 घंटे बिजली मिल रही है। साथ ही लोगों के लिए फ्री बिजली का इंतजाम कर दिया। कल 12 बीजेपी हेडक्वॉर्टर आ रहा हूं केजरीवाल ने कहा, 'कल मैं 12 बजे अपने सभी बड़े नेताओं के साथ बीजेपी हेडक्वॉर्टर आ रहा हूं। जिस जिस को जेल में डालना है डाल दो। एक साथ डाल दो। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जी आपको लगता है कि आप के नेताओं को जेल में डालकर उसे क्रश कर दोगे। ऐसे आम आदमी पार्टी क्रश नहीं होनेवाली है। आम आदमी पार्टी एक विचार है। जितने नेताओं को जेल में डालोगे उससे 100 गुना ज्यादा नेता देश में पैदा होंगे।' स्वाति मालीवाल पर कुछ नहीं बोले केजरीवाल हालांकि यह उम्मीद की जा रही थी कि अरविंद केजरीवाल स्वाति मालीवाल के मुद्दे पर कुछ बोलेंगे, कोई बड़ा बयान देंगे। लेकिन अपने संबोधन में उन्होंने एक शब्द भी स्वाति मालीवाल पर नहीं बोला। संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि इस ज्यादती के खिलाफ आम आदमी पार्टी के नेता, विधायक और सांसद कल दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर की ओर कूच करेंगे।
नई दिल्लीः सांसद स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी के मामले में आम आदमी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपना पक्ष रखा है। आतिशी ने कहा कि जबसे अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली है तब से बीजेपी बौखलाई हुई है और षड्यंत्र के तहत बीजेपी ने स्वाति को केजरीवाल के घर 13 मई को सुबह-सुबह भेजा। स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के पीए पर झूठे आरोप लगाए हैं। स्वाति बीजेपी की इस साजिश का चेहरा और मोहरा थीं। वह सीएम केजरीवाल पर झूठा आरोप लगाना चाहती थीं। आतिशी का दावा सीएम पर झूठे आरोप लगाना चाहती थी स्वाति आप नेता आतिशी ने दावा कि स्वाति मालीवाल सीएम केजरीवाल पर झूठे आरोप लगाना चाहती थीं। वह बिना अपॉइंटमेंट के मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची थीं। उनका इरादा था मुख्यमंत्री पर झूठे आरोप लगाना लेकिन सीएम उस समय वहां मौजूद नहीं थे। इसलिए वो बच गए। इसलिए स्वाति मालीवाल ने सीएम के पीए पर झूठे आरोप लगाए। स्वाति मालीवाल पर लगाया ये आरोप आतिशी ने कहा कि स्वाति मालीवाल ने सीएम केजरीवाल के पीए को धमकाया। उन्होंने कहा कि उनके पास पावर है कि वह उसकी नौकरी खा सकती हैं। स्वाति ने विभव कुमार के साथ बदतमीजी की। आतिशी ने कहा कि सारे आरोप झूठे और निराधार है। विभव कुमार ने स्वाति के खिलाफ आज पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है। विभव ने पुलिस के आगे 13 मई का पूरा सिक्वेस रखा है। उन्होंने बताया कि सीएम केजरीवाल से मिलने का स्वाति का कोई अपॉइंटमेंट नहीं था। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने धमकाया और पुलिस वालों से कहा कि मैं सांसद हूं। नौकरी ले लूंगी। संजय सिंह को लेकर दिया ये बयान एक सवाल के जवाब में आतिशी ने कहा कि सांसद संजय सिंह ने जो कहा था उस समय उनके पास सिर्फ स्वाति मालीवाल का ही पक्ष था उन्हें दोनों पक्षों की पूरी जानकारी नहीं थी। अब पूरी सच्चाई सामने आई है।
नई दिल्ली: दिल्ली के पंडित पंत मार्ग स्थित भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर में आग लगने की खबर है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल पर आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गई हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक दिल्ली बीजेपी दफ्तर के बाहर एक जनरेटर में आग लगी थी। आग पर काबू पा लिया गया है किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 4 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब आगामी 3 चरणों के लिए चुनाव प्रचार जारी है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को लखनऊ पहुंचे हैं और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। यहां केजरीवाल से आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल से जुड़े विवाद के मुद्दे पर भी सवाल पूछा गया लेकिन केजरीवाल ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। आइए जानते हैं कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या हुआ है। अखिलेश यादव ने दिया जवाब अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहुंचे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से जब स्वाति मालीवाल से जुड़े विवाद के मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि स्वाति मालीवाल से भी बड़े मुद्दे हैं। मणिपुर पर बोलने लगे संजय सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वाति मालीवाल से जुड़े मुद्दे के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी बचाव की मुद्रा में दिखे। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें जो भी जवाब देना था वह पहले ही दे चुके हैं। इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एक परिवार है। संजय सिंह ने इस बीच मणिपुर का मुद्दा भी उठा दिया। क्या है पूरा मामला? हाल ही में आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम केजरीवाल के आवास पर बदसलूकी का मामला सामने आया था। जानकारी के मुताबिक, स्वाति मालीवाल ने सोमवार सुबह सीएम आवास पर विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया था। इस मुद्दे पर बीजेपी प्रदर्शन पर उतर आई है। सीएम केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली बीजेपी प्रदेश कमेटी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल से संपर्क करने की कोशिश की है। स्वाति मालीवाल ना तो अपने आवास पर मौजूद थीं और ना ही चितरंजन पार्क इलाके में अपनी रिश्तेदार के घर पर मौजूद थीं।
लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली के सीएम केजरीवाल देश के नागरिकों को अपनी 10 गारंटियों के बारे में बताया। केजरीवाल ने लोकसभा 2024 में इंडी गठबंधन की सरकार चुने जाने के बाद देश में किस तरह से बदलाव कर अपनी नीतियों से नागरिकों को फायदा पहुंचाएंगे। इस बारे में उन्होंने अपनी 10 गारंटियों के जरिए लोगों को यह जानकारी दी। उन्होंने बच्चों की शिक्षा, युवाओं को रोजगार और देश के नागरिकों का मुफ्त इलाज जैसे कई और भी गारंटियां दी हैं। उन्होंने कहा कि हमारी गारंटी मोदी जी की गारंटी से बिल्कुल अलग है और हमने पहले भी अपनी गारंटियों को पूरा कर के दिखाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली और पंजाब में अपनी गारंटियों को पूरा कर के लोगों को दिखाया है और आज भी वह पूरे देश के लिए यह काम करने को तैयार हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आज हम लोक सभा 2024 के लिए 'केजरीवाल की 10 गारंटी' का ऐलान करने जा रहे हैं। मेरी गिरफ़्तारी के कारण इसमें देरी हुई लेकिन अभी भी चुनाव के कई चरण बाकी हैं। मैंने अभी INDIA गठबंधन के दूसरे साथियों के साथ इस पर चर्चा नहीं की है। मैं यह गारंटी लेता हूं कि INDIA गठबंधन के सत्ता में आने के बाद, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि ये गारंटी लागू हो।" केजरीवाल की 10 गारंटियां गारंटी नंबर - 1 - देश को 24 घंटे मुफ्त बिजली सीएम केजरीवाल ने अपनी पहली गारंटी गिनाते हुए कहा- "हम पूरे देश के अंदर 24 घंटे बिजली का इंतजाम करेंगे। देश की पीक डिमांड 2 लाख मेगावॉट की है और हमारे पास 3 लाख मेगावॉट पैदा करने की क्षमता है, लेकिन मैनेजमेंट खराब होने के कारण पावर कट हो जाता है। INDIA गठबंधन की सरकार बनने पर देश के सभी नागरिकों को फ्री बिजली दी जाएगी। देश के हर गरीब को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इस काम के लिए सवा लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा जो हमारी सरकार देगी " गारंटी नंबर - 2 - सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के साथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा केजरीवाल की दूसरी गारंटी यह है कि देश के हर बच्चे को मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी। सरकारी स्कूलों का स्तर प्राइवेट स्कूलों जैसा किया जाएगा। इसके लिए देश के सभी सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाएं फर्स्ट क्लास की जाएंगी। इस काम को करने के लिए 5 लाख करोड़ रुपये तक का बजट तय किया गया है। जिसमें हर साल 50 हजार करोड़ का खर्चा आएगा। जिसका खर्च आधा केंद्र सरकार और आधा राज्य सरकार उठाएगी। गारंटी नंबर - 3 - देश के सभी नागरिकों को मुफ्त इलाज तीसरी गारंटी के बारे में बताते हुए CM अरविंद केजरीवाल ने कहा- "पूरे देश भर में मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएंगे। दिल्ली में हमने यह काम किया और यह पूरी तरह से सफल रहा। इस क्लिनिक में गरीब और अमीर दोनों का इलाज बिल्कुल मुफ्त होगा। इलाज की क्वॉलिटी विश्व स्तर की होगी। देश के हर नागरिक के इलाज की गारंटी ये सरकार उठाएगी। इसमें जितना भी खर्चा आए, सरकार उठाएगी, इसमें कोई भी पॉलिसी या योजना नहीं लागू होगी बस सबको मुफ्त इलाज दिया जाएगा।" गारंटी नंबर - 4 - देश की सुरक्षा इस गारंटी को लेकर केजरीवाल ने देश के लोगों को आश्वस्त किया है कि देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी वे बेहतर ढंग से करेंगे। आज चीन ने हमारे देश पर कब्जा कर लिया है लेकिन भाजपा की सरकार इस पर कोई बात नहीं करती। जिसको देखों वह इस बात को छुपाए जा रहा है। हमारी सेना में बहुत ताकत है और हम भारत की जितनी जमीन पर चीन का कब्जा है, उसे छुड़वाने का काम करेंगे। सेना को पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी और डिप्लोमैटिक स्तर पर भी काम किया जाएगा। गारंटी नंबर - 5 - अग्निवीर योजना होगी बंद केजरीवाल की पांचवी गारंटी अग्निवीर योजना को बंद करने की है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं से चार साल तक सेवाएं ली जाती हैं और उसके बाद उन्हें निकाल दिया जाता है। ऐसे में हमारी सेना कमजोर हो रही है इसलिए इस योजना को बंद किया जाएगा। अभी तक जो बच्चे शामिल हुए हैं, उन्हें सेना में पक्की नौकरी दी जाएगी। गारंटी नंबर - 6- किसानों को MSP सीएम केजरीवाल ने अपनी छठवीं गारंटी के बारे में बताते हुए कहा- जनता अगर उन्हें चुन कर केंद्र में लाती है तो स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार, किसानों को एमएसपी का मूल्य दिया जाएगा। जिससे किसानों को फायदा होगा। गारंटी नंबर - 7 - दिल्ली को दिलाएंगे पूर्ण राज्य का दर्जा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश की जनता को अपनी सातवीं गारंटी के बारे में बताते हुए कहा कि केंद्र में उनकी सरकार बनने पर वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाएंगे। गारंटी नंबर - 8 - हर युवा को रोजगार, बेरोजगारी को करेंगे खत्म केजरीवाल की आठवीं गारंटी यह है कि वे देश के युवाओं के लिए एक साल में दो करोड़ रोजगार का इंतजाम करेंगे। सभी युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए तैयार किया जाएगा। भर्तियां निकलेंगी और निष्पक्ष रूप से परीक्षाएं होंगी। गारंटी नंबर - 9 - भ्रष्टाचार होगा खत्म नौवीं गारंटी के तौर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश को भरोसा दिलाया कि, "बीजेपी की वॉशिंग मशीन को चौराहे पर खड़ा कर के उसे तोड़ा जाएगा। ईमानदारों को जेल भेजना और भ्रष्टाचारियों को बचाने वाली मौजूद एजेंसियों पर कार्रवाई होगी। पूरे देश को भ्रष्टाचार से आजादी दिलाई जाएगी।" गारंटी नंबर - 10 - देश का व्यापार बढ़ाएंगे अरविंद केजरीवाल ने देश की जनता को 10 गारंटी के तौर पर कहा है कि, "देश के व्यापारियों की मदद की जाएगी। इंडिया गठबंधन की सरकार देश कई बड़े व्यापारियों को हर संभव मदद करेगी और देश में उनके कारोबार को बढ़ाने पर जोर देगी। देश के कई बड़े व्यापारी अपना व्यापार बंद कर के विदेश जा चुके हैं। जिससे देश को नुकसान हो रहा है। GST को पीएमएलए से बाहर किया जाएगा और इसका सरलीकरण किया जाएगा। इंडिया गंठबंधन की सरकार का प्लान चीन को व्यापार में पीछे छोड़ना है।"
नई दिल्ली,39 दिन बाद तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आए दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने पार्टी ऑफिस में पहला चुनावी भाषण दिया। उन्होंने 21 मिनट की स्पीच की शुरुआत हनुमान जी से की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तानाशाही, वन नेशनल वन लीडर, भ्रष्टाचार, देश, विपक्षी गठबंधन से होते हुए प्रभु यानी भगवान पर खत्म की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो जाएंगे। क्या भाजपा उन्हें लालकृष्ण आडवाणी की तरह रिटायर करेगी। अगर भाजपा ये चुनाव जीतती है तो मोदी अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाएंगे। सरकार बनने के 2 महीने में उत्तर प्रदेश के CM योगी जी को पद से हटाया जाएगा। केजरीवाल के दावे पर तेलंगाना में अमित शाह ने कहा- मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और पूरे इंडी अलायंस को कहना चाहता हूं कि मोदी जी 75 साल के हो जाएं, इससे आपको आनंदित होने की जरूरत नहीं है। ये भाजपा के संविधान में कहीं नहीं लिखा है। मोदी जी ही ये टर्म पूरी करेंगे। मोदी जी ही आगे देश का नेतृत्व करते रहेंगे। भाजपा में कोई कंफ्यूजन नहीं है। केजरीवाल की 21 मिनट की स्पीच 10 पाॅइंट में. 1. आम आदमी पार्टी के लिए आम आदमी पार्टी को 10 साल हुए। दो राज्यों में सरकार है। इसे कुचलने में और खत्म करने में प्रधानमंत्री जी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। एकसाथ हमारी पार्टी के टॉप 4 नेता मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, संजय सिंह और मुझे जेल भेज दिया। उन्होंने सोचा पार्टी खत्म हो जाएगी, लेकिन AAP एक सोच है, जितना खत्म करने की सोचते हैं, उतना बढ़ती है। 2. भाजपा की नीति पर प्रधानमंत्री जी ने देश के सबसे बड़े चोर-उचक्कों और डकैतों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। जिस आदमी को कहते हैं कि 70 करोड़ का घोटाला कर दिया, उसे ही मंत्री, डिप्टी सीएम बनाते हैं। कहते हैं कि भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं। तुम अपनी पार्टी में चोर-उचक्कों को रख लो और कहो कि भ्रष्टाचार से लड़ रहे हो। देश को बच्चा मत समझो। 3. भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री जी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केजरीवाल से सीखो। 2015 में सरकार बनी थी, तब हमारे मंत्री का ऑडियो वायरल हुआ। किसी को नहीं पता था। दुकानदार से 5 लाख रुपए मांग रहा था। मैंने खुद मंत्री को सीबीआई के हवाले कर दिया था। पंजाब में मान साहब ने अपने मंत्री को जेल में भेजा, क्योंकि भ्रष्टाचार कर रहा था। 4. इंडी गठबंधन के लिए पीएम ने मिशन शुरू किया है। वन नेशन-वन लीडर। मोदी जी देश के सारे नेताओं को खत्म करना चाहते हैं। जितने विपक्ष के नेता हैं, उन्हें जेल भेजेंगे। जितने भाजपा के नेता हैं, उन्हें निपटा देंगे। अगर ये चुनाव जीत गए तो लिखवा लो कि थोड़े दिन बाद ममता, तेजस्वी, स्टालिन, विजयन, उद्धव और सभी विपक्षी नेता जेल के भीतर होंगे। 5. तानाशाही को लेकर आडवाणी, मुरली मनोहर, सुमित्रा महाजन, शिवराज, वसुंधरा राजे, खट्टर, रमन सिंह की राजनीति मोदी जी ने खत्म कर दी। अगला नंबर योगी आदित्यनाथ का है। अगर चुनाव जीते तो 2 महीने के भीतर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बदल देंगे। यही तानाशाही है। वन नेशन-वन लीडर। ये चाहते हैं कि एक ही तानाशाह देश के भीतर बचेगा। 6. लोकतंत्र को लेकर आज एक तानाशाह देश से जनतंत्र खत्म करना चाहता है। मैं पूरे तन मन धन से उस तानाशाह के खिलाफ लड़ रहा हूं। 140 करोड़ लोगों का साथ चाहता हूं। आज मैं आपसे भीख मांगने आया हूं। मेरे देश को बचा लो। इस तानाशाही से मेरे देश को बचा लो। 7. मोदी के रिटायरमेंट पर ये लोग इंडिया गठबंधन से पूछते हैं कि आपका प्रधानमंत्री कौन होगा। मैं भाजपा से पूछता हूं आपका प्रधानमंत्री कौन होगा। मोदी जी होंगे, नहीं मोदीजी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं। भाजपा के अंदर मोदी जी ने खुद रूल बनाया था कि भाजपा के भीतर जो भी 75 साल का होगा, उसे रिटायर किया जाएगा। आडवाणी, जोशी, सुमित्रा महाजन, यशवंत सिन्हा को रिटायर किया गया। मोदी जी अगले साल 17 सितंबर को रिटायर होने वाले हैं। मैं भाजपा से पूछता हूं कि कौन पीएम होगा। 8. शाह-योगी को लेकर अगर केंद्र में मोदी सरकार फिर से बनी तो 2 महीने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीजी को निपटाएंगे। अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाएंगे, इसीलिए वोट मांग रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि मोदी की गारंटी कौन पूरी करेगा। 9. चुनावी रिजल्ट को लेकर मेरा आंकलन है कि 4 जून के बाद मोदी सरकार नहीं बन रही है। इनकी सीट सभी जगह कम हो रही हैं। सट्टा बाजार भी 220 से 230 के बीच सीट बता रहा। केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बन रही है। AAP सरकार का हिस्सा होगी। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे। दिल्ली का एलजी दिल्ली का होगा। अभी गुजरात का है। 10. खुद के इस्तीफे को लेकर मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। मैं इनके खिलाफ लडूंगा। केजरीवाल को कभी किसी पद का लालच नहीं हुआ। मैं मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री नहीं बनाना चाहता। इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी छोड़कर झुग्गियों में काम किया। पहली बार सीएम बनाया तो उसूलों के लिए 49 दिन में इस्तीफा दे दिया था। आज चपरासी की नौकरी कोई नहीं छोड़ता है। मुझे पता चला कि मेरे जेल जाने से मेरी मां-बहनें बहुत रोईं। कई ने मन्नतें मांगी। सबका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। करोड़ों लोगों ने अपनी दुआएं भेजी हैं। उन्हीं के आशीर्वाद का कमाल है कि आप लोगों के बीच हूं। देश तरक्की करे। ऐसी प्रभु से इच्छा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं। वह तिहाड़ से सीधे अपने घर जा रहे हैं। उनको रिसीव करने के लिए पत्नी सुनीता केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता मौजूद रहे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल के बेल की ऑर्डर कॉपी तिहाड़ पहुंच गई थी। तिहाड़ जेल से लेकर आम आदमी पार्टी के दफ्तर तक हलचल वहीं दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल की पत्नी ने भी केजरीवाल की रिहाई पर खुशी जाहिर की है और इसे लोकतंत्र की जीत बताया है। कुल मिलाकर इस वक्त आम आदमी पार्टी का जोश बिलकुल हाई है। आम आदमी पार्टी के दफ्तर पर कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी हुई है। तिहाड़ जेल में भी हलचल तेज थी। केजरीवाल को रिसीव करने आम आदमी पार्टी के बड़े नेता भी तिहाड़ जेल गए थे। केजरीवाल की रिहाई पर भारी भीड़ उमड़ने की वजह से यहां तिहाड़ जेल परिसर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। AAP ने दिल्ली के पार्टी विधायकों, पार्षदों और कार्यकर्ताओं से अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा होने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का "स्वागत" करने के लिए तिहाड़ पहुंचने को कहा था। केजरीवाल को चुनाव रिजल्ट से पहले करना होगा सरेंडर बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा। पीठ ने केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें पांच जून तक अंतरिम जमानत दी जाए। एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए सातवें और अंतिम चरण के तहत मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी।
दिल्ली शराब नीति केस में सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत चायिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान ईडी और सीबीआई ने हाई कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। ED के वकील ने कहा कि मैंने एक आवेदन दिया है। 3 मई को नोटिस जारी किया गया था, जिसके कारण हमें जवाब देने के लिए केवल 3 दिन का समय मिला। ईडी ने कहा कि जांच अधिकारी आईओ सप्लीमेंट्री चार्जशीट तैयार करने में व्यस्त है। जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय और दिया जाए। सिसोदिया के वकील विवेक जैन ने समय मांगे जाने के अनुरोध पर आपत्ति जताई। समय मांगे जाने का सिसोदिया के वकील ने किया विरोध मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि निचली अदालत में उनके द्वारा दाखिल जवाब पहले से ही मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वे डेढ़ साल से अधिक समय से इसकी जांच कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के सामने उन्होंने कहा, हम 6 महीने के अंदर ट्रायल खत्म कर देंगे। ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका को कई बार स्थगित भी किया गया था। दलीलें सुनने के बाद जज ने कहा, मैं केवल 4 दिन का समय दे रहा हूं। मैं मामले को सोमवार के लिए रख रहा हूं। इस मामले पर अब 13 मई को सुनवाई होगी। हफ्ते में एक बार पत्नी से मिलने की परमिशन 3 मई को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ED-CBI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही उन्हें बीमार पत्नी सीमा से हफ्ते में एक बार मिलने की इजाजत भी दी थी। हाई कोर्ट से पहले सिसोदिया ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। कोर्ट में सिसोदिया के वकील ने दलील दी थी कि उन्हें 11 महीने से ज्यादा समय से हिरासत में रखा गया है और कार्यवाही में भी देरी हो रही है। इस पर CBI ने कहा था कि किसी आरोपी को जमानत तब तक नहीं दी जा सकती है, जब तक यह साबित न हो जाए कि उसके भागने का खतरा नहीं है। वह गवाहों -सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। न्यायिक हिरासत 15 मई तक बढ़ाई गई है दोनों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को CBI ने करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद ED ने भी उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। 7 मई 2024 को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 15 मई तक बढ़ाई गई है।
नोएडा: आप विधायक अमानतुल्लाह खान के बेटे की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। दरअसल, नोएडा के थाना फेस 1 क्षेत्र में सेक्टर 95 पेट्रोल पंप पर ये पूरी घटना हुई। यहां पर दिल्ली के आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के बेटे ने पेट्रोल पंप के कर्मचारियों के साथ मारपीट की। इसका सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि आप विधायक के बेटे ने नोएडा में कैसे पहले पेट्रोल डलवाने को लेकर वहां के कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज की और फिर उनके साथ मारपीट की भी। सेक्टर 95 के पेट्रोल पंप पर हुई मारपीट बता दें कि अमानतुल्लाह खान दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। वह पार्टी के काफी चर्चित विधायक हैं और लगातार किसी ना किसी विवाद को लेकर खबरों में बने रहते हैं। इस बार उनके बेटे को लेकर विवाद का मामला सामने आया है। दरअसल, विधायक का बेटा मंगलवार की सुबह करीब 9:30 बजे अपने साथियों के साथ नोएडा के सेक्टर 95 स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंचा। यहां किसी बात को लेकर विधायक के बेटे और एक पेट्रोल पंप के कर्मचारी के बीच बहस हो गई। विधायक ने भी कर्मचारियों को दी धमकी बहस के थोड़ी देर बाद दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो जाती है। हालांकि वहां पर पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने किसी तरह दोनों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। मामला शांत होने के थोड़ी देर बाद ही आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान खुद नोएडा के सेक्टर 95 में स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंच जाते हैं। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने भी पेट्रोल पंप के कर्मचारियों से बहस की। फिलहाल पुलिस ने इस पूरी घटना का संज्ञान लिया है। पुलिस ने इस मामले में विधायक अमानतुल्लाह खान और उसके बेटे पर FIR दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार वकील विनोद चौहान को राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने 7 मई तक ED हिरासत में भेज दिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी विनोद चौहान को शनिवार को ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। ईडी ने आरोपी विनोद चौहान की 4 दिन की कस्टडी की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। विनोद चौहान पर आरोप था कि उसने कथित तौर पर गोवा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी को रिश्वत पहुंचाई थी। विनोद चौहान पर ईडी ने आरोप लगाया कि विनोद चौहान से 1.06 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि विनोद चौहान को पता था कि ये पैसा दिल्ली शराब घोटाले से अपराध की आय से प्राप्त हुआ है। कोर्ट में ईडी ने यह भी कहा कि विनोद चौहान ने गोवा चुनावों के लिए हवाला के माध्यम से यह पैसा पहुंचाया था। इन दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने विनोद चौहान को 7 मई तक हिरासत में भेज दिया है। सीएम सहित आम आदमी पार्टी के कई नेता हैं जेल हैं बता दें कि कथित तौर पर दिल्ली में हुए शराब नीति में घोटाला मामले में इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीआरएस की नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता सहित कई शराब व्यवसायियों को संघीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। लोकसभा चुनाव के बीच सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से सवाल भी पूछा है। इसी मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को जमानत मिल गई है और अब पार्टी को उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी जमानत मिल जाएगी। अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की लेकिन जमानत नहीं मिलने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और मामला कोर्ट में है।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया की सीबीआई और ईडी मामले में जमानत का मामले में आज हाईकोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया है। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया के जमानत का मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने 12 बजे सुनवाई की। सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें हफ्ते में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की परमिशन मिली थी। सीबीआई और ईडी को नोटिस इसी मामले में आज दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया है। बता दें कि दिल्ली के पूर्व मंत्री सिसोदिया ने निचली अदालत के एक फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अब हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 8 मई की तारीख तय की है। जानकारी दे दें कि इससे पहले राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, इसी मामले के फैसले को लेकर मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसमें मनीष सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली थी। इस मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। मनीष सिसोदिया के वकील ने की मांग मनीष सिसोदिया की ओर से वकील ने पहले हाईकोर्ट में कहा कि सिसोदिया को निचली अदालत ने अपनी बीमार पत्नी से मुलाक़ात के लिए हफ्ते में एक दिन की कस्टडी परोल दी थी लेकिन सिसोदिया की ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद वो पत्नी से नहीं मिल पा रहे है। जब तक उनकी ज़मानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें एक दिन की कस्टडी परोल जारी रहने की इजाज़त होनी चाहिए। जारी रखने में क्या दिक्कत है?- हाई कोर्ट फिर दिल्ली हाई कोर्ट ने ED से सवाल किया कि जब पिछले 3 महीने से सिसोदिया को अपनी पत्नी से हफ्ते में एक दिन मिलने की इजाजत है तो फिर अब इसे जारी रखने में क्या दिक्कत है? इसके बाद ED के वकील ने इस बारे में निर्देश लेने के लिए कोर्ट से वक़्त की मांग की और कहा-12 बजे तक तथ्यों की जानकारी लेकर आपको ED के रुख से अवगत कराता हूं। फिर कोर्ट ने इस मामले की 12 बजे सुनवाई की और सुनवाई में सीबीआई और ईडी को एक नोटिस जारी किया।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राऊज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका आज खारिज कर दी है। सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनो मामलों मे जमानत की मांग वाली याचिका खारिज हो गई है। ये दूसरी बार है जब सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की गई है। इससे पहले भी सिसोदिया को निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट जाएंगे सिसोदिया जमानत का विरोध करते हुए जांच एजेंसी ने कहा था कि सिसोदिया घोटाले के किंगपिन हैं इसलिए इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए, अगर इनको जमानत दी गई तो सिसोदिया सबूतों से छेडछाड कर सकते हैं। गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उधर, कहा जा रहा है कि राउज एवेन्यू कोर्ट से मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब मनीष सिसोदिया हाईकोर्ट जायेंगे। बता दें कि कुछ दिन पहले ही मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज याचिका को खारिज कर दिया है। मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सीबीआई ने दी थी ये दलीलें सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट में ये दलील दी थी कि हम बार-बार कहते है कि यही किंगपिन हैं और इनकी याचिका में देरी का ग्राउंड है। देरी के क्या कारण हैं इस बारे में हम बता चुके हैं कि कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में भी माना है कि सिसोदिया मास्टरमाइंड हैं। चूंकि सिसोदिया की ओर से दलीलें पिछली सुनवाई के दौरान ही दी जा चुकी हैं लिहाजा सिसोदिया के खिलाफ ईडी और सीबीआई में दर्ज मामले को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज याचिका खारिज कर दी गई।
