पूर्वी लद्दाख से सटे बॉर्डर पर चीन पीछे हटने को तैयार नहीं। एक के बाद दूसरे और तीसरे राउंड की बातचीत में भी चीन शांति की भाषा नहीं समझ रहा। उसने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है। भारत ने भी उसी लेवल पर फोर्सेज तैनात की हैं ताकि चीन की किसी भी हरकत का फौरन मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। तैयारियां परखने के लिए शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लेह जा रहे हैं। उनके साथ आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी होंगे। जनरल नरवणे एक हफ्ते पहले भी लेह-लद्दाख का दौरा कर चुके हैं।
सीमा पर सुरक्षा हालात की करेंगे समीक्षा
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन ने जिस तरह से आक्रामक रुख अपनाया है, उसे देखते हुए पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा के ताजा हालात क्या हैं, राजनाथ इसका जायजा लेंगे। वह आर्मी चीफ की पिछले दौरे की तरह लद्दाख में कई फारवर्ड पोस्ट्स पर जा सकते हैं।
चीन को साफ संदेश होगा राजनाथ का दौरा
रक्षा मंत्री का यह दौरा चीन के लिए साफ संदेश होगा। चीन का कोई भी बड़ा सैन्य अधिकारी हेडक्वार्टर से निकलकर जिनझियांग में नहीं आया है। न ही उनके किसी मंत्री ने सैनिकों की सुधि ली है। जबकि भारत की तरफ से एयरफोर्स चीफ और आर्मी चीफ जवानों के बीच जाकर उनका हौसला बढ़ा चुके हैं। अब रक्षा मंत्री का वहां जाना जवानों के हौसले को और मजबूत करेगा। राजनाथ सिंह भी फारवर्ड पोस्ट्स पा जाकर सैनिकों से मुलाकात कर सकते हैं।
LAC पर पूरी है भारत की तैयारी
बॉर्डर से सटी गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, डेपसांग प्लेन्स और हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना ने आक्रामक तेवर दिखाए हैं। भारत की ओर से भी बॉर्डर एरियाज में चीनी तैनाती के बराबर सैनिक पोस्ट किए गए हैं। इसके अलावा चीन ने LAC के करीब इलाकों में जिस तरह से हथियार और युद्ध का साजोसामान जमा किया है, उसे देखते हुए भारत की तैयारी भी पूरी है।
आर्मी चीफ बढ़ा चुके जवानों का हौसला
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 23 जून को लेह के मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज करा रहे जवानों से मिले थे। इसके बाद वह लद्दाख के फारवर्ड बेसेज पर भी गए जहां मौजूद जवानों का उन्होंने हौसला बढ़ाया। जनरल नरवणे ने सैनिकों को भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर पूरी सेना उनके साथ खड़ी है।
पूर्वी लद्दाख में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात
सीमा पर चीन की हर हरकत पर नजर रखने और उससे निपटने के लिए एयरफोर्स तैयार है। पूरे सेक्टर में एडवांस्ड क्विक रिएक्शन वाला सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है जो किसी भी फाइटर जेट को कुछ सेकेंड्स में तबाह कर सकता है। आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में 'आकाश' मिसाइलें भी भेजी हैं। IAF के फाइटर एयरक्राफ्ट्स पहले से ही काफी सक्रिय हैं।
मई से ही लद्दाख में तैनात है सुखोई
पिछले महीने की शुरुआत में जब चीनी सेना ने भारतीय इलाकों में घुसपैठ शुरू की, तभी IAF ने Su-30MKI को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भेज दिया था। चीनी लगातार भारतीय एयरस्पेस के आसपास मंडरा रहे थे। LAC के उसपर चीन ने अपने इलाकों में करीब 10 किलोमीटर दूर कई तरह के कंस्ट्रक्शन शुरू किए हैं। ये एयरक्राफ्ट उन इलाकों तक रूटीन उड़ानें भरते हैं।
चीन पर नजर रखने के लिए एक से एक ड्रोन्स
पूर्वी लद्दाख में जिन जगहों पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं, वहां ज्यादा से ज्यादा ड्रोन यूज करने के निर्देश भारतीय सेना को मिले हैं। भारतीय सेना अपने भरोसेमंद 'क्वाडकॉप्टर' का इस्तेमाल LAC पर भी कर रही है। इजरायल से भारत का मिला Heron मीडियम रेंज का ड्रोन है जो लंबे वक्त तक इस्तेमाल के लिए बना है। हेरॉन ड्रोन 35 हजार फीट तक की ऊंचाई से नजर रख सकता है। यही नहीं, 45 घंटे के बैटरी बैकअप के साथ यह ड्रोन एक हजार किलोमीटर तक की रेंज कवर कर सकता है।
Pok में 20 हजार सैनिक, चीन-पाक की साजिश!
लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच मौका देखते हुए पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में एलओसी के नजदीक सेना की दो डिविजनों को तैनात किया है। पाकिस्तानी सेना के एलओसी के नजदीक लगभग 20 हजार सैनिकों की तैनाती को भारत के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।