गर्मी के मौसम में हमारे शरीर को भोजन से अधिक पानी की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शरीर की हर ऐक्टिविटी के लिए जरूरी ऊर्जा और मिनरल्स हमें पानी से मिलते हैं। यही कारण है कि हम कुछ वक्त के लिए बिना भोजन के तो रह सकते हैं या इसके विकल्प के रूप में दूसरी चीजों को खा सकते हैं। लेकिन पानी का कोई विकल्प हमारे लिए काम नहीं करता है। हमें सिर्फ और सिर्फ पानी ही चाहिए। आइए, यहां जानते हैं कि पानी पीने का सही तरीका क्या होता है और कैसे पानी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता करता है...
हमारे देश के ज्यादातर हिस्सों में पीने का पानी सरलता से उपलब्ध है। ऐसा हम प्रकृति के लिहाज से कह रहे हैं, मानव द्वारा तैयार की गई स्थितियों के आधार पर नहीं। क्योंकि विज्ञान और प्रगति के नाम पर हमने बहुत सारे पारंपरिक सुख-सुविधाओं और संस्कृति को भुला दिया है।
-खैरे, हमारे घर जब भी कोई मेहमान आता है या हम कहीं बाहर से आते हैं तो घर में आने के बाद सबसे पहले हमें पीने के लिए पानी चाहिए होता है। क्योंकि पानी हमारे शरीर को शांत करने और तुरंत ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है।
-शुद्ध पानी में प्राकृतिक रूप से मिनरल्स और औषधिय गुण होते हैं। अगर हम नदियों के माध्यम से पाइपलाइन द्वारा हमारे घर तक पहुंचने वाले पानी की बात करें तो इसे स्टोर करके हम तक सप्लाई किया जाता है। इस स्थिति में इसकी क्वालिटी नदी और हैंडपंप के पानी की तुलना में कम होती है। मार्केटिंग और प्रॉसेसिंग पर फोकस ना करते हुए हम सीधे तौर पर शुद्ध जल की बात करते हैं।
पानी पीने का सही तरीका
-कभी भी तेज भूख लगने पर अगर खाना तैयार होने में देरी हो तो बहुत अधिक पानी नहीं पीना चाहिए। कुछ देर के लिए भूख शांत करनी हो तो आप कुछ स्नैक्स खा सकते हैं, सलाद खा सकते हैं या अगर पानी पीना ही हो तो 1 से 2 घूंट पानी ही पिएं।
-खाने के साथ बहुत अधिक पानी नहीं पीना चाहिए। साथ ही खाने के तुरंत बाद भी पानी का बहुत अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
पानी से मिलते हैं ये प्राकृतिक तत्व
-शुद्ध और सादे पानी में खनिज लवण और औषधीय गुण पाए जाते हैं। ये हमारे शरीर में जाकर जरूरी धातुओं की कमी को पूरा करने का काम करते हैं।
-जो पानी हमें साफ और स्वच्छ नदियों से प्राप्त होता है, उनमें औषधीय गुण इसलिए होते हैं क्योंकि वह पानी उन पहाड़ी रास्तों से होकर हम तक पहुंच रहा होता है, जहां बीच में कई औषधीय पौधे होते हैं।
-इन औषधियों का प्राकृतिक सत्व इस पानी के साथ हम तक पहुंचता है। यह एक बड़ी वजह है कि आयुर्वेद में जल चिकित्सा अपने आप में एक अलग तरह की और बहुत प्रभावी चिकित्सा पद्धति है।
-हैंडपंप से निकलने वाले पानी भी पृथ्वी में मौजूद खनिज लवण पाए जाते हैं। हालांकि हर जगह के पानी की खूबी उस क्षेत्र की मिट्टी पर अधिक निर्भर करती है। पानी के जरिए मिलने वाले पोषण को बढ़ाने के लिए आप जीरे का पानी, पुदीने का पानी, सौंठ का पानी और अजवाइन जैसी नैचरल हर्ब्स के पानी का उपयोग कर सकते हैं।