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहीं एक दिन पहले उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल से उनकी मुलाकात ना होने को लेकर आम आदमी पार्टी की तरफ से तमाम आरोप लगाए गए थे। इसके बाद आज सोमवार को सुनीता केजरीवाल और दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। आम आदमी पार्टी के अनुसार, सुनीता केजरीवाल को सोमवार को अपने पति से मिलने की अनुमति दे दी गई। पार्टी ने दावा किया कि पहले तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। सुनीता ने कहा- 'कैसी तानाशाही है' जेल में मुलाकात के बाद सुनीता केजरीवाल ने कहा कि 'उनके पति की क्या गलती थी?' उन्होंने कहा कि "मैंने उनसे पूछा कि उनका स्वास्थ्य ठीक है या नहीं, इस पर उन्होंने कहा कि यह उन पर छोड़ दें।" उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने सरकारी स्कूलों में छात्रों के बारे में पूछताछ की और क्या उन्हें आवश्यकताएं प्रदान की गईं। सुनीता ने अपने पति से मुलाकात के बाद कहा कि "यह कैसी तानाशाही है कि वे हमें मिलने नहीं दे रहे हैं? जब हमारे वकीलों ने आवाज उठाई, तो उन्होंने हमें दोबारा मिलने की इजाजत दी।" आतिशी से क्या हुई बात वहीं जेल में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने के बाद कैबिनेट मंत्री आतिशी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री से कुशलक्षेम पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में बात करने के बजाय यह सवाल किया कि क्या स्कूली बच्चों को किताबें मिल रही हैं और क्या मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां पहुंच रही हैं? बता दें कि आम आदमी पार्टी ने रविवार को कहा था कि जेल अधिकारियों ने सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि तिहाड़ के अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज कर दिया था। वहीं अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मंगलवार को अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे।
दिल्ली शराब घोटाला कांड में फंसे तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की गई याचिका में पूछे गए सवालों पर अपना जवाब दाखिल किया है।केजरीवाल ने ईडी के आरोपों पर कहा कि जांच एजेंसी के चारों गवाहों का संबंध भाजपा से है और इनके बयान के आधार पर ही मुझे गिरफ्तार किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसपर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। इसके बाद अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुचे थे। केजरीवाल ने अपने जवाब में क्या कहा... केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा है कि भाजपा समर्थित लोकसभा प्रत्याशी है मगुंता श्रीनिवासन रेडी। भाजपा को तथाकथित शराब घोटाले में 60 करोड़ का चंदा देने वाला है सरथ रेड्डी। भाजपा गोवा के एक सीनियर नेता एवं प्रमोद सावंत का करीबी है सत्य विजय। गोवा सीएम की करीबी और सीएम की कैंपेन मैनेजर का बयान लिया गया। इन सब लोगों के बयानों के आधार परही मुझे गिरफ्तार किया गया है। ये सभी लोग भाजपा के लोग हैं। केजरीवाल ने ये भी कहा कि हवाला एजेंट के पास से गुजराती में लिखी डायरी मिली है। इससे साफ पता चलता है कि भाजपा ने अपने हिसाब से मेरे खिलाफ सबूत बनाकर पेश किए हैं। ईडी ने दाखिल किया था जवाब बता दें कि इससे कुछ दिन पहले ईडी ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था अब केजरीवाल ने भी इस मामले में अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया है। अपने जवाब में ईडी ने दावा किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं और तथ्य आधारित अपराध के लिए किसी की भी गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा का उल्लंघन नहीं कर सकती है और इनकी गिरफ्तारी सही है। ईडी ने ये भी दावा किया था कि केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया और वह आबकारी नीति में दिए गए लाभ के बदले में शराब व्यवसायियों से रिश्वत मांगने में शामिल थे।
दिल्ली शराब घोटाला कांड में सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी है। अब सात मई को अगली पेशी होगी। उनके साथ ही कोर्ट ने के कविता , की भी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। अरविंद केजरीवाल आज यानी 23 अप्रैल को जेल से वीसी के जरिए न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश हुए थे। बता दें कि शराब घोटाला कांड मामले में ही आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में ही बंद हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर सियासत भी चरम पर है। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी ने तिहाड़ जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि केजरीवाल डायबिटिक हैं लेकिन फिर भी उन्हें इंसुलिन नहीं दी जा रही है, इस बवाल के बाद पहली बार केजरीवाल को इंसुलिन दी गई है। जेल प्रशासन ने आम आदमी पार्टी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि अरविंद केजरीवाल बिल्कुल ठीक हैं। शुगर लेवल बढ़ने के बाद दी गई इंसुलिन आप सूत्रों के मुताबिक, जेल में बंद सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल लगातार बढ़ रहा था और मुख्यमंत्री केजरीवाल का शुगर लेवल 320 तक चला गया था, जिसके बाद उन्हें इंसुलिन दिया गया। इससे पहले कल यानी सोमवार को सीएम केजरीवाल की याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट से तगड़ा झटका लगा, जिसमें कहा गया था कि प्रतिदिन 15 मिनट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वे अपने चिकित्सकों से सलाह लेने की अनुमति देने की मांग की थी। केजरीवाल की उस अर्जी को कोर्ट ने ठुकरा दिया था।
नई दिल्ली: दिल्ली के LG ने अरविंद केजरीवाल को एक ओपन लेटर लिखा है। इस लेटर में तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ये जानते हुए कि आप अभी जेल में हैं इसलिए ओपन लेटर लिख रहा हूं। दरअसल 14 अप्रैल को दिल्ली की जलमंत्री आतिशी ने LG को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में आतिशी ने आरोप लगाया था कि पानी की वजह से पूर्वी दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में एक महिला की मौत हो गई है। इसके लिए दिल्ली जलबोर्ड के अधिकारी और दिल्ली के मुख्य सचिव भी जिम्मेदार हैं। दोषी अधिकारियों पर करवाई होनी चाहिए। नहीं मिला आतिशी का लेटर वहीं अब LG ने अपने लेटर में लिखा है कि 2 दिन बाद भी आतिशी का ये लेटर उन्हें नहीं मिला है। जबकि इसे मीडिया और सोशल मीडिया में जारी कर दिया गया। LG का कहना है कि मंत्री ने बिना जांच किये हुए ही ये तय कर दिया कि पानी की वजह से हत्या हुई है और पानी की वजह से भी हुई है तो जैसा कि दिल्ली की मंत्री दावा कर रही है उसके विपरीत दिल्ली में पिछले 9 वर्षों से पानी की सप्लाई का बुरा है। पानी की वजह से पहले भी उनकी सरकार में हत्या हो चुकी है। दिल्ली में टैंकर माफियों का राज LG ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की जनता पानी की कमी से बेहाल है। पिछले 9 वर्षों में दिल्ली की आबादी 15% बढ़ी है, जबकि दिल्ली में पानी की उपलब्धता 4% बढ़ी है। दिल्ली सरकार खुद ये मानती है है दिल्ली की 20% आबादी को पाइप से पानी नहीं मिलता है। जबकि ये आंकड़ा इससे ज्यादा है। दिल्ली में टैंकर माफियों का राज है। सबसे खराब है दिल्ली का हाल दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए LG ने कहा कि एक तरफ दिल्ली में पानी की कमी है। दूसरी तरफ दिल्ली का पानी कहां जा रहा है सरकार को इसका अता पता ही नहीं है। दिल्ली में उपलब्ध 946 MGD साफ पानी में से 50% से अधिक पानी या तो वेस्ट ही जाता है या सरकार को पता ही नहीं है कि वो कहां जा रहा है। ये आंकड़ा देश के तमाम महानगरों जैसे चेन्नई, मुम्बई आदि में से सबसे खराब दिल्ली का है। दिल्ली के LG ने कहा कि 2015 से अबतक दिल्ली जलबोर्ड को 28000 करोड़ रुपये दिए गए, उसके बाद भी 73000 हज़ार करोड़ का लोन है जिसका ऑडिट तक नहीं करवाया गया है।
नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। लेकिन उनकी सेहत से जुड़ा एक चौंकाने वाला अपडेट सामने आया है। तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक, जेल में केजरीवाल का वजन बढ़ गया है और वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, रोज की तरह अरविंद केजरीवाल का मेडिकल कराया जाता है। वो डायबिटिक हैं। मेडिकल में अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल बिल्कुल ठीक आया है और उनका वजन पहले से बढ़ा है। इसके अलावा उनका ब्लड प्रेशर और बाकी हेल्थ पैरामीटर नार्मल है। AAP में कलह, दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफा दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि राजकुमार आनंद के यहां ED ने कुछ दिन पहले ही छापा मारा था। राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार से यह पहला इस्तीफा है। राजकुमार आनंद ने इस्तीफा देने के बाद बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि जो पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से अस्तित्व में आई थी वह आज खुद इसमें डूब चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें लग रहा था कि पार्टी के नेताओं को फंसाया जा रहा है, लेकिन हाई कोर्ट के फैसले के बाद लगा कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है।
देश में लोकसभा के चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है। सभी पार्टियां इसकी तैयारी में जोरो-शोरो लगी हुई हैं। मगर चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने आबकारी नीति के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल उठ रहे थे कि अब पार्टी की चुनावी तैयारी कैसे चलेगी। इन सभी सवालों का जवाब अब पार्टी ने दे दिया है। आम आदमी पार्टी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के बिना ही अपना चुनावी कैंपेन लॉन्च कर दिया है। इस कैंपेन का नाम 'जेल का जवाब वोट से' रखा गया है। मीडिया से बातचीत करते हुए पार्टी के नेताओं ने अपनी स्ट्रैटेजी बताई है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति के मामले में जेल में बंद हैं। आज उनकी पार्टी ने उनके बिना ही चुनावी कैंपेन की शुरुआत कर दी है। आम आदमी पार्टी ने 'जेल का जवाब वोट से' नाम से कैंपेन शुरू किया है। इसके लिए पार्टी ने कई जगहों पर पोस्टर भी लगाया है। आम आदमी पार्टी अपने इस कैंपेन के लिए अरविंद केजरीवाल की तस्वीर का इस्तेमाल कर रही है। पार्टी की तरफ से जारी किए गए पोस्टर में अरविंद केजरीवाल को जेल में बंद दिखाया गया है। AAP ने कैंपेन की शुरुआत करते हुए अपनी स्ट्रैटेजी भी बताई है। इस कैंपेन के जरिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता से मिलने के लिए उनके घर पर जाएंगे। हर किसी के घर पर जाकर नेता और कार्यकर्ता जनता से मिलकर उनके सामने अपनी बात को रखेंगे। पार्टी के नेताओं ने बताया कि, जिस दिन मत डाले जाएंगे उस दिन जेल का जवाब दिया जाएगा। गोपाल राय ने कही ये बात पार्टी के कैंपेन को लॉन्च करते हुए गोपाल राय ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, 'जब केजरीवाल जेल गए थे तो सभी पूछ रहे थे कि अब चुनावी तैयारी कैसे चलेगी। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि केजरीवाल के मान-सम्मान को कम नहीं होने दे।' संदीप पाठक ने लगाया बड़ा इल्जाम? मीडिया से बातचीत करते हुए संदीप पाठक ने कहा, 'केजरीवाल जी को चुनाव से हटाने के लिए जेल में डाल दिया है। उन्हें एक षड्यंत्र के जरिए जेल में डाला गया है। केजरीवाल जी ने अपना पूरा जीवन जनता के लिए संघर्ष करते हुए काट दिया। उन्होंने दिल्ली के सभी परिवार को अपना परिवार समझा और उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी का इंतजाम किया। इतना ही नहीं महिलाओं के लिए बस की यात्रा को फ्री किया। लेकिन अब वो जेल में हैं।' उन्होंने आगे कहा, अब दिल्ली की जनता की जिम्मेदारी है कि ईमानदारी की राजनीति को जिंदा रखें।
शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच, सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने आज गुरुवार को एक और वीडियो जारी किया। वीडियो में उन्होंने सीएम केजरीवाल का संदेश पढ़कर सुनाया। हालांकि, आज के वीडियो में जो गौर करने वाली बात थी वो बैकग्राउंड में केजरीवाल की लगी तस्वीर है। जेल में हैं सीएम केजरीवाल आम तौर पर बैकग्राउंड की तस्वीर में शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर लगी होती है, लेकिन इस बार सुनीता केजरीवाल की कुर्सी के पीछे शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब आंबेडकर के बीच में अरविंद केजरीवाल की भी तस्वीर लगी है। इसमें भी ध्यान देने वाली बात है कि सीएम केजरीवाल की जो तस्वीर लगी है, उसमें वह सलाखों के पीछे दिख रहे हैं। केजरीवाल की इस तरह से तस्वीर दिखाने की कोशिश है कि सीएम जेल में हैं। सीएम केजरीवाल ने क्या भेजा संदेश? सुनीता केजरीवाल ने सीएम केजरीवाल का संदेश पढ़ा, ''मैं जेल में हूं इसलिए मेरे किसी दिल्लवासी को किसी तरह की तकलीफ नहीं होनी चाहिए। हर विधायक हर रोज अपने क्षेत्र का दौरा करे और लोगों से पूछे कि उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है।'' सुनीता केजरीवाल ने आगे सीएम केजरीवाल का संदेश पढ़ा, ''जिसको जो समस्या हो उसे दूर करे और मैं केवल सरकारी विभागों का समाधान करने की बात नहीं कर रहा, हमें लोगों की बाकी समस्याओं का समाधान करने की भी कोशिश करनी है। दिल्ली के दो करोड़ लोग मेरे परिवार हैं। मेरे परिवार में कोई किसी वजह से दुखी नहीं होना चाहिए।''
नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के लिए जमानत की शर्तें तय कर दी है। जमानत के लिए 2 लाख के निजी मुचलके पर बेल बॉन्ड उनकी पत्नी के द्वारा भरा गया है। जमानत की शर्तों के मुताबिक संजय सिंह जांच में सहयोग करेंगे और जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शराब घोटाले के मामले में वे अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट ने संजय सिंह के सामने यह शर्त भी रखी है कि अगर वह दिल्ली एनसीआर छोड़ते है तो अपनी यात्रा के कार्यक्रम आईओ के साथ साझा करेंगे। वह अपनी लोकेशन शेयरिंग भी ऑन रखेंगे और आईओ के साथ उसे शेयर करेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मंगलवार को जमानत दे दी थी। उसी आधार पर आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत की शर्तें तय कर दी है। ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर 2023 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। ईडी की चार्जशीट पर संजय सिंह पर 82 लाख रुपये चंदा लेने का जिक्र था। इसी के आधार पर ईडी की टीम संजय सिंह के घर पर पहुंची थी और करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने आधिकारिक बयान जारी किया है। तिहाड़ जेल के अनुसार, एक अप्रैल जिस दिन अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल पहुंचे उन्हें दो डॉक्टर्स ने एग्जामिन किया और मेडिकल में सब नार्मल आया। जेल में आने से लेकर अभी तक उनका वजन 65 किलोग्राम बना हुआ है। कोर्ट के आदेश पर घर का बना खाना अरविंद केजरीवाल को दिया जा रहा है। वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। अरविंद केजरीवाल मेडिकल के सारे पैरामीटर्स नार्मल है। तिहाड़ जेल के बयान पर आप ने दी ये प्रतिक्रिया तिहाड़ जेल के आधिकारिक बयान के बाद आप नेता और मंत्री आतिशी ने कहा कि ईडी ने सीएम केजरीवाल को जिस दिन कस्टडी में लिया था। उस दिन मुख्यमंत्री का वजन 69.5 किलो था। आज सीएम केजरीवाल का वजन 65 किलो है। यानी 12 दिन में अरविंद केजरीवाल का वजन 4.5 किलो कम हुआ। आतिशी का दावा तेजी से गिर रहा केजरीवाल का वजन इससे पहले आतिशी ने दावा किया कि 21 मार्च को गिरफ्तार किए जाने के बाद से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का वजन तेजी से घट रहा है। आतिशी ने साथ ही बीजेपी पर केजरीवाल को जेल में रखकर उनके स्वास्थ्य को खतरे में डालने का आरोप लगाया। आतिशी ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री की सेहत के संबंध में कानूनी मदद लेगी। बीजेपी को माफ नहीं करेगी जनताः आप आतिशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल को शुगर है। सेहत से जुड़ी समस्याओं के बावजूद वह 24 घंटे देश की सेवा में लगे हैं। गिरफ्तारी के बाद से केजरीवाल का वजन 4.5 किलोग्राम कम हुआ है। यह चिंताजनक है। भाजपा उन्हें जेल में डालकर उसकी सेहत से खिलवाड़ कर रही है। आतिशी ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल को कुछ हो गया तो न केवल पूरा देश बल्कि भगवान भी ‘उन्हें’ माफ नहीं करेंगे। 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं केजरीवाल वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन ने केजरीवाल की सेहत के संबंध में आतिशी के दावों को खारिज किया है। केजरीवाल 15 अप्रैल तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केजरीवाल की हालत सामान्य है। केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया है। उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
नई दिल्ली,दिल्ली शराब नीति केस में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहली रात घूमते-टहलते बीती। न्यूज एजेंसी PTI ने जेल अधिकारी के हवाले से जानकारी दी है कि केजरीवाल 14X8 फीट की कोठरी में रातभर घूमते रहे। वे सिर्फ कुछ देर के लिए ही सीमेंट की फर्श पर सोए। तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि मंगलवार सुबह केजरीवाल का शुगर लेवल कम था। वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं। उन्हें सोमवार शाम 4 बजे तिहाड़ जेल लाया गया था। बैरक में भेजने से पहले मेडिकल में भी उनका शुगर लेवल 50 दर्ज हुआ था। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें दवाएं दी गईं थीं। सोमवार को जेल पहुंचने पर केजरीवाल को चाय दी गई थी। रात के खाने में उन्हें घर का बना खाना परोसा गया। सोने के लिए उन्हें एक गद्दा, कंबल और दो तकिए दिए गए। केजरीवाल को दोपहर और रात में घर का बना खाना खाने की अनुमति है। जब तक उनका शुगर लेवल सामान्य नहीं हो जाता, तब तक उन्हें घर का खाना दिया जाएगा। सुबह ध्यान किया, हाउ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड बुक दी गई केजरीवाल मंगलवार 2 अप्रैल को सुबह उठकर बैरक में ध्यान किया। इसके बाद उन्हें चाय और दो बिस्कुट दिए गए। उन्हें तीन किताबें- रामायण, महाभारत और हाउ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड दी गई हैं। उनके सेल के बाहर दो सुरक्षाकर्मियों और जेल वार्डन को तैनात किया गया है। सेल के बाहर एक क्विक एक्शन टीम भी तैनात है। उन्हें एक धार्मिक लॉकेट पहनने की भी अनुमति दी गई है। केजरीवाल ने मिलने वाले 6 लोगों के नाम जेल प्रशासन को दिए एशिया की सबसे बड़ी जेल में बंद पहले मौजूदा मुख्यमंत्री को जेल नंबर दो में रखा गया है। उनकी पत्नी और बच्चों के मंगलवार को उनसे मिलने की संभावना है। नियमों के मुताबिक, केजरीवाल ने छह लोगों की लिस्ट दी है, जिनसे वह मिलना चाहते हैं। इसमें उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, उनके बेटे और बेटी, उनके निजी सचिव बिभव कुमार और AAP महासचिव (संगठन) संदीप पाठक शामिल हैं।
दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चार्जशीट फाइल की है। इसमें सेवानिवृत्त मुख्य इंजीनियर जगदीश अरोड़ा और ठेकेदार अनिल अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में ही ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी समन जारी किया था लेकिन वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे। राउज एवेन्यू कोर्ट में 8000 पेज की चार्जशीट फाइल दिल्ली जल बोर्ड के टेंडर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने राउज ऐवन्यू कोर्ट में 8000 पेज की चार्जशीट फाइल की। ईडी ने चार्जशीट में जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, जगदीश अरोड़ा के करीबी और चार्टेड अकाउंटेड तजेंद्र सिंह समेत NBCC के पूर्व अधिकारी देवेंद्र कुमार मित्तल और एक कंपनी NKG को आरोपी बनाया। ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में 8 हज़ार पेज के दस्तावेज दाखिल किया, जिसमें 140 पेज ऑपरेटिव पार्ट है। ईडी द्वारा फाइल किए दस्तावेज में NKG कंपनी को आरोपी बनाया है। 'टेंडर के बदले घुस ली गई' NBCC के अधिकारी मित्तल ने जो सर्टिफिकेट जारी किया उसकी के आधार पर NKG कंपनी को टेंडर मिला था, NKG ने मित्तल के लिए ट्रावेल टिकट बुक किया था। ईडी के मुताबिक NBCC के रिकॉर्ड में NKG के बारे में कोई जानकारी नहीं। ईडी ने कहा कि जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, तजेंद्र सिंह चार्टेड अकाउंटेड है जो जगदीश अरोड़ा का करीबी है, मित्तल NBCC के अधिकारी है, मित्तल ने NKG कम्पनी को फ़र्ज़ी दस्तावेज़ मुहैया कराया था। ED के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड ने NKG को 38 करोड़ का टेंडर दिया, जिसके 24 करोड़ रुपये पहले जारी किए गए। ED का आरोप है कि 38 करोड़ रुपये में से शेष 6 करोड़ 36 लाख रुपये वापस किए गए, यह प्रोसीड ऑफ क्राइम है। इसमें से 56 लाख रुपये तजेंद्र सिंह के जरिए जगदीश अरोड़ा को मिला था, 36 करोड़ में से सिर्फ 14 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हुआ। NKG और इंटीग्रल ग्रुप से पैसे जगदीश अरोड़ा को गया था क्योंकि उनसे ही टेंडर जारी किया था, टेंडर के बदले घुस ली गई थी। ED ने कहा कि जगदीश कुमार अरोड़ा को कुल 3.19 करोड़ रुपया मिला था जिसमे 56 लाख NKG और शेष इंटीग्रल ग्रुप से मिला था। 'जल बोर्ड घोटाले का पैसा AAP नेताओं को दिया गया' इससे पहले फरवरी में आम आदमी पार्टी के नेताओं के 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। ईडी के मुताबिक जल बोर्ड घोटाले का पैसा आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिया गया। पैसा AAP के इलेक्शन फंड के लिए भी दिया गया। ईडी के मुताबिक इस घोटाले में दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा ने यह बात जानते हुए भी कि कंपनी टेक्निकल एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा नहीं करती है, 38 करोड़ रुपये के ठेके एमएस एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को दिए थे। 'जगदीश अरोड़ा ने रिश्वत का पैसा AAP तक पहुंचाया' जगदीश अरोड़ा ने ही रिश्वत का पैसा आगे आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों तक पहुंचाया। इसी मामले में 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली 125 दिन का वक्त और देखते-देखते दिल्ली में कोरोना के मामले 1 लाख के पार हो गए। राजधानी दिल्ली में 2 मार्च को पहला कोरोना केस आया था। अब सोमवार को मामले 1,00,823 हो गए। केसों के मामले में दिल्ली अब देश में तीसरे नंबर पर है। उससे आगे सिर्फ महाराष्ट्र और तमिलनाडु हैं। मुंबई शहर दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर सबसे प्रभावित शहर है। वहां कुल केस 85,724 हैं। यह नंबर दिल्ली से 15,099 कम है। रिकवरी रेट दे रहा राहत राजधानी दिल्ली में कोरोना केस भले एक लाख पार हो चुके हैं लेकिन यहां रिकवरी रेट राहत दे रहा है जो 71 प्रतिशत है। वहीं पॉजिटिविटी रेट अभी 10 प्रतिशत है। 1 लाख में से 72 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। यह जून में 36 प्रतिशत तक पहुंच गया था तो जब 10 प्रतिशत तक आ चुका है। कुल सैंपल पर कितने केस पॉजिटिव मिले उसे पॉजिटिविटी रेट कहते हैं। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोविड की वजह से 48 मरीजों की जान चली गई, मरने वालों की कुल संख्या 3115 है। दिल्ली में कोविड से होने वाली मौत का औसत लगभग 3 पर्सेंट है। 19 दिन बाद मामले 2 हजार के नीचे 19 दिन बाद दिल्ली में कोविड का संक्रमण 2 हजार के आंकड़े से नीचे आया है। सोमवार को दिल्ली में कोविड के 1379 नए मरीजों में वायरस की पुष्टि की गई है। इससे पहले तक 17 जून से लगातार रोज 2 हजार से ऊपर केस आ रहे थे। सोमवार को दिल्ली में कुल 13,879 सैंपल की जांच की गई। कभी हाँ कभी ना में फंसी देसी कोरोना वैक्सीन, कब होगी लांच 15 अगस्त या 2021? देखें ख़बरों का पंचनामा अनुराग वर्मा के साथ रविवार को दिल्ली में कुल 2244 मरीज की पुष्टि हुई थी और उस दिन संक्रमण रेट 9.69 पर्सेंट था। सोमवार को मरीजों की संख्या 1379 हुई और संक्रमण रेट 9.93 पर्सेंट पाया गया। इससे यह कहा जा सकता है कि दिल्ली में सैंपल की जांच ज्यादा हो या कम संक्रमण रेट लगभग 10 पर्सेंट से अभी नीचे पाया जा रहा है। सोमवार को दिल्ली में कुल 13,879 सैंपल की जांच की गई।
है नई दिल्ली कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की संख्या देश में लगातार बढ़ रही है लेकिन दिल्ली के लिहाज से एक अच्छी खबर है। राजधानी में सोमवार को पहले के मुकाबले काफी कम केस रिपोर्ट हुए हैं जबकि जांच का दायरा बढ़ गया है। सोमवार को दिल्ली में 1379 नए केस मिले जबकि एक दिन पहले 2505 केस रिपोर्ट हुए थे। इससे पहले भी दो हजार से ज्यादा केस रोज सामने आ रहे थे। केंद्र सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि दिल्ली में पिछले तीन सप्ताह में संक्रमण दर (Corona Infection Rate) 30 प्रतिशत से गिरकर 10 प्रतिशत पर आ गई है। लिखें 15 हजार मरीज घर में आइसोलेट राजधानी में कोरना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो गई है। अबतक 100823 मामले सामने आए हैं। सोमवार को 48 मरीजों की मौत हो गई। अब तक दिल्ली में कुल 3115 मरीजों की कोरोना से जान जा चुकी है। वहीं 72088 लोग संक्रमण मुक्त भी हो चुके हैं। इस समय 25620 ऐक्टिव केस हैं जिनमें से लगभग 15 हजार लोग अपने घरों में ही आइसोलेट हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात की जानकारी दी। जांच बढ़ी लेकिन संक्रमण दर हो रही कम केंद्र ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में कोविड-19 संबंधी जांच की औसत संख्या लगभग एक महीने में 5,481 बढ़कर 18,766 हो गई है और जांच की संख्या में वृद्धि के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में पिछले तीन सप्ताह में संक्रमण दर लगभग 30 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है। सरकार ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भी संक्रमण दर यानी कुल नमूनों की जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने की दर में कमी आई है और यह अब 6.73 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों ने देश में कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संयुक्त और समन्वित प्रयास किए हैं। बयान में कहा गया कि मिलेजुले प्रयासों के तहत केंद्र सरकार ने जांच संख्या बढ़ाने, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों का तुरंत पता लगाने और समय पर मामलों के चिकित्सकीय प्रबंधन पर जोर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने जांच क्षमता बढ़ाने के लिए राज्यों की मदद की है। कई राज्यों ने बढ़ाई है जांच की क्षमता बयान में कहा गया कि देश के स्तर पर संक्रमण दर 6.73 प्रतिशत है। पांच जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार पुदुचेरी (5.55), चंडीगढ़ (4.36), असम (2.84), त्रिपुरा (2.72), कर्नाटक (2.64), राजस्थान (2.51), गोवा (2.5) और पंजाब (1.92) उन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल हैं जहां प्रति लाख नमूनों में संक्रमण दर राष्ट्रीय औसत से कम और जांच क्षमता राष्ट्रीय औसत से अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली में जांच क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार प्रयासों को मजबूत कर रही है। केंद्र ने कहा कि रैपिड एंटीजन पॉइंट ऑफ केयर (पीओसी) के साथ आरटी-पीसीआर के माध्यम से जांच क्षमता को बढ़ाया जा रहा है जिसका परिणाम लगभग 30 मिनट में आ जाता है। इसने कहा, ‘जांच क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के ठोस और केंद्रित प्रयासों के परिणामस्वरूप हर रोज की जाने वाली नमूनों की औसत जांच संख्या जो (एक से पांच जून तक) केवल 5,481 थी, वह बढ़कर प्रतिदिन (एक से पांच जुलाई तक) औसतन 18,766 हो गई है।’ बयान में कहा गया, ‘दिल्ली में जांच क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ ही संक्रमण दर में भी काफी कमी आई है और यह पिछले तीन सप्ताह में लगभग 30 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है।’
नई दिल्ली, 05 जुलाई 2020,राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं और यहां पर भी केस एक लाख के बेहद करीब पहुंच गया है. पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 2,244 मामले दर्ज किए गए जिससे यहां पर संक्रमण के कुल 99,444 केस हो चुके हैं. दिल्ली से आगे महाराष्ट्र और तमिलनाडु दो ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना संक्रमण के केस एक लाख के पार जा चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को जारी नए अपडेट के मुताबिक, महाराष्ट्र में यह आंकड़े 2 लाख को भी पार कर गया है. वहां पर 2,00,064 कोरोना केस सामने आ चुके हैं जबकि तमिलनाडु में यह संख्या 1,07,001 है. दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 63 और लोगों की मौत हो गई जिससे कोरोना की वजह से अब तक 3,067 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि यहां पर पिछले 24 घंटे में ठीक या डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 3,083 रही. इस तरह से अब तक 71,339 लोग ठीक या डिस्चार्ज हो चुके हैं. लेकिन अभी भी दिल्ली में 25,038 एक्टिव केस हैं जबकि 15,564 मरीज होम आइसोलेशन में हैं. इससे पहले दिल्ली में शनिवार को पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 2,505 नए मरीजों की पुष्टि हुई थी. जिससे दिल्ली में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 97 हजार को पार कर गई थी. रविवार को यह आंकड़ा 99 हजार को भी पार कर गया. दुनिया का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर तैयार इस बीच दिल्ली में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो गया है. आज रविवार से यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों को आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस कोविड केयर सेंटर में 10,000 बेड की क्षमता है लेकिन फिलहाल इसे 2,000 बेड की सुविधा के साथ शुरू कर दिया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, रविवार सुबह छतरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास केंद्र पहुंचे और सभी तैयारियों का जायजा लिया. यह कोविड केयर सेंटर करीब 17,00 फीट लंबा है और 700 फीट चौड़ा. लगभग 20 फुटबॉल का मैदान इस सेंटर में समा जाएगा. इसमें 200 अहाते हैं, सभी में 50-50 बेड भी लगे हैं. अथॉरिटी के मुताबिक यह सेंटर विश्व में सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर है. सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर में 10 फीसदी बेड्स में ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध है. यहां भर्ती होने से लेकर डिस्चार्ज होने तक की पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक है. मरीजों की जांच के लिए यहां हमेशा नर्स मौजूद रहेंगी.
नई दिल्ली दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 80 हजार के पार पहुंच चुकी है लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि दिल्ली में अभी कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। शाह ने कहा कि उन्होंने इस बारे में देश के तीन वरिष्ठ डॉक्टरों से बात की है और सभी का मानना है कि दिल्ली में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस बयान से डर पैदा हुआ था कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 5.5 लाख के पार पहुंच जाएगी। शाह ने कहा कि इस बयान के बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें दिल्ली सरकार की मदद करने को कहा था। दिल्ली में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अब यही मॉडल एनसीआर में भी लागू किया जाएगा। शाह ने कहा कि इस बारे में वह उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से बात करने वाले हैं। सबकी सहमति से लिए जा रहे फैसले गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए दिल्ली में उठाए जा रहे कदमों के बारे में दिल्ली सरकार के साथ कोई खींचतान नहीं है और सारे फैसले दिल्ली सरकार की सहमति से लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना के इलाज को लेकर कई शिकायतें आ रही थी। खासकर कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा था। करीब 350 शव ऐसे ही पड़े थे। अब इसके लिए व्यवस्था बना दी गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के इलाज में बदइंतजामी की कई शिकायतें आ रही थीं। हमने एम्स में एक हेल्पलाइन बनाई है। इसके जरिये एम्स के डॉक्टर दिल्ली के अस्पतालों के डॉक्टरों को सुझाव देते हैं। साथ ही डॉक्टरों की तीन टीमों का भी गठन किया गया जिसमें केंद्र, आईसीएमआर और दिल्ली के डॉक्टर शामिल थे। इनके सुझावों के आधार पर दिल्ली में अस्पतालों की कमियों को दूर किया गया है।
नई दिल्ली दिल्ली के बजट होटलों एवं गेस्ट हाउसों में अब चीनी यात्री नहीं ठहर पाएंगे। कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) के चीनी सामान बहिष्कार के आह्वान पर आज दिल्ली के बजट होटलों के संगठन दिल्ली होटल एंड गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन ने यह फैसला किया है। संगठन का कहना है कि चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए यह निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा है। दिल्ली में लगभग 3000 बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं, जिनमें लगभग 75 हजार कमरे हैं। दिल्ली के होटल व्यवसायी गुस्से में हैं दिल्ली होटल एवं गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन के महामंत्री महेंद्र गुप्ता ने यह जानकारी दी। उनका कहना है कि चीन जिस प्रकार से भारत के साथ व्यवहार कर रहा है, और उसने जिस तरीके से भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या की है, उससे दिल्ली के सभी होटल कारोबारियों में गुस्सा है। ऐसे समय में, जब कैट ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया है, उसमें दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस व्यवसायी भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के बजट होटलों और गेस्ट हाउसों में चीनी व्यक्ति को नहीं ठहराया जाएगा। कैट ने किया स्वागत कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि कैट द्वारा शुरू किया गया चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के आह्वान से देश के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में कैट अब ट्रांसपोर्ट, किसान, हॉकर्स, लघु उद्योग, उपभोक्ता स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेगा। 1 लाख करोड़ रुपये का आयात होगा कम उन्होंने कहा कि इस बार चीन को सबक सिखाने में भारत के लोग दृढ़ संकल्प से जुड़ेंगे और दिसंबर 2021 तक चीन से आयात होने वाले सामान में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी करेंगे। इस रकम को भारतीय अर्थव्यवस्था में लगाया जाएगा, जो देश की तरक्की का माध्यम बनेगा।
नई दिल्ली, 24 जून 2020, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली में भड़की हिंसा पर अब नया खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक उपद्रवियों के बीच जानबूझकर ये अफवाह फैलाई गई थी कि कपिल मिश्रा के लोगों ने एंटी सीएए प्रोटेस्ट के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हो गई थी. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दिल्ली हिंसा को लेकर नया खुलासा हुआ है. दिल्ली हिंसा में मारे गए हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि चांदबाग इलाके में उपद्रवियों के बीच ये अफवाह जानबूझकर फैलाई गई थी कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के लोगों ने एंटी सीएए प्रोटेस्ट के पंडाल में आग लगा दी है, जिसके बाद भीड़ हिंसक हुई थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये अफवाह जानबूझकर उपद्रवियों ने फैलाई थी ताकि भीड़ को सड़कों पर निकाला जा सके. दरअसल, चांदबाग इलाके में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल की हत्या उपद्रवियों ने कर दी थी. डीसीपी अमित शर्मा पर जानलेवा हमला हुआ था. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने काफी लोगों के बयान लिए थे, जिनका चार्जशीट में जिक्र है. गवाहों ने बताया कि चांदबाग में उस दौरान कुछ लोगों ने शोर मचाया कि कपिल मिश्रा के लोगों ने पंडाल में आग लगा दी है लेकिन हमने ऐसा कुछ होते देखा नहीं था. योगेंद्र यादव ने दिया था भाषण बता दें कि हेड कॉन्स्टेबल की हत्या की चार्जशीट में योगेंद्र यादव के नाम का भी जिक्र किया गया है. जिसमें बताया गया कि चांदबाग के एंटी सीएए प्रोटेस्ट में हिंसा के पहले योगेंद्र यादव ने भाषण दिया था. हालांकि चार्जशीट में योगेंद्र यादव न तो आरोपी हैं और न ही कॉलम 11 (संदिग्ध आरोपी या अन्य) में उनका नाम है.
नई दिल्ली, 23 जून 2020, कांग्रेस पार्टी ने लॉकडाउन में डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध जताया है. इस मुद्दे पर मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई. मीटिंग में कहा गया कि लॉकडाउन के पिछले तीन महीनों के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों और उत्पाद शुल्क में बार-बार की जाने वाली अन्यायपूर्ण बढ़ोतरी पर कांग्रेस कार्यसमिति अपनी चिंता व्यक्त करती है. कांग्रेस कार्य समिति ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लोगों पर ये जबरन वसूली की चोट तब बढ़ाई गई है जब वे कोविड-19 महामारी के कारण पहले ही अभूतपूर्व आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने कार्य समिति की बैठक के बाद बयान जारी किया था. कांग्रेस कार्यसमिति का यह बयान ट्विटर पर भी जारी किया गया. बयान को कांग्रेस कार्यसमिति की तरफ से जारी किया गया लेकिन एक टाइपो होने की वजह से कार्यसमिति की जगह 'कायरसिमित' हो गया, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर तंज कसा. हालांकि कांग्रेस ने बाद में टाइपो में सुधार करते हुए नए सिरे से ट्वीट भी किया. यूपी में बीजेपी के नेता शलभमणि त्रिपाठी ने कांग्रेस के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और लिखा कि, 'इस साफ़गोई की कद्र होनी चाहिए, वैसे ना भी बताते तो भी देश पहले से जानता था कांग्रेस की ये हक़ीक़त.' वहीं दिल्ली में बीजेपी नेता तेजिंदर सिंह बग्गा ने लिखा, 'मैं कांग्रेस की इस बात से सहमत हूं. एक अन्य यूजर आदित्य त्रिवेदी ने लिखा, 'जब से भाजपा अध्यक्ष ने ईश्वर से कांग्रेस को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की है, तब से रोज मां सरस्वती उनको रोज सच्चाई दिखा रही हैं. नरेंद्र बने सुरेंद्र, कांग्रेस कार्यसमिति बनी कायरसिमित, अब तो जाग जाओ.'
नई दिल्ली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दक्षिणी दिल्ली के राधा स्वामी सत्संग केंद्र में स्थापित 10,000 बेड वाले कोविड केयर केंद्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया है। इसके साथ ही केजरीवाल ने इस कोविड केंद्र के संचालन के लिए आईटीबीपी से डॉक्टर और नर्स उपलब्ध कराने की मांग भी की है। केजरीवाल के इस पत्र के जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार शाम को ट्वीट कर जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि प्रिय केजरीवाल जी, यह हमारी बैठक में 3 दिन पहले ही तय हो चुका है और MHA ने दिल्ली के राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 10,000 बेड के कोविड केयर सेंटर के संचालन का काम ITBP को सौंप दिया है। काम पूरे जोरों पर है और इस सेंटर का बड़ा हिस्सा 26 जून तक चालू हो जाएगा। शाह ने कहा कि सशस्त्र बल के जवानों को दिल्ली में रेलवे कोचों में रखे गए कोरोना रोगियों की देखभाल के लिए भी लगाया गया है। आवश्यकता के अनुसार, पहले ही कोविड केयर सेंटर में 8,000 अतिरिक्त बिस्तर लगाए जा चुके हैं। केजरीवाल ने किया शाह को किया धन्यवाद अमित शाह के ट्वीट के बाद केजरीवाल ने अमित शाह को ट्वीट के जरिए ही धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा देश की सेना, डाक्टर्स, सामाजिक संस्थाएं, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार -सभी दिल्ली के लिए एकजुट होकर काम कर रहे है। मुझे पूरा यक़ीन है हम सब मिल कर कोरोना को हराएंगे। इन कठिन परिस्थितियों में दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोगों की मदद करने के लिए शुक्रिया। तैयार हो रहा है एक हजार बेड का अस्पताल शाह ने कहा कि दिल्ली के लोगों को यह भी सूचित करना चाहता हूं कि कोविड के रोगियों के लिए 250 आईसीयू बेड के साथ एक हजार बेड का पूर्ण विकसित अस्पताल विकसित किया जा रहा है। डीआरडीओ और टाटा ट्रस्ट इसका निर्माण कर रहे हैं। सशस्त्र बल के जवान इसे तैयार करने में लगे हैं। यह अगले 10 दिनों में तैयार हो जाएगा।
नई दिल्ली/श्रीनगर, 22 जून 2020,लद्दाख सीमा पर तनाव को कम करने के लिए भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच आज बातचीत होगी. चीनी सेना की आग्रह पर कोर कमांडर स्तर की बैठक होगी. बैठक मोल्डो इलाके (चीन की तरफ) और चुशुल (भारत की तरफ) बुलाई गई है. यह बैठक उसी जगह होने वाली है, जहां 6 जून को दोनों देशों के बीच बैठक हुई थी. कोर कमांडर स्तर की इस बातचीत में भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की ओर साउथ झिंजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ मेजर जनरल लियू लिन हिस्सा लेंगे. इस बैठक का मकसद पहले की स्थिति को फिर से बनाना, गलवान जैसी खूनी झड़प की घटनाएं न हो और 6 जून को दोनों देशों के बीच हुए समझौते पर बातचीत है. इस बीच गलवान घाटी में तनाव जारी है. 15 जून के बाद से दोनों तरफ से कोई झड़प की भी खबर नहीं है, लेकिन दोनों ओर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. दोनों ओर से तनाव को खत्म करने के लिए सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है. आज भी दोनों देशों के सैन्य अधिकारी के बीच बातचीत होगी. लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच 15 जून को हिंसक झड़प हुई थी. इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के कई सैनिक हताहत हुए थे. हालांकि चीन ने मारे गए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी साझा नहीं की है. हिंसक झड़प के बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है. हालांकि, घटना के बाद भी दोनों देशों के बीच बातचीत भी हुई थी. इस बातचीत के बाद चीन ने भारतीय सेना के 10 जवानों को रिहा किया था, जिन्हें झड़प के दौरान चीन ने बंदी बना लिया था. झड़प के तीन बाद दो मेजर समेत 10 जवानों को रिहा किया गया है. वहीं, गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि न तो कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए.
नई दिल्ली, 19 जून 2020,दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत फिर बिगड़ गई है. सत्येंद्र जैन को सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही है. आपको बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री दो दिन पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. शुक्रवार को उन्हें सांस लेने में दिक्कत आई, जिसके बाद अब उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में सत्येंद्र जैन का इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि सत्येंद्र जैन के फेफड़ों में संक्रमण बढ़ गया है, इसी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है. गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन को कुछ दिन पहले बुखार और सांस लेने में दिक्कत होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जिसके बाद उनका कोरोना वायरस टेस्ट भी करवाया गया था. उनका शुरुआती टेस्ट नेगेटिव आया था, जिसके बाद उनकी हालत सुधरने भी लगी थी. लेकिन दो दिन पहले सत्येंद्र जैन का एक और कोरोना वायरस टेस्ट किया गया, जिसमें वो पॉजिटिव पाए गए थे. अब शुक्रवार को एक बार फिर उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई है. आपको बता दें कि कोरोना संक्रमित पाए जाने से पहले सत्येंद्र जैन लगातार बैठकों में हिस्सा ले रहे थे. दिल्ली के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो बैठक ली थी, उसमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के साथ सत्येंद्र जैन ने भी हिस्सा लिया था.
नई दिल्ली, 18 जून 2020,दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना टेस्टिंग की कीमत 2400 रुपये निर्धारित कर दी है. गृह मंत्री अमित शाह ने आम लोगों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर बताया कि आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के अनुसार, गृह मंत्रालय द्वारा प्राप्त परीक्षण दरों पर उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को आवश्यक कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार को भेज दिया गया है. निर्णय में कोरोना जांच की कीमत 2,400 रुपये तय की गई है. दिल्ली में टेस्टिंग दोगुनी साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस की जांच दोगुना किया जा रहा है. दिल्ली में कोविड जांच को दोगुना कर 4000 से करीब 8000 प्रतिदिन कर दिया गया है केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 15 और 16 जून कुल 16,618 कोरोना सैंपल लिए गए. जबकि इससे पहले 14 जून तक 4,000 से 4,500 तक सैंपलों की जांच हो रही थी. आज गुरुवार को 6,510 सैंपल की रिपोर्ट आनी है गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दिल्ली के कई इलाकों में स्वास्थ्य सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 242 कंटेनमेंट जोन में 2,30,466 की कुल आबादी में से 1,77,692 लोगों की जांच 15 और 16 जून को की गई थी, शेष बचे लोगों की जांच 20 जून तक पूरी कर ली जाएगी. जल्द आएगी रिपोर्ट इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा अनुमोदित नए प्रोटोकॉल के अनुसार आज गुरुवार से जांच शुरू कर दी जाएगी. जांच के लिए नई रैपिड ऐंटिजेन प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा जिसे परिणाम जल्दी आएगा. जांच के लिए दिल्ली में 169 केंद्र बनाए गए हैं. इन जांच किट की आपूर्ति दिल्ली को प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी और राजधानी दिल्ली में इसके लिए नमूने एकत्र करने तथा उनकी जांच के लिए 169 केंद्र बनाए गए हैं. महाराष्ट्र में 2200 में टेस्ट इससे पहले पिछले हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने भी निजी लैब द्वारा कोरोना टेस्ट की रेट फिक्स कर दी थी. रेट फिक्स होने के बाद महाराष्ट्र में अब 2200 रुपये में निजी लैब में कोरोना टेस्ट कराया जा सकेगा. हालांकि लैब वाला सैंपल लेने अगर आपके घर आता है तो आपको 2800 रुपये चुकाने पड़ेंगे. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस संबंध में ऐलान करते हुए बताया कि कोरोना टेस्टिंग की रेट तय करने के लिए सरकार ने एक कमेटी गठित की थी. जिसकी सिफारिश पर निजी लैब के लिए कोरोना टेस्ट की दर 2200 रुपये और घर से सैंपल लेने पर 2800 रुपये रखा गया. इस तरह से अब महाराष्ट्र में निजी लैब से कोरोना टेस्ट कराने पर क्रमश: 2200 और 2800 रुपये ही देने पड़ेंगे.
नई दिल्ली, 17 जून 2020,दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का दूसरी बार कोरोना टेस्ट हुआ था. दूसरी बार हुए टेस्ट में सत्येंद्र जैन कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कोरोना पॉजिटिव होने के चलते वह अभी राजीव गांधी अस्पताल में ही भर्ती रहेंगे. सत्येंद्र जैन को सांस लेने में दिक्कत और बुखार के चलते मंगलवार को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. सत्येंद्र जैन का एक कोरोना टेस्ट पहले भी हो चुका है और ये निगेटिव आया था. सत्येंद्र जैन का बुखार अब कम है, लेकिन उन्हें सांस लेने में थोड़ी परेशानी हो रही है. मंगलवार को हुई जांच में सत्येंद्र जैन की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन बुधवार को उनकी दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. सत्येंद्र जैन ने खुद बीते दिन ट्वीट कर अपनी तबीयत बिगड़ने की जानकारी भी दी थी. उन्होंने ट्वीट किया था कि तेज बुखार और सांस लेने में हो रही दिक्कत के बाद मुझे अस्पताल में भर्ती किया गया है. मैं आपको ताजा जानकारी देता रहूंगा. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन लगातार बैठकों में हिस्सा ले रहे थे. बीते दिनों भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य अधिकारियों के साथ लगातार कई बैठकें कीं, तब सत्येंद्र जैन बतौर स्वास्थ्य मंत्री उस बैठक में मौजूद थे. इसके अलावा सत्येंद्र जैन दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी लगातार ध्यान दे रहे थे. कोरोना पॉजिटिव हुईं आम आदमी पार्टी की अन्य नेता- आम आदमी पार्टी (आप) की नेता और कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक आतिशी कोरोना वायरस की चपेट में आ गई हैं. उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. आतिशी ने बताया कि सर्दी और खांसी के लक्षण नजर आने के बाद उन्होंने मंगलवार को कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट आज आई है. फिलहाल आतिशी को कोरोना के हल्के लक्षण हैं और उन्होंने खुद को अपने घर में क्वारनटीन कर लिया है. आतिशी कोरोना के मामलों को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ काम कर रही थीं. 11 जून को हेल्थ डिपार्टमेंट का एक अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जिसके बाद आतिशी ने खुद को होम आइसोलेट कर लिया था. इससे पहले आम आदमी पार्टी के करोल बाग से विधायक विशेष रवि और पटेल नगर से विधायक राज कुमार आनंद भी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं.
