जोधपुर। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद बढ़े तनाव के बीच अब भारत-पाक सीमा पर भी चीन की नापाक साजिश का खुलासा हुआ है। राजस्थान से सटी सीमा के सामने करीब दो दशक से सक्रिय चीन इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में अब युद्धाभ्यास की तैयारी में जुटा है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार पीएलए एयरफोर्स अब पाक से सटी राजस्थान सीमा के पास तेजी से सक्रिय हो गई है। अखबार ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इन दिनों इस इलाके में चीन की सक्रियता बढ़ी है। चीन अब पीएलए एयरबेस पर युद्धाभ्यास में जोर-शोर से जुटा हुआ है।
पिछले दिनों ही स्कार्डू में फाइटर प्लेनों में ईंधन भरने वाले चीनी वायुसेना के आईएल एयरक्राफ्ट और कुछ लड़ाकू विमान देखे गए थे। इसके बाद से भारत चीन की पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। बता दें कि स्कार्डू पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में है. पूर्वी लद्दाख में चीनी वायुसेना की गतिविधियां बढ़ी हैं. इससे पीएलए एयरफोर्स (चीन की वायुसेना) के पीओके स्थित एयरबेसों का इस्तेमाल करने की आशंका बढ़ी है. इधर, भारत-पाक सीमा पर चीन की गतिविधियों के साथ ही पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर बंकर बनाए जाने की सूचना है। ये बंकर पाकिस्तानी सेना के लिए बनाए गए हैं।
इकोनॉमिक कॉरिडारे के नाम पर इंटेलीजेंस एक्सचेंज की आशंका
चीन-पाकिस्तान इकाेनाॅमिक काॅरिडाेर (सीपीईसी या सीपेक) के चलते राजस्थान की चार जिलों से लगती सीमा के पास भी चीनी कंपनियों की दखलअंदाजी बढ़ी हैं। जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और गंगानगर की सीमाओं के आगे यहां 30 हजार से ज्यादा चीनी इंजीनियर्स और एस्पर्ट पहले से सक्रिय हैं। बाड़मेर के सामने जवाहर शाह, शामगढ़ से लगती सीमा पर सुई गैस फील्ड में भी कई चीनी कंपनियां काम कर रही हैं। रिटायर्ड मेजर जनरल शेरसिंह के अनुसार राजस्थान से सटी सीमा के सामने चीन इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में गत दो दशक से सक्रिय है। चीन ने यहां पाक सेना की मदद है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाया। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि दोनों देशों के बीच इटेलीजेंस एक्सचेंज भी हुआ हो।
चीन ने तैयार किए 500 ये ज्यादा बंकर
पाकिस्तानी सीमा पर चीन अब तक चौकियां, वॉच टावर और 500 से भी ज्यादा बंकर तैयार कर चुका है। यही नहीं इन चौकियों में चीन ने साेलर पैनल, सीसीटीवी, ड्राेन आदि लगाए हैं। चीन इससे पहले पाकिस्तान के कराची, क्वेटा, जकोकाबाद, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर एयरफोर्स बेस का मॉडर्नाइजेशन कर चुका है।