पीएम नरेंद्र मोदी और डॉनल्ड ट्रंप का 'मिशन बॉयकॉट', बेबस नजर आ रहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

नई दिल्ली सीमा पर भारत समेत बाकी पड़ोसी देशों को हेकड़ी दिखा रहे चीन को अब दोहरी मार पड़नी शुरू हो चुकी है। एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर वह पहले से साइडलाइन है। अब दूसरी तरफ पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की जुगलबंदी के आगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बेबस नजर आ रहे हैं। चीन को सबक सिखाने के भारतीय प्लान पर शुरू हो चुका। चीनी सामान के बहिष्कार की इस योजना में भारत को अब अमेरिका का भी साथ मिल रहा है। अब एक तरफ अमेरिका अपने यहां चीनी सामान के इस्तेमाल नहीं करने की बात कह रहा है वहीं दूसरी तरफ वह भारत में निवेश भी बढ़ाने की शुरुआत कर रहा है। ग्रेटर नोएडा में अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का निवेश चीन की कंपनियों के बहिष्कार के बीच यूपी से बुधवार को बड़ी खबर आई। बताया गया कि माइक्रोसॉफट यूपी के ग्रेटर नोएडा में बड़ा कैंपस बनाने वाली है। इसमें 4 हजार के करीब कर्मचारी होंगे। यूपी सरकार ने उम्मीद जताई है कि वक्त के साथ इनकी संख्या में इजाफा ही होगा। 59 चीनी ऐप हटाए जाने का अमेरिका ने किया स्वागत भारत ने चीन के 59 ऐप्स को हटाने का फैसला लिया था। इसका अमेरिका ने भी स्वागत किया। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने इसे ठीक कदम बताया। वह बोले कि, 'हम कुछ मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने के भारत के कदम का स्वागत करते हैं।' पॉम्पिओ ने इन ऐप्स को CCP के सर्विलांस का अंग बताया और कहा कि भारत के ऐप्स के सफाए के कदम से भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा जैसा भारत की सरकार ने खुद भी कहा है। अमेरिका ने ZTE और हुआवे को बताया राष्ट्रीय खतरा दूसरी तरफ अमेरिका भी चीन के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत कर चुका है। US फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन ने चीन की टेक कंपनी हुआवे और ZTE को राष्ट्रीय खतरा बताया है। इतना ही नहीं अमेरिकी कंपनियों को इक्विपमेंट खरीदने को लेकर मिलने वाले 8.3 अरब डॉलर के फंड को ट्रंप सरकार ने रोक दिया है। साफ कहा गया है कि टेलिकॉम कंपनियों को अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर से इन दोनों चाइनीज कंपनियों के इक्विपमेंट्स को हटाना होगा। 59 ऐप पर बैन से पहले भी भारत ने चीनी कंपनियों के अलग-अलग प्रॉजेक्ट कैंसल किए थे। इसमें रेलवे, महाराष्ट्र सरकार आदि के प्रॉजेक्ट शामिल थे। चीनी मीडिया और सरकार इसपर आग-बबुला है। लेकिन साथ ही साथ बेबस भी।

Top News