नई दिल्ली दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन को कोरोना के लक्षण के बाद कल रात अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका अभी कोरोना टेस्ट का रिजल्ट नहीं आया है लेकिन उनकी बीमारी ने दिल्ली सरकार को टेंशन दे दी है। राज्य में कोरोना महामारी से निपटने में रात-दिन लगे जैन के बीमार होने के कारण आज होने वाली कई अहम बैठकों को रद्द कर दिया गया है। शाह की बैठक समेत कई बैठकों में हुए थे शामिल जैन ने खुद ट्वीट कर राजीव गांधी अस्पता में भर्ती होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया है। ऐहतियातन जैन का कोरोना टेस्ट भी कराया गया है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर जैन का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया तो फिर मुश्किल ज्यादा बढ़ जाएगी। जैन ने पिछले कुछ दिनों में गृह मंत्री अमित शाह समेत कई अधिकारियों और राजनेताओं के साथ बैठक की थी। ऐसे में इन सभी लोगों को क्वारंटीन में जाना होगा। हालांकि ये सब जैन के टेस्ट के नतीजे पर निर्भर है। दिल्ली में कोरोना से जंग, जैन के कंधे पर जिम्मेदारी दिल्ली में कोरोना से जंग की जिम्मेदारी जैन के कंधों पर थी। ऐसे में अरविंद केजरीवाल सरकार को इस मोर्चे पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जैन देर रात तक मीटिंग में व्यस्त रहते थे। दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के इलाज की व्यवस्था देखने से लेकर टेस्ट के मामले तक जैन देख रहे थे। आने वाले दिनों में कोरोना के मामले बढ़ने की बात खुद सीएम केजरीवाल कह चुके हैं। ऐसे जैन दिल्ली में इस महामारी से निपटने के इंतजामों में लगे हुए थे। यानी उनकी बीमारी से राज्य सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है। दिल्ली में कोरोना की तेज रफ्तार राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में अबतक कोरोना के 42, 829 मामले सामने आ चुके हैं। 16,427 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं जबकि 1,400 लोगों को इस जानलेवा बीमारी ने लील लिया है। सीएम केजरीवाल ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य में 31 जुलाई तक 5.32 लाख तक मामले सामने आ सकते हैं। शाह ऐक्टिव, बनाया ऐक्शन प्लान इस बीच दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने कमान संभालते हुए दिल्ली के लिए बड़ा ऐक्शन प्लान तैयार किया है। दिल्ली सरकार भी केंद्र के साथ मिलकर इस महामारी से निपटने के लिए कदम से कदम मिलाने को तैयार है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था वह इस बीमारी से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे।
नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने कोविड बेड की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर कई बड़े फैसले किए हैं। दिल्ली सरकार ने अगले एक हफ्ते में 15 से 20 हजार कोविड बेड तैयार करने की योजना बनाई है, जिसमें बैंक्विट हॉल, छोटे-बड़े होटलो और स्टेडियम में भी बेड तैयार किए जाएंगे। वहीं केंद्र ने भी दिल्ली सरकार को 500 रेल कोच देने का फैसला किया है, जिसमें करीब 8 हजार बेड का बंदोबस्त होगा। प्राइवेट सेक्टर में 70 फीसदी से ज्यादा कोविड बेड भर चुके हैं। दिल्ली सरकार ने रविवार को 10 से 49 बेड की क्षमता वाले नर्सिंग होम को कोविड नर्सिंग होम घोषित किया था और नर्सिंग होम में भी कोरोना मरीजों के इलाज का आदेश दिया था लेकिन रविवार की शाम को सरकार ने यह आदेश वापस ले लिया। दिल्ली सरकार ने नॉर्थ एमसीडी के अस्पताल बाड़ा हिंदू राव अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है। हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की ओर से जारी आदेश जारी किया गया है और अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना मरीजों के इलाज की सभी व्यवस्था की जाए। अगले एक हफ्ते में 15 से 20000 अतिरिक्त बेड दिल्ली सरकार ने अगले एक हफ्ते में 20 हज़ार अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने की योजना फाइनल कर दी है। दिल्ली के 40 छोटे बड़े होटल में करीब 4 हज़ार कोविड बेड बनाए जाएंगे, इन्हें दिल्ली के निजी अस्पतालों के साथ अटैच किया जाएगा। इसके अलावा करीब 80 बैंक्वैट हॉल में 11 हज़ार कोविड बेड बनाए जाएंगे। दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि दिल्ली के कुछ होटल में ये व्यवस्था शुरू हो गई है और निजी अस्पतालों के साथ अटैच कर वहां मरीजों का इलाज शुरू हो गया है। सभी जिलों के डीएम को अगले कुछ दिनों में इसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है। केजरीवाल सरकार ने इन होटल और बैंक्वैट हॉल में इलाज के लिए दाखिल होने वाले मरीजों के लिए रेट भी तय किए है। प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा चार्ज वसूले जाने की शिकायतों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसके अलावा दिल्ली में स्टेडियम में बेड तैयार करने के प्लान पर काम किया जा रहा है। प्रगति मैदान में 2500 बेड तैयार करने का प्लान है। इसके अलावा 2000 बेड तालकटोरा स्टेडियम में हो सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर में भर चुके हैं 70 फीसदी से ज्यादा कोविड बेड प्राइवेट अस्पतालों और बड़े नर्सिंग होम्स में दाखिल होने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार प्राइवेट सेक्टर में ज्यादा बेड बढ़ाने की योजना तैयार कर रही है। सरकार का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर में 70 फीसदी से ज्यादा कोविड बेड भर गए हैं और इसी को देखते हुए प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जा रही है। दिल्ली में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे हैं और होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे मरीजों की संख्या 20000 तक हो गई है। इसके अलावा दिल्ली के अस्पतालों में अभी करीब 4000 बेड खाली हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर बेड सरकारी अस्पतालों में है। प्राइवेट अस्पतालों में काफी बेड भर चुके हैं। दिल्ली कोरोना ऐप पर अस्पतालों में बेड का रियल टाइम डेटा जारी किया जा रहा है। दिल्ली सरकार के अनुमान के मुताबिक 30 जून तक दिल्ली में 15 हजार से ज्यादा बेड की जरूरत पड़ सकती है। 15 जुलाई तक 33000 से ज्यादा बेड की जरूरत का अनुमान लगाया गया है। इसी को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाने की अलग- अलग योजनाओं पर काम किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 14 जून 2020, दिल्ली में कोरोना से बिगड़ते हालात ने केंद्र और केजरीवाल सरकार की परेशानी बढ़ा दी है. राजधानी में कोरोना से निपटने के लिए सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. ये बैठक सुबह 11 से शुरू होगी. इसमें दिल्ली के बीजेपी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और BSP के अध्यक्ष शामिल होंगे. दिल्ली में कोरोना से निपटने को लेकर गृहमंत्री ने रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की. इसके बाद अमित शाह ने शाम 5 बजे नगर निगम के मेयर और अधिकारियों के साथ बैठक में कोरोना को लेकर चर्चा की. इस बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे. वहीं, दिल्ली सरकार ने गृह मंत्री के साथ हुई बैठक को सकारात्मक बताया. सूत्रों ने बताया कि केंद्र के साथ सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. हालांकि दिल्ली में दोबारा लॉकडाउन पर कोई चर्चा नहीं हुई. दिल्ली और केंद्र सरकार मिलकर काम करते रहेंगे. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच आज की बातचीत बहुत प्रोडक्टिव रही. कई अहम फैसले लिए गए. हम मिलकर कोरोना से लड़ेंगे. दिल्ली में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने फौरन 500 रेलवे कोच दिल्ली को देने का निर्णय लिया. इन रेलवे कोच से न सिर्फ दिल्ली में 8000 बेड बढ़ेंगे बल्कि यह कोच कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सभी सुविधाओं से लैस होंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ गृह मंत्री अमित शाह की हुई मीटिंग में कई फैसले लिए गए. अमित शाह ने कहा कि कोरोना महामारी से भारत पूरी मजबूती से लड़ रहा है और इस संक्रमण से अपनी जान गंवाने वाले लोगों के लिए सरकार दुखी भी है और उनके परिजनों के प्रति संवेदनशील भी है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ मीटिंग में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र के सामने कई मांगें रखीं. दिल्ली सरकार चाहती है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के लिए क्षमता बढ़ाई जाए. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज होना चाहिए.
नई दिल्ली मार्च में पहला केस आने के बाद से करीब साढ़े तीन महीने में दिल्ली में कोरोना के केस 38 हजार के पार पहुंच गए हैं। कोरोना के खिलाफ मुश्किल जंग में दिल्ली को केंद्र का साथ मिला है। रविवार को गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से मीटिंग की। आज की बैठक में दिल्ली में कोरोना के खिलाफ युद्ध स्तर की तैयारी का फैसला किया गया। केंद्र ने राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। कोरोना के केस जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे अरविंद केजरीवाल सरकार पर महामारी से ठीक ने नहीं निपट पाने के आरोप लग रहे हैं। महाराष्ट्र (1 लाख से ऊपर केस) के बाद राजधानी दिल्ली की ही हालत सबसे ज्यादा खराब है। मीटिंग में दिल्ली सरकार को केंद्र की तरफ से कई भरोसे मिले हैं। मीटिंग के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा भी कि अब दिल्ली कोरोना की जंग केंद्र के साथ मिलकर लड़ेगी। इससे पहले तक कोरोना काल में केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई मुद्दों पर आमने सामने आई। दिल्ली सरकार चाहती थी कि दिल्ली में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज हो, लेकिन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उनका फैसला पलट दिया। इससे पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें कोई फंड नहीं मिला है जबकि टैस्ट सबसे ज्यादा दिल्ली देती है। तब डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा केंद्र से 5 हजार करोड़ की मदद मांगी थी। इससे पहले दिल्ली सरकार ने केंद्र के हॉस्पिटल राम मनोहर लोहिया पर कोरोना की गलत और देरी से रिपोर्ट देने तक के आरोप लगाए थे। केंद्र की तरफ से दिल्ली को मिले क्या भरोसे दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग के रेट तय किए जाएंगे 2 दिन में दोगुनी टेस्टिंग, 6 दिन बाद तीन गुना टेस्टिंग प्राइवेट हॉस्पिटल में 60 प्रतिशत बेड सरकार लेगी 500 रेलवे कोच दिल्ली को दिए जाएंगे, इसमें कोरोना के इलाज की सुविधा होगी कंटेनमेंट जोन के हर पोलिंग बूथ पर कोरोना टेस्टिंग होगी
बॉलिवुड अभिनेता रवि चोपड़ा का शुक्रवार रात निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें कैसर था। परिवार उनके इलाज का खर्चा नहीं उठा पा रहा था, वह मुश्किल हालात में जी रहे थे। रवि को 1972 में आई फिल्म 'मोम की गुड़िया' में अपने रोल के लिए उन्हें याद किया जाता है। वह रतन नाम से भी जाने जाते थे। खाने के लिए थे गुरुद्वारे के भरोसे बॉलिवुड से इस साल एक के बाद एक बुरी खबरें आ रही हैं। इरफान खान, ऋषि कपूर और वाजिद खान जैसे सितारों को खोने के बाद ऐक्टर रवि चोपड़ा के निधन की खबर आई है। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। खाने के लिए उन्हें गुरुद्वारे या मंदिर के प्रसाद के भरोसे रहना पड़ रहा था। ऐक्टर्स से मांगी थी इलाज में मदद वह लंबे वक्त से पंचकूला में किराए के घर पर रह रहे थे। उनके पास इलाज के भी पैसे नहीं थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अक्षय कुमार, सोनू सूद और धर्मेंद्र से मदद की गुहार लगा चुके थे। उन्होंने लड़खड़ाती जुबान से ऐक्टर्स से हेल्प मांगी थी और कहा था, अगर मेरा शरीर साथ देता तो मैं नौकरी कर लेता लेकिन मैं रोटी के लिए भी लंगर पर निर्भर हू। घरवालों की वजह से नहीं कीं फिल्में रवि चोपड़ा का असली नाम अब्दुल जफ्फार खान था। उन्होंने 'मोम की गुड़िया' में तनुजा के साथ काम किया था। इस फिल्म के बाद उन्हें कई फिल्में ऑफर हुईं लेकिन उनकी घरवालों को यह काम पसंद नहीं थी। इसके चलते उन्होंने ऐक्टिंग छोड़ दी थी।
नई दिल्ली दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर से भटकना पड़ रहा है। कोरोना मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी से दिल्ली सरकार हैरना और परेशान हो गई है। केजरीवाल सरकार को विपक्षी दलों ने घेरना शुरू कर दिया हहै। पूर्व किक्रेटर व पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के सांसद गौतम गंभीर ने एक चैनल में दिए इंटरव्यू में कहा है कि दिल्ली में एमपी और एमएलए को अस्पताल में बेड मिल जाएगा। मगर आम लोगों को इलाज के लिए इधर से उधर भटकना पड़ेगा, उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकारी की ओर से कोरोना के मरीजों के लिए अस्पतालों में 30 हजार बेड की जानकारी दी गई थी, लेकिन हकीकत में 30 हजार बेड कहां है ये किसी को नहीं पता है। गौतम ने कहा कि मेरी नजर में दो हॉस्पिटल हैं। जिन्हें दिल्ली सरकार ही कोविड-19 में कन्वर्ट कर सकती है। फिर देरी क्यों हो रही है। अगर ये हो जाता है तो गरीब आराम से इलाज करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जहां एक ओर कोरोना बढ़ रहा है, वहीं इसकी टेस्टिंग लगातार कम हो रही है। एक ओर बढ़ रहा है तो टेस्टिंग कम हो रही है... राजनीति भी हो रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है आपने चुनाव लड़ा था एजुकेशन और हॉस्पिटल सुविधा पर, 3 महीने नहीं हुए पूरी व्यवस्था कोलैप्स कर गई मेरे संसदीय क्षेत्र में दो हॉस्पिटल हैं, जिन्हें दिल्ली सरकार ही कोविड-19 में कन्वर्ट कर सकती है आप बात कर रहे थे हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर की, सुविधा की... और आपने मोहल्ला क्लिनिक बनाया, जिसकी कोई बात नहीं करता है एक वर्ष में कम से कम एक हॉस्पिटल तो आप बना ही सकते हैं इंट्रो लिखो और इसे लगाकर छाप दो फिर बढ़ाते रहना ट्रांसपरेंसी रखना नहीं चाहते हैं कोई कुछ पूछेगा तो आप बोलेंगे नहीं.. मुझसे पूछिए मैंने क्या किया है 3 महीने में मैं बताऊंगा दिल्ली से कहीं बड़ा प्रदेश है पंजाब और केरल, वहां पर सरकारें मोर्चा संभाले हुए हैं आप दिल्ली के सीएम हैं दो से ढाई करोड़ जनता की जिम्मेदारी आपकी है कम से कम सच बोलिए सच्ची नियत से आगे आइए हम मिलकर काम करेंगे एमपी एमएलए को बेड मिल जाएगा, आम आदमी को भटना पड़ेगा चुनावों में सबकुछ फ्री बांट दिया तो अब कहां से फंड आएगा आपने दिल्ली की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया जो दुर्भाग्यपूर्ण है
नई दिल्ली दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल पर कोरोना उपचार के दौरान लापरवाही के कई आरोप लगे हैं। इस पर दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अब तक इस अस्पताल से 2100 से ज्यादा कोरोना मरीज स्वस्थ्य होकर अपने घर जा चुके हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कहा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) एक स्वतंत्र संस्था है। एनएचआरसी की टीम ने गुरुवार को एनएलजेपी अस्पताल का दौरा भी किया था। टीम अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए की गई व्यवस्थाओं को लेकर संतुष्ट दिखी थी। हम सुप्रीम कोर्ट को इस रिपोर्ट के बारे में अवगत कराएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने कहा, यह एक असाधारण स्थिति है और दिल्ली सरकार पहले दिन से ही बेहतर बुनियादी ढांचा स्थापित करने और सभी कोविड-19 रोगियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रही है। हमारे अस्पतालों के सारे फ्रंटलाइन वकर्स, यानी डॉक्टर्स और नर्सिग स्टाफ, लोगों की सेवा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। मरीजों की सेवा के प्रति समर्पित अस्पताल में तैनात कई डॉक्टर पिछले 2 महीने से अपने घर भी नहीं गए हैं। एलएनजेपी अस्पताल दिल्ली में कोविड-19 का सबसे बड़ा अस्पताल है। मरीजों के इलाज के लिए वर्तमान में इस अस्पताल में 2 हजार बेड्स कोविड समर्पित किया गया है। केंद्र सरकार के अस्पतालों और दिल्ली के दूसरे अस्पतालों में इलाज कराने आ रहे कोविड मरीजों को भी जरूरत पड़ने पर एलएनजेपी अस्पताल में रेफर किया जाता है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों के विषय में कहा, हम सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों को अत्यंत सम्मान के साथ और पूरी ईमानदारी के साथ स्वीकार करते हैं। दिल्ली सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने और कोविड-19 रोगियों को हर संभव इलाज सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। इसके बावजूद भी अगर अस्पताल में कोई भी कमी हमारे सामने आती है, तो हम उन पर तुरंत कार्रवाई करेंगे।
नई दिल्ली दिल्ली में कोरोना वायरस से स्थिति बदहाल हो चुकी है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी भी हमलावर हो चुकी है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली के अस्पतालों का बुरा हाल है, मरीजों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव हो रहा है। बीजेपी का हमला संबित पात्रा ने कहा, ' ये वक्त राजनीति करने का नहीं बल्कि हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए दिल्ली के हालात सुधारने का है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों के हालात इतने बुरे हैं कि वहां लाशों के ढेर पर लोगों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सवाल को लेते हुए कहा, 'मीडिया रिपोर्ट्स ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की पोल खोलकर रख दी है। कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों की लाशें गटर पर मिल रही हैं। मनोज तिवारी ने साधा निशाना दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी सरकार पर हमला बोला है। मनोज तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'अस्पतालों की दुर्दशा देख अब दिल्ली सरकार को याद आई है कि कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन का इंतजाम होना चाहिए। ग़ैरज़िम्मेदार अरविंद केजरीवाल सरकार अब ख़रीदने के लिए आर्डर जारी कर रही है। COVID19 से लड़ने की जगह सोती रही AAP सरकार , जनता की ज़िंदगी ख़तरे में डाल दी है। टेस्टिंग को लेकर पात्रा का सवाल पात्रा ने टेस्टिंग को लेकर भी सरकार को घेरा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया था कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा दिल्ली में टेस्टिंग क्यों कम की जा रही है। इसी बात पर पात्रा ने कहा कि दिल्ली में पांच हजार से भी कम टेस्टिंग हर रोज की जा रही हैं जबकि बाकी प्रदेशों में हर दिन 10 से 15 हजार टेस्टिंग हो रही हैं। पात्रा ने कहा कि इस वक्त दिल्ली के हालात नाजुक हैं और सरकार को राजनीति छोड़कर व्यवस्थाओ पर ध्यान देना चाहिए। सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली सरकार से सख्त टिप्पणी की हैं। कोर्ट ने कोरोना मामले पर स्वत संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को जवाब तलब किया है। कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके शव के रखरखाव के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि दिल्ली में और उनके अस्पतालों में बहुत बुरा हाल है। होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। अस्पताल डेड बॉडी का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रही है। दिल्ली की स्थिति भयावह डरावनी- SC सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार जिस तरह से मरीजनों का अस्पतालों में इलाज कर रही है और जिस तरह से डेड बॉडी के साथ व्यवहार हो रहा है उस पर फटकार लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में जो स्थिति है वह भयानक व डरावनी है। अदालत ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि अस्पतालों में हर जगह बॉडी फैली हुई है और लोगों का वहां इलाज चल रहा है। अदालत ने कहा कि दिल्ली में 2000 बेड खाली हैं लेकिन मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। अदालत ने उन विडियो का जिक्र किया जिसमें मरीज रो रहे हैं और कोई उन्हें देखने वाला नहीं है। अदालत ने कहा कि ये बहुत ही दुखदाई स्थिति है। अदालत ने कहा कि ये सवाल है कि दिल्ली सरकार कोरोना टेस्ट को कम कर रही है। अदालत ने कहा कि क्या सरकार बनावटी फिगर चाहती है। कैसे टेस्ट को कम किया गया? राज्य की ड्यूटी है कि वह टेस्टिंग को बढ़ाए।
नई दिल्ली दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट ने भी राजधानी के हालात पर चिंता जताई है। इसके मद्देनजर दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने शहर में कोरोना से निपटने के लिए आज एक उच्च स्तरीय समिति गठित की। इसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव को भी शामिल किया गया है। यह समिति कोरोना से कारगर तरीके से निपटने के लिए सुझाव देगी। ें बैजल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष हैं। सूत्रों के मुताबिक छह सदस्यीय समिति में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दो सदस्य और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं। केजरीवाल की शाह से मुलाकात दो दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और दोनों नेताओं ने दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति पर व्यावक चर्चा की थी। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34,867 पहुंच चुकी है। गुरुवार को राजधानी में रेकॉर्ड 1877 नए मामले सामने आए। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन का कहना है कि यह जंग जैसे हालात हैं और दिल्ली सरकार कोरोना मरीजों के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। सूत्र ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति डीडीएमए को कोविड-19 से निपटने के लिए सुझाव देगी। इनमें विभिन्न एजेंसियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बीच तालमेल के सुझाव भी शामिल हैं। इससे कोरोना संकट से निपटने के लिए एक व्यावहारिक रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। केजरीवाल ने हाल ही दावा किया था कि अगर अन्य राज्यों के लोग इलाज के लिए दिल्ली आए तो दिल्ली को 31 जुलाई तक 1.5 लाख बेड्स की जरूरत होगी। स्टेडियमों को कोविड-19 फैसलिटी में बदलने का सुझाव उपराज्यपाल द्वारा गठित एक अन्य पैनल ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रगति मैदान, तालकटोरा इंडोर स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अस्थाई कोविड-19 फैसलिटी बनाने का सुझाव दिया है। समिति ने साथ ही त्यागराज स्टेडियम और ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम को भी इसके लिए इस्तेमाल करने की सिफारिश की है। दिल्ली में हर रोज हजार की तादाद में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली मे स्वास्थ्य सेवाओं के भी हालात ठीक नहीं है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चेन्नई और मुंबई की तुलना में दिल्ली में जांच क्यों कम की जा रही है। दिल्ली सरकार को फटकार कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके शव के रखरखाव के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि दिल्ली में और उनके अस्पतालों में बहुत बुरा हाल है। होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। अस्पताल डेड बॉडी का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रही है।
नई दिल्ली देश में कोरोना वायरस के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं और हाल फिलहाल इसमें कमी आने की संभावना नहीं है। भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख के करीब पहुंच चुकी है और आने वाले दिनों में इसके और विकराल होने की आशंका है। विशेषज्ञों के मुताबिक जुलाई के मध्य में या अगस्त की शुरुआत में देश में देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या चरम पर पहुंच सकती है। अभी से देश में कई राज्य सरकारों की स्वास्थ्य व्यवस्था का दम फूलने लगा है। जब देश में कोरोना के मामले पीक पर होंगे तो क्या स्थिति होगी। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के वाइस चैयरमैन डॉ. एसपी बायोत्रा के मुताबिक कोरोना की कर्व हाल-फिलहाल फ्लैट होती नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा, ‘जुलाई के मध्य में या अगस्त में देश में कोरोना के मामले पीक पर पहुंच सकते हैं। मुझे नहीं लगता है कि अगले साल की पहली तिमाही से पहले वैक्सीन आएगी।’ रोज करीब 10 हजार मामले देश में अब रोजाना कोरोना के करीब 10 हजार नए मामले आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक आज सुबह 8 बजे तक देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 10956 नए मामले सामने आए। देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 297535 पहुंच चुकी है। अच्छी बात यह है कि इनमें से 147195 लोग इस महामारी से उबर चुके हैं। कोरोना से देश में 8498 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में अब अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद चौथे स्थान पर पहुंच चुका है। विकराल हो सकती है स्थिति अगर देश में कोरोना के मामले इसी रफ्तार से बढ़े तो भयावह स्थिति हो सकती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि 31 जुलाई तक शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5.5 लाख तक पहुंच सकती है। सोचिए अगर दिल्ली में ही इतने मरीज होंगे तो देश का क्या स्थिति होगी। अभी दिल्ली देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों की सूची में तीसरे स्थान पर है। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34687 है जिनमें से 1085 की मौत हो चुकी है। राजधानी में 12731 लोग कोरोना से उबर चुके हैं। चरमराने लगी है स्वास्थ्य व्यवस्था इतने ही मामलों में दिल्ली सरकार के हाथपैर फूलने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि दिल्ली में कोरोना मरीजों की हालत जानवरों से भी बदतर है। लेकिन इसके पीछे की डरावनी जमीनी हकीकत दिल्लीवाले पिछले कई दिनों से देख रहे हैं। हॉस्पिटलों में बेड नहीं है, मरीज जहां-तहां पड़े हैं। कोई कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट्स पर सवाल उठा रहा है, कोई हॉस्पिटल पर राजनीति करने का आरोप लगा रहा है तो कहीं मौत के आंकड़े पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बीच आम दिल्लीवाला परेशान है कि आखिर वो कहां जाए। सवाल यह है कि जब कोरोना के मामले पीक पर होंगे तो मरीजों की क्या स्थिति होगी।
नई दिल्ली, 11 जून 2020,देश की राजधानी में अस्पतालों में उपलब्ध बेड्स और दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप में दिखाई गई बेड्स की संख्या में बड़ा गैप दिखाने के बाद इंडिया टुडे ने और गहराई से जाकर जांच की तो पाया कि प्राइवेट अस्पताल जो कोविड इलाज के लिए निर्धारित किए गए हैं, वहां महामारी से निपटने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर ही मौजूद नहीं हैं. इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) ने जिन प्राइवेट अस्पतालों की जांच की वहां न आइसोलेशन वार्ड दिखे, न बेड, न उपकरण, यहां तक कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए स्टाफ भी तैयार नजर नहीं आया. न बेड, न वार्ड दिल्ली के वसुंधरा एन्क्लेव में धर्मशाला नारायणा अस्पताल की मैनेजर ममता से SIT के एक अंडरकवर रिपोर्टर ने कोविड मरीज के तीमारदार के तौर पर बात की. ममता- ‘हमारे पास बेड्स नहीं है. सर.’ रिपोर्टर- ‘लेकिन ये (ऐप) 30 दिखा रहा है, मैडम.’ ममता- ‘सर, ऐप में 30 दिख रहे हैं, लेकिन हमारे पास बेड्स तैयार नहीं हैं. हमने सरकार को सूचित किया है कि हमारे पास बेड्स नहीं हैं. हमारे पास वार्ड्स नहीं हैं. हमारे पास सिर्फ 10 बेड्स और 11 मरीज हैं.’ ममता ने कबूल किया- ‘पहली बात बेड्स ही नहीं हैं. उन्होंने फिर भी गिनती दिखा दी. अनुपात (कोरोना वायरस मरीजों के बेड्स का) तभी उपलब्ध कराया जा सकता है अगर वो फिजीकली उपलब्ध हों.’ इलाज को तैयार नहीं स्टाफ पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में जीवन अनमोल अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. नीरा सोढ़ी ने कबूल किया कि उनका स्टाफ कोविड मरीजों को अस्पताल में लेने के लिए तैयार नहीं है. रिपोर्टर: ‘क्या आप एडमिशन ले रही हैं?’ डॉ. सोढ़ी- ‘फिलहाल नहीं, मेरे पास स्टाफ नहीं है.’ डॉ. सोढ़ी ने साफ किया कि ‘एडमिशन तभी हो सकते हैं जब आपके पास स्टाफ हो, हमारे पास अभी तक स्टाफ नहीं है.’ डॉ. सोढ़ी ने कहा, ‘सरकार ने हमसे ऐसा करने के लिए कहा. हम सहमत हो गए. हमने जगह उपलब्ध कराई. लेकिन मेरा स्टाफ मना कर रहा है. अगर उनसे कहा जाए तो वो जॉब छोड़ देंगे. मैं क्या कर सकती हूं.’ क्रिटिकल केयर इक्विपमेंट मौजूद नहीं दिल्ली के यमुना विहार में पंचशील अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉ. रियाज ने माना कि उनके यहां वेंटिलेटर्स नहीं हैं, जिनकी गंभीर मरीजों को जरूरत पड़ सकती है. डॉ रियाज- ‘सर, हम कोविड मरीज नहीं भर्ती कर रहे. उन्हें वेंटिलेटर्स की जरूरत होगी लेकिन हमारे पास वेटिलेटर्स की सुविधा नहीं है.’ ऐप पर बेतरतीब लिस्टिंग दिल्ली के सबसे पुराने प्राइवेट अस्पताल ‘सेंट स्टीफंस’ में रजिस्ट्रेशन की ड्यूटी संभाल रहे शख्स ने कबूल किया कि अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है. रिपोर्टर- ‘दिल्ली सरकार का ऐप दिखा रहा है कि यह (सेंट स्टीफंस) भरा हुआ नहीं है.’ अस्पताल स्टाफ- ‘अगर पैसा आता है तो हम क्यों मना करेंगे? लेकिन आप एक हफ्ते में बेड तैयार नहीं कर सकते. इतने बेड उनके (थोड़े) टाइम फ्रेम में नहीं बन सकते. चीजों को अलग करना होगा. सब कुछ अलग करना होगा. उन्होंने सिर्फ़ क्षमता का जिक्र किया है जो हम बना सकते हैं.’ पिछले हफ्ते इंडिया टुडे ने प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के रियलिटी चेक में दिखाया था कि मरीजों को बेड के लिए मना किया जा रहा है जबकि दिल्ली सरकार का कोरोना ऐप कुछ और दिखा रहा था. सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने आरोप लगाए कि उन्हें अस्पताल पहुंचने पर एडमिशन नहीं दिया गया. रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कुछ अस्पताल ‘गड़बड़ कर रहे’ हैं और अगर एक भी मरीज को भर्ती किए बिना लौटाया गया तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने शनिवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, ‘हम ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. वो मरीजों को मना नहीं कर सकते. जो माफिया इसमें शामिल है उसे ब्रेक करने में कुछ वक्त लगेगा. इन थोड़े अस्पतालों के राजनीतिक कनेक्शन हैं लेकिन वो किसी भ्रम में न रहें कि उनके राजनीतिक आका उन्हें बचा लेंगे.’
