चंडीगढ़, 13 जून 2020,पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बठिंडा-मोगा-जालंधर-अमृतसर-जम्मू को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 105-बी में करोड़ों रुपये के जमीन घोटाले का आरोप लगाया है. पार्टी ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस विधायक और अन्य अफसरों की मिलीभगत का आरोप लगाया है. मामले की हाई कोर्ट के जज से जांच कराए जाने की मांग भी की गई है.
पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जमीन घोटाले को राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और मोगा से कांग्रेस विधायक हरजोत कमल समेत सत्ताधारी पक्ष के अन्य नेताओं, अफसरों और हाईप्रोफाइल लैंड माफिया ने अंजाम दिया है. इस घोटाले से न केवल किसानों और छोटे जमीन मालिकों को बल्कि सरकारी खजाने को भी चपत लगी है.
चीमा ने आरोप लगाया है कि घोटाले में राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और विधायक हरजोत कमल समेत सत्ताधारी पक्ष के कई नेता सीधे तौर पर शामिल हैं. यहां तक कि करीब 350 करोड़ रुपये की अधिग्रहण राशि का लेनदेन हरजोत कमल के गांव अजितवाल स्थित निजी बैंक द्वारा ही हुआ है.
चीमा ने दस्तावेज पेश करते बताया कि 10 जनवरी, 2020 को जमीन की पहचान के लिए पहले नोटिफिकेशन हुआ. जबकि नोटिफिकेशन जारी करने से पहले ही सत्ताधारी कांग्रेस के नेता और संबंधित अधिकारी इस प्रोजेक्ट के बारे में पूरी तरह से अवगत थे.
दूसरा नोटिफिकेशन 21 मई, 2020 और अंतिम नोटिफिकेशन 22 मई, 2020 को जारी हुए. इस दौरान नवंबर, 2019 से लेकर मई, 2020 तक एनएच 105-बी के अधीन आने वाली जमीन की 55 से अधिक सेल डीड हुई.
चीमा ने कहा कि किसानों को अंधेरे में रखकर उनसे धोखाधड़ी की गई है. किसानों से चंद लाखों में खरीदी गई जमीन को अब लैंड माफिया और कांग्रेस नेता वापस सरकार को ही हाइवे के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान करोड़ों रुपये में बेचेंगे.
इस पूरे मामले में कांग्रेस विधायक हरजोत कमल ने भी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता बिना तथ्यों के ही आरोप लगाते रहते हैं और इसी वजह से जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती है. वह हरपाल चीमा पर मानहानि का दावा करेंगे और कानूनी कार्यवाही भी करेंगे.
हालांकि हरजोत कमल ने माना कि कहीं न कहीं लैंड माफिया के द्वारा हाइवे के नोटिफिकेशन से पहले ही किसानों से सस्ती जमीन खरीद कर मोटा मुनाफा कमाने की धोखाधड़ी की गई है. ये भी हो सकता है कि उनके किसी नजदीकी ने भी वहां जमीन खरीदी हो लेकिन उसकी जिम्मेदारी वो नहीं ले सकते हैं. उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो.