नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो लिंक पर मीटिंग की। इसमें देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा हुई। मीटिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा हेल्थ मिनिस्ट्री के टॉप अधिकारी शामिल हुए। बैठक शाम 4 बजे शुरू हुई और खबर लिखे जाने तक जारी थी। PTI ने सूत्रों ने हवाले से लिखा कि मीटिंग में कोरोना को रोकने के अलावा राज्यों की कैपेसिटी बिल्डिंग और लोकल हेल्थ ऑफिशियल्स को ट्रेनिंग पर भी चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री लगातार वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने पर जोर दे रहे हैं। शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में भी उन्होंने इसपर बात की थी।
मीटिंग में मौजूद रहे इन राज्यों के प्रतिनिधि
चर्चा में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा कई राज्यों के सीएम ने हिस्सा लिया। मीटिंग में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, मणिपुर, राजस्थान, गोवा, नगालैंड, पुदुचेरी, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, तमिलनाडु, मेघालय, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मिजोरम, मध्य प्रदेश, अंडमान-निकोबार के मुख्यमंत्री/प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
कोरोना से निश्चिंत हो जाना ठीक नहीं : पीएम
पीएम ने कहा था कि '130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं। लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।' पीएम ने सुझाया कि लोग 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' लगाएं।
क्या है जनता कर्फ्यू?
पीएम के मुताबिक, इस रविवार यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक कोई व्यक्ति बाहर न निकले। उन्होंने अपील की कि संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। पीएम ने अपील की कि रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
पीएम के मुताबिक, ये 'जनता कर्फ्यू' कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। उन्होंने कहा कि ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा।
वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दें कंपनियां'
सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने को कहा है। इसके तहत, कंपनियों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नियमों के अनुपालन में छूट देते हुए कंपनियों को 30 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये निदेशक मंडल की बैठक करने की सुविधा दी है। कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने गुरुवार को एक एडवाजयरी में कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून के तहत दी जा सकने वाली उन छूटों का आकलन कर रहा है, जिनके ऊपर महामारी की इस स्थिति में अमल किया जा सकता है। सरकार ने कंपनियों और LLP के लिये एक डिजिटल फॉर्म भी तैयार किया है, जिसके जरिये कोरोना वायरस संकट से जूझने की तैयारियों की जानकारी दी जा सकती हैं।