हनुमानगढ़


- जिला कलेक्टर ने बैठक में दिए निर्देश हनुमानगढ़, 7 जनवरी। 76वें गणतंत्र दिवस को जिले में गरिमापूर्ण और समारोहपूर्वक मनाने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में जिला स्तरीय कार्यक्रम की पूर्व तैयारियों हेतु जिला कलेक्टर श्री काना राम ने जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिला स्तरीय समारोह जंक्शन स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में आयोजित होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, मार्च पास्ट, परेड, घुड़सवारी, झांकियों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। सभी जिला स्तरीय अधिकारी अपने दायित्वों का अच्छे से निर्वहन करें तथा पारितोषिक वितरण के लिए अच्छा कार्य करने वाले कार्मिकों और स्वयं सहायता समूहों के नाम भेजें। कलेक्टर ने 25 जनवरी को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हनुमानगढ़ टाउन स्थित सेंट्रल पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने बताया कि 8:30 बजे तक सभी कार्यालयाध्यक्ष अपने कार्यालय पर झंडारोहण करेंगे तथा 9:15 बजे जिला स्तरीय कार्यक्रम राजीव गांधी स्टेडियम, जंक्शन में झंडारोहण होगा। राजस्थान पुलिस की महिला एवं पुरुष विंग, आरएसी, होमगार्ड, एनसीसी, स्काउट सहित विभिन्न विद्यालयों द्वारा मार्च पास्ट का आयोजन होगा। इसके उपरांत राज्यपाल के संदेश का पठन, घुड़सवारी, व्यायाम प्रदर्शन और विभिन्न विभागों द्वारा झांकियों का प्रदर्शन होगा। विद्यार्थियों द्वारा बैंड वादन और जिले के विभिन्न स्कूली छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। वीरांगनाओं का सम्मान एवं पारितोषिक वितरण जिला स्तरीय कार्यक्रम में वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया जाएगा। विशिष्ट कार्य करने वाले गणमान्य व्यक्तियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यक्रम में चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, ट्रैफिक पुलिस की ओर से विभिन्न थीम पर 15 झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। पत्रकारों और प्रशासन के बीच मैत्री क्रिकेट मैच हर बार की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस पर मुख्य समारोह के आयोजन के बाद पत्रकारों और पुलिस-प्रशासन की टीम के बीच मैत्री क्रिकेट मैच का आयोजन होगा। बैठक में एडिशनल एसपी श्रीमती नीलिमा चौधरी, जिला परिषद सीईओ श्री ओपी बिश्नोई, एसडीएम श्री मांगीलाल, एसई डिस्कॉम श्री रजीराम सहारण, सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा, पीएमओ डॉ. शंकरलाल सोनी, डीटीओ श्री संजीव चौधरी, सीडीईओ श्री पन्नालाल कड़ेला, महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक श्री प्रवेश सोलंकी, संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. हरीश गुप्ता, नगर परिषद आयुक्त श्री सुरेंद्र यादव सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
जिले में अब 14,38,819 मतदाता, जेंडर रेशों में 6 अंकों का सुधार