नई दिल्ली, 11 जून 2020,देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का विस्फोट जारी है. पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 1877 नए मामले सामने आए हैं. ये अब तक का सबसे बड़ा उछाल है. इस दौरान 65 लोगों की मौत भी हुई है. इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना से मौत का रिकॉर्ड भी टूट गया. दिल्ली में कोरोना से एक दिन में ये सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. दिल्ली में मौत का आंकड़ा 1000 के पार हो गया है. राजधानी में कोरोना से अब तक 1085 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 34687 हो गई है. दिल्ली में कोरोना के 20871 एक्टिव केस हैं. इससे पहले बुधवार को दिल्ली में कोरोना के कुल 1366 नए मामले सामने आए थे और 7 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, देश में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा 2 लाख 86 हजार को पार कर गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल मरीजों की संख्या 2 लाख 86 हजार 579 है, जिसमें 8 हजार 102 लोगों की मौत हो चुकी है. दिल्ली और मुंबई में कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है. उधर, दिल्ली में मौतों को लेकर भी सियासत तेज हो गई है. साउथ एमसीडी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली में मौतें इतनी ज्यादा हो रही हैं कि हमारे श्मशानघाट फुल हो गए हैं. इसलिए हमने दो और श्मशानघाट तैयार किए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में 2000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
नई दिल्ली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोविड-19 बीमारी नहीं हुई है। उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है। उन्होंने मंगलवार सुबह अपना कोरोना टेस्ट के लिए अपना सैंपल दिया था। अब सैंपल की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। केजरीवाल कोविड-19 महामारी के कुछ लक्षण आने के बाद रविवार से ही आइसोलेशन में थे। सिसोदिया ने दी थी जानकारी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत ठीक नहीं है। उन्हें बुखार है और गले में खरास है, इसीलिए मुख्यमंत्री ने खुद को आइसोलेट कर लिया। वह कोई बैठक भी नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वयं को पहले ही सभी सरकारी कार्यक्रमों एवं बैठकों से अलग कर चुके हैं। सोमवार को उन्होंने किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं की। मुख्यमंत्री ने स्वयं को अपने आवास के अंदर आइसोलेशन में रखा था। सीएम की गैर-मौजूदगी में हुई अहम बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री की गैर-मौजूदगी में ही स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट की एक अहम बैठक हुई। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि केंद्र के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि दिल्ली में सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है। वहीं ऐसा आकलन है कि 31 जुलाई तक संक्रमण के मामले बढ़कर 5.5 लाख तक पहुंच सकते हैं। बुखार के बाद सारे कार्यक्रम रद्द दिल्ली सरकार के अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले रविवार सुबह मुख्यमंत्री ने एक कैबिनेट मीटिंग की थी। इस बैठक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सहित कई मंत्रियों ने हिस्सा लिया था। बैठक में मुख्य सचिव विजय देव भी मौजूद थे। हालांकि बुखार आने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे मामले बहरहाल, दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव लोगों की कुल संख्या 29,943 हो गई। इनमें से 11,357 कोरोना रोगी अभी तक स्वस्थ हो चुके हैं। 17,712 एक्टिव कोरोना रोगी अभी भी दिल्ली में अपना उपचार करा रहे हैं। वहीं अभी तक कोरोना से दिल्ली से दिल्ली में 874 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
नई दिल्ली, 09 जून 2020,देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच एक बयान ने हलचल तेज़ कर दी है. मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ऐलान किया कि दिल्ली में अब कम्युनिटी स्प्रेड जैसी स्थिति है, इस बात को एम्स के डायरेक्टर ने मान लिया है. लेकिन केंद्र सरकार इसका ऐलान करेगी. अब इस बयान के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, क्या दिल्ली में कोरोना की स्थिति बेकाबू हो गई है. और ये कम्युनिटी स्प्रेड क्या है, क्योंकि अगर स्थिति बिगड़ी तो एक बार फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति सामने आ सकती है. क्या होता है कम्युनिटी स्प्रेड? - किसी भी बीमारी या महामारी का कम्युनिटी स्प्रेड यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है, जब किसी संक्रमित व्यक्ति के सोर्स का कोई आधार ना हो. - यानी आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं जिसे कोरोना वायरस था, लेकिन इसके बावजूद आप भी इससे पीड़ित हो गए हैं. - जब किसी इलाके में अधिक संख्या में मामले आ जाएं और लगातार ये संख्या फैलती जाए तो उसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन कह सकते हैं. - उदाहरण के तौर पर अभी आधिकारिक तौर पर अमेरिका में कोरोना वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड है, क्योंकि वहां बीस लाख से अधिक मामले आ चुके हैं जिसमें से अधिकतर में कोई लक्षण ही नहीं है. - ऐसे मामले में किसी व्यक्ति को पता भी नहीं चलता है कि वो कोरोना वायरस से पीड़ित हो गया है, लेकिन टेस्टिंग सच उजागर करती है. - विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ये कोरोना वायरस की तीसरी स्टेज है. यानी पहली स्टेज जब कोई संक्रमित व्यक्ति आपके क्षेत्र में आता है. दूसरी स्टेज उस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोग कोरोना वायरस से पीड़ित हो जाएं. और तीसरी स्टेज तब जब किसी भी सोर्स के बिना कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो जाए. मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने माना है कि दिल्ली में ऐसे कई मामले हैं, जिनका कोई सोर्स नहीं है यानी वो कोरोना पीड़ित कैसे हुए ये पता ही नहीं चल रहा है. ऐसे में दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड का डर बताया जा रहा है. क्या फिर लौटेगी लॉकडाउन की सख्ती? दिल्ली सरकार का कहना है कि कम्युनिटी स्प्रेड पर फैसला केंद्र सरकार ही कर सकती है. लेकिन अगर केंद्र ऐसा ऐलान करती है तो क्या होगा. एक्सपर्ट्स का कहना है फिर एक बार फिर सख्ती से लॉकडाउन लगाना होगा, क्योंकि आप इसे अधिक फैलाना नहीं चाहेंगे. ऐसी स्थिति में तेजी से दोगुनी या उससे भी अधिक संख्या में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा, ताकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान की जा सके और तुरंत इलाज किया जाए. दिल्ली के स्वास्थ्य सिस्टम को लेकर जैसे सवाल खड़े हो रहे हैं, ऐसे में इस तरह की स्थिति दिल्ली के लिए भयावह हो सकती है.
नई दिल्ली, 09 जून 2020, दिल्ली में एक तरफ कोरोना की स्थिति हाथ से निकलती नजर आ रही है तो दूसरी तरफ दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार पैदा हो गई है. दिल्ली में बढ़ते कोरोना मरीजों के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल सरकार ने अस्पतालों को दिल्लवासियों के लिये रिजर्व रखने का फैसला लिया था, लेकिन उपराज्यपाल ने इस फैसले को पलट दिया है. इस पूरे घटनाक्रम के बीच कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड की गुगली फेंक दी गई है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली में स्प्रेड बहुत बढ़ रहा है, ऐसे में अगर बाहर के लोग भी यहां आने लगेंगे तो व्यवस्था करना मुश्किल हो जायेगा. उन्होंने इस स्प्रेड को कम्युनिटी स्प्रेड बताने के लिये एम्स डायरेक्टर के बयान का हवाला दिया. एलजी के साथ मीटिंग में भी उठा मुद्दा इन तमाम मसलों पर मंगलवार को उपराज्यपाल के साथ दिल्ली सरकार की बैठक भी हुई है. अरविंद केजरीवाल के आइसोलेशन में होने चलते डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बैठक में शिरकत की. मनीष सिसोदिया ने बैठक में कहा कि अगले कुछ दिन में अगर केस ज्यादा आने लगे और बाहर से भी लोग आने लगे तो बेड कहां से आयेंगे. सिसोदिया ने बताया कि हमने मीटिंग में एलजी साहब से आदेश पर पुनर्विचार करने के लिये कहा है. वहीं, कम्युनिटी स्प्रेड का मुद्दा भी बैठक में उठा. मनीष सिसोदिया ने बताया कि भारत सरकार के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में अभी कम्युनिटी स्प्रेड नहीं है, इसलिये उस पर चर्चा की जरूरत नहीं है. हालांकि, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री इसे टेक्निकलिटी का नाम देकर अब भी स्प्रेड पर फोकस कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया के साथ मौजूद सत्येंद्र जैन ने कहा, 'हम कह सकते हैं कि स्प्रेड है और कोरोना केस बढ़ रहे हैं, लेकिन इसे कम्युनिटी स्प्रेड कहना है या नहीं इस पर केंद्र सरकार को फैसला लेना है.' सत्येंद्र जैन ने एम्स डायरेक्टर के बयान भी हवाला दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर लोग सब जगह से आने लगेंगे तो हमें इंतजाम करने में दिक्कत आएगी. यानी दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हमने खतरे को देखते हुये दिल्लीवालों के लिये अस्पताल रिजर्व रखे थे ताकि लेकिन एलजी ने ये फैसला बदल दिया है. साथ ही टेक्निकलिटी का जिक्र करते हुये दिल्ली सरकार ने व्यापक स्प्रेड की बात भी बोल दी है. यानी दिल्ली सरकार का कहना ये है कि जब कोरोना इतने पैमाने पर बढ़ रहा है और दिल्ली में ज्यादा खतरा है, फिर अस्पतालों को रिजर्व न रखने का फैसला सही नहीं है और जब मरीज ज्यादा संख्या में आ जायेंगे तो इंतजाम कैसे होगा. मनीष सिसोदिया ने साफ कहा है कि एलजी के फैसले से दिल्लीवालों के सामने संकट खड़ा हो गया है. जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है, उससे लगता है कि 30 जून तक 15 हजार बेड की जरूरत होगी और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत होगी. 31 जुलाई तक 5 लाख से अधिक केस हो सकते हैं. अभी दिल्ली सरकार के मुताबिक, साढ़े आठ से नौ हजार बेड उपलब्ध हैं और अगले 15 दिन में 15 से 17 हजार बेड की व्यवस्था होने का टारगेट सरकार का है. लेकिन जितनी तेजी से कोरोना के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, वैसे में बेड को लेकर बवाल हो सकता है.
नई दिल्ली, 09 जून 2020, कोरोना काल में दिल्ली की 'बेड' व्यवस्था ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों के इलाज का फरमान जारी किया तो 24 घंटे के अंदर ही उपराज्यपाल ने आदेश पलट दिया. अब हालात ये हैं कि दिल्ली में बढ़ते कोरोना के बीच लड़ाई सरकार बनाम उपराज्यपाल की हो गई है. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन की हैसियत से सीएम के फैसले पर वीटो लगाया है. नए आदेश के मुताबिक दिल्ली के अस्पतालों में सभी लोगों का इलाज होगा यानी बाहर से आने वाले भी जगह खाली होने पर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे. इधर उपराज्यपाल ने फैसला बदला उधर दिल्ली सरकार खफा हुई. सीएम केजरीवाल ने तुरंत ट्वीट कर इसे दिल्ली वालों के लिए नई मुसीबत बता दिया. केजरीवाल ने लिखा, ''एलजी साहब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है. देशभर से आने वाले लोगों के लिए करोना महामारी के दौरान इलाज का इंतज़ाम करना बड़ी चुनौती है. शायद भगवान की मर्ज़ी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें. हम सबके इलाज का इंतज़ाम करने की कोशिश करेंगे.' अब कैसे होगा इंतजाम? एलजी के फैसला पलटने के बाद अब केजरीवाल इंतजाम की बात कर रहे हैं. हालांकि, 7 जून को उन्होंने जब यह आदेश जारी किया था तब उनकी दलील ये थी जून के अंत तक 15 हजार कोरोना के मरीजों के लिए बेड की जरूरत होगी. दिल्ली के अस्पतालों में 60 से 70 फीसदी लोग दिल्ली के बाहर के थे. ऐसे में बाहरी लोगों को अगर इलाज कराने की इजाजत दी गयी तो तीन दिन के अंदर बेड भर जाएंगे. इन तमाम मसलों पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र ने आजतक को बताया कि पिछले कई दिनों से रोजाना 1000 से ज्यादा मामले आ रहे हैं, तो दिल्ली के लोगों को इलाज कराने के लिए जगह की आवश्यकता है और दूसरा अगर देखें तो आसपास के राज्य कह रहे हैं कि उनके यहां कोरोना है ही नहीं. जब वह कह ही नहीं रहे हैं कि करोना है तो कोई मुद्दा ही नहीं है. इसके अलावा सत्येंद्र जैन ने बेड को लेकर भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भी 14 से 15 दिन के अंदर मामले डबल हो रहे हैं, तो इस हिसाब से अगले 14 से 15 दिन में दिल्ली में करीब 56,000 मामले हो जाएंगे. अभी हमारे पास साढ़े आठ से नौ हजार बेड हैं लेकिन हमारा लक्ष्य है कि अगले 15 दिन में 15 से 17 हजार बेड की व्यवस्था हो जाए. सरकार अब भले ही बेड के दावे कर रही है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि एक तरफ जहां दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से बढ़ रहा है, खुद सीएम केजरीवाल का कोरोना टेस्ट रहा है, ऐसे में दिल्ली सरकार बेड की व्यवस्था को किस हद तक नियंत्रित कर पायेगी.
है नई दिल्ली कोरोना वायरस की चपेट में बुरी तरह आ चुकी दिल्ली (corona in delhi) की भविष्य की तस्वीर और भयानक होनेवाली है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (manish sisodia on corona in delhi) के मुताबिक, दिल्ली में 31 जुलाई तक साढ़े पांच लाख केस हो सकते हैं। फिलहाल दिल्ली में 12.6 दिन में कोरोना केस डबल हो रहे हैं। सिसोदिया ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार मानती है फिलहाल दिल्ली में कम्यूनिटी स्प्रेड (community transmission in delhi) नहीं हो रहा है। जबकि दिल्ली सरकार को लगता है कि ऐसा शुरू हो चुका है। सिसोदिया ने यह बात एसडीएमए (स्टेट डिजॉस्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) की बैठक के बाद कही। इसमें उपराज्यपाल अनिल बैजल भी शामिल थे। 12-13 दिन है डबलिंग रेट दिल्ली सरकार की तरफ से मनीष सिसोदिया ने बताया कि फिलहाल 12 से 13 दिन के अंदर कोरोना केस दोगुने हो रहे हैं। इसे देखते हुए तैयारी तेज करनी होगी। बेड पड़ेंगे कम, उपराज्यपाल ने फैसले पर पुनर्विचार से किया इनकार मनीष सिसोदिया ने कहा कि 15 जून तक दिल्ली में कोरोना के कुल केस 44 हजार तक पहुंच सकते हैं। आंकड़ा 30 जून तक बढ़कर एक लाख तक पहुंच सकता है। वहीं 15 जुलाई तक कोरोना केस सवा लेख होंगे और 31 जुलाई तक मरीजों की संख्या साढ़े 5 लाख तक पहुंच सकती है। उस वक्त इलाज के लिए 80 हजार बेड की जरूरत होगी। मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने जो दिल्ली में सिर्फ दिल्ली के लोगों के इलाज का फैसला लिया था उसका पलटा जाना ठीक नहीं है, इससे दिल्लीवालों के लिए संकट पैदा हो गया है। सिसोदिया ने कहा कि मीटिंग में उपराज्यपाल अनिल बैजल से इसपर फिर से विचार करने को कहा गया लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। केंद्र सरकार ने कहा कम्यूनिटी स्प्रेड नहीं है: सिसोदिया दिल्ली में जिस स्पीड से केस बढ़ रहे हैं उससे कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा लग रहा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने साफ तौर पर कहा भी कि दिल्ली में कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है। लेकिन फिलहाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने आज की बैठक में इसे मानने से इनकार कर दिया। मीटिंग के बाद भी जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार साफ कह रही है कि कम्यूनिटी स्प्रेड है लेकिन इसे घोषित करने का अधिकार केंद्र सरकार के ही पास है।
नई दिल्ली राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के केस 30 हजार तक पहुंच चुके हैं। इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तो साफ तौर पर कह दिया है कि यह कम्यूनिटी स्प्रेड (corona community transmission in delhi) है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसे माना तब ही जाएगा जब केंद्र सरकार इसे घोषित करेगी। त्येंद्र जैन का यह बयान उपराज्यपाल की बैठक से ठीक पहले आया है। इस बैठक में सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं। इस बैठक में दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा होनी है, मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आंकड़ों की स्टडी के बाद तय किया जाएगा कि कम्यूनिटी स्प्रेड है या नहीं। दूसरी तरफ मीडिया से बात करते वक्त सत्येंद्र जैन ने इसकी तरफ साफ इशारा कर दिया। जैन ने कहा, 'एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कम्यूनिटी स्प्रेड है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका सोर्स नहीं पता। अब केंद्र सरकार मानेगी तब ही होगा। दिल्ली में ऐसे कई केस हैं, लगभग आधे केस ऐसे हैं जिनका सोर्स नहीं पता।' उपराज्यपाल के फैसले पर भी बोले सत्येंद्र जैन ने कहा कि कल रात से बहुत सारे फोन हमें आ रहे हैं और वह लोग पूछ रहे हैं कि दिल्ली वालों का इलाज कहां पर होगा। पूरे देश में दुनिया भर से जो फ्लाइट आई थी दिल्ली और मुंबई दो जगह आई थी और यह बीमारी हिंदुस्तान में नहीं थी हिंदुस्तान में बाहर से आई थी। जब फ्लाइट आईं तो उसके बाद आज मुंबई में 50000 मामले हैं और दिल्ली में लगभग 30000 मामले हैं। 10 दिन में 50 हजार हो जाएंगे केस सत्येंद्र जैन बोले कि दिल्ली में इलाज की जिम्मेदारी हमारी है। हम लोग मुंबई से 10 दिन पीछे हैं और उसी अनुपात में दिल्ली में संख्या बढ़ रही है। ऐसी आशंका है कि दिल्ली में हम अगले 10 दिन में 50000 पर पहुंच जाएंगे। इसलिए हमें एक्स्ट्रा बेड चाहिए।
नई दिल्ली राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच डरानेवाली बात यह है कि टेस्ट होने पर ज्यादातर लोग कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं यानी दिल्ली में यह बुरी तरह फैल चुका है। सोमवार की बात करें तो कुल टेस्ट में से 27 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसी के साथ दिल्ली में कोरोना के मामले 30 हजार के करीब पहुंच चुके हैं। आज एलजी अनिल बैजल ने इसपर बैठक बुलाई है। अरविंद केजरीवाल की जगह मनीष सिसोदिया वहां मौजूद हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 3700 लोगों का कारोना टेस्ट हुआ, इसमें से 1007 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। यानी कुल टेस्टिंग के 27 प्रतिशत लोग संक्रमित थे। पिछले हफ्ते की बात करें तो पॉजिटिविटी रेट 26 प्रतिशत था। पॉजिटिविटी रेट से यहां मतलब प्रति 100 केसों पर कितने केस संक्रमित मिले उससे है। कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव लोगों की कुल संख्या 29,943 हो गई। इनमें से 11,357 कोरोना मरीज अभी तक स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं 17,712 केस एक्टिव हैं। दिल्ली में अब कोरोना वायरस का कम्युनिटी संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ने लगा है। मंगलवार को इसपर एक बैठक होनी है। इस बैठक को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था, 'दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना की स्थिति पर चर्चा करने के लिए एसडीएमए (स्टेट डिजॉस्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) की बैठक होनी है। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण चर्चा इस पर मुद्दे पर होनी है कि अभी दिल्ली में कोरोना का स्टेटस क्या है। क्या कोरोना सामुदायिक फैलाव के स्तर पर पहुंच गया है। इस बात पर चर्चा होगी कि अगर दिल्ली में कोरोना सामुदायिक फैलाव के स्तर पर पहुंच गया है, तो उससे लड़ने की रणनीति फिर क्या होगी। इसके लिए कल सभी डेटा के साथ कुछ विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। उन विशेषज्ञों के साथ चर्चा होनी है।' दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं और होने जा रही एसडीएमए की बैठक में अगर यह पाया जाता है कि कम्यूनिटी स्प्रेड हो रहा है, तो दिल्ली सरकार की पूरी रणनीति बदल जाएगी। 183 हुए हॉटस्पॉट्स दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से यहां कोरोना हॉटस्पॉट्स की संख्या भी बढ़ती जा रही है। दिल्ली में हॉटस्पॉट्स की संख्या बढ़कर 183 हो चुकी है। रविवार तक दिल्ली में हॉटस्पॉट्स की संख्या 169 थी।
नई दिल्ली दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने दिल्ली के अस्पतालों (Delhi Hospital) में केवल राजधानी के लोगों के इलाज को लेकर दिए केजरीवाल सरकार के फैसले को पलट दिया है। नए आदेशों के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति दिल्ली के अस्पतालों में इलाज करा सकता है। दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच दिल्ली कैबिनेट ने रविवार को फैसला लिया था कि दिल्ली सरकार के सरकारी और निजी अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज होगा, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा। हालांकि बैजल के फैसले के बाद अब दिल्ली में सभी का इलाज हो सकेगा। रविवार दोपहर दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया, जिसके बाद दिल्ली से बाहर के लोगों को राजधानी में इलाज करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता। फैसले के मुताबिक, दिल्ली में मौजूद दिल्ली सरकार के सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज (arvind kejriwal on corona Treatment) होना था। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल सभी के लिए खुले रहते। हालांकि अब यह फैसला उपराज्यपाल ने पलट दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आनेवाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। हालांकि केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा, जैसा अबतक होता भी आया है। हालांकि, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जो स्पेशल सर्जरी करते हैं जो कहीं और नहीं होती उनको करवाने देशभर से कोई भी दिल्ली आ सकता है, उसे रोक नहीं होगी। केजरी सरकार के इस फैसले को पलटने के साथ ही दिल्ली के LG ने राज्य सरकार के विभागों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 टेस्टिंग से संबंधित 18 मई को जारी ICMR की गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करें।
नई दिल्ली, 08 जून 2020,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब हो गई है. उन्हें खांसी और बुखार की शिकायत है, जिसके बाद कल उनको कोरोना वायरस टेस्ट करवाया जाएगा. सीएम की तबीयत को लेकर जैसे ही जानकारी आई उसके बाद से ही उनके स्वास्थ्य को लेकर कई नेताओं ने चिंता व्यक्त की है. दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता से लेकर पूर्व साथी कुमार विश्वास ने जल्द ठीक होने की कामना की है. दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के अस्वस्थ होने की जानकारी मिलने पर अभी फोन कर उनकी कुशलक्षेम पूछी, ईश्वर से प्रार्थना वह शीघ्र स्वस्थ हों. आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने भी ट्वीट कर लिखा कि अरविंद केजरीवाल, आप एक प्रेरक हैं और हीरो हैं. दिल्ली वालों की सेहत के लिए आपने अपने आप को रिस्क में डाला है. हम कामना करते हैं कि आप जल्द स्वस्थ हों. इनके अलावा कुमार विश्वास, तेजिंदर बग्गा समेत दिल्ली के कई नेताओं और देश के अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य के लिए चिंता व्यक्त की और जल्द ठीक होने की कामना की. बता दें कि सोमवार को ही ये खबर सामने आई की दिल्ली के मुख्यमंत्री को बीते दिन से ही कुछ दिक्कत आ रही है. जिसके बाद उन्होंने खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रख लिया है, साथ ही उनकी सभी बैठकें रद्द कर दी गई हैं. अब तय हुआ है कि मंगलवार को अरविंद केजरीवाल का कोरोना वायरस टेस्ट करवाया जाएगा.
