नई दिल्ली
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक सप्ताह के लिए सीमा सील करने का आदेश दिया है। सीएम ने कहा कि दिल्ली में लोग अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे गी हम सीमा खोलेंगे यहां कोरोना के लिए रखे गए बेड तुरंत भर जाएंगे। दिल्ली के सीएम के इस फैसले को सियासी नजरिए से भी देखा जा रहा है। बता दें कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने दिल्ली से लगती जिलों की सीमाओं को सील कर दिया है। दिल्ली सीएम के फैसले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, सोशल मीडिया पर केजरीवाल के फैसले पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
धवल पटेल नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि दिल्ली एक अलग देश नहीं है और संघीय ढांचा में कोई भी शख्स एक राज्य से दूसरे राज्य कहीं भी आ-जा सकता है।
साकेत गोखले नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर जिले और गाजियाबाद जिले के