संभावित हार से मोदी विरोधिओं में हाहाकार मचा

संभावित हार से मोदी विरोधिओं में हाहाकार मचा है और इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ मोदी की जीत को लेकर देश में भ्रम और उन्माद फैलाने की कोशिशें की जा रही है।एग्जिट पोल को लेकर कहा जा रहा है कि इसकी आड़ में ईवीएम को बदला जाएगा । बड़ा सवाल ये है कि क्या ईवीएम को चुनाव में इनकी जटिल प्रक्रिया के चलते बदला जाना सम्भव है।क्या कांग्रेस भी ईवीएम में बदलाव कर चुनाव जीतती रही है ।एक सवाल यह भी किया जा रहा है कि पिछले पांच सालों में ही इस पर सवाल कजों उठ रहे हैं ।पहले मोदी सरकार में ही इन पर अंगुली क्यों उठ रही है तो जवाब ये है कि क्योंकि ईवीएम पर सवाल उठाने वाले इसी ईवीएम की वजह से सत्ता की मलाई खा रहे थे और बीजेपी चुनाव हार रही थी।बीजेपी ने 2009में इस पर सवाल uthaay लेकिन जब उसे समझा दिया गया तो उसने सवाल उठाना बन्द कर दिया पर वर्तमान में बीजेपी विरोधी पार्टीयां लगातार मिल रही हार को पचा नहीं पा रही हैं और मोदी की जीत को छल कपट की बता अपनी कमजोरी छिपा रही हैं।विपक्ष ईवीएम की जटिल प्रक्रिया के बावजूद फर्जी जानकारियां फैला इस पर सवाल खड़े कर रही हैं।कभी कहा जा रहा है कि 20 लाख ईवीएम चीन से बदलने के लिए मंगवाई गई हैं जबकि भारत के अलावा हमारी तरह की ईवीएम कहीं और बनती ही नहीं है और बदलने के लिए इनमें सारा डाटा,यूनिक नंबर डालना होगा जो पीठासीन अधिकारी की डायरी में नोट होने के साथ ही उम्मीदवारों के पास भी होता है जो किया जाना असंभव है साथ ही मतदान के बाद सभी ईवीएम कड़े सुरक्षा में उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उनके हस्ताक्षरित सील में बंद की जाती हैं जिनकी सुरक्षा तीन स्तरीय सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरे की नजर में होती है।चुनावी प्रक्रिया के दौरान ईवीएम की एक्स्ट्रा और आरक्षित मशीनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है कार्मिकों का प्रशिक्षण दिया जाता है इस दौरान के वीडियो बना झूठा दावे किए जा रहे हैं कि ईवीएम बदलने के लिए लेजाई जा रही है ये सभी ईवीएम भी स्ट्रॉन्ग रूम में ही रखी जाती हैं।पुलिस ने आजमगढ़ और जोनपुर से दो युवकों को इन्हीं गलत और झूठे दावे कर लोगों को भ्रमित कर उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।विचारणीय बिंदु यह है कि बूथों पर कौनसी ईवीएम भेजी जाएगी यह पूर्व निर्धारित नहीं होता।हर ईवीएम का यूनिक नंबर अलग होता है।सभी पीठासीन अधिकारी डायरी में यूनिक नंबर,कितने वोट पोल हुए सभी का ब्यौरा डायरी में लिखता है और यह समस्त जानकारी उम्मीदवारों और चुनाव एजेंट के पास होती है उपयोग में लाई गई ईवीएम की पूरी लिस्ट उम्मीदवार के पास होती है। मतदान खत्म होने के बाद पीठासीन अधिकारी चुनाव एजेंटों के सामने क्लोज बटन दबाकर ईवीएम बन्द कर उस पर सील लगाता है जिस पर सभी के हस्ताक्षर होते हैं और सभी की उपस्थिति में गिनती कर कड़े पहरे में स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है ।गिनतीके लिए ईवीएम को सभी के सामने स्ट्रॉन्ग रूम से निकाला जाता है और जिनके सील पर हस्ताक्षर होते हैं उनके सामने सील को तोड़ा जाता है । ऐसे में इन ईवीएम में कैसे किसी तरह की गड़बड़ी कैसे हो सकती है सोचा और समझने की जरूरत हैmadan arora 22 may 2019

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