जयपुर
नवंबर 2001, पाकिस्तान के सिंध प्रांत से नीता कंवर जोधपुर पहुंची थीं। उस समय नीता की प्राथमिकता थी कि अच्छी शिक्षा और एक युवा राजपूत का साथ, जिसका सहारा लेकर वह शेष जीवन बिता सकें। करीब 19 साल बाद और भारतीय नागरिकता मिलने के बमुश्किल चार महीने बाद अब नीता नई शुरुआत करने जा रही हैं। नीता की जिंदगी का नया अध्याय राजनीति में शुरू होने जा रहा है।
दो बच्चों की मां, 36 वर्षीय नीता ने 17 जनवरी को राजस्थान में पंचायत चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। वह टोंक जिले की नटवारा ग्राम पंचायत की सरपंच बनने की ख्वाहिश रखती हैं। इस सीट पर उनके ससुर का तीन बार कब्जा रहा है। अजमेर में सोफिया गर्ल्स कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएट कर चुकीं नीता ने हमारे सहयोगी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'मुझे पिछले साल सितंबर में टोंक कलेक्टर कार्यालय में नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था। नागरिकता के पात्र होने के बाद मुझे उस दस्तावेज़ को हासिल करने में तीन साल लग गए। अब मैं पंचायत चुनाव लड़ रही हूं।'
नीता अपनी बड़ी बहन अंजना सोढा के साथ सिंध के मीरपुर-खास से जोधपुर आई थीं। नीता ने कहा, 'मैं एक सामान्य सीट पर चुनाव लड़ रही हूं, लेकिन यह महिलाओं के लिए आरक्षित है। मैं लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण, सभी लड़कियों के लिए शिक्षा और उचित चिकित्सा सुविधाओं के लिए काम करना चाहती हूं। मुझे बहुत समर्थन मिल रहा है।'