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने जिला अस्पताल एवं पीएचसी ब्रह्मसर में सड़क सुरक्षा माह की दी जानकारी
हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित ओम स्वीट्स से लिए सैम्पल, मिल्क केक मिला अनसेफ जबकि बेसन चक्की सब स्टैण्डर्ड
मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर में नशा छोडऩे वाले मरीजों की काउंसलिंग एवं उपचार शुरू

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बॉलीवुड के बीते जमाने के स्टार जीतेंद्र आज 82 साल के हो गए। तकरीबन चार दशक लंबे करियर में जीतेंद्र ने 'तोहफा', 'हिम्मतवाला', 'कारवां', 'परिचय', 'मवाली' समेत कई हिट फिल्मों में काम किया है। अपने अनोखे डांसिंग स्टाइल की वजह से लोग उन्हें जंपिंग जैक बुलाते थे। जीतेंद्र ने करीब 121 हिट फिल्में दीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कभी बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नहीं मिला। कभी 8 साल में 60 फिल्मों में काम करने वाले जीतेंद्र तकरीबन 23 साल पहले एक्टिंग छोड़ चुके हैं। 2001 में उन्हें फिल्म ‘कुछ तो है’ में देखा गया था। इसके बाद वो कुछ टीवी सीरियलों और वेब सीरीज में चंद मिनट के लिए ही नजर आए हैं। एक इंटरव्यू में जीतेंद्र ने तो ये तक कहा था कि उन्हें याद ही नहीं है कि वे कभी एक्टर थे। वैसे, एक्टिंग के अलावा जीतेंद्र ने प्रोडक्शन हाउस से भी मोटी कमाई की, लेकिन फिल्में प्रोड्यूस करते हुए जीतेंद्र दो बार दिवालिया भी हो गए थे। जीतेंद्र ने तब भी हार नहीं मानी और आज उनकी संपत्ति 1512 करोड़ रुपए है। जन्मदिन के मौके पर जानते हैं जीतेंद्र की लाइफ के कुछ दिलचस्प किस्से… राजेश खन्ना थे जीतेंद्र के क्लासमेट जीतेंद्र का जन्म 7 अप्रैल 1942 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था। उनका असली नाम रवि कपूर है। जीतेंद्र के पिता अमरनाथ फिल्म इंडस्ट्री में नकली ज्वेलरी सप्लाई करने का काम करते थे, इसलिए पूरी फैमिली अमृतसर से मुंबई आकर बस गई थी। जीतेंद्र की शुरुआती पढ़ाई सेंट सेबेस्टियन गोअन हाई स्कूल, मुंबई में हुई थी। इसी स्कूल में उनके साथ राजेश खन्ना भी पढ़ते थे और दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। जीतेंद्र ने आगे की पढ़ाई मुंबई के सिद्धार्थ कॉलेज से पूरी की। ज्वेलरी सप्लाई करते-करते बने बॉडी डबल जीतेंद्र जब बड़े हुए तो अपने पिता के बिजनेस में हाथ बंटाने लगे। इसी सिलसिले में एक दिन वे फिल्ममेकर वी शांताराम से मिले। फिर अक्सर ज्वेलरी सप्लाई के सिलसिले में जीतेंद्र का शांताराम की फिल्म कंपनी में आना-जाना लगा रहता था। इसी दौरान उनके मन में हीरो बनने की इच्छा जाग गई। उन्होंने वी शांताराम से किसी फिल्म की शूटिंग देखने की इच्छा जताई। शांताराम ने कहा-सिर्फ शूटिंग देखने से काम नहीं चलेगा। काम करोगे? जीतेंद्र ने तुरंत हामी भर दी। फिल्म 'नवरंग' की शूटिंग के दौरान जीतेंद्र को छोटे-मोटे काम मिल जाया करते थे। लेकिन एक दिन ऐसा आया जब जीतेंद्र की किस्मत चमक गई। ये किस्सा उन्होंने खुद 'द कपिल शर्मा शो' के दौरान सुनाया था। जब कपिल शर्मा ने उनसे पूछा था कि क्या आप स्ट्रगल के दिनों में हीरोइन के बॉडी डबल बने थे? इस पर जीतेंद्र ने कहा था, हां, मैं फिल्म 'सेहरा' की शूटिंग के दौरान जूनियर आर्टिस्ट था। मुझे शांताराम जी की चमचागिरी करनी पड़ती थी, मैं उस वक्त कुछ भी करने को तैयार था। तो एक दिन बीकानेर में शूटिंग के वक्त हीरोइन संध्या जी की कोई बॉडी डबल नहीं मिल रही थी। शांताराम जी ने मुझे संध्या जी का बॉडी डबल बना दिया और इस तरह मेरी फिल्मों में एंट्री हुई। पहली फिल्म की फीस थी 100 रु. शुरुआत में जीतेंद्र को काम तो मिला लेकिन छह महीने तक कोई फीस नहीं मिली। उनसे वी. शांताराम ने वादा किया था कि जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर उन्हें हर महीने 105 रु. दिए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर जब वी.शांताराम ने जीतेंद्र को 1964 में फिल्म 'गीत गाया पत्थरों ने' से ब्रेक दिया और तब अपनी पहली फिल्म की फीस के तौर पर जीतेंद्र को 100 रु. मिले। 'गीत गाया पत्थरों ने' से जीतेंद्र को ब्रेक तो मिला, लेकिन फिल्म फ्लॉप रही। ऐसे में जीतेंद्र को फिर छोटे-मोटे रोल करके गुजारा करना पड़ा। हालांकि, उनके मन में अब भी सोलो लीडिंग स्टार बनने की तमन्ना थी। 1967 में रिलीज हुई ‘फर्ज’ जीतेंद्र के करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई, लेकिन बतौर लीड स्टार फिल्म इंडस्ट्री में जमना उनके लिए आसान नहीं था। सोलो लीड हीरो बनाने से पहले डायरेक्टर ने रखी जीतेंद्र के सामने शर्त एक बार फिल्ममेकर सुबोध मुखर्जी ने जीतेंद्र से कहा कि वो उन्हें लेकर एक सोलो हीरो फिल्म बनाना चाहते हैं। जीतेंद्र खुश हो गए, लेकिन तभी सुबोध ने एक शर्त रखी। उन्होंने कहा- मैं फिल्म तभी बनाऊंगा, जब हेमा मालिनी इस फिल्म में काम करेंगी। दरअसल, उस दौर में हेमा मालिनी का स्टारडम किसी मेल सुपरस्टार से कम नहीं था। हेमा जिस फिल्म में होती थीं, उसके सफल होने की गारंटी 100% रहती थी। जीतेंद्र भी ये बात भांप गए कि अगर हेमा उनकी हीरोइन बन जाएं तो उनकी भी नैया पार लग जाएगी और वो भी बतौर हीरो स्थापित हो जाएंगे। मगर ये इतना आसान नहीं था। उस समय हेमा के करियर के फैसले उनकी मां जया चक्रवर्ती लेती थीं। जब जीतेंद्र ने उन्हें फिल्म के बारे में बताया तो उन्होंने मना कर दिया। जीतेंद्र उनके पीछे पड़ गए और कहा-आपकी बेटी अगर मेरे साथ फिल्म कर लेगी तो मेरा करियर बन जाएगा। आखिरकार जया मान गईं। जीतेंद्र ने ये बात सुबोध मुखर्जी को बताई और उन्होंने झट से हेमा को फिल्म में साइन कर लिया। हेमा को साइन करके डायरेक्टर ने जीतेंद्र को किया फिल्म से बाहर आगे मामले में ट्विस्ट तब आया जब सुबोध मुखर्जी ने फिल्म में जीतेंद्र के बजाए शशि कपूर को हीरो के तौर पर साइन कर लिया। ये बात जानकर जीतेंद्र के पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उन्होंने सुबोध से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'फिल्म के प्रोड्यूसर और फाइनेंसर ने कहा है कि जब हीरोइन हेमा मालिनी है तो हीरो भी बड़ा कास्ट करो, जीतेंद्र को लेने की क्या जरूरत। इसलिए मैंने शशि कपूर के साथ फिल्म अनाउंस कर दी।' जीतेंद्र ने जब सुबोध से कहा कि हेमा मेरी वजह से फिल्म में आई हैं तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि हम यहां बिजनेस करने बैठे हैं। जीतेंद्र इस बात से मायूस हो गए लेकिन इसी दौरान एल.