नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2020,कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में लॉकडाउन लागू है. इस वायरस के खात्मे के लिए टेस्टिंग को सबसे कारगर बताया जा रहा है. राजस्थान के भीलवाड़ा में राज्य सरकार ने पूरे बॉर्डर को बंद करके हर किसी की टेस्टिंग कराई और अब यहां कोई केस नहीं है. इस बीच दूसरी ओर रामगंज में मामले बढ़ते जा रहे हैं.
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने ई-एजेंडा आजतक में दोनों मॉडल की बात की और बताया कि किस तरह उन्होंने काम किया.
रामगंज में लगातार बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रामगंज में ढाई लाख लोग रहते हैं, हमने उसको 30 क्लस्टर में बांटा है. अभी तक 630 की जांच की गई हैं, जिसके बाद अब स्थिति कंट्रोल में है.
गौरतलब है कि राजस्थान के रामगंज में 48 घंटे के भीतर करीब 100 कोरोना के मामले सामने आए थे, जिससे अचानक हड़कंप मच गया था. शनिवार सुबह तक राजस्थान में कोरोना वायरस के कुल मामले 2000 से अधिक पहुंच गए हैं, जबकि 27 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
भीलवाड़ा मॉडल की हर जगह हुई चर्चा
वहीं अगर भीलवाड़ा की बात करें तो ये वो शहर था जहां राजस्थान में शुरुआत में सबसे अधिक मामले सामने आए थे. लेकिन राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए भीलवाड़ा के पूरे बॉर्डर को सील कर दिया, बड़ी संख्या में स्क्रीनिंग की गई, लोगों में जागरुकता फैलाई गई.
जिसके बाद शहर में कुल मामलों को 30 से कम के आंकड़े पर रोक दिया गया था, इतना ही नहीं आज की तारीख में भीलवाड़ा में कोरोना का कोई भी मामला पॉजिटिव नहीं है. हालांकि, विपक्ष की ओर से कई बार इस बात को लेकर सवाल किए गए कि जब भीलवाड़ा मॉडल सफल हुआ है तो फिर राजस्थान के अन्य शहरों में उसका असर क्यों नहीं दिख रहा है.
इस मॉडल की तारीफ लगातार हुई थी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार से इस मॉडल को देश के अलग-अलग हिस्सों में लागू करने की अपील की थी.