राजस्थान बजट / एक साल में 53 हजार पदों पर भर्ती होगी, स्कूलों में शनिवार को 'नो बैग डे' की घोषणा

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। 2 लाख 25 हजार करोड़ का बजट पेश करते हुए गहलोत ने 7 संकल्पों का उल्लेख किया है। उन्होंने बजट में 53,151 पदों पर भर्ती का एलान किया। इसमें मेडिकल और हेल्थ में 4369, मेडिकल एजुकेशन में 573, कोओपरेटिव में 1000, एजुकेशन में 41000, लोकल सेल्फ गवर्मेंट में 1039, गृह विभाग में 5000 और जीएडी विभाग में 200 पदों पर भर्तियां होंगी। वहीं, स्कूलों में शनिवार को 'नो बैग डे' की भी घोषणा भी की। इस दिन कोई पढ़ाई नहीं होगी। साथ ही, बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है। गहलोत ने 7 संकल्प ट्वीट किए- पहला संकल्प- निरोगी राजस्थान बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़े विभागों के लिए 14 हजार 533 करोड़ 37 लाख का प्रावधान किया है। 100 करोड़ के निरोगी राजस्थान कोष की घोषणा की गई है। इस कोष से हर जिले को 1 करोड़ बीमारियों की रोकथाम के लिए दिए जाएंगे। अगले वर्ष तक सभी नागरिकों का डिजिटल हेल्थ सर्वे करने की घोषणा भी की गई है। 15 नए मेडिकल कॉलेज का अगले 4 सालों में निर्माण करवाया जाएगा। इस पर 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दूसरा संकल्प- संपन्न किसान कृषि के लिए 3 हजार 420 करोड़ 6 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। 150 करोड़ की लागत से वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए बजट में 12,500 तालाब का निर्माण कराया जाएगा। 91 करोड़ रुपए खर्च करके सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के अंतर्गत 30 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को लाया जाएगा। 267 करोड़ की लागत से 25 हजार सोलर पंप लगाए जाएंगे। दो नए अधिनियम बनाए जाएंगे। पहला राजस्थान राज्य कृषि उपज अधिनियम 2020 और दूसरा राजस्थान कृषि उपज संविदा खेती एवं सेवाएं अधिनियम 2020। इनका मकसद किसानों की आय में वृद्धि, वितरण व्यवस्था में सुधार करना होगा। पशुपालन में 10 करोड़ की लागत से कृत्रिम गर्भाधान हेतु सोर्टेड सीमन के उपयोग की योजना शुरू की जाएगी। तीसरा संकल्प- महिला, बाल एवं वृद्ध कल्याण 'ए-3 एप' विकसित किया जाएगा। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगी और एएनएम के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए करीब 35 लाख से अधिक बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं को 800 करोड़ रुपए की राशि से पोषाहार वितरित किया जाएगा। राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड के गठन की घोषणा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के लिए 8 हजार 500 करोड़ 7 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। पालनहार योजना पर अगले साल 450 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। बाल अधिकार, शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए 100 करोड़ रुपए के नेहरू बाल संरक्षण कोष का गठन किया जाएगा। अजमेर के मसूदा और भरतपुर के कामां ब्लॉक में 41 करोड़ 60 लाख से अल्पसंख्यक बालक-बालिका आवासीय विद्यालय भवनों का निर्माण किया जाएगा। राजस्थान वफ्फ बोर्ड को 5 करोड़ रुपए की ग्रांट दी गई। चौथा संकल्प- सक्षम मजदूर, छात्र, युवा और किसान ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर राजस्थान के खिलाड़ियों को सरकार 3 करोड़ रुपए देगी। अब तक 75 लाख दिए जाते हैं। वहीं, रजत जीतने पर 50 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर 30 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ दिए जाएंगे। एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने पर 1 करोड़, रजत पदक जीतने पर 60 लाख और कांस्य पदक जीतने पर 30 लाख रुपए देने की घोषणा। उद्योगों की सुगम स्थापना के लिए वन स्टॉप शॉप प्रणाली स्थापित की जाएगी। इससे उद्योगों के लिए आवश्यक मंजूरी जल्द मिलेगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ इनवेस्टमेंट गठित किया जाएगा। यह निवेश प्रस्तावों संबंधी स्वीकृतियां प्रदान करने में सक्षम होगा। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अलवर, सीकर, जालोर, टोंक, बूंदी, भरतपुर, बांसवाड़ा, और उदयपुर में नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी। ब्लॉक और जिला स्तर पर खेलों का आयोजन किया जाएगा। 2022 में होने वाले राज्य खेल और अधिक सफल हो, इसके लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया। पांचवां संकल्प- शिक्षा का परिधान शिक्षा से जुड़े विभागों के लिए 39 हजार 524 करोड़ 27 लाख का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 200 उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त संकाय और 300 उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त विषय शुरू किए जाएंगे। इसमें 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आजीविका विकास निगम और राजस्थान स्किल यूनिवर्सिटी के माध्यम से हर साल 10 हजार विद्यार्थियों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी। छठवां संकल्प- पानी, बिजली और सड़कों का मान 16 जिलों में पेयजल से जुड़ी 30 परियोजनाओं के काम शुरू किए जाएंगे। इसमें 4,327 गांवों एवं 9,159 ढाणियों के करीब 9 लाख परिवारों को फायदा होगा। इस योजना में 1 हजार 350 करोड़ रुपए का खर्च संभावित है। 4 हजार से कम आबादी वाले 250 गांव जहां पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं हैं। वहां नल से हर घर में पेयजल आपूर्ति की योजनाओं के 625 करोड़ की लागत के कार्य करवाए जाएंगे। वहीं प्रदेश में 500 जनता जल योजनाओं के माध्यम से 1 लाख घरों को जोड़ा जाएगा। जयपुर शहर में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 5 तलाबों का निर्माण किया जाएगा। पुरानी पेयजल लाइन को बदला जाएगा। इस योजना पर 165 करोड़ रुपए का खर्च होगा। 9 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। ऊर्जा विभाग के लिए 18 हजार करोड़ 75 लाख का प्रावधान किया गया है। नई सौर ऊर्जा नीति के तहत 30 हजार मेगावाट तक उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश में सड़क दुर्घटना में घायल होने पर व्यक्ति को तुरंत नजदीक के निजी अस्पताल में ले जाए जाने पर उपचार करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को सिंचाई और जलदाय के लिए टॉप प्रायोरिटी में शामिल किया जाएगा। यह योजना राजस्थान के 13 जिलों के लिए पेयजल और सिचांई के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी लागत 37 हजार 247 करोड़ रुपए है। सांतवां संकल्प- कौशल व तकनीक प्रधान राज्य को स्किल और आईटी के तालमेल से फिजिकल से डिजिटल इकोसिस्टम की ओर ले जाया जाएगा। प्रदेश के सभी 229 राजकीय आईटीआई में ई-क्लास रूम के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी। स्टार्टअप के विकास के लिए 75 हजार करोड़ के राजीव@75 फंड की स्थापना की जाएगी। कला-संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों को राजस्थान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ की क्षमता बढ़ाने के लिए 10-10 करोड़ रुपए के आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। जल संसाधन विभाग को बाढ़ नियंत्रण और बचाव कार्य के लिए 12 करोड़ रुपए, वन विभाग को जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण के लिए 3 करोड़ के अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही निगरानी हेतु कलेक्टर्स को ड्रोन उप्लब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया है। प्रदेश में पुलिस के लिए 1682 नए वाहन खरीदे जाएंगे। अब आपराधिक मामलों में डीएनए टेस्ट के लिए जोधपुर व अजमेर में भी प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। अब तक जयपुर में प्रयोगशाला थी।

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