नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में ऐसी बात कही जिसे सुनकर हर भारतीय का सीनी गर्व से चौड़ा हो जाएगा। उन्होंने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 सैनिकों के शौर्य का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे सैनिक वीरगति प्राप्त करने से पहले भारत माता की तरफ आंखों उठाने वालों को जीवनभर का सबक सिखा गए। पीएम ने कहा, 'लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आँख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए।'
चीन द्वारा एलएसी पर जो किया गया, उससे पूरा देश आहत है, आक्रोशित है। यह भावना हमारी इस चर्चा के माध्यम से भी आपकी तरफ से भी बार-बार प्रकट हुई है। मैं आपको आश्वस्त कर रहा हूं कि हमारी सेना देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। डिप्लॉयमेंट हो, ऐक्शन हो, काउंटर ऐक्शन हो- जल, थल, नभ में हमारीसेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही है।
आज भारत की सेनाएं हर सेक्टर में एक साथ मूव करने में पूरी तरह सक्षम है। ऐसे में हमने जहां एक तरफ सेना को अपने स्तर पर उचित कदम उठाने की छूट दी है, वहां दूसरी तरफ राजनयिक माध्यमों से भी चीन को अपनी बात दो-टूक स्पष्ट कर दी है। भारत शांति और दोस्ती चाहता है, लेकिन संप्रुभता की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। और आप सबने इसी भाव को प्रकट किया है।
साथियों, बीते पांच वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को प्राथमिकता दी है।
हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यक्ताओं, जैसे फाइटर प्लेन्स, आधुनिक हेलीकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बहुत बल दिया है।
नए बने इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में हमारे पैट्रोलिंग की कपैसिटी भी बढ़ गई है। पैट्रोलिंग बढ़ने की वजह से सतर्कता बढ़ी है और एलएसी पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चल रहा है।
जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भ हमारे जवान अच्छी तरह मॉनिट कर पा रहे हैं, रिस्पॉन्ड भी कर पा रहे हैं।
अब तक जिनको पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, उन्हें टोकते हैं। बेहतर हो रहे इन्फ्रास्टक्चर से एक मदद ये भी मिली है कि हमारे जवान जो उस कठिन परिस्थिति में वहां तैनात रहते हैं, उन्हें साजो-सामान पहुंचाने में आसानी हुई है।
साथियों, राष्ट्रहित, देशवासियों का हित, हमेशा हमसभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। चाहे ट्रेड हो, कनेक्टिविटी है, काउंटर टेररिजम हो, भारत ने कभी किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कार्य है, जो भी जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण है, उसी तरह तेज गति से किया जाता रहेगा।
मैं आप सभी को, सभी राजनीतिक दलों को फिर से आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेनाएं सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। हमने उन्हें यथोचित कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी हुई है।