नई दिल्ली, 05 जून 2020,कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी पस्त नजर आ रही है. इस हालात को देखते हुए मोदी सरकार ने उन सभी योजनाओं को बंद कर दिया है, जिसे 2020-21 के आम बजट में ऐलान किया गया था. यह आदेश उन योजनाओं पर भी लागू होगा, जिनके लिए वित्त मंत्रालय के खर्च विभाग ने सैद्धांतिक मंजूरी दे रखी है. ये आदेश मार्च 2021 तक के लिए लागू है.
आत्मनिर्भर योजना पर नियम लागू नहीं
हालांकि, सरकार की आत्मनिर्भर योजना पर ये नियम लागू नहीं होगा. आपको बता दें कि सरकार ने करीब 21 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर योजना का ऐलान किया था. इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भी शामिल है. जाहिर सी बात है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भी जारी रहेगी. इन पर कोई रोक नहीं रहेगी. हालांकि, सरकार की ओर से स्पष्ट तौर पर उन योजनाओं के बारे में नाम नहीं बताया गया है जिन्हें बंद किया जाएगा. लेकिन हम आपको बताते हैं कि आम बजट में मुख्यतौर पर कौन सी योजनाएं शुरू हुई थीं या फिर किन योजनाओं को मंजूरी दी गई थी.
जिन योजनाओं का हुआ था ऐलान
आम बजट में रेलवे और नागर विमानन मंत्रालय की ओर से क्रमशः “किसान रेल” और “कृषि उड़ान” की शुरुआत का ऐलान हुआ था. इसके अलावा बजट में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) व्यवस्था के तहत राज्यों के साथ सहयोग से 5 नवीन ‘स्मार्ट सिटी’ विकसित करने का प्रस्ताव किया गया था. मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सेमी-कंडक्टर पैकेजिंग के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए भी एक योजना की शुरुआत होनी थी.
बजट में अधिक निर्यात कर्ज के वितरण के उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक नई योजना ‘निर्विक’ शुरू करने का प्रस्ताव था. इसके तहत मुख्यत: छोटे निर्यातकों को आवश्यक सहयोग दिए जाने की बात कही गई थी. इसी तरह एक राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन शुरू किए जाने का भी प्रस्ताव था. इसका मकसद भारत को तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाना है.
बजट में कहा गया था कि 20 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पम्पों को हासिल करने के लिए पीएम कुसुम योजना का विस्तार करना होगा. यहां आपको बता दें कि सरकार ने 21 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर पैकेज में कृषि, मत्सय, कारोबार, रियल एस्टेट, एमएसएमई समेत अधिकतर सेक्टर के लिए कुछ राहत पैकेज देने का ऐलान किया है.
दरअसल, सरकार के पास राजस्व कम आ रहा है. लेखा महानियंत्रक के पास उपलब्ध रिपोर्ट से पता चलता है कि अप्रैल 2020 के दौरान 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला, जो बजट अनुमान का 1.2% था. जबकि सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किया, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था. वित्तीय संकट से जूझने की वजह से सरकार कर्ज भी ज्यादा ले रही है. बीते दिनों सरकार ने ऐलान किया था कि वह चालू वित्त वर्ष के लिए अपने बाजार से कर्ज लेने का अनुमान 4.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये करेगी.