पंजाब: फिर नाकाम हुई पाक की ड्रोन भेजने की साजिश, ऐसे हुआ खुलासा

चंडीगढ़,जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद चल रही तनातनी के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान जहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आईएसआई और अन्य आतंकी संगठन भी सक्रिय हैं. आईएसआई और आतंकी संगठन लगातार भारत में घुसपैठ करने और हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. कश्मीर से लेकर राजस्थान और गुजरात तक सेना की कड़ी नजर को चकमा देने में विफल हो रहे पाकिस्तानी आतंकवादी अब ड्रोन का सहारा लेने लगे हैं. आतंकी संगठन अब पंजाब के रास्ते कश्मीर में हथियार और पैसा पहुंचाने की फिराक में हैं. पंजाब में ड्रोन से हथियार गिराए जाने के बमुश्किल चंद दिन बाद ही शुक्रवार को भी अटारी बॉर्डर के पास एक गांव में एक और ड्रोन मिला है. पंजाब पुलिस की ऑपरेशन सेल के साथ ही एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियां भी इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं. बताया जाता है कि कश्मीर में हिंसा फैलाने के नापाक मंसूबे को अंजाम देने की कोशिश में अब पंजाब के रास्ते हथियार और धन पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने भी हाथ मिला लिए हैं. जर्मनी और कनाडा से चल रही है साजिश खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकवादी रंजीत सिंह के कनेक्शन जर्मनी और कनाडा में हैं. बताया जाता है कि वहीं से टेलीफोन के जरिए और गुप्त संदेशों से भारत में कोहराम मचाने की साजिश चल रही है. पाकिस्तान से रंजीत जर्मनी में बैठे गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा उर्फ डॉक्टर को सारी जानकारी देता था और बग्गा कनाडा के रास्ते भारत में कई फर्जी संस्थाओं के नाम से पैसे भेजता था. पाकिस्तानी स्लीपर को लेकर मौके पर पहुंची पुलिस बताया जाता है कि हथियार और नकली करंसी अर्शदीप ने ली थी. पाकिस्तान में बैठा रंजीत सिंह जर्मनी में बैठे आतंकी गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा उर्फ डॉक्टर को सारी जानकारी देता था और बग्गा कनाडा के रास्ते से फंडिंग को भारत में कई फर्जी संस्थाओं के नाम से भेजता था और उस पैसे के लालच में अर्शदीप जैसे युवाओं को फंसाया जाता था. ताजा ड्रोन के मामले में भी ऐसा ही हुआ और अर्शदीप को सारी जानकारी पाकिस्तान के बजाय कनाडा या जर्मनी से आती थी. लगातार मॉनिटर कर रही थीं एजेंसियां खुफिया एजेंसियां लगातार उन नंबरों को मॉनिटर कर रही थीं, जिनसे लगातार इंटरनेशनल फोन किए जा रहे थे. अर्शदीप पहली खेप ले जाने में सफल हो चुका था, लेकिन जब दूसरा ड्रोन आया तो वह रास्ते में खराब हो गया. अर्शदीप को पाकिस्तानी हैंडलर्स ने लोकेशन बता कर उस जगह पर जाने को कहा और ड्रोन को आग से जलाने का निर्देश दिया. एनआईए ने एकत्रित किए साक्ष्य अर्शदीप ने किया भी वैसा ही. ड्रोन को जला दिया और उसके स्टील के स्ट्रक्चर और बैटरीज को उसने निकाल लिया . बाद में पास के गांव की नहर में उसे फेंक दिया जहां से एनआईए ने सारे सबूत इकट्ठे कर लिए हैं. बता दें कि तरण तारण में ड्रोन के जरिए हथियारों की खेप पहुंचाई गई थी. आतंकवादियों ने पूछताछ में बड़े हमले की साजिश का खुलासा किया था. इसके बाद पंजाब सरकार ने पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं.

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