काठमांडू
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी पर खतरे के बादल मडराने लगे हैं। सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक के अंतिम दिन इस्तीफे की मांग के डर से पीएम ओली शामिल नहीं हुए। जिसके बाद पार्टी के चेयरमैन पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पीएम ओली की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक कदम बताया। जिस पार्टी ने नेपाल के मानचित्र में संशोधन को लेकर पीएम ओली की तारीफों के पुल बांधे थे उसी ने उन्हें सबसे विफल प्रधानमंत्री करार दिया।
भारत नेपाल तनाव के लिए ओली जिम्मेदार
बैठक के आखिरी दिन भारत-नेपाल सीमा विवाद को लेकर चर्चा की गई। जिसमें स्थायी समिति के सभी सदस्यों ने भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता में विफल रहने को लेकर ओली प्रशासन की आलोचना की। पार्टी ने आरोप लगाया कि पीएम ओली के कार्यकाल में भारत-नेपाल के संबंध सबसे ज्यादा निचले स्तर पर पहुंचे हैं। बैठक में नेपाल में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में ओली सरकार के फेल होने का आरोप भी लगाया गया।
बैठक से ओली का किनारा, पार्टी ने मंशा पर उठाए सवाल
बैठक के दौरान सबको आशा थी कि पीएम ओली जरूर शामिल होंगे। पार्टी महासचिव बिष्णु पोडेल ने बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री अपने काम में व्यस्त हैं और वह बाद में शामिल होंगे, लेकिन बैठक खत्म होने तक वो नहीं आए। जिसके बाद सदस्यों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने समय बाद हो रही पार्टी की बैठक को पीएम ओली ने नजरअंदाज कर दिया है। शुक्रवार को बोलने वाले 18 नेताओं में, एस्टा लक्ष्मी शाक्य, भीम रावल और ओली के अपने आदमी रघुबीर महासेठ सहित कई लोगों ने महत्वपूर्ण बैठक की अनदेखी करने के लिए प्रधानमंत्री की मंशा पर सवाल उठाया।
44 में से 15 सदस्य ही ओली के साथ
ओली को पता है कि 44 सदस्यी स्थायी समिति में केवल 15 सदस्य ही उनके पक्ष में हैं। जिससे अगर वह बैठक में शामिल होते हैं तो उनपर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ जाएगा। बैठक के पहले दिन ही ओली और प्रचंड के बीच तीखी नोंकझोक देखने को मिली थी। प्रचंड ने जहां सरकार के हर मोर्चे पर फेल होने का आरोप लगाया वहीं ओली ने कहा कि वह पार्टी को चलाने में विफल हुए हैं।
पहले भी बैठक को टाल चुके हैं ओली
दिसंबर 2019 में आयोजित पार्टी के स्थायी समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण चर्चाओं को ओली ने टाल दिया था। उन्हें डर था कि कहीं बैठक के दौरान उनकी आलोचना न होने लगे। यही नहीं, 7 मई 2020 को होने वाली स्थायी समिति की बैठक को तो उन्होंने जबरदस्ती स्थगित करवा दिया था।
नेपाल में मचे सियासी घमासान को लेकर पीएम ओली सीधे तौर पर भारत पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले ही एक कार्यक्रम में भारत के ऊपर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। वहीं, खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेपाली पीएम देश में चीन की राजदूत हाओ यांकी के इशारे पर भारत विरोधी सभी कदम उठा रहे हैं।