दबाव
फरीदाबाद
डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या केस में रोज चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पूछताछ में पता चला कि निलंबित इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद व उसका साथी पत्रकार सतीश पिछले तीन महीने से कपूर को ब्लैकमेल कर रहे थे। 13 जुलाई को डीसीपी के घर आकर शहीद ने उन्हें धमकाया था। उसने कहा था, अगर मेरे काम न हुए तो ऐसी खबरें छपवाऊंगा कि तू आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, इंस्पेक्टर की एक महिला मित्र है जो उसके इशारे पर चलती है। इंस्पेक्टर उस महिला के जरिए डीसीपी को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहा था। बुधवार को डीसीपी विक्रम कपूर ने खुद को गोली मार ली थी। सूइसाइड नोट में उन्होंने भूपानी थाने के एसएचओ रहे इंस्पेक्टर अब्दुल शहीद व उसके साथी पत्रकार सतीश पर ब्लैकमेल के बारे में लिखा था। इसके बाद शहीद को निलंबित कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
तीनों आरोपियों की थी अलग-अलग डिमांड
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में शहीद ने बताया कि उसकी महिला मित्र और सतीश व उसकी डीसीपी से अलग-अलग डिमांड थी। शहीद का भांजा मुजेसर थाने में एक केस में नामजद था। वह उसे बाहर निकलवाना चाह रहा था। महिला का उसके ससुर से प्रॉपर्टी विवाद है, जिसमें महिला के पति ने पुलिस को शिकायत दी हुई है। इस केस में महिला के मुताबिक उसके पक्ष में जांच करवाने का दबाव था। वहीं, सतीश ने ईओडब्ल्यू में 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दी थी। धोखाधड़ी की पुष्टि बगैर इंस्पेक्टर यह केस डीसीपी से दर्ज करवाने का दबाव बना रहा था।
शनिवार को क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर को डीसीपी एनआईटी ऑफिस लेकर गई। इसके बाद उसे शहर में दो-तीन और जगह लेकर जाया गया। उसका मोबाइल पुणे में है। उसे रिकवर कराने की कोशिश जारी है। दूसरा आरोपित सतीश फरार है और उसके देहरादून में होने का शक है।