चुन-चुन कर चाइनीज सामान पर लगेगा बैन, सरकार बना रही है लिस्ट

नई दिल्ली लद्दाख घटना (India China Border Standoff) के बाद चीनी कंपनियों और चाइनीज सामान के बहिष्कार (BoycottChina) की मुहिम तेज हो गई है। सरकार ने फैसला कर लिया है कि भारत चीन पर निर्भरता (Dependancy on china) कम करेगा और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar bharat) को सपॉर्ट करेगा। इसके लिए केंद्र ने इंडस्ट्री से कहा है कि वह उन सामानों की लिस्ट तैयार करे, जिसे चीन से खरीदा जा रहा है। गैर जरूरी सामानों की लिस्ट होगी तैयार इंडस्ट्री से डीटेल रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार गैर जरूरी सामानों की पहचान करेगी जिसे चीन की बजाए लोकल स्तर पर ही तैयार किया जा सके। इंडस्ट्री अपनी लिस्ट में उन सामानों को विशेष रूप से बताएगी, जिसका आयात बंद करना अभी संभव नहीं है। DPIIT ने किया इंडस्ट्री से संपर्क ईटी की खबर के मुताबिक, DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) ने इस स्ट्रैटिजी को लेकर ट्रेड असोसिएशन से संपर्क किया है और उनसे लिस्ट मांगी गई है। भारत चीन से ऑटोमोबाइल, फॉर्मास्युटिकल, खिलौना, प्लास्टिक, फर्निचर जैसे सामान बड़े पैमाने पर आयात करता है। चीन के बहिष्कार की चारों तरफ मांग गलवान घाटी की घटना में 20 भारतीय जांबाज शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद से सरकार लगातार कह रही है कि हर हाल में चीन पर निर्भरता कम करनी है। यही आवाज पूरे देश, इंडस्ट्री और व्यापार संगठनों से भी आ रही है। तीन टाइमलाइन पर काम करेगी सरकार चीन पर निर्भरता कम करने लिए सरकार तीन टाइमलाइन स्ट्रैटिजी पर काम कर रही है। शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म। इंडस्ट्री जो लिस्ट सरकार को देगी उसके हिसाब से यह तय किया जाएगा कि शॉर्ट टर्म में क्या कदम उठाए जा सकते हैं। इसके साथ-साथ मीडियम और लॉन्ग टर्म का खांका भी अभी तैयार किया जाएगा। सरकार ने बदली अपनी स्ट्रैटिजी रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अपनी स्ट्रैटिजी बदल दी है। सरकार का फोकस अब प्राइवेट सेक्टर पर है। पिछले दो-चार दिनों में इस तरह की खबर ज्यादा आ रही थी कि चाइनीज कंपनियों को मिले कॉन्ट्रैक्ट कैंसल किए जा रहे हैं। रेलवे, टेलिकॉम, मेट्रो के कई प्रॉजेक्ट हैं जिसका कॉन्ट्रैक्ट चीनी कंपनियों के पास है।

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