नई दिल्‍ली कोरोना वायरस से जूझ रही दिल्‍ली के लिए एक और चिंताजनक खबर है। मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब हो गई है। उन्‍हें रविवार से हल्‍का बुखार और गले में खराश है। कोरोना वायरस के रिस्‍क को देखते हुए कल उनका टेस्‍ट कराया जाएगा। सोमवार की उनकी सारी मीटिंग्‍स कैंसिल कर दी गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केजरीवाल ने कल दिल्ली में कोरोना की स्थिति की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसके बाद उनकी तबीयत थोड़ी गड़बड़ हुई। ऐहतियातन उन्‍होंने खुद को होम आइसोलेशन में रखा है। AAP सरकार ने दिल्‍ली में एसिम्‍प्‍टोमेटिक और प्री-सिम्‍प्‍टोमेटिक केसेज के कोरोना टेस्‍ट पर रोक लगा रखी है। सिर्फ लक्षण वाले संदिग्‍धों का टेस्‍ट होता है। कॉन्‍टैक्‍ट्स को क्‍वारंटीन करने की कोशिश शुरू सौरभ भारद्वाज ने एक चैनल से बातचीत में केजरीवाल की तबीयत खराब होने की पुष्टि की। उन्‍होंने बताया कि पिछले कुछ दिन में सीएम के संपर्क में आने वालों लोगों ने सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। भारद्वाज ने कहा कि 'सीएम सेल्‍फ क्‍वारंटीन में हैं। कल सुबह टेस्‍ट के बाद पक्‍का पता जाएगा।' भारद्वाज ने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग्‍स तो दूर-दूर बैठकर होती थीं। सरकारी अधिकारियों को सावधानी बरतनी चाहिए। दिल्‍ली में कोरोना मामलों का विस्‍फोट देश की राजधानी में कोरोना वायरस मामलों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है। सोमवार सुबह तक दिल्‍ली में करीब 29 हजार मामले हो चुके थे। इनमें से 10,999 कोरोना मरीज अभी तक स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं 17,125 ऐक्टिव मरीज अभी भी इलाज करा रहे हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक, 12,213 कोरोना पेशंट्स को उनके घरों में ही आइसोलेशन में रहने को कहा गया है। यहां मरने वालों की संख्‍या 812 पहुंच चुकी है। दिल्ली में कोरोना हॉटस्पॉट्स की संख्या भी बढ़कर 169 हो चुकी है। 'दो हफ्ते में डबल हो जाएंगे केस' दिल्‍ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि अगले दो हफ्ते में राजधानी में कोरोना के केस डबल होकर 56 हजार तक पहुंच जाएंगे। इन सबके बीच, दिल्ली सरकार ने सोमवार से शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल और रेस्तरां खोलने का ऐलान किया है। लेकिन होटल और बैंक्विट हॉल अभी बंद रहेंगे। यह छूट अनलॉक-1 के तहत दी गई है। अस्‍पतालों में अब सिर्फ दिल्‍ली के मरीजों का इलाज रविवार को सीएम ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए ऐलान किया था कि दिल्‍ली के प्राइवेट अस्‍पतालों में अब सिर्फ यहीं के निवासियों का इलाज होगा। केजरीवाल ने बताया था कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आनेवाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा, जैसा अबतक होता भी आया है। हालांकि, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जो स्पेशल सर्जरी करते हैं जो कहीं और नहीं होती उनको करवाने देशभर से कोई भी दिल्ली आ सकता है, उसे रोक नहीं होगी। जून में दिल्‍ली को 1 हजार बेड की जरूरत रविवार को मुख्यमंत्री ने कहा था, 'हमें सुझाव मिले हैं कि अगर दिल्ली के सारे अस्पतालों को सबके लिए खोल दिए, तो अस्पतालों में उपलब्ध 9000 कोविड-19 बेड मात्र 3 दिन के अंदर भर जाएंगे।' दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई एक विशेष कमेटी ने जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत पड़ने की संभावना जताई है।
नई दिल्‍ली देश की राजधानी में सोमवार दोपहर फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्‍ली पिछले दो महीने से लगातार हल्‍के झटकों का शिकार हो रही है। इससे लोगों में पैनिक फैल रहा है। सोमवार दोपहर 2.1 तीव्रता का भूकंप आया जिसका केंद्र हरियाणा के गुरुग्राम में बताया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटकों की शुरुआत 12 अप्रैल (3.5 तीव्रता) से हुई। तब से अबतक अलग-अलग दिन 14 बार झटके लग चुके हैं। एक्‍सपर्ट्स कहते हैं कि इन्‍हें हल्‍के में नहीं लिया जाना चाहिए। ये किसी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं। गुरुग्राम में था भूकंप का केंद्र शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र दिल्‍ली से सटे गुरुग्राम के पश्चिम में जमीन से 18 किलोमीटर गहराई में था। दोपहर 1 बजे दिल्‍ली-एनसीआर में झटके महसूस किए गए। इससे पहले आए झटकों का केंद्र कभी दिल्‍ली, कभी फरीदाबाद, रोहतक रहा है। दिल्‍ली में कब-कब लगे झटके? तारीख तीव्रता केंद्र 12 अप्रैल 3.5 दिल्‍ली 13 अप्रैल 2.7 दिल्‍ली 16 अप्रैल 2 दिल्‍ली 3 मई 3 दिल्‍ली 6 मई 2.3 फरीदाबाद 10 मई 3.4 दिल्‍ली 15 मई 2.2 दिल्‍ली 28 मई 2.5 फरीदाबाद 29 मई 4.5 और 2.9 रोहतक 1 जून 1.8 और 3 रोहतक 3 जून 3.2 फरीदाबाद 8 जून 2.1 गुरुग्राम वैज्ञानिक दे रहे बड़े भूकंप की चेतावनी इंडियन इं‍स्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (IIT) के अलग-अलग एक्‍सपर्ट्स दिल्‍ली-एनसीआर में बड़ा भूकंप आने की चेतावनी दे चुके हैं। जानकार मानते हैं कि हल्‍के झटकों को चेतावनी की तरह देखा जाना चाहिए। IIT धनबाद के डिपार्टमेंट्स ऑफ अप्‍लाइड जियोफिजिक्‍स और सीस्‍मोलॉजी के मुताबिक, दिल्‍ली और एनसीआर में हाई इन्‍टेंसिटी का भूकंप आ सकता है। IIT कानपुर के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली-हरिद्वार रिज में खिंचाव के कारण आए दिन धरती हिल रही है। इस वजह से झटकों का दौर जारी रहेगा। नैशनल सेंटर ऑफ सीस्‍मोलॉजी (NCS) के पूर्व हेड एके शुक्ला कहते हैं कि छोटे भूंकप को चेतावनी के रूप में जरूर देखा जा सकता है। जोन 4 में आती है दिल्‍ली, भूकंप का खतरा हमेशा भूकंप के लिहाज से, भारत को चार अलग-अलग जोन में डिवाइड किया गया है। हाई इन्‍टेंसिटी जोन V से लो इन्‍टेंसिटी जोन II तक। दिल्ली-एनसीआर जोन IV में आता है, जिसे 'गंभीर' माना जाता है। राजधानी दिल्ली देश में सबसे अधिक भूकंप अनुभव करने वाले शहरों में से एक है। हिमालय पर्वत श्रृंखला से लगभग 280 से 350 किमी की दूरी पर स्थित दिल्ली हिमालय के सक्रिय मुख्य सीमा थ्रस्ट (MBT) से दूर नहीं है, जो कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक जाती है।
नई दिल्ली, 07 जून 2020,कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. देश में हर रोज कोरोना वायरस के नए मरीज सामने आ रहे हैं. अब कश्मीरी मूल की महिला आतंकी भी कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाई गई है. जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इस्लामिक स्टेट खुरासान मोड्यूल की कश्मीरी मूल की महिला आतंकी कोरोना वायरस से संक्रमित मिली है. महिला आतंकी फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कस्टडी में है. महिला को तिहाड़ जेल से एनआईए ने 29 मई को कस्टडी में लिया था. तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि एनआईए को कस्टडी देने से पहले कोर्ट के आदेश के मुताबिक 28 तारीख को हमने महिला का टेस्ट करवाया था. उस वक्त महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई थी. दरअसल, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कश्मीरी मूल की महिला और उसके पति को दिल्ली में आतंकी हमलों की साजिश और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) प्रोटेस्ट के नाम पर लोगों को भड़काने के आरोप में पकड़ा था. सूत्रों का कहना है कि एनआईए की कस्टडी में अभी पांच लोग हैं. जिनसे अलग-अलग मामलों में पूछताछ की जा रही है. जो महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई है, वह सीएए प्रोटेस्ट के नाम पर दंगा भड़काने की आरोपी है. सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि एनआईए के कंट्रोल रूम में दो एनआईए के कर्मचारियों को भी कोरोना संक्रमण हुआ है. जिसके चलते एनआईए के कंट्रोल रूम को सैनिटाइज भी किया जा रहा है. साथ ही एक दर्जन के आसपास लोगों को क्वारनटीन भी किया जाएगा. अस्पताल में भर्ती जानकारी के मुताबिक महिला को एनआईए 10 दिन की कस्टडी में लेकर गई थी, जो कि अब खत्म हो गई है. इसके लेकर तिहाड़ प्रशासन को भी सूचना दी गई. तिहाड़ प्रशासन ने महिला को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए कहा है. सूत्रों का कहना है कि महिला को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.
नई दिल्ली, 07 जून 2020, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना संक्रमण के फैलाव पर चिंता जताई है. डॉक्टर गुलेरिया का दावा है कि कोरोना वायरस का पीक पर आना अभी बाकी है. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं. कम्युनिटी ट्रांसफर पर एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि दिल्ली-मुंबई में कुछ इलाके हॉटस्पॉट हैं. उन्हीं इलाकों में हम कह सकते हैं कि लोकल ट्रांसमिशन हो रहा है. पूरे देश में ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है. देश के 10 से 12 ऐसे शहर हैं, जहां पर लोकल ट्रांसमिशन के चांसेज हैं और 70 से 80 फीसदी केस वहीं से आ रहे हैं. कोरोना वायरस से चलते देशव्यापी लॉकडाउन अब धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कहीं न कहीं फायदा हुआ है लेकिन केस एकदम से कम भी नहीं हुए हैं. ऐसे में गरीबों की मदद के लिए लॉकडाउन को खोलना भी कहीं न कहीं जायज है. डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि लॉकडाउन खुल रहा है तो हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. ऐसे में लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी होगा. माइल्ड पेशेंट्स घर पर हो रहे ठीक कोरोना मरीजों के लिए बेड और वेंटिलेटर्स की कमी पर उन्होंने कहा कि बेड और वेंटिलेटर्स का ख्याल रखते हुए हमें प्लानिंग चेंज करनी होगी. जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें घर पर रहना चाहिए, उन्हें एडमिट नहीं करना चाहिए. डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि हमने देखा है कि माइल्ड पेशेंट्स खुद ही ठीक हो जाते हैं. उन्हें ज्यादा ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि हमारे पास वीआईपी पेशेंट्स ही नहीं हैं. हम सबका ट्रीटमेंट कर रहे हैं. अगर किसी में कोई लक्षण नहीं है तो हम उसका कैसे टेस्ट कर सकते हैं. दिल्ली में मरीजों की हो देखभाल डॉक्टर गुलेरिया ने दिल्ली में केवल दिल्ली के मरीजों के इलाज पर कहा कि जो लोग बीमार हैं, वे सब लोग भारत के ही नागरिक हैं. जो एनसीआर में लोग हैं, अगर उन्हें बाहर के राज्यों में सुविधा नहीं मिल पा रही है, दिल्ली में मिल रही है तो हमें उनकी देखभाल करनी चाहिए. स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, वे नॉन कोविड-19 एरिया से आते हैं. इससे साबित हो रहा है कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं, वे इन्फेक्शन लेकर अस्पताल में आ रहे हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि जो लोग यात्रा कर रहे हैं वे अपनी जिम्मेदारी समझें. भारत में मृत्युदर बहुत कम है डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि हम दूसरे देशों से मुकाबला नहीं कर सकते हैं क्योंकि यूरोप के कई देशों को मिलाकर हमारी संख्या है. केस बढ़ेंगे तो लोगों की जान बचाना हमारे लिए ज्यादा जरूरी है.
नई दिल्ली, 07 जून 2020, दिल्ली बीजेपी का नया-नया जिम्मा संभालने वाले प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को पुलिस ने हिरासत में लिया है. आदेश गुप्ता लॉकडाउन के बीच राजघाट पर दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ी स्थिति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी के सभी विधायक भी मौजूद थे. पुलिस ने आदेश गुप्ता को हिरासत में ले लिया है और उन्हें राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन लेकर गई है. दिल्ली बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चरमरा गई है. लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है और वे इधर-उधर परेशान हो रहे हैं. दिल्ली बीजेपी इसी के खिलाफ रविवार को राजघाट पर प्रदर्शन कर रही थी. इस बीच पुलिस ने आदेश गुप्ता को हिरासत में ले लिया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पुलिस ने पार्टी के दूसरे नेताओं को भी हिरासत में लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी नेता केजरीवाल सरकार के उस फैसले के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सरकार के तहत आने वाले अस्पताल और प्राइवेट हॉस्पिटल में सिर्फ दिल्ली के मरीजों का इलाज कराने का फैसला किया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को ये फैसला लिया है. इसी के साथ सोमवार से दिल्ली के बॉर्डर एक बार फिर से खोल दिए जाएंगें. इस बीच दिल्ली में कोरोना पॉजिटव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. दिल्ली के कई लोगों ने अस्पताल में बेड न मिलने और इलाज न मिल पाने की शिकायत की है. दिल्ली में अबतक कोरोना वायरस से 761 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कुल 27654 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
नई दिल्ली राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस से बुरी तरह पस्त दिख रही है। इस बीच स्थिति और बिगड़ सकती है क्योंकि अब दिल्ली सरकार और मेडिकल स्टाफ आपने सामने आ गया है। दिल्ली सरकार की सख्ती के खिलाफ अब दिल्ली मेडिकल असोसिएशन ने आवाज उठाई है और उनके अलग-अलग कदमों का विरोध किया है। DMA का कहना है कि जिस तरह अरविंद केजरीवाल डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को धमका रहे हैं वह बर्दाशत नहीं किया जाएगा। सर गंगा राम हॉस्पिटल पर दर्ज FIR का भी विरोध किया गया है। दिल्ली मेडिकल असोसिएशन ने अपना विरोध जताते हुए कहा, 'हम दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा डॉक्टर्स को दी जा रही चेतावनी और हॉस्पिटलों को दी जा रही धमकी का विरोध करते हैं। सर गंगा राम हॉस्पिटल के खिलाफ दर्ज FIR का भी विरोध किया जाता है। यह पूरे मेडिकल स्टाफ को हतोत्साहित करने जैसा है।' गंगा राम अस्पताल पर क्यों हुई FIR दिल्ली सरकार ने सर गंगा राम अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत जारी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज कराया है। सेंट्रल जिले के राजेंद्र नगर थाने में आईपीसी की धारा 188 (सरकारी कर्मचारी के निर्देशों की अवमानना करने) में यह एफआईआर शुक्रवार शाम को दर्ज की गई। अस्पताल पर आरोप है कि उसने कोविड-19 के सैंपल लेते समय आरटी पीसीआर ऐप का इस्तेमाल नहीं किया, जबकि सरकार की तरफ से यह जरूरी बताया गया था।
नई दिल्ली कोरोना वायरस काल में दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली से बाहरवाले लोगों को दिल्ली में इलाज करवाने में दिक्कतों का सामना करना होगा। फैसले के मुताबिक, दिल्ली में मौजूद दिल्ली सरकार के सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज (arvind kejriwal on corona Treatment) होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल सभी के लिए खुले होंगे। केंद्र के हॉस्पिटलों में इलाज पर रोक नहीं दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया है। अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आनेवाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे एम्स, सफरदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में सभी लोगों का इलाज हो सकेगा, जैसा अबतक होता भी आया है। हालांकि, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल जो स्पेशल सर्जरी करते हैं जो कहीं और नहीं होती उनको करवाने देशभर से कोई भी दिल्ली आ सकता है, उसे रोक नहीं होगी। 60 से 70 प्रतिशत बाहर के लोग दिल्ली के हॉस्पिटलों में भर्ती रहे। लेकिन इस वक्त दिल्ली में समस्या है, कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे। ऐसी स्थिति में पूरे देश के लिए हॉस्पिटल खोल दिए तो दिल्ली के लोग कहां जाएंगे। केजरीवाल ने बताया कि पांच डॉक्टर्स की कमिटी बनाई गई थी जिन्होंने माना कि फिलहाल बाहर के मरीजों को रोकना होगा। केजरीवाल के मुताबिक, कमिटी ने कहा है कि दिल्ली को जून के अंत तक 15 हजार कोविड बेड चाहिए होंगे। फिलहाल दिल्ली के पास 9 हजार बेड हैं और अगर हॉस्पिटल सबके लिए खोल दिए तो ये 9 हजार तीन दिन में भर जाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि 7.5 लाख लोगों ने उन्हें सुझाव दिए, जिसमें से 90 प्रतिशत ने कहा कि फिलहाल कोरोना-कोरोना तक दिल्ली से हॉस्पिटल दिल्लीवालों के लिए होने चाहिए। दिल्ली में कल से क्या खुलेगा अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 8 जून दिल्ली सील बॉर्डर को खोल रही है। इससे गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद के लोग आसानी से दिल्ली आ सकेंगे। इसके साथ दिल्ली में रेस्तरां, मॉल और धार्मिक स्थान खोले जाएंगे। फिलहाल होटल और बैंकट हॉल नहीं खुलेंगे।
नई दिल्ली,राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज ने स्पष्ट किया है कि उनके अस्पताल में जिन मरीजों की जांच हो रही है, उनकी रिपोर्ट पूरी तरह से ठीक है. आजतक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों का सैंपल दोबारा से चेक कराया गया है वो पहले वाला सैंपल नहीं था. वो बाद में लिया गया है. दिल्ली सरकार ने जो भी जांच कराई है वो हमारी जांच के 6-11 दिनों के बाद कराई गई है. इस दौरान कुछ मरीज ठीक हो गए थे. इसलिए उनकी जांच निगेटिव आई है. इसलिए हमारे जांच को गलत नहीं कहा जा सकता है. हमलोग जांच के लिए सभी मापदंडों को पूरी तरह से फॉलो कर रहे हैं. हमारी तरफ से कोई गलती नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि दिल्ली सरकार ऐसा आरोप क्यों लगा रही है? इस तरह के आरोप से हमारी परेशानी बढ़ रही है, क्योंकि हमलोगों पर पहले ही काफी दबाव है. आरएमएल में दिन रात भीड़ रहती है. ऐसे में हमारे लिए मैनेजमेंट देखना साथ ही इस तरह के आरोप को झेलना परेशान करने वाले हैं. मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने कहा कि हमलोग जांच की गुणवत्ता परखने के लिए खुद की लाइब्रेरी में भी जांच करते हैं, इसके अलावा ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद), AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) और लेडी हार्डिंग की लेबोरेटरी से भी संपर्क करते हैं. इसलिए गलती की गुंजाइश नहीं रह जाती है. राघव चड्डा ने लगाए थे गंभीर आरोप इससे पहले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने आरोप लगाया है कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल कोरोना संक्रमित लोगों के संबंध में गलत जानकारी दे रहा है. साथ ही 48 घंटे के भीतर कोरोना टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सरकार के निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है. राघव चड्ढा ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार ने आरएमएल अस्पताल से प्राप्त 30 नमूनों का फिर से परीक्षण किया, जिन्हें कोरोना पॉजिटिव घोषित किया गया था, उनमें 12 को निगेटिव पाया गया और 2 के लिए परिणाम अनिर्णायक मिले हैं. राघव चड्ढा ने मांग उठाते हुए कहा है कि आरएमएल अस्पताल गलत परिणाम दे रहा है. दिल्ली सरकार को अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि आरएमएल अस्पताल 48 घंटे के भीतर कोरोना टेस्ट के परिणाम जमा करने के सरकार के निर्देश का उल्लंघन कर रहा है. अस्पताल ने कई टेस्ट के परिणाम 3, 4, 7, 10 और यहां तक कि 31 दिनों की देरी से दिए हैं.
नई दिल्ली, 06 जून 2020,दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी में 25 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था भी दबाव में आ गई है. हालांकि, केजरीवाल सरकार तो मरीजों के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है. सरकार का कहना है कि मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं. लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने ऐप को भी लॉन्च किया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहती है. अस्पतालों के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण मरीजों की मौत हो रही है, जो केजरीवाल सरकार के दावों की पोल खोल रही है. अस्पताल में बेड नहीं मिलने से एक और मरीज की मौत होने का मामला सामने आया है. मृतक के परिजन अभिषेक जैन ने इंडिया टुडे टीवी के कार्यक्रम न्यूजट्रैक में अपने दर्द को बयां किया. उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 दिनों से मेरे मरीज को बुखार था. बुधवार रात को जितने भी इमरजेंसी नंबर हैं हमने उसपर संपर्क किया. हमने कई अस्पतालों से भी संपर्क किया, लेकिन सबसे पहले उन्होंने ये पूछा कि आपका मरीज कोरोना पॉजिटिव होना चाहिए. अभिषेक जैन ने कहा कि गुरुवार सुबह उन्हें (मरीज) सांस लेने में दिक्कत होने लगी. उसके बाद हम उनको शालीमार बाग के फोर्टिस हॉस्पिटल ले गए. वहां पर उन्हें ऑक्सीजन दिया गया. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने कहा कि आप अपने मरीज को वापस ले जाइए. हमारे पास कोई बेड नहीं है. हमने उनसे कहा कि आप कोरोना का टेस्ट तो कर लीजिए. अस्पताल प्रशासन ने कहा कि हम मदद नहीं कर सकते. सीएम और आईसीएमआर से किया संपर्क' मृतक के परिजन ने बताया कि उन्होंने सीएम केजरीवाल और आईसीएमआर से भी संपर्क किया, लेकिन कोई भी मदद को तैयार नहीं हुआ. 2 से 3 घंटे के बाद अस्पताल हम पर मरीज को वापस लेने जाने का दबाव बनाने लगा. हमने एंबुलेंस के लिए मदद मांगी तो अस्पताल ने कहा कि मरीज बिना एंबुलेंस के भी जाने लायक है. जब हमने दबाव डाला तो उन्होंने कहा कि हमारे एंबुलेंस काम नहीं कर रहे हैं. अस्पताल ने कहा कि हमारे कोविड टेस्टिंग सेंटर दो दिन से बंद हैं. मृतक के परिजन ने कहा कि इसके बाद मुझे मॉडल टाउन में एक अस्पताल मिला. लेकिन अस्पताल प्रशासन का कहना था कि उनके पास पीपीई किट नहीं है. मैंने मदद मांगी, लेकिन मुझे कोई मदद नहीं मिली. इस बीच उन्होंने स्ट्रैचर से मरीज को ट्रांसफर किया, लेकिन इस दौरान उनकी मौत हो चुकी थी. केजरीवाल सरकार से नाराज अभिषेक जैन ने कहा कि हमने उनसे इस तरह की उम्मीद नहीं थी. हम दिल्ली सरकार का ऐप देख रहे थे तो सबमें बेड दिखा रहा था. भावुक अंदाज में अभिषेक ने कहा कि क्या इसी के लिए हम हैं. अभिषेक जैन ने कहा कि जब हम अंतिम संस्कार के लिए गए तो हमें कहा गया कि दो दिन का समय लगेगा. कोई भी हमारी मदद नहीं कर रहा. सिर्फ मजाक बनाया जा रहा है.
नई दिल्ली, 06 जून 2020,दिल्ली हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच साजिश की कड़ियां जोड़ने में जुटी हुई है. पुलिस इस सिलसिले में कई चार्जशीट अदालत में दायर कर चुकी है. पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल के आस-पास हुई हिंसा मामले में भी चार्जशीट दायर कर दी है. इस मामले में राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैजल फारूक पर हिंसा की साजिश रचने का आरोप है. जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने फैजल फारूक के सौ से ज्यादा करोड़ की प्रॉपर्टी का पता लगाया है. पुलिस का कहना है कि दिल्ली दंगों से पहले ही आरोपियों ने फंडिंग की पूरी व्यवस्था कर ली थी. फंडिंग का जिम्मा उन लोगों के ऊपर था जिनके पास बेहिसाब दौलत थी. पुलिस के मुताबिक हिंसा के वक्त दंगाइयों ने राजधानी स्कूल की छत को अपने बेस के तौर पर इस्तेमाल किया था. फैजल फारूक के दिल्ली में 3 स्कूल स्कूल की छत से पुलिस ने लोहे की बड़ी गुलेल भी जब्त की थी. क्राइम ब्रांच ने शिव विहार में हुए दंगों के आरोप में फैजल फारूक को गिरफ्तार किया था. क्राइम ब्रांच के मुताबिक फैजल फारूक के दिल्ली में 3 स्कूल हैं. 1. क्राउन पब्लिक स्कूल, सीलमपुर 2. राजधानी स्कूल, शिव विहार 3. विक्टोरिया पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल,वजीराबाद रोड फैजल ने 6 साल में करोड़ों की संपत्ति खरीदी इतना ही नहीं, फैजल फारूक ने साल 2014 में करीब 6 करोड़ की एक प्रॉपर्टी यमुना विहार में खरीदी थी. ये प्रॉपर्टी यमुना विहार के C-1/9 में स्थित है. क्राइम ब्रांच ने फैजल फारूक की जिन दूसरी संपत्तियों का पता लगाया है उनमें कई मकान और प्लाट हैं. पुलिस के मुताबिक साल 2017 में फैजल फारूक ने यमुना विहार के C- 3/59A में करीब 7.5 करोड़ की रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी. साल 2018 और साल 2019 में फैजल ने यमुना विहार में 2 दुकानें 10 करोड़ रुपये में खरीदीं. 2020 में इस शख्स ने यमुना विहार में ही B- 1/1 में करीब 10 करोड़ की जायदाद खरीदी थी. हिंसा शुरू होने से पहले देवबंद गया था फैसल दिल्ली पुलिस का कहना है हिंसा शुरू होने से ठीक एक दिन पहले फैजल फारूक ने देवबंद का दौरा किया था. पुलिस का आरोप है कि ये दौरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराधियों को लाने की कोशिश के मकसद से किया गया था. आरोप है कि फैजल फारूक ने हिंसा में शामिल लोगों को आश्रय प्रदान किया, जिन्होंने एक राजधानी स्कूल के भीतर डेरा डाला था और छत से गोलियां चलाई थीं. उन्होंने राजधानी स्कूल की छत से विशेष रूप से स्थापित लोहे की एक गुलेल का उपयोग करते हुए पेट्रोल बम, एसिड, ईंट, और पत्थर फेंके थे. दिल्ली हिंसा की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को ये भी पता चला था की फैजल फारूक हिंसा के दौरान पीएफआई, हजरत निजामुद्दीन मरकज से जुड़े लोगों के संपर्क में था. यही वजह है कि अब पुलिस इसकी बेशुमार दौलत का पीएफआई और मरकज कनेक्शन खंगाल रही है.
