जयपुर, महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार ने अहम फैसला लिया है. राज्य सरकार ने स्कूलों को अगले तीन महीने की अग्रिम फीस नहीं लेने का निर्देश दिया है. सरकार ने गुरुवार को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण होने वाली परेशानी के कारण छात्रों से तीन महीने का अग्रिम शुल्क न लिया जाए.
इसके अलावा फीस के कारण किसी भी छात्र का नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा. सभी छात्रों को अगली क्लास में प्रमोट किया जाएगा. हालांकि 10वीं और 12वीं क्लास पर ये नियम नहीं लागू होगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों और राज्य मंत्रियों भंवर सिंह भाटी, गोविंद सिंह डोटासरा और सुभाष गर्ग के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं और ई-लर्निंग को शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूलों और कॉलेजों द्वारा जारी किया जाना चाहिए. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि विश्वविद्यालयों की परीक्षा कार्यक्रम तय करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है.
हरियाणा के छात्रों को भी मिली राहत
इससे पहले हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को भी राहत मिली थी. राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को लॉकडाउन अवधि के दौरान फीस जमा नहीं करने के लिए कहा. सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सभी प्रकार के फीस कलेक्शन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
राज्य सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन खत्म होने के बाद जैसे ही स्थिति सामान्य होती और स्कूलों के फिर से खोला जाता है, उसके बाद ही फीस जमा करने के लिए स्कूल बोल सकता है.