कोलकाता, 07 दिसंबर 2019,पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ कहते हैं कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं सदन में जाता हूं और वहां गेट बंद मिलता है. स्पीकर ने लंच पर बुलाया था लेकिन वे खुद वहां नहीं थे. सदन खाली था. कुछ लोगों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था. वहां कोई क्लास-4 कर्मचारी भी नहीं था जो मेरे स्वागत के लिए खड़ा हो. मुझे लगता है कि स्वच्छ भारत अभियान सबसे पहले पश्चिम बंगाल के विधानसभा से शुरू होना चाहिए.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ये बातें कोलकाता में चल रहे इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट में कहीं. राज्यपाल धनकर ने कहा कि लोग मुझपर आरोप लगाते हैं कि मैं सीएम ममता और सरकार के काम में रुकावट पैदा करता हूं. लेकिन होता इसका उलटा है. यहां तो मैं रिसीविंग एंड पर हूं. वो लोग मेरे सामने समस्याएं खड़ी कर रहे हैं.
प. बंगाल के 5-6 मंत्री कहते हैं- मैं पर्यटक हूं
पश्चिम बंगाल के पांच-छह सीनियर मंत्री कहते हैं कि अगर आपको सीएम से मिलना है तो 'दीदी के' बोलो. आप यहां पर्यटक हैं. आप यहां घूमने आए हैं. इन सबके बारे में और लोगों की समस्याओं के बारे में मैंने कई पत्र भेजे हैं सीएम को. लेकिन मुझे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता. सीएम ने बुलबुल तूफान में अच्छा काम किया तो मैंने पत्र लिखकर उनके काम की तारीफ की. लेकिन ऐसे में मीडिया में हेडिंग बन जाती है कि मैं सीएम की तारीफ करता हूं. लेकिन अगर सरकार ये चाहे कि मैं बतौर राज्यपाल सीएम की तारीफ करता रहूं तो मैं उसके लिए नहीं बैठा हूं.
प. बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो चुका है
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि प. बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो चुका है. वीसी रूम बंद हो जाता है. विधानसभा का गेट बंद हो जाता है. मैं शहरों के दौरे पर जाता हूं तो मुझे वहां अधिकारी, कर्मचारी...कोई मिलता ही नहीं है. ये लोकतंत्र का खात्मा नहीं है तो क्या है? ये वैसा ही काम है जैसा औरंगजेब ने शिवाजी के साथ किया था. मैं ममता को औरंगजेब नहीं कह रहा. लेकिन प. बंगाल की आयरन लेडी औरंगजेब की तरह काम कर रही हैं. लोग आरोप लगाते हैं कि मैं समानांतर सरकार चला रहा हूं. लेकिन अगर मैं समानांतर सरकार चलाता तो ये सब नहीं होता.