वी प्रसाद ने उन्हें फिल्म 'जीने की राह' का ऑफर दिया। ये फिल्म सुपरहिट हो गई और जीतेंद्र चमक गए जबकि हेमा और शशि कपूर स्टारर फिल्म 'अभिनेत्री' बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई। हेमा की मां जीतेंद्र से करवाना चाहती थीं बेटी की शादी जब जीतेंद्र बड़े स्टार बन गए तो हेमा की मां जया चक्रवर्ती को वे अपनी बेटी के लिए परफेक्ट लगे। जया, हेमा की उनसे शादी करवाना चाहती थीं। दरअसल, तब हेमा का अफेयर धर्मेंद्र से चल रहा था और संजीव कुमार भी हेमा से शादी का प्रस्ताव उनके घरवालों के सामने रख चुके थे। हेमा की मां को न संजीव कुमार पसंद थे और न ही धर्मेंद्र। वे नहीं चाहती थीं कि हेमा की इन दोनों में से किसी स्टार से शादी हो जबकि जीतेंद्र उन्हें बेटी के लिए पसंद थे। जया चक्रवर्ती ने बेटी हेमा की शादी जीतेंद्र से फिक्स कर दी थी और चेन्नई में दोनों सात फेरे भी लेने वाले थे। तभी धर्मेंद्र शादी के मंडप में जीतेंद्र की गर्लफ्रेंड शोभा को लेकर पहुंच गए और हेमा से उनकी शादी तुड़वा दी थी। इसके कुछ साल बाद जीतेंद्र ने 1974 में गर्लफ्रेंड शोभा से लव मैरिज कर ली थी। श्रीदेवी के साथ हर फिल्म में काम करना चाहते थे जीतेंद्र 1983 में जीतेंद्र ने फिल्म 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी के साथ पहली बार काम किया था। दोनों की जोड़ी को काफी पसंद किया गया। यही वजह है कि एक दौर ऐसा आया जब जीतेंद्र हर फिल्म में केवल श्रीदेवी के साथ ही काम करना चाहते थे। शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जीतेंद्र को 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी का काम इतना पसंद आया था कि उन्होंने डायरेक्टर राघवेंद्र से कहा कि वे अपनी सभी फिल्मों में उनके अपोजिट केवल श्रीदेवी को बतौर हीरोइन साइन करें।' यही वजह थी कि 'हिम्मतवाला' के बाद राघवेंद्र राव ने जब 'जानी दोस्त' (1983), 'जस्टिस चौधरी' (1983), 'तोहफा' (1984), 'सुहागन' (1986), 'धर्माधिकारी' (1986) और 'दिल लगाके देखो' (1988) फिल्में बनाईं तो उन्होंने इनमें श्रीदेवी को ही लिया। जीतेंद्र को रेखा ने दी थी श्रीदेवी के साथ काम करने की सलाह एक इंटरव्यू में जीतेंद्र ने फिल्म 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी के साथ काम करने के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, 'श्रीदेवी के साथ काम करने की सलाह मुझे रेखा ने दी थी। एक दिन मैं और रेखा, श्रीदेवी की कोई तेलुगु फिल्म देख रहे थे। रेखा ने मुझसे कहा, 'तुम्हें श्रीदेवी के साथ जरूर काम करना चाहिए। उस वक्त रेखा के पास 'हिम्मतवाला' के लिए डेट्स नहीं थी। वे फिल्म में काम करने से मना कर चुकी थीं। ऐसे में मैंने राघवेंद्र राव को श्रीदेवी