चंडीगढ़, 26 अक्टूबर 2019,भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है. सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री होंगे. उनके इस बयान के बाद माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही दुष्यंत चौटाला भी उपमुख्यमंत्री पद के शपथ लेंगे.
इनके साथ ही मंत्रिमंडल के भी कई चेहरे शामिल हो सकते हैं. पिछली सरकार के मंत्रियों में से सिर्फ अनिल विज और बनवारी लाल ही मंत्री के तौर पर सरकार की लाज बचाने में कामयाब हुए हैं.
मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट के संभावित चेहरे...
अनिल विज
बीजेपी के जीतने वाले विधायकों में विज सबसे ज्यादा वरिष्ठ हैं. वरिष्ठता के क्रम में इस बार मुख्यमंत्री के बाद अनिल विज को रखना सरकार की मजबूरी होगी. बड़े-बड़े मामलों में अनिल विज प्रदेश सरकार के लिए संकटमोचक साबित हुए हैं. जब कभी किन्हीं मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करता है तब अनिल विज को ही आगे किया जाता है. इसके साथ ही वरिष्ठता में भी अनिल विज सबसे सीनियर विधायक हैं. अंबाला कैंट सीट से वो 7 बार चुनाव लड़े और 6 बार जीते हैं. ऐसे में कैबिनेट में उनकी सीट तय मानी जा रही है. पिछली कैबिनेट में भी वो स्वास्थ्य, खेल और युवा मंत्रालयों के मंत्री थे.
घनश्याम सर्राफ
अनिल विज के बाद घनश्याम सर्राफ का नंबर आता है. हालांकि, पिछली सरकार में घनश्याम सर्राफ को बीजेपी ने नकार दिया था. पहले मंत्री बनाने के बाद बाद में उनसे मंत्री पद छीन लिया गया था. उनके साथ एक अन्य मंत्री को भी मंत्री पद से हटाया गया था. लेकिन घनश्याम सर्राफ वो दूसरे मंत्री हैं जो अनिल विज की ही तरह जीत कर आए हैं. ऐसे में उनकी सीट भी तय मानी जा रही है. क्योंकि इन दोनों मंत्रियों के अलावा अन्य तमाम मंत्री अपने-अपने इलाकों से चुनाव हार गए हैं.
संदीप सिंह
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खेल कोटे से चुनकर आए विधायकों में हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह की भी लॉटरी लग सकती है. संदीप सिंह चर्चित युवा चेहरा हैं.साथ ही बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त के चुनाव में हारने के बाद वो अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जो राजनीति में अपनी पहली ही लड़ाई में अपना वर्चस्व दिखाने में साबित हुए हैं.
अभय सिंह यादव
नांगल चौधरी से लगातार दूसरी बार विधायक बने पूर्व आईएएस अभय सिंह यादव को भी मंत्री पद हासिल हो सकता है. अभय यादव को प्रशासनिक अनुभव है और साथ ही वे दूसरी बार चुनकर आए हैं.
पंजाबी कोटे से थानेसर विधायक सुभाष सुधा और सीमा त्रिखा में से एक मंत्री बनने की लाइन में हैं. सुधा मनोहर लाल के करीबी हैं और साथ ही उन्होंने दिग्गज कांग्रेस नेता और INLD के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा को हराया है.
इनके अलावा हरियाणा में इस बार निर्दलीय विधायकों को भी सरकार को साधना पड़ेगा. लिहाजा एक या दो निर्दलीयों को भी मंत्री पद देना पड़ेगा.
कंवरपाल गुर्जर
2014 की विधानसभा में अध्यक्ष पद पर रहे कंवरपाल गुर्जर की भी मंत्री बनने की तीव्र इच्छा है. पिछली सरकार में भी वे मंत्री पद की लालसा रखे हुए थे, लेकिन उन्हें स्पीकर पद की जिम्मेदारी दे दी गई. इस बार वो फिर जीतकर आए हैं. लिहाजा सरकार को उन्हें मंत्री बनाकर यमुनानगर का भी प्रतिनिधित्व करना होगा, क्योंकि यमुनानगर हरियाणा के उन जिलों में से हैं जहां का प्रतिनिधित्व कम होता है.
वैश्य चेहरों में से एक पर मेहरबानी रहेगी. विधानसभा चुनाव के बाद सुधीर सिंगला, नरेंद्र गुप्ता, डॉ. कमल गुप्ता, ज्ञान चंद गुप्ता और दीपक मंगला के नाम की चर्चा है. नरेंद्र गुप्ता फरीदाबाद से पूर्व मंत्री विपुल गोयल का टिकट कटने के बाद जीते हैं. जबकि डॉ. कमल गुप्ता हिसार से दूसरी बार विधायक बने हैं.
पंचकूला से ज्ञान चंद गुप्ता भी दूसरी बार विधायक बने हैं. दीपक मंगला सीएम की पसंद के आदमी बताए जाते हैं. ऐसे में लॉटरी किसकी लगेगी ये कहना मुश्किल है.
जाट चेहरों में से एक होगा मंत्री
हरियाणा में सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु और ओम प्रकाश धनखड़ जैसे बड़े जाट नेता और पिछली कैबिनेट में मंत्री रहे ये तमाम लोग चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में महिपाल ढांडा, कमलेश ढांडा, जेपी दलाल और प्रवीण डागर जैसे जाट चेहरे चुनाव जीते हैं. इनमें से एक चेहरे को मंत्री बनाना मजबूरी होगी क्योंकि ये पार्टी के टिकट पर जीत कर आए जाट चेहरे हैं. पार्टी ने 20 जाटों को टिकट दिए थे. जिसमें से 4 जीत कर आए हैं.
निर्दलीय विधायकों में से हुड्डा के गढ़ महम से जीतकर आए बलराज कुंडू का नाम सबसे ऊपर है. इसके अलावा पुंडरी से जीते रणधीर गोलन और रानियां से जीते रणजीत सिंह के नाम की भी चर्चा है. जिसमें से कम से कम 2 मंत्री बन सकते हैं. बाकी निर्दलीयों को भी सरकार चेयरमैनी का पद देकर शांत कर सकती है.
पिछड़े वर्ग से सरकार में इंद्री से रामकुमार कश्यप का नाम आगे चल रहा है. इनेलो से राज्यसभा सांसद रह चुके कश्यप को मनोहर लाल खट्टर ने ही बीजेपी में शामिल किया था. अब उन्हें मंत्री पद से नवाजा जा सकता है, क्योंकि वे पिछड़े वर्ग से आते हैं. कर्ण देव कांबोज पिछली सरकार में मंत्री थे, वे भी इंद्री से थे लेकिन इस बार चुनाव हार गए थे, लिहाजा कश्यप को इंद्री का प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे. एक प्रेस नोट जारी करके प्रकाश सिंह बादल ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत और जिस तरह से वो गरीबों के लिए लड़ाई लड़ते थे, उस विरासत को दुष्यंत चौटाला सही तरीके से आगे लेकर जाएंगे और हरियाणा में एक अच्छी सरकार बनाने में अपनी भूमिका अदा करेंगे.