नई दिल्ली, 04 जून 2020, दिल्ली हिंसा की जांच कर रही पुलिस को तबलीगी जमात के मरकज कनेक्शन का भी पता चला है. दिल्ली पुलिस की ओर से कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में दावा किया गया है कि हिंसा का एक आरोपी, मरकज के चीफ मौलाना साद के बेहद करीबी अब्दुल अलीम के संपर्क में था. अब्दुल अलीम बंगलेवाली मस्जिद का चीफ है. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि मरकज के मौलाना साद का करीबी अब्दुल अलीम, राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूकी के संपर्क में था. शिव विहार इलाके में स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल का इस्तेमाल उपद्रवी ने हिंसा फैलाने में किया था. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में फैसल फारूकी को भी आरोपी बनाया है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि फैसल फारूकी ने दिल्ली हिंसा को कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. तबलीगी जमात के मरकज में महत्वपूर्ण पद पर बैठे अब्दुल अलीम से फैसल फारूकी संपर्क में था. पुलिस को शक है कि कहीं अब्दुल अलीम ने भी हिंसा को फैलाने में कोई भूमिका तो नहीं निभाई थी. हिंसा के दिन भी मौलाना साद के करीबी और फैजल के बीच बात हुई थी. जांच में खुलासा हुआ है की हिंसा से पहले फैजल फारुख करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी यमुना विहार और आसपास के इलाके में खरीद चुका था. पुलिस को शक है कि मरकज का पैसा फैजल के माध्यम से जायदाद में लगाया गया. फैजल के माध्यम से उपद्रवियों में पैसे बांटने की जांच भी जारी है. अब्दुल अलीम निज़ामुद्दीन मरकज़ के शीर्ष मालिकों में से एक हैं. वह निजामुद्दीन मरकज के फाइनेंसियल मुद्दों और मौलाना साद के बेहद करीबी लोगों की देखभाल करता है. दिल्ली क्राइम ब्रांच अब्दुल अलीम और मरकज की दिल्ली हिंसा में संलिप्तता की जांच कर रही है. दिल्ली पुलिस की ओर से कल राजधानी स्कूल के पास हुई हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल की गई थी. इसके मुताबिक, राजधानी स्कूल की छत से उपद्रवी गुलेल से पत्थरबाजी और आगजनी कर रहे थे. इस पूरी हिंसा की साजिश राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूकी ने रची थी.
नई दिल्ली, 04 जून 2020, राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने बॉर्डर सील करने का फैसला किया था. जिसके बाद दिल्ली में सिर्फ जरूरी क्षेत्रों के लोगों को पास के बाद एंट्री मिलने की इजाजत है. लेकिन इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसपर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि जो लोग इलाज करवाने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं, उन्हें सरकार ना रोके और इस बारे में नोटिफिकेशन भी जारी करे. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने HC को बताया कि जिन लोगों को इलाज कराने के लिए दिल्ली आना है उनको ई-पास दिए जा रहे हैं. जिन्हें इलाज कराना है और जरूरी काम से आना है, उन्हें दिल्ली आने की मनाही नहीं है. सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार इसको लेकर नोटिफिकेशन अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे. इसकी जानकारी लोगों को दी जाए. हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में यह तय हुआ है कि दिल्ली द्वारा जारी किए गए पास के अलावा अगर नोएडा-गाजियाबाद समेत NCR के शहरों का प्रशासन कोई पास देता है, तो वो भी मान्य होंगे. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने बीते दिनों एक हफ्ते के लिए बॉर्डर सील किए थे, जिसपर विवाद हुआ था. अब सरकार ने हाई कोर्ट को बताया गया है कि ये फैसला सिर्फ एक हफ्ते के लिए है, जिसकी समीक्षा होगी. ये याचिका सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है. इस दौरान अदालत ने कहा कि जिन लोगों को दिल्ली आने से रोका जा रहा है, वो कोर्ट में याचिका लगाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन इस याचिका का निपटारा किया जा रहा है. दरअसल, इस याचिका में कहा गया था कि दिल्ली की सीमा सील करने से सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है. दिल्ली सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के नागरिकों को भी दिल्ली में केंद्रीय अस्पताल पहुंचने के बुनियादी अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने कहा कि देश में दोहरी नागरिकता का नियम नहीं है. हर कोई इस देश का नागरिक है और सभी को किसी भी स्थान पर रहने और किसी भी स्थान पर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने का अधिकार है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में काम करने वाले नागरिकों और एनसीआर में रहने और किसी अन्य राज्य में रहने वाले नागरिकों को इलाज के अधिकार से वंचित करना असंवैधानिक है.
नई दिल्ली, 03 जून 2020, दिल्ली में दिनदहाड़े भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता की हत्या कर दी गई है. बताया जा रहा है कि पूर्वी दिल्ली के वेस्ट विनोद नगर से पूर्व निगम प्रत्याशी राहुल सिंह उर्फ भुरू सिंह को 6 गोलियां मारी गई हैं. राहुल सिंह पर हमला बुधवार सुबह उस वक्त हुआ, जब वो मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. बदमाशों ने मयूर पब्लिक स्कूल के पास उन पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी. 8 महीने पहले पहले भी राहुल सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था, लेकिन वह बाल-बाल बच गए थे. बताया जा रहा है कि आपसी रंजिश में बीजेपी नेता राहुल सिंह की हत्या की गई है. मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई है और लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इसके साथ ही राहुल सिंह के परिजनों और करीबियों से पूछताछ की जा रही है.
नई दिल्‍ली दिल्‍ली पुलिस ने अंकित शर्मा मर्डर केस में चार्जशीट दाखिल कर दी है। बुधवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में क्राइम ब्रांच ने करीब 650 पन्‍नों की चार्जशीट में कुल 10 आरोपी बनाए हैं। पुलिस के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने शर्मा के मर्डर की साजिश रची। पुलिस के मुताबिक, हुसैन लगातार फोन पर अपने प्‍लान की अपडेट्स ले रहा था। फोन लोकेशन से पता चला कि शर्मा की हत्‍या के समय वह सामने वाले घर में ही था। पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से अंकित के शव पर धारदार हथियार से 51 वार किए जाने की भी बात चार्जशीट में है। चार्जशीट में क्‍या है? दिल्‍ली पुलिस की चार्जशीट कहती है कि मामला 25 फरवरी की शाम को दर्ज हुआ। खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैन के घर के बाहर वारदात हुई। शर्मा की हत्‍या के बाद भीड़ ने एक नाले में लाश फेंक दी। पुलिस का दावा है कि उनके पास प्रूफ है कि कुछ लोग लाश नाले में फेंक रहे हैं। पुलिस ने कहा कि शर्मा को मारने की साजिश हुसैन ने बनाई क्‍योंकि वह इलाके में जाना-पहचाना चेहरा था। उसने उस भीड़ को उकसाया जिसने अंकित को मारा। पुलिस ने उसके फोन की लोकेशन से भी पुष्टि की है कि वह उस वक्‍त वहीं पर मौजूद था। पुलिस का कहना है कि उनके पास अपने दावों को साबित करने के लिए पर्याप्‍त इलेक्‍ट्रॉनिक, फोरेंसिक सबूत हैं। चार्जशीट में मुख्‍य आरोपी सलमान है जिसकी मोबाइल कॉल ट्रेस की गई थी। सभी 10 आरोपी इस समय जेल में हैं। 25 फरवरी की हुई थी अंकित की हत्‍या अंकित शर्मा की हत्‍या खजूरी खास में ताहिर हुसैन के घर के पास हुई थी। भीड़ ने शर्मा की बेरहमी से हत्‍या के बाद शव को नाले में फेंक दिया था। शर्मा के लापता होने के एक दिन बाद 27 फरवरी को उनका शव उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चांदबाग में उनके घर के नजदीक एक नाले से मिला था। पोस्‍टमॉर्टम में अंकित के जिस्‍म पर तेज धार वाले हथियार के 51 निशान मिले थे।
नई दिल्ली, 02 जून 2020,दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार यानी 2 जून को कड़कड़डूमा कोर्ट में जाफराबाद हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल की है. क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में कई बड़े खुलासे किए हैं. चार्जशीट में क्राइम ब्रांच ने बताया कि दंगे के दौरान महिलाओं को वॉट्सएप ग्रुप से कई संदेश भेजे गए थे. दिल्ली के जाफराबाद हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है जिसमें 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस हिंसा में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस की जांच में पता चला कि दंगा फैलाने के मामले में गहरी साजिश रची गई थी. महिलाओं को व्हाट्सएप ग्रुप में मिले थे भड़काऊ मैसेज मुख्य आरोपी नताशा नरवाल, देवांगना कलिता को बनाया गया था. ये पिंजरा तोड़ ग्रुप से जुड़ी हुई है. जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास हुए दंगे में उनका काफी अहम रोल था. ये दोनों इंडिया अगेंस्ट हेट ग्रुप से भी जुड़ी हुई थीं. JNU के छात्र उमर खालिद से जुड़ी हुई थीं. इनके वॉट्सएप ग्रुप चैट से जांच में पुलिस को दंगा फैलाने के सबूत मिले हैं. ये सबूत एक आरोपी के फोन से मिले थे. इसी ग्रुप के वॉट्सएप मैसेज से पुलिस के द्वारा खुलासा किया गया कि इन लोगों ने बड़े पैमाने पर मैसेज भेजा कि दंगों के दौरान घर की औरतों को क्या करना चाहिए. मैसेज में लिखा गया था- 'घर में खौलता हुआ तेल, या पानी रखें. बिल्डिंग के सीढ़ियों पर तेल, शैम्पू या सर्फ गिरा दें. लाल मिर्च का इस्तेमाल करें. दरवाजों को मजबूत करें और गेट बंद करें. तेजाब की बोतल घर में रखें. घर की छत और बालकनी में ईंट ओर पत्थर रखें. कार और बाइक से पेट्रोल निकाल कर रखें.' वॉट्सएप ग्रुप में लिखा था, 'लोहे के दरवाजों में स्विच से करंट का इस्तेमाल करें. एक बिल्डिंग से दूसरे बिल्डिंग में जाने के लिए रास्ते का इंतजाम करें. बिल्डिंग सभी मर्द एक साथ ना छोड़ें और कुछ मर्द महिलाओं की सुरक्षा के लिए घर में रुकें.'
नई दिल्ली, 02 जून 2020, दिल्ली हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता और पार्षद ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताया है. चार्जशीट में पार्षद ताहिर हुसैन समेत 15 लोगो को आरोपी बनाया गया है. करीब एक हजार पन्नों की इस चार्जशीट में पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम को भी आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि हिंसा के वक्त आरोपी ताहिर हुसैन अपनी छत पर था. ताहिर हुसैन पर हिंसा कराने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक, हिंसा कराने के लिए ताहिर ने एक करोड़ 30 लाख रुपये खर्च किए थे. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा कि हिंसा से पहले आरोपी ताहिर हुसैन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरकिता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल लोगों से बातचीत की थी. ताहिर ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से भी बात की थी. चार्जशीट के मुताबिक, दिल्ली हिंसा की पूरी तैयारी पहले से की गई थी. ताहिर हुसैन ने लोगों से बात की थी और उसी वक्त तय किया गया था कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली आएंगे तब दिल्ली में हिंसा कराया जाएगा. हालांकि पुलिस ने इस चार्जशीट में उमर खालिद को आरोपी नहीं बनाया है. कौन है ताहिर हुसैन हाजी ताहिर हुसैन, मुस्तफाबाद विधानसभा के नेहरू विहार वार्ड से पार्षद हैं. दिल्ली हिंसा में नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को निकाल दिया था. उन पर इंटीलेंज ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या समेत दिल्ली में हिंसा फैलाने का आरोप है. आरोप है कि उनके घर की छत से ही हमला किया जा रहा था.
नई दिल्ली राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर ((corona in lieutenant governor anil baijal office) तक पहुंच गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ्तर में 13 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। यह जानकारी मंगलवार सुबह सामने आई है। देश में अनलॉक 1.0 लागू हो चुका है लेकिन पूरे भारत के साथ-साथ दिल्ली में भी कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली में कोरोना के केस 20 हजार के पार हो चुके हैं। चार दिनों के बाद संक्रमण की रफ्तार हजार से नीचे सोमवार को चार दिनों के बाद दिल्ली में कोविड का संक्रमण एक हजार से नीचे आया। पिछले 28 मई से लेकर 31 मई के बीच लगातार दिल्ली में एक हजार से अधिक संक्रमण पाया गया। लेकिन 1 जून को दिल्ली में कोविड की वजह से 990 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है। अब दिल्ली में संक्रमण की संख्या 20 हजार के पार पहुंच गई है। अभी कुल 20,834 लोग संक्रमित हैं। दिल्ली में 50 और मौत की पुष्टि की गई है और अब मरने वालों की संख्या 523 हो गई है। सोमवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार अभी दिल्ली में 11565 लोग संक्रमित हैं। इसमें से कोविड हॉस्पिटल में 2748 मरीज एडमिट हैं, इसमें से 219 लोग आईसीयू में हैं और 42 मरीज वेंटिलेटर स्पोर्ट पर हैं। इसके अलावा कोविड हेल्थ सेंटर में 164, कोविड केयर सेंटर में 672 और होम आइसोलेशन में 6238 मरीज हैं। अब तक दिल्ली में 2,17,537 सैंपल की जांच की जा चुकी है। 20 हजार के पार कोरोना कोविड संक्रमण की बात करें दिल्ली में 2 मार्च को पहला मामला आया था। 31 मार्च तक यह संख्या 120 तक पहुंच गई और दो की मौत की पुष्टि हुई थी। अप्रैल में 30 तक संक्रमण 3515 हो गया और इसकी वजह से 59 लोगों की मौत हो गई। मई में संक्रमण में तेजी आई और 1 जून को मामला 20 हजार के पार पहुंच गया और मरने वालों की संख्या पांच सौ के पार।
नई दिल्‍ली कोरोना वायरस को लेकर दिल्‍ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भाजपा सांसद मनोज तिवारी को हिरासत में लिया गया है। वह प्राइवेट अस्‍पतालों में ज्‍यादा फीस, दिल्‍ली सरकार की बदइंतजामी को लेकर राजघाट में प्रदर्शन करने पहुंचे थे। तिवारी के साथ भाजपा के कुछ अन्‍य सदस्‍यों को भी हिरासत में लेकर बस में बिठाया गया। सबको राजिंदर नगर थाने ले जाया जा रहा है। हिरासत में लिए जाने से पहले क्‍या बोले तिवारी दिल्‍ली बीजेपी चीफ ने हिरासत में लिए जाने से पहले मीडिया से कहा, "दिल्‍ली के लोगों के लिए बेड की व्‍यवस्‍था हो। प्राइवेट हॉस्पिटल्‍स में पांच लाख रुपये जमा किए बिना एंट्री नहीं है। हमने इस दिल्‍ली की कल्‍पना थोड़े ही की थी। दिक्‍कतें बहुत हैं।" कर्मचारियों को सैलरी देने की खातिर केंद्र सरकार से फंड मांगने पर तिवारी ने कहा कि दिल्‍ली सरकार के पास 'ऐडवर्टिजमेंट देने के लिए पैसे हैं और सैलरी देने के पैसे नहीं हैं।' बॉर्डर सील करने पर उन्‍होंने कहा कि 'दिल्‍ली की सारी व्‍यवस्‍था सिर्फ बातों पर रह गई है, जमीन पर नहीं है।' क्‍या प्रदर्शन कर तोड़ा लॉकडाउन? तिवारी ने लॉकडाउन तोड़ने की बात को सिरे से खारिज किया। मास्‍क लगाए हुए तिवारी ने कहा कि हमने प्रोटेस्‍ट सोशल डिस्‍टेंसिंग के साथ कर रहे थे मगर पुलिस का सम्‍मान करते हैं। उन्‍होंने कहा, "हम लोग नियम-कानून से ही प्रोटेस्‍ट कर रहे थे। हम सिर्फ दिल्‍ली सरकार जो दिल्‍ली के साथ अन्‍याय कर रही है, उसको अंडरलाइन कर रहे हैं। हम लोग सिर्फ पांच-छह लोग हैं, हमने कोई उल्‍लंघन नहीं किया।" केजरीवाल सरकार पर हमलावर रहे हैं तिवारी दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र से 5 हजार करोड़ रुपये की मदद मांगने पर तिवारी ने सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर दिल्ली सरकार से 22 मार्च से लेकर 29 मई तक टीवी, प्रिंट और इंटरनेट पर दिए गए विज्ञापन का हिसाब मांगा था। तिवारी ने केजरीवाल सरकार से यह भी पूछा था कि अब तक दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अस्पतालों पर कितना खर्च किया गया, उसका भी हिसाब दें। एक हफ्ते के लिए दिल्ली के सभी बॉर्डर सील दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी बॉर्डर अगले एक हफ्ते के लिए सील करने का फैसला लिया है। अब दिल्ली के बाजारों में ऑड-ईवन सिस्टम भी खत्म कर दिया गया है। यानी अब सभी बाजारों में सारी दुकानें एक साथ खोली जा सकती हैं। आगे बॉर्डर खोले जाएं या नहीं, इसके लिए केजरीवाल ने जनता से राय मांगी है। इसके लिए 8800007722 नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर वॉट्सऐप के जरिए लोग अपनी राय भेज सकते हैं या फिर 1031 नंबर पर अपने विचार रिकॉर्ड करा सकते हैं।
नई दिल्ली दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक सप्ताह के लिए सीमा सील करने का आदेश दिया है। सीएम ने कहा कि दिल्ली में लोग अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे गी हम सीमा खोलेंगे यहां कोरोना के लिए रखे गए बेड तुरंत भर जाएंगे। दिल्ली के सीएम के इस फैसले को सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है। बता दें कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने दिल्ली से लगती जिलों की सीमाओं को सील कर दिया है। दिल्ली सीएम के फैसले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, सोशल मीडिया पर केजरीवाल के फैसले पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। धवल पटेल नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि दिल्ली एक अलग देश नहीं है और संघीय ढांचा में कोई भी शख्स एक राज्य से दूसरे राज्य कहीं भी आ-जा सकता है। साकेत गोखले नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर जिले और गाजियाबाद जिले के जिलाधिकारियों ने दिल्ली से लगी सीमाओं को सील करने का आदेश दे रखा है। प्रशासन का कहना है कि 40 फीसदी से ज्यादा कोरोना के केस दिल्ली सीमा के खुले होने के कारण बढ़े हैं। वहीं, हरियाणा ने भी गुड़गांव से लगती सीमा को सील कर दिया था। शुक्रवार तक सुझाव, एक सप्ताह के लिए सीमा सील दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री ने बॉर्डर खोलने पर आम जनता से राय मांगी है। उन्‍होंने कहा कि 'अगर बॉर्डर खोल दिए तो देश भर से लोग इलाज के लिए दिल्ली आते हैं। दो कारणों से आते हैं। एक तो दिल्ली की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं सबसे अच्‍छी हैं। दूसरा लोग इसलिए दिल्ली आते हैं कि यहां सबकुछ मुफ्त है। जैसे ही हम बॉर्डर खोलेंगे, देशभर से लोग दिल्ली में इलाज के लिए आएंगे। जो साढ़े 7 हजार बेड रखे गए हैं, ये दो दिन के अंदर भर जाएंगे। हमें क्या करना चाहिए? क्या बॉर्डर खोलने चाहिए? कुछ लोगों का कहना है कि बॉर्डर खोल देना चाहिए। कुछ लोगों का सुझाव है कि कोरोना काल तक दिल्ली में सिर्फ दिल्ली के मरीजों का इलाज हो। क्‍या किया जाना चाहिए, आपका सुझाव चाहिए।' उन्होंने दिल्ली की जनता से शुक्रवार शाम 5 बजे तक सुझाव मांगा है। यहां दे सकते हैं सुझाव -8800007722 पर वाट्सऐप पर -delhicm.suggestion@gmai.com -फोन करके 1031 पर अपनी राय रिकॉर्ड करा सकते हैं
नई दिल्‍ली दिल्‍ली ने अपनी सारी सीमाएं अगले एक सप्‍ताह के लिए सील कर दी हैं। मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका ऐलान किया। इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों और व्‍यक्तियों को जाने की परमिशन होगी। सीएम ने दिल्‍ली की जनता से दो बिंदुओं पर राय भी मांगी है। एक ये कि क्या दिल्‍ली के बॉर्डर को बंद ही रखा जाए। और दूसरा कि दिल्‍ली में दूसरे राज्‍यों के लोगों के इलाज को रोका जाए या नहीं। सीएम बोले, घबराने की बात नहीं मगर... केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि "दिल्‍ली के अंदर कोरोना के मामले काफी बढ़ रहे हैं। यह चिंता की बात तो है मगर घबराने की बात नहीं है। दिल्‍ली के अंदर पिछले पांच साल में AAP की सरकार ने अस्‍पतालों में खूब पैसा लगाया है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया में जब स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, तो दिल्ली का मुख्यमंत्री विश्वास दिला रहा है कि आपके लिए बेड है। आपके लिए बेड का इंतजाम कर लिया गया है। मैंने तीन'चार दिन पहले कहा था दिल्ली में 21 सौ मरीज हैं, लेकिन 6600 बेड हैं।" उन्‍होंने कहा कि जल्‍द साढ़े नौ हजार बेड का इंतजाम हो जाएगा। जनता से पूछा, क्‍या खोला जाए दिल्‍ली का बॉर्डर? दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री ने बॉर्डर खोलने पर आम जनता से राय मांगी है। उन्‍होंने कहा कि 'अगर बॉर्डर खोल दिए तो देश भर से लोग इलाज के लिए दिल्ली आते हैं। दो कारणों से आते हैं। एक तो दिल्ली की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं सबसे अच्‍छी हैं। दूसरा लोग इसलिए दिल्ली आते हैं कि यहां सबकुछ मुफ्त है। जैसे ही हम बॉर्डर खोलेंगे, देशभर से लोग दिल्ली में इलाज के लिए आएंगे। जो साढ़े 7 हजार बेड रखे गए हैं, ये दो दिन के अंदर भर जाएंगे। हमें क्या करना चाहिए? क्या बॉर्डर खोलने चाहिए? कुछ लोगों का कहना है कि बॉर्डर खोल देना चाहिए। कुछ लोगों का सुझाव है कि कोरोना काल तक दिल्ली में सिर्फ दिल्ली के मरीजों का इलाज हो। क्‍या किया जाना चाहिए, आपका सुझाव चाहिए।" दिल्‍ली में अब सारी दुकानें खुलेंगी सीएम ने कहा कि दिल्‍ली में दुकानों के लिए ऑड-ईवन व्‍यवस्‍था लागू थी। मगर केंद्र ने कोई नियम नहीं बनाया है इसलिए दिल्‍ली में अब सारी दुकानें खुल सकती हैं। उन्‍होंने कहा कि सलून खुलेंगे मगर स्‍पॉ खुलने की परमिशन नहीं होगी। ऑटो, ई-रिक्‍शा और अन्‍य गाड़‍ियों ने पैसेंजर्स की संख्‍या तय थी मगर अब वह नियम भी वापस ले लिया गया है। दिल्ली में मोटरसाइकिल पर अब दो लोगों को बैठने की अनुमति दे दी गई है। कार में सिर्फ दो सवारियों की सवारी से जुड़ा नियम भी खत्‍म कर दिया गया है।
नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए केंद्र से पांच हजार करोड़ रुपये की तुरंत मदद मांगी है। अब इसपर राजनीति शुरू हो चुकी है। विपक्ष के नेताओं ने दिल्ली सरकार और सीएम अरविंद केजरीवाल को घेरना शुरू कर दिया है। कहा गया है कि सरकार ने बजट के पैसों को पहले विज्ञापनों में खर्च कर दिया और अब मदद मांग रही है। बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार पर यह आरोप लगाए हैं। कभी आप पार्टी का हिस्सा रहे कुमार विश्वास ने भी केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार बाकी देश के लोगों के साथ-साथ दिल्ली के लोगों की भी मदद कर रही है। उन्होंने दावा किया कि लोगों के खातों में 1500, 1500 रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इसके साथ वृद्धा पेंशन आदि दिल्ली के लोगों को भी मिली। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार का बजट अब 65 हजार करोड़ रुपये का है, यह पहले शीला दीक्षित के वक्त में कुल 39 हजार करोड़ का था। पहले ये पैसे विज्ञापन पर खर्च किए गए और अब मदद मांगी जा रही है। बिधूड़ी ने यह आरोप भी लगाया कि दूसरे राज्यों में भी मॉब लिंचिंग या किसी ऐसी वजह से मौत होती है तो केजरीवाल 1 करोड़ रुपये की सहायता कर देते हैं। बिधूड़ी ने कहा दिल्ली का पैसा ऐसे राजनीति करने के लिए बाहर खर्च किया जाता है। कुमार विश्वास ने कहा- दिल्ली को बनाया मौत का कुआं वहीं कभी आम आदमी पार्टी का हिस्सा रहे कवि कुमार विश्वास ने भी विज्ञापनों का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि, 'लाखों-करोड़ की चुनावी-रेवड़ियां, टैक्सपेयर्स के हजारों करोड़ अखबारों में 4-4 पेज के विज्ञापन व चैनलों पर हर 10 मिनट में चेहरा दिखाने पर खर्च करके, पूरी दिल्ली को मौत का कुआं बनाकर अब स्वराज-शिरोमणि कह रहे हैं कि कोरोना से लड़ रहे डॉक्टरों को सैलरी देने के लिए उनके पास पैसा नहीं हैं।' आप का दामन छोड़ बीजेपी में आए कपिल मिश्रा ने लिखा कि, तो करोड़ों रुपये विज्ञापनों में क्यों फूंक रहे हो? परसों हर चैनल में 14 मिनट का केजरीवाल का विज्ञापन था। एक दिन में 25 करोड़ रुपये फूंके, हर रोज सिर्फ अखबारों में 2-3 करोड़ के विज्ञापन, टीवी पर रोजाना 4-5 करोड़ रुपये के विज्ञापन, पैसे नहीं हैं तो ये बर्बादी क्यूं?'
