नई दिल्ली, 06 जुलाई 2020,भारत और चीन के बीच लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तीन महीने से चल रहा तनाव कम करने की कोशिशें रंग ला रही हैं. रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से बात की थी. डोभाल के एक बार बात करने पर ही चीन की सेना सोमवार को गलवान में एक से दो किलोमीटर पीछे हट गई.
अजीत डोभाल के एक बार बात करने पर ही तनाव कम होने को लेकर भी अब विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं. शिवसेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा कि यदि केवल एक बात से डिसएंगेजमेंट सुनिश्चित हुआ, तो काश उन्होंने पहले ही बात कर ली होती. गलवान घाटी के संघर्ष से बच गए होते.
शिवसेना नेता ने सवाल किया कि वे पिछले तीन महीने से कहां थे? इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सरकार के साथ ही एनएसए डोभाल पर भी सीधा हमला बोला. खेड़ा ने कहा है कि एनएसए ने चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से एलएसी पर चल रहा गतिरोध खत्म करने के लिए बात की.
कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि इस सरकार में यह प्रवृत्ति रही है. संबंधित विभाग के मंत्री कभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर नहीं बोलते, कोई और करता है. उन्होंने एनएसए डोभाल पर भी सीधा हमला बोला. पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि अजीत डोभाल के संगठन विवेकानंद फाउंडेशन के चीन के साथ संबंध हैं.