को कास्ट करने का सुझाव दिया और वे मान गए। इस तरह 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी की एंट्री हुई। श्रीदेवी का डांस में कोई मुकाबला नहीं था। जब 'हिम्मतवाला' की शूटिंग के दौरान डांस मास्टर हमें स्टेप्स सिखाते थे तो श्रीदेवी केवल दो रिहर्सल में ही स्टेप्स सीख जाती थीं और मैं कई बार प्रैक्टिस करता था लेकिन वे भी मेरे साथ तब तक रिहर्सल करती थीं, जब तक मैं अपना डांस स्टेप परफेक्ट तरीके से न कर लूं।' 8 साल में 60 फिल्मों में काम किया 1975 के आसपास जब जीतेंद्र को बतौर हीरो फिल्में मिलना बंद हो गईं तो उनकी फाइनेंशियल कंडीशन काफी खराब हो गई थी। इसके बाद जीतेंद्र दूसरी बार तब दिवालिया हुए जब उन्होंने फिल्म प्रोड्यूस करने के बारे में सोचा। 1982 में उन्होंने फिल्म 'दीदार-ए-यार' बनाई जो कि फ्लॉप साबित हुई। इससे जीतेंद्र को काफी नुकसान हुआ। खराब आर्थिक स्थिति से उबरने के लिए जीतेंद्र ने 8 साल में 60 फिल्मों में काम किया। जीतेंद्र के इतनी फिल्में करने पर लोग उन्हें इनसिक्योर एक्टर तक कहने लगे थे, लेकिन जीतेंद्र को इसमें कुछ गलत नहीं लगता। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैंने 8 साल में लगातार 60 फिल्में इसलिए कीं, क्योंकि ये सच है कि 1980 के दौर में मैं काफी इनसिक्योर था। मैं गोरेगांव की चॉल से उठा व्यक्ति हूं। मैंने वो समय देखा है, जब मेरे घर में पंखा लगा था तो पूरी चॉल के लोग उसे देखने के लिए आए थे। मैंने बुरा दौर करीब से देखा है, इसलिए मैं पागलों की तरह काम करता था।' मैं जॉबलैस हूं' जीतेंद्र 23 साल से फिल्मों से दूर हैं, लेकिन इसके बावजूद वे 1512 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने प्रोडक्शन हाउस बालाजी टेलीफिल्म्स, ऑल्ट बालाजी और बालाजी मोशन पिक्चर के जरिए उनकी सालाना कमाई 300 करोड़ रु. तक है। जीतेंद्र ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में कहा था, '20 से ज्यादा साल हो गए, मैं जॉबलैस एक्टर हूं। मैंने अपना एक रुपया नहीं कमाया है। शोभा (पत्नी) और एकता (बेटी) सब काम संभालती हैं। मेरा योगदान केवल इतना है कि मैंने उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट किया है जो कि उन्होंने कमाया है और वो सारे इन्वेस्टमेंट मेरे लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।' शराब-सिगरेट को 22 साल से हाथ नहीं लगाया जीतेंद्र ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे पहले खूब सिगरेट और शराब पीते थे, लेकिन 22 साल पहले ये सब छोड़ चुके हैं। जीतेंद्र ने कहा था-जवानी के दिनों में मैंने अपनी हेल्थ के साथ जितने खिलवाड़ करने थे, सब कर चुका। लेकिन जब मैं 60 साल का हुआ तो मैंने ये सब छोड़ दिया। लोग मुझे इस उम्र में भी फिट होने पर कॉम्प्लीमेंट देते हैं तो मैं उन्हें भी ये सब छोड़ने की सलाह देता हूं। आज के दौर में मुझे सलमान खान और ऋतिक रोशन की फिटनेस बहुत अच्छी लगती है।
9 फिल्‍में और दांव पर 600 करोड़, अक्षय-अजय देवगन के लिए ईद पर सलमान का रिकॉर्ड तोड़ पाना लगभग नामुमकिन!
