जयपुर, 15 मई 2020, राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी किसानों को राहत देने के लिए लोन योजना लेकर आई है. इसमें किसान अपनी फसल का रहन रखकर 3 फीसदी ब्याज पर लोन ले सकेंगे. जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल का बेहतर मूल्य दिलाने, खरीद के लिए सुगम और विकेंद्रीकृत व्यवस्था करने और उपज को रहन रखकर मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपये का अनुदान देने का अहम फैसला लिया है. इससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर मात्र 3 फीसदी ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा. जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा. पहले राज्य सरकार द्वारा केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था.
इससे पहले, दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों के बारे में विस्तार से बताया. आत्मनिर्भर भारत पैकेज की तीसरी किश्त में निर्मला सीतारमण ने फिर से किसानों और कृषि संबंधी अन्य सेक्टर्स मसलन मछली उत्पादन, डेयरी, खाद्य प्रोसेसिंग, मधुमक्खी पालन, पशुपालन को राहत देने का ऐलान किया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस घोषणा का फोकस 11 प्रमुख बिंदुओं पर है. इनमें से 8 बिंदुओं के जरिये कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक मजबूत करने की कोशिश की गई है और तीन उपाय प्रशासनिक सुधार से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि कृषि के आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर्बल खेती के क्षेत्र में बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने 4,000 करोड़ रुपये के प्रवाधान को मंजूरी दी. दो साल में लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल उत्पाद की खेती होगी जिससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी. औषधि के लिए गंगा नदी के किनारे पौधा रोपण किया जाएगा.
बकौल वित्त मंत्री, किसानों के खातों में दो माह में 18 हजार 700 करोड़ डाले गए हैं. पिछले दो महीने में किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इस दौरान 74 हजार 300 करोड़ रुपये की फसल खरीद की गई. दो करोड़ किसानों को ब्याज में सब्सिडी की सुविधा दी गई. न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के लिए 17300 करोड़ और फसल बीमा के लिए 6400 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है. यह मत्स्य मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतराल भरने में मदद करेगा. यह समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य क्षेत्र के विकास में मदद करेगा.