चंडीगढ़
हरियाणा में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल खट्टर ने दिवाली के मौके पर राजधानी चंडीगढ़ में शपथ ली। उनके अलावा जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने डेप्युटी सीएम की शपथ ली है। करनाल से विधायक मनोहर लाल खट्टर एक दौर में संघ के प्रचारक रहे हैं। 2014 में हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद पार्टी ने अप्रत्याशित तौर पर उन्हें सीएम के पद पर बिठाया था। मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला को राज्यपाल सत्यनारायण आर्य ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और डेप्युटी सीएम को शुभकामनाएं दी हैं। पीएम ने ट्वीट किया, 'मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला को हरियाणा के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई। दोनों को हरियाणा के लोगों की आकांक्षाओंं को पूरा करने के लिए शुभकामनाएं।'
अजय चौटाला, एक पिता के लिए इससे बेहतर क्या होगा
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक सवाल के जवाब में दुष्यंत के पिता अजय चौटाला ने कहा कि एक पिता के लिए इससे अच्छा अवसर क्या होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कुछ भी कह सकती है, लेकिन यह सरकार पूरे 5 साल स्थिरता से हरियाणा के विकास के लिए काम करेगी। इससे अच्छी कोई दिवाली नहीं हो सकती।
दुष्यंत ने प्रकाश सिंह बादल के पैर छूकर ली शपथ
इस मौके पर एक दिलचस्प चीज देखने को मिली। शपथ लेने के लिए जा रहे दुष्यंत चौटाला ने मंच पर मौजूद अकाली दल के मुखिया और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह के बादल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस पर बादल ने उन्हें गले लगा लिया। इस दौरान मंच पर पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और दुष्यंत के पिता अजय चौटाला भी मौजूद थे।
चौटाला और प्रकाश सिंह बादल की रही है पुरानी दोस्ती
बता दें कि प्रकाश सिंह बादल और दुष्यंत चौटाला के दादा ओमप्रकाश चौटाला की गहरी दोस्ती रही है। माना जा रहा है कि दुष्यंत की पार्टी जेजेपी को बीजेपी के खेमे में लाने में प्रकाश सिंह बादल की अहम भूमिका रही है। शपथ ग्रहण समारोह में हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पहुंचे।
चुनाव से पहले थी 'बच्चा पार्टी', किंगमेकर उभरीजेजेपी
चुनाव से पहले दुष्यंत की पार्टी को विपक्षियों ने हल्के में लिया था, लेकिन चंद महीनों में ही दुष्यंत देवीलाल की विरासत के वारिस बनते नजर आ रहे हैं। खास बात यह कि कुछ वक्त पहले तक हरियाणा की जिस जननायक जनता पार्टी को लोग 'बच्चा पार्टी' कहते थे, उसे दुष्यंत ने एक साल के भीतर ही सत्ता के शीर्ष तक पहुंचा दिया।
दुष्यंत में ताऊ देवीलाल की छवि देख रहे लोग
गौरतलब है कि जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने बीते साल ही इनोलो से अलग होकर नए दल का गठन किया था। जननायक जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जोरदार प्रचार किया और 10 सीटें हासिल करने में सफल रही। दुष्यंत चौटाला को सूबे में जाट राजनीति के नए नायक के तौर पर देखा जा रहा है। यही नहीं उनके परदादा ताऊ देवीलाल से भी उनकी तुलना की जा रही है।
2014 में बीजेपी ने बनाई थी बहुमत की सरकार
2014 में बीजेपी को 47 सीटें मिली थीं और उसने अपने ही बूते सरकार का गठन किया था, लेकिन इस बार वह 40 पर ही अटक गई। सूबे में बहुमत का आंकड़ा 46 सीटों का है, ऐसे में उसे बहुमत के लिए निर्दलीय विधायकों या फिर जेजेपी के समर्थन की जरूरत थी। शुक्रवार को बीजेपी और जेजेपी ने गठबंधन का ऐलान किया था।