‘बिग बॉस देख रहे हैं’: गृह मंत्रालय के चप्पे-चप्पे पर अब तीसरी आंख से नजर
66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का ऐलान, अंधाधुन बेस्ट हिंदी फिल्म, आयुष्मान और विकी कौशल बेस्ट ऐक्टर
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राजस्थान


जयपुर: पिछले दिनों जब राज्य सरकार ने अंग्रेजी मीडियम की सरकारी स्कूलों पर समीक्षा करने के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी का गठन किया तो स्कूलों को बंद किए जाने के सवाल उठने लगे। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासन में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों का संचालन शुरु किया गया था। पूर्ववर्ती सरकार के इस फैसले पर समीक्षा के लिए कमेटी बनाई गई तो कांग्रेसी नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेताओं ने कहा कि भजनलाल सरकार बच्चों के भविष्य को बर्बाद करना चाहती है। स्कूलें बंद करने का विचार करना ही बच्चों के भविष्य के खिलाफ है। गहलोत के इस बयान के बाद सरकार के मंत्री जोगाराम पटेल ने पलटवार किया है। पटेल ने कहा कि सभी स्कूलों को बंद नहीं कर रहे हैं। समीक्षा से वस्तु स्थिति आएगी सामने कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार इंग्लिश मीडियम की सभी स्कूलों को बंद नहीं करने जा रही है लेकिन इस पर समीक्षा करना जरूरी है। समीक्षा से सरकारी अंग्रेजी मीडियम की स्कूलों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी। पटेल ने कहा कि अधिकतर स्कूलों में केवल इंग्लिश मीडियम के बोर्ड लगाए गए हैं। योग्य टीचर और पाठ्य सामग्री को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों की स्थिति सही है, उन्हें बरकरार रखा जाएगा। कई स्कूलें ऐसी भी हैं जहां पर दक्ष शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है। वहां अंग्रेजी मीडियम की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो रही है। ऐसी स्कूलों पर केवल अंग्रेजी मीडियम का बोर्ड लगाना उचित नहीं है। केवल राजनैतिक लाभ के लिए लगा दिए बोर्ड पटेल ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कई फैसले राजनैतिक लाभ के लिए लिये थे। यह किसी से छिपा नहीं है। इंग्लिश मीडियम स्कूलें भी बिना किसी तैयारी के खोल दी गई। कांग्रेस ने इस बात का बिल्कुल ध्यान रखा कि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढाई का स्तर और गुणवत्ता भी सुधारनी है। कई स्कूलें ऐसी भी हैं जहां स्टूडेंट्स का एडमिशन भी नहीं हो रहा है। वहां अभिभावक खुद चाहते हैं कि उन्हें हिंदी मीडियम स्कूल चाहिए। इन्हीं को देखते हुए सरकार ने समीक्षा के लिए कमेटी बनाई है।
राजस्थान: इंग्लिश मीडियम स्कूल बंद होंगे ? संसदीय कार्य मंत्री ने बताया भजनलाल सरकार का प्लान
जयपुर में 'PM मोदी के खिलाफ कैंपेन', बीजेपी IT सेल के संयोजक दिलीप सिंह राव ने किया बड़ा खुलासा
सुखदेव सिंह की हत्या लॉरेंस बिश्नोई ने कराई थी! राज शेखावत के दावे ने फिर मचाई खलबली, एनकाउंटर पर रखा 1 करोड़ से ज्यादा का इनाम
बागी राजेंद्र भांबू को BJP ने उपचुनाव में दिया टिकट

बहुत कुछ


नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक नया ऑनलाइन सिस्टम भारतपोल शुरू किया है। यह सिस्टम सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने बनाया है। इसके जरिए, भारत सरकार विदेश में बैठे वॉन्टेड अपराधियों की धरपकड़ के लिए दूसरे देशों की पुलिस से मदद मांग सकेगी। इस सिस्टम से इंटरपोल को सूचना देना और मदद मांगना आसान हो जाएगा। अमित शाह ने इस नए पोर्टल पर कहा कि भारतपोल हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय जांचों को एक नए युग में ले जाएगा। भारतपोल की मदद से तमाम राज्यों की पुलिस, सीबीआई, NIA, ईडी और