भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिकों की समस्याओं के बारे में संज्ञान लेने के लिए सांसद को सौंपा ज्ञापन

श्रीगंगानगर, 19 जून 2020: भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिकों की समस्याओं के बारे में संज्ञान लेने के लिए सांसद निहालचंद को ज्ञापन सौंपकर श्रमिक समस्याओं के निराकरण की माँग की है। भारतीय मजदूर संघ श्रीगंगानगर जिला मंत्री कुलविन्द्रसिंह ग्रेवाल, हनुमानगढ़ जिलाध्यक्ष अमर सिंह व जिला मंत्री इन्द्राज घोटिया के नेतृत्व में भारतीय मजदूर संघ के शिष्टमण्डल द्वारा सांसद निहालचंद को सौंपे ज्ञापन में लिखा गया है कि भारत एक नाजुक स्थिति से गुजर रहा है, जिसके दौरान सरकार ट्रेड यूनियनों, औद्योगिक संगठनों, राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों आदि को इस संकट से उबरने और पुनरुत्थान के लिए मिलकर काम करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से केन्द्र और विभिन्न राज्य सरकारों, दोनों की गलत नीतियों के कारण श्रम से जुड़े कुछ मुद्दों को अत्याधिक हानि हुई है। इस कारण भारतीय मजदूर संघ (भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय संगठन) को श्रमिकों के मुद्दों के लिए राष्ट्रव्यापी विरोध कार्यक्रम के लिए जाना पड़ा है। जिला मंत्री कुलविन्द्र सिंह ग्रेवाल ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ ने प्रवासी श्रमिकों की दयनीय स्थिति और असंगठित श्रमिकों की आजीविका सम्बन्धी समस्या से अवगत करवाते हुए कहा कि लगभग 8 से 11 करोड़ की संख्या वाले प्रवासी श्रमिक सबसे आर्थिक शोषित श्रमिक है। जहां पर उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया, उन्हें पर्याप्त मजदूरी और काम नहीं दिया गया, उनके रहने की उचित व्यवस्था नहीं की गई है, वे अपने गाँव वापस जा रहे हैं। जहां उन्हें प्यार और पहचान लिती है, वे टिके हुए हैं। अब नौकरी देना राज्यों के लिए बड़ी चुनौतिया हैं। इसी तरह, कुल कार्यबल का 93 प्रतिशत पूरे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। समाधान खोजने के लिए श्रम से जुड़े हर मुद्दे पर त्रिपक्षीय मंचों से सलाह ली जानी चाहिए। प्रत्येक श्रमिक के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। मजदूरी का भुगतान समस्या से अवगत करवाते हुए कहा कि यह एक प्रमुख मुद्दा है। हम सराहना करते हैं कि कई अच्छे नियोक्ताओं ने मार्च, अप्रैल और मई के दौरान मजदूरी का भुगतान किया है। लेकिन, एमएचए के आदेश के बावजूद बहुत से नियोक्ताओं ने मजदूरी का भुगतान करने से इन्कार कर दिया है, जिन्होंने वास्तव में श्रमिकों के खून-पसीने से पिछले वर्षों में लाभ अर्जित किया था। इसलिए उनका नैतिक कर्तव्य है कि वे श्रमिकों को अपने विस्तारित परिवार के सदस्य के रूप में भुगतान करें। छोटे, सूक्ष्म और लद्यु उद्यमों को समय में मजदूरी का भुगतान करने के लिए कहा जाए और सरकार द्वारा इस मजदूरी का अनुदान के रूप में प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए। नौकरियों का बड़ा नुकसान मुद्दे से अवगत करवाते हुए कहा कि कई फर्मों ने तो काम ही शुरू नहीं किया है और कई ने कम श्रमिकों के साथ काम करना शुरू किया है, इसलिए देश में बड़े पैमाने पर श्रमिक नौकरी से हाथ धो रहा है। इसलिए राष्ट्र के विकास के बारे में सोचने वाले सभी लोगों को एक साथ काम करना चाहिए और औद्योगिक गतिविधियों को सामान्य स्थिति में लाना चाहिए, ताकि सभी को अपनी नौकरी वापस मिल जाए। जिला मंत्री कुलविन्द्र सिंह ग्रेवाल ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ ने श्रम कानून में बदलाव के मुद्दे पर कहा कि तीन राज्यों में श्रम कानूनों का निलंबन, कई राज्यों में स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित सरकारी कर्मचारियों के वेतन को जब्त करना, लगभग 15 राज्यों में काम के घंटों को 8 से 12 घंटे करना इसके उदाहरण है। उद्योग और श्रम को एक साथ चलना चाहिए, इसके विपरीत सोचना राष्ट्र के लिए हानिकारक है। सरकार को चीन या अन्य देशों की कम्पनियों को भारत में स्थानान्तरित करने के नाम पर श्रम कानूनों में किसी भी मजदूर विरोधी संशोधन से बचना चाहिए। अंधाधुंध निजीकरण के मुद्दे को प्रभावी तरीके से उठाते हुए कहा कि भारत में सार्वजनिक क्षेत्र ने एक बड़ी भूमिका निभाई है और अभी भी वह बड़ी भूमिका निभा रहा है, जिसे हमनें कोरोना दिनों में के दौरान देखा है। यह बहुत ही अपमानजनक है कि अतयाधिक लाभ देने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अब बिक्री के लिए रखा गया है। यह भी तथ्यात्मक रूप से गलत है कि पूरे सार्वजनिक उपक्रमों में घाटा हो रहा है। सरकार को सार्वजनिक उपक्रमों और वहां काम करने वाले कर्मचारियों का सम्मान करना चाहिए जो देश को महामारी से बचाने में सबसे आगे हैं, जबकि निजी क्षेत्र या तो हिचकिचा रहे थे या उन्हें लकवा मार गया था। भारतीय मजदूर संघ के शिष्टमण्डल ने कहा कि हमनें भारत के आर्थिक विकास के लिए केन्द्र सरकार के 20 लाख करोड़ रूपये के प्रोत्साहन पैकेज और साथ ही भारत के श्रमिकों, किसानों और छोटे उद्योगों को आत्म निर्भरता के तीन स्तम्भ बताने का स्वागत किया था। हम सरकार द्वारा जो भी अच्छी चीजें की जाती है, उसके समर्थन में है। भारतीय मजदूर संघ द्वारा समय-समय पर सरकार को अच्छे सुझाव दिए गए, लेकिन सरकार श्रम मंत्रालय द्वारा आयोजित बैठकों को छोडक़र, ऑनलाईन तंत्र के बावजूद, ट्रेड यूनियनों के साथ एक सामाजिक बातचीत करने के लिए तैयार नहीं हैं। इस तरह की चर्चायें अतीत में अक्सर हुआ करती थी। भारतीय मजदूर संघ ने सांसद निहालचंद से माँग की है कि श्रमिक हित में श्रमिकों की उपरोक्त समस्याओं के निराकरण के लिए प्रभावी कार्यवाही करके सरकार को श्रम की स्थितियों में सुधार लाने के लिए काम करने के लिए राजी किया जाए। इस अवसर पर शिष्टमण्डल में भारतीय मजदूर संघ श्रीगंगानगर जिला मंत्री कुलविन्द्रसिंह ग्रेवाल, हनुमानगढ़ जिलाध्यक्ष अमर सिंह व जिला मंत्री इन्द्राज घोटिया, श्रीगंगानगर जिला सह मंत्री सुरेन्द्र कटारिया, वीर बागड़ी, समाजसेवी रवि कटारिया शामिल थे।

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