नई दिल्ली कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली सरकार ने केंद्र से 5 हजार करोड़ रुपये की मदद मांगी है। कहा गया है कि उनके पास स्टाफ को सैलरी देने तक के पैसे नहीं हैं, इसलिए पैसा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए। सिसोदिया ने यह बात प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्वीट दोनों के जरिए कही। वह बोले कि मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की राशि की मांग की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मदद के लिए ट्वीट किया है। सिसोदिया के मुताबिक, कोरोना और फिर लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन करीब 85% नीचे चल रहा है। इसलिए इस मदद की जरूरत है। यह भी कहा गया कि केंद्र की ओर से बाकी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी कोई राशि दिल्ली को नहीं मिली है। सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली सरकार के राजस्व का रिव्यू किया है। अभी दिल्ली सरकार को सैलरी देने व जरूरी खर्चों के लिए 3500 करोड़ रुपये की जरूरत है। अभी तक कुल 1735 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है, जबकि अभी तक 7000 करोड़ रुपये का राजस्व आना था। केंद्र से तुरंत राहत के तौर पर कर्मचारियों की सैलरी व जरूरी कामकाज के लिए 5000 करोड़ की मांग की है। दिल्ली के डेप्युटी सीएम ने आगे कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री को लेटर लिखा है कि तुरंत 5000 करोड़ रुपये की सहायता दें। क्योंकि आपदा राहत कोष से दिल्ली को पैसा नहीं मिला है जबकि बाकी राज्यों को मिला है। लॉकडाउन की वजह से आई आर्थिक परेशानियों को देखते हुए दिल्ली सरकार को तुरंत 5 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है।
नई दिल्ली दिल्ली में कोरोना वायरस से निपटने की क्या तैयारी है सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को फिर इसका अपडेट दिया। उन्होंने बताया कि कोरोना केसों का बढ़ना चिंता की बात है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग ठीक हो रहे हैं वो भी घर पर ही रहकर। केजरीवाल के मुताबिक, पिछले 15 दिनों में 8500 कोरोना केस सामने आए, लेकिन हॉस्पिटल में सिर्फ 500 ही भर्ती हुए हैं बाकियों का घरपर इलाज चल रहा। केजरीवाल ने बताया कि सोमवार से लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं होगा क्योंकि एक ऐप लाया जा रहा है। सोमवार तक आएगा ऐप, भटकना नहीं होगा अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कुल कोरोना मरीजों से दोगुने बेड की व्यवस्था की हुई है, बावजूद इसके लोगों को पता नहीं होता कि आखिर कोरोना होने पर जाना कहा हैं। इसपर केजरीवाल ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। सोमवार को एक ऐप लाया जा रहा है जिसमें हॉस्पिटल्स का डेटा होगा, बताया जाएगा कहां कितने बेड खाली हैं। इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई जा रही है। फर्जी वीडियो, फोटोज पर बोले सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली के नाम पर फर्जी वीडियोज भी शेयर किए जा रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि ऐसे लोग गंदी राजनीति करते हैं और लोगों को भ्रमित करना चाहते हैं। उन्होंने दो वीडियोज का जिक्र किया जिसमें दिल्ली हॉस्पिटल में लाशों और खराब खाने पर सवाल उठाए थे। केजरीवाल ने कहा कि दोनों ही वीडियो दिल्ली के नहीं थे। केजरीवाल ने ऐसे लोगों से संकट के वक्त में राजनीति नहीं करने को कहा। दिल्ली सीएम बोले कि इससे मेडिकल स्टाफ का मनोबल टूटता है, वे कहते हैं कि हम इतना अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे फिर भी लोग सवाल उठाते हैं। केजरीवाल ने कहा कि जनता ऐसे वीडियो, फोटोज पर आंख मूंदकर भरोसा न करे। अगर सही में कोई लापरवाही का मामला होगा उसपर सरकार कार्रवाई करेगी।
नई दिल्ली,29 मई 2020, देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली के अलावा कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस बार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.6 आंकी गई है. दिल्ली-एनसीआर समेत हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. वहीं हरियाणा के रोहतक में भूकंप का केंद्र रहा है. रात 9.08 बजे आए इस भूकंप के झटके करीब 10 से 15 सेकेंड तक महसूस किए गए हैं. इस भूकंप की तीव्रता 4.6 आंकी गई है. वहीं सतह से पांच किलोमीटर अंदर इसकी गहराई बताई जा रही है. दिल्ली में कई बार भूकंप पिछले कुछ दिनों में देश की राजधानी में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. 15 मई को दिल्ली में भूकंप का झटका महसूस किया गया. हालांकि, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता केवल 2.2 थी. इससे पहले 10 मई को दोपहर में करीब 1.45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.5 बताई जा रही थी. वहीं 12 और 13 अप्रैल को भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. 12 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता 3.5 थी, जबकि 13 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 थी. दोनों भूकंप के झटकों का केंद्र दिल्ली ही था.
नई दिल्ली,दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल की जमानत अर्जी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया. जारवाल ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि कोरोना वायरस के इस मुश्किल वक्त में वे अपने क्षेत्र में लोगों का हाल जानना चाहते हैं, लिहाजा उन्हें जमानत दी जाए. इससे पहले जमानत अर्जी पर कोर्ट ने सुनवाई की थी लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने जारवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया. प्रकाश जारवाल की तरफ से पेश हुए वकीलों ने कहा था कि विधायक के जेल में बंद होने के चलते आम लोगों के कोरोना से जुड़ी परेशानियों का समाधान इलाके में जाकर वे नहीं कर पा रहे हैं. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान विधायक के वकील ने कहा कि विधायक न तो देश छोड़कर भाग सकते हैं और न ही अपनी जिम्मेदारियों से. लिहाजा उनको जमानत दी जाए. वकीलों की तरफ से कहा गया कि जमानत के लिए प्रकाश जारवाल कोर्ट की सभी शर्तों का पालन करने के लिए तैयार हैं. बता दें, दिल्ली पुलिस ने प्रकाश जारवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस का कहना है कि प्रकाश जारवाल टैंकर माफिया को चला रहे थे. दिल्ली जल बोर्ड में हर टैंकर को चलाने के लिए टैंकर मालिकों से पैसे लिए जाते थे, उन्हीं पैसों से प्रकाश जारवाल ने कई प्रॉपर्टी और फॉर्म हाउस खरीदे. आरोप है कि विधायक ने अपने भाई के नाम पर फार्म हाउस खरीदे. प्रकाश जारवाल ने दिल्ली के जीके समेत कई इलाकों में प्रॉपर्टी और फॉर्म हाउस खरीदे. इसके अलावा पुलिस ने जानकारी जुटाई है कि राजस्थान और जयपुर में भी कई जगह बड़ी संपत्तियां प्रकाश जारवाल की ओर से खरीदी गई हैं.
नई दिल्ली टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज ओपनर और पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर के पिता की एसयूवी कार चोरी हो गई है। यह चोरी गुरुवार तड़के हुई। इस मामले में दिल्ली के राजेंद्र नगर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस जांच में जुटी है। चूंकि मामला बीजेपी सांसद से जुड़ा हुआ है, लिहाजा जिला पुलिस ने कई टीमें गठित कर दी हैं। डीसीपी सेंट्रल के मुताबिक सीसीटीवी के जरिए चोरों की सुराग लगाने की कोशिश की जा रही है। गौतम गंभीर अपने पिता के साथ ही रहते हैं। डीसीपी सेंट्रल संजय भाटिया ने कहा, ‘हमें उनके घर से एक फॉर्च्यूनर कार के चोरी होने की सूचना मिली है। एसएचओ इस बाबत ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित उनके घर गए थे।’ यह कार गंभीर के पिता दीपक गंभीर की है। उन्होंने पुलिस को बताया कि कार कल दोपहर से उनके घर के बाहर खड़ी थी और उन्हें सुबह इसके चोरी होने का पता चला। कार का नंबर डीएल आईसीकेए 0034 है। चार मिनट में काम तमाम पुलिस सीसीटीवी के जरिए चोरों की पहचान में जुटी है। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि संदिग्ध इनोवा में आए थे। वे गंभीर के घर के आगे रुके और चार मिनट में उनकी एसयूवी लेकर भाग गए। कोरोना के कारण दिल्ली में लॉकडाउन है और शाम सात बजे से लेकर सुबह सात बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है। इसके बावजूद पुलिस इस हाई प्रोफाइल चोरी से सकते में है। गंभीर ने पिछले साल आम चुनावों में आम आदमी पार्टी की आतिशी मारलेना को शिकस्त दी थी। भाजपा ने इन चुनावों में महेश गिरी की जगह गंभीर को पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया था।
नई दिल्ली देश में कोरोना के मामले दिन ब दिन बढ़ते है जा रहे हैं। अब इसने राज्य सभा सचिवालय को भी अपनी चपेट में ले लिया है। एनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एक अधिकारी के कोरोनी पॉजिटिव पाए जाने के बाद राज्य सभा सचिवालय के एक हिस्से को सैनिटेशन के लिए सील कर दिया गया है। संसद भवन परिसर में कोरोना का यह दूसरा मामला है। इससे पहले एडिटोरियल एंड ट्रांसलेशन सर्विसेज में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी में कोरोना की पुष्टि हुई थी। यह अधिकारी 12 मई तक ऑफिस आया था। उसका ऑफिस पार्लियामेंट एनेक्सी की पांचवीं मंजिल पर है। इस इमारत में संसद में तैनात अधिकांश अधिकारियों के ऑफिस हैं और हाउस पैनल की बैठकों भी यहीं होती हैं। देश में कोरोना के मामले हाल के दिनों में काफी तेजी से बढ़े हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख 65 हजार से पार पहुंच गई है। इनमें से 71106 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं जबकि 4706 लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोरोना वायरस के बढ़ते केसों से नहीं घबराने की बात कही है। सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली में अच्छी बात यह है कि मरीज बढ़ रहे हैं लेकिन ठीक होनेवाले लोगों का ग्राफ भी तेजी से ऊपर जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुल मरीजों में से 50 प्रतिशत ठीक हो चुके हैं। सिसोदिया ने यह भी कहा कि आसपास किसी को कोरोना हो जाए तो खौफ में न आएं, यह छूआ-छूत की बीमारी नहीं है। दिल्ली के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि लोग किसी को कोरोना होने पर पैनिक में न आएं। वह बोले कि आस-पड़ोस में किसी को कोरोना हो जाता है तो लोग डर जाते हैं। फोन, मेसेज करके कहते हैं कि पड़ोस में कोरोना मरीज मिला है, इसे ले जाओ। सिसोदिया ने कहा कि लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए। वह बोले कि कोरोना छूने से नहीं फैल जाता। वह तब ही फैलेगा जब संक्रमित शख्स की थूक की ड्रॉपलेट को आप गलती से टच कर देंगे और वह किसी तरह आपके मुंह, आंख या नाक के रास्ते शरीर में चली जाएगी। दिल्ली में कोरोना 17 हजार पार इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1106 नए केस सामने आए हैं। इसके बाद कुल केसों की संख्या 17386 हो गई है। इसमें से 7846 लोग ठीक हो चुके हैं वहीं अबतक 398 ने जान गंवाई है। होम क्वारंटाइन में ठीक हो रहे लोग मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना होने पर सभी को हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। वह बोले कि देशभर में 80 से 90 प्रतिशत लोग होम क्वारंटाइन में रहकर कोरोना से ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस भी यही कहती हैं कि सभी कोरोना केसों में हॉस्पिटल भर्ती की जरूरत नहीं पड़ती।
नई दिल्ली लगातार 5 दिन लू से झुलसने के बाद दिल्ली-एनसीआर को बुधवार रात थोड़ी राहत मिली। बुधवार रात को तापमान में हल्की गिरावट आई जो रात में महसूस भी हुई। आज यानी गुरुवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री रहने के आसार हैं। वैसे सुबह से मौसम फिलहाल ठीक है। दिल्ली और नोएडा दोनों जगहों पर हवा चल रही है जिससे ठंडक बनी हुई है। फिलहाल तापमान 31 डिग्री पर है। दिल्ली की सुबह की तस्वीरें राजधानी दिल्ली की सुबह की तस्वीरें देखिए। सूरज नहीं दिख रहा है। मौसम सुहाना हुआ तो लोग कोरोना काल में भी वॉक करने निकल पड़े। बुधवार से पहले तक बुरा था हाल दस सालों में इतने लंबे समय तक गर्मी का प्रकोप राजधानी वालों ने तीसरी बार झेला है। पालम बुधवार को भी जलता रहा। पालम में दूसरे दिन भी तापमान 47.2 डिग्री बना रहा। यह सामान्य से 6 डिग्री अधिक है। कल बारिश के आसार, इस हफ्ते कैसा रहेगा मौसम गुरुवार से गर्मी का प्रकोप कुछ कम होने की संभावना है। इसके साथ ही शुक्रवार को लू से छुटकारा मिल सकता है। दस सालों के दौरान सबसे लंबा लू का प्रकोप 2013 में सामने आया था। उस साल लगातार 8 दिनों तक राजधानी लू की गिरफ्त में रही। तापमान 8 दिन तक 44 डिग्री से ऊपर बना रहा। इसके अलावा 2015 में भी राजधानी में लगातार 5 दिनों तक लू चली थी। 2020 में अब तक लगातार 5 दिनों तक लू का प्रकोप बना रहा है। लू का सिलसिला यहां 23 मई से ही शुरू हो गया है। बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री रहा जो सामान्य से 6 डिग्री अधिक है। इसके अलावा लोधी रोड में यह 45.1, आया नगर में 46.7, नजफगढ़ में 45.3 और स्पोर्टस कांप्लेक्स में 44.7 डिग्री रहा। रिजनल वेदर सेंटर के डिप्टी डीजी डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार गुरुवार को तापमान 44 डिग्री रह सकता है। शुक्रवार को राजधानी लू की चपेट से बाहर आ सकती है। तापमान 29 मई को 39 डिग्री पर रह सकता है। इसके बाद अधिकतम तापमान में अगले दो से तीन दिन काफी कमी आएगी। अनुमान है कि जून के शुरूआती दस दिनों में एक के बाद एक दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस के आने से तापमान 40 डिग्री से ऊपर नहीं जाएगा।
नई दिल्ली, 26 मई 2020,तबलीगी जमात के मरकज मामले में दिल्ली पुलिस ने आज 20 चार्जशीट दाखिल कर दी. 20 देशों के 83 विदेशियों के खिलाफ 14 हजार पन्नों की 20 चार्जशीट दाखिल की गई. बताया जा रहा है कि चार्जशीट में मरकज मैनेजमेंट के रोल का जिक्र भी किया गया है और साथ ही तबलीगी जमात के चीफ मौलाना साद के नाम का भी जिक्र. दिल्ली पुलिस की ओर से 20 देशों 83 विदेशी जमातियों के खिलाफ तीन अलग-अलग धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है. इन पर फॉरेनर एक्ट, अपेडिमिक डिसीस एक्ट और डिजास्टर एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं. साकेत कोर्ट 12 जून को चार्जशीट पर संज्ञान लेगा और सुनवाई करेगा. 20 देश, 20 चार्जशीट साकेत कोर्ट में अफगानिस्तान, ब्राजील, चीन, अमेरिका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, मिस्त्र, रूस, अल्गेरिया, बेल्जियम, सऊदी अरब, जॉर्डन, फ्रांस, कजाकिस्तान, मोरक्को, ट्यूनेशिया, यूनाइटेड किंगडम, फिजी, सूडान, फिलीपिंस के नागरिकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गई है. मौलाना साद की बढ़ेंगी मुश्किलें इस चार्जशीट से मौलाना साद की मुश्किलें बढ़ेंगी, क्योंकि जिन विदेशी जमातियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है, उन सभी के वीजा फार्म में निजामुद्दीन स्थित जमात के मरकज का पता दिया हुआ था. मतलब वो विदेश से मरकज के कार्यक्रम में ही शामिल होने आए थे. सभी विदेशी जमातियों के खिलाफ दाखिल होगी चार्जशीट पूछताछ में जमातियों ने खुलासा भी किया है कि 20 मार्च के बाद मरकज में रूकने के लिए मौलाना साद ने ही कहा था. सभी विदेशी जमातियों को पहले 41 का नोटिस देकर जांच में शामिल करवाया गया था और पूछताछ की गई थी. बताया जा रहा है कि 943 विदेशी जमातियों से पूछताछ हुई थी और सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होगी.
नई दिल्ली, 25 मई 2020, दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़कर 14053 हो गए हैं. पिछले 24 घंटों में 635 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 231 मरीज ठीक हुए हैं. दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में एक भी मौत नहीं हुई, लेकिन डेथ समरी के आधार पर मौत के 15 मामले रिपोर्ट हुए हैं. कोरोना से दिल्ली में अब तक 276 मौतें हुई हैं. दिल्ली में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 7006 है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पिछले 24 घंटों में कोई मौत नहीं हुई, लेकिन अस्पतालों द्वारा भेजी गई डेथ समरी के आधार पर डेथ ऑडिट कमेटी ने समीक्षा की तो मौत का आंकड़ा 261 से बढ़कर 276 हो गया. अभी दिल्ली का रिकवरी रेट 48.18 फीसदी और मृत्यु दर 1.92 फीसदी है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा है कि दिल्ली सरकार कोरोना संक्रमण के खिलाफ पूरी तरह तैयार है. सीएम केजरीवाल के मुताबिक, दिल्ली में अभी भी करीब ढाई हजार बेड कोरोना मरीजों के लिए खाली है. उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल 3829 बेड हैं, जिनमें से 3164 बेड में ऑक्सीजन उपलब्ध है. वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट में 677 बेड हैं, जिनमें से 509 में कोरोना मरीज हैं, इसलिए कल सरकार ने आदेश जारी कर 117 अस्पतालों को 20 फीसदी बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं. अगर प्राइवेट में इलाज कराना है तो 2000 बेड अब उपलब्ध हैं. प्राइवेट अस्पताल में 72 वेंटिलेटर हैं, जिनमें से 15 ही इस्तेमाल हो रहे हैं.
नई दिल्ली, 23 मई 2020,कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहे देश में दिल्ली सरकार के एक विज्ञापन ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. दिल्ली सरकार की ओर से समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए गए एक विज्ञापन में सिक्किम को नेपाल और भूटान के साथ अलग देश के तौर पर भारत से अलग बताया गया है. अब दिल्ली सरकार के इस विज्ञापन को लेकर सवाल उठने लगे हैं. बताया जाता है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से सिविल डिफेंस के सदस्यों की भर्ती के लिए अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है. इस विज्ञापन में आवेदन के लिए पात्रता के कॉलम में लिखा गया कि भारत का नागरिक हो या नेपाल, भूटान या सिक्किम की प्रजा हो. नेपाल और भूटान के साथ सिक्किम को भी भारत से अलग दिखाया गया है. इस विज्ञापन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फोटो भी छपी है. कोरोना वायरस से दिल्ली में हुई मौतों के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रही अरविंद केजरीवाल की सरकार ने विपक्ष को हमलावर होने का एक और मौका दे दिया है. गौरतलब है कि साल 1975 में भारत का अंग बना सिक्किम, उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़ के गठन से पहले देश का सबसे नया राज्य हुआ करता था. बता दें कि दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है.
नई दिल्ली, 23 मई 2020, दिल्ली सरकार की ओर से समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए गए एक विज्ञापन में सिक्किम को नेपाल और भूटान के साथ अलग देश के तौर पर भारत से अलग बताया गया है. इस विज्ञापन को लेकर सवाल उठने लगे हैं. विवाद बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार ने सफाई दी है. दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक, ये गलती प्रशासनिक स्तर पर हुई है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले की जांच कर रही है, जो भी इस मामले में दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. क्या है पूरा मामला बताया जाता है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से सिविल डिफेंस के सदस्यों की भर्ती के लिए अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया. इस विज्ञापन में आवेदन के लिए पात्रता के कॉलम में लिखा गया कि भारत का नागरिक हो या नेपाल, भूटान या सिक्किम की प्रजा हो. नेपाल और भूटान के साथ सिक्किम को भी भारत से अलग दिखाया गया है. इस विज्ञापन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फोटो भी छपी है. इस विवादित विज्ञापन के साथ ही कोरोना वायरस से दिल्ली में हुई मौतों के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रही अरविंद केजरीवाल की सरकार ने विपक्ष को हमलावर होने का एक और मौका दे दिया था. गौरतलब है कि साल 1975 में भारत का अंग बना सिक्किम, उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़ के गठन से पहले देश का सबसे नया राज्य हुआ करता था. बता दें कि दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है.
नई दिल्ली देश में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच सूरज की तपिश भी लगातार बढ़ रही है। दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश , यूपी, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में लू के थपेड़ों की शुरुआत भी हो चुकी है। दिल्ली में पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। शनिवार को राजस्थान के चुरू और श्रीगंगानर सबसे ज्यादा तप रहे हैं जहां पारा 47 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। आइए एक नजर डालते हैं देश के उन शहरों पर जो झुलसा देने वाली गर्मी को झेल रहे हैं। लू के थपेड़ों की हुई शुरुआत मई का चौथा हफ्ता चल रहा है। हालांकि भारत के कई हिस्सों में इस महीने प्री-मॉनसून बारिश हुई है जिस वजह से अब तक लू चलने की शुरुआत नहीं हुई थी। अब पारा के चढ़ने के साथ ही लू का प्रकोप भी शुरू हो चुका है। राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तापमान काफी बढ़ चुका है। राजस्थान के 3 शहरों में पारा 46 डिग्री के पार पहुंच चुका है। यूपी के झांसी में भी अधिकतम तापमान 46 डिग्री को पार कर चुका है। पिछले 24 घंटे में देश के 10 सबसे गर्म शहर पिछले 24 घंटे में देश के 10 सबसे ज्यादा गर्म शहरों की बात करें तो इनमें 5 तो अकेले राजस्थान के हैं। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के 2-2 और एक शहर यूपी का है। जगह राज्य अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस) चुरू राजस्थान 46.6 श्रीगंगानगर राजस्थान 46.6 झांसी यूपी 46.1 पिलानी राजस्थान 46.0 नौगांव एमपी 45.8 बीकानेर राजस्थान 45.6 नागपुर महाराष्ट्र 45.6 चंद्रपुर महाराष्ट्र 45.5 खजुराहो एमपी 45.5 कोटा राजस्थान 45.5 दिल्ली दिल्ली 45.4 अगले 5 दिनों तक गर्मी से राहत के आसार नहीं: मौसम विभाग अगले 5 दिनों तक उत्तर भारत खासकर राजस्थान में गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश और राजस्थान मे तेज लू चल सकती है। खासकर पश्चिमी राजस्थान को अगले 24 घटों में लू की जबरदस्त मार झेलनी होगी। इसके साथ ही उत्तरी उत्तर प्रदेश में भी गर्म हवाएं चलेंगी। अगले हफ्ते कई जगहों पर पारा 48 से 49 डिग्री सेल्सियस पहुंचने का अनुमान है।
दिल्ली कोरोना वायरस की वजह से होने वाला संक्रमण तो हर गुजरते दिन के साथ बढ़ ही रहा है, इससे होने वाली मौतें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली (Coronavirus in delhi) में मरने वालों की कुल संख्या अब 194 जा पहुंची है और 571 नए मामले सामने आए हैं। एक दिन में कोरोना वायरस के मामले मिलने का ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। दिल्ली में अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 11,659 हो गई है। लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली में 500 से अधिक केस सामने आए हैं। इससे पहले बुधवार को 534 मामले सामने आए थे और मौतों का आंकड़ा 176 पर था, जो आज 18 मौतें होने से बढ़कर 194 पर जा पहुंचा है। इसे पहले मंगलवार को 500 संक्रमित मरीजों की पुष्टि की गई थी। इससे पहले सोमवार तक स्थिति इतनी बुरी नहीं थी। सोमवार को दिल्ली में कोरोना से 299 मरीज मिले थे। उस दिन कोरोना के केस 10 हजार पार हुए थे। इससे पहले रविवार को 422 केस मिले थे। स्क्रीनिंग सेंटर बन रहे नए हॉटस्पॉट? कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं। ऐसे लोगों को स्क्रीनिंग सेंटर्स में बुलाकर उनका नाम श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए दर्ज किया जा रहा है और उनका बेसिक हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। फिट होने पर ही उन्हें ट्रेन में चढ़ने की इजाजत दी जा रही है। लेकिन ये स्क्रीनिंग सेंटर ही हॉटस्पॉट बनते दिख रहे हैं। यहां जुटे भीड़ से खतरा कितना ज्यादा है इसका अंदाजा इससे लगाएं कि दिल्ली से बिहार पहुंच रहे लोगों की जब जांच हो रही तो हर चौथा शख्स कोरोना पॉजिटिव निकल रहा। इसकी मुख्य वजह यह है कि रजिस्ट्रेशन के लिए भारी भीड़ जुटती है, जिसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग मुमकिन नहीं हो पाती।
नई दिल्ली राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस अब हर नया रेकॉर्ड बनाता दिख रहा है। बुधवार तक पिछले 24 घंटे में 534 नए मामले आए। यह लगातार दूसरा दिन था जब दिल्ली में 500 केस सामने आए। इससे पहले मंगलवार को 500 संक्रमित मरीजों की पुष्टि की गई थी। यानी सिर्फ दो दिनों में दिल्ली में कोरोना से 1034 लोग संक्रमित हो चुके हैं। मई के 20 दिन में 7573 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जो मार्च और अप्रैल में सामने आए मरीजों 3515 से दोगुने से भी ज्यादा हैं। बुधवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, 24 घंटे में कोरोना के 534 नए मामलों की पुष्टि हुई। इसके साथ ही दिल्ली में अब कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 11,088 तक पहुंच चुकी है। इससे पहले सोमवार तक स्थिति इतनी बुरी नहीं थी। सोमवार को दिल्ली में कोरोना से 299 मरीज मिले थे। उस दिन कोरोना के केस 10 हजार पार हुए थे। इससे पहले रविवार को 422 केस मिले थे। राहत की बात, 47 प्रतिशत लोग ठीक कोरोना वायरस के बढ़ते केस जहां डराते हैं, वहीं ठीक हो रहे मरीजों की संख्या थोड़ी राहत भी देती है। राजधानी में बुधवार को 442 मरीज इस संक्रमण से ठीक हो गए, जिन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। अब तक दिल्ली में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 5 हजार के पार पहुंच चुकी है। कुल 5192 लोगों ने कोविड संक्रमण को मात देने में सफलता प्राप्त कर ली है। यह कुल केसों का 47 प्रतिशत है। स्क्रीनिंग सेंटर बन रहे नए हॉटस्पॉट? कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर किसी भी तरह अपने घर पहुंचना चाहते हैं। ऐसे लोगों को स्क्रीनिंग सेंटर्स में बुलाकर उनका नाम श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए दर्ज किया जा रहा है और उनका बेसिक हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। फिट होने पर ही उन्हें ट्रेन में चढ़ने की इजाजत दी जा रही है। लेकिन ये स्क्रीनिंग सेंटर ही हॉटस्पॉट बनते दिख रहे हैं। यहां जुटे भीड़ से खतरा कितना ज्यादा है इसका अंदाजा इससे लगाएं कि दिल्ली से बिहार पहुंच रहे लोगों की जब जांच हो रही तो हर चौथा शख्स कोरोना पॉजिटिव निकल रहा। इसकी मुख्य वजह यह है कि रजिस्ट्रेशन के लिए भारी भीड़ जुटती है, जिसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग मुमकिन नहीं हो पाती।

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