अन्य तमाम जांच एजेंसियां इसमें शामिल हो जाएंगी। भारतपोल की तारीफ में अमित शाह क्या बोले? गृह मंत्री अमित शाह ने भारतपोल पोर्टल की तारीफ करते हुए कहा कि आज यहां 'भारतपोल' लॉन्च किया गया है। भारतपोल हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय जांचों को एक नए युग में ले जाएगा। सीबीआई ही इंटरपोल के साथ काम करने वाली एकमात्र एजेंसी थी,लेकिन भारतपोल के लॉन्च के साथ, हर भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल से जुड़ पाएगी। हम अंतराल को पाट सकेंगे और अपराध को नियंत्रित करने के लिए कुशलतापूर्वक काम कर सकेंगे।
विरोधियों पर कैसी भाषा बोलनी चाहिए... सुप्रीम कोर्ट ने माननीय नेताओं को समझा दिया
नक्सलियों के 'खेल' का 'खात्मा'! 9 स्थानों पर NIA की छापेमारी, नकदी और आपत्तिजनक सामग्री जब्त
बांग्लादेशी घुसपैठियों को एंट्री दे रही है बीएसएफ, ममता बनर्जी ने लगाए सनसनीखेज आरोप, केंद्र सरकार पर साधा निशाना
'बंटेंगे तो कटेंगे' के पोस्टर, महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक माहौल बदलने का प्रयास, CM योगी के मंत्र पर जोर

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साहिबाबाद और न्यू अशोक नगर के बीच दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के 13 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने साहिबाबाद स्टेशन पहुंचकर नमोभारत ट्रेन का टिकट खरीदा। इसके बाद उन्होंने स्कूली छात्रों के साथ मेट्रो रेल में दिल्ली के न्यू अशोक नगर तक सफर किया। स्कूली बच्चों के साथ नमो भारत ट्रेन में किया सफर पीएम मोदी सुबह 11 बजे हिंडन पहुंचें। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग द्वारा साहिबाबाद रैपिडएक्स नमो भारत स्टेशन पर गए। जहां उन्होंने तीसरे चरण का उद्घाटन किया गया। इसके बाद पीएम ने साहिबाबाद से नमो भारत ट्रेन में सफर किया। इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों से मुलाकात की। बच्चों ने पीएम को कुछ पेंटिंग गिफ्ट की।
युद्ध समस्‍या का हल नहीं है, भारत मदद को तैयार... ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में पुतिन के सामने पीएम मोदी का यूक्रेन जंग पर बड़ा संदेश
एग्जिट पोल में NDA 400 पार, लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले देश के दूसरे नेता बन सकते हैं नरेंद्र मोदी
'अब क्या जजों के पीछे भी गुंडे छोड़ दोगे?', जानें बारासात में क्या बोले PM मोदी
गोरखपुर के बांसगांव में PM मोदी की जनसभा, कहा- जिस पर पूर्वांचल का प्रहार हुआ वह मैदान से बाहर

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taaja khabar...काला धनः भारत को स्विस बैंक में जमा भारतीयों के काले धन से जुड़ी पहली जानकारी मिली...SPG सिक्यॉरिटी पर केंद्र सख्त, विदेश दौरे पर भी ले जाना होगा सिक्यॉरिटी कवर, कांग्रेस बोली- निगरानी की कोशिश....खराब नहीं हुआ था इमरान का विमान, नाराज सऊदी प्रिंस ने बुला लिया था वापस ....करीबियों की उपेक्षा से नाराज हैं राहुल गांधी? ताजा घटनाक्रम और कुछ कांग्रेस नेता तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं....2 राज्यों के चुनाव से पहले राहुल गांधी गए कंबोडिया? पहले बैंकॉक जाने की थी खबर...2019 में चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का ऐलान, 3 वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला...चीन सीमा पर तोपखाने की ताकत बढ़ा रहा भारत, अरुणाचल प्रदेश में तैनात करेगा अमेरिकी तोप....J-K: पुंछ में PAK ने की फायरिंग, सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब ...राफेल में मिसाइल लगाने वाली कंपनी बोली, ‘भारत को मिलेगी ऐसी ताकत जो कभी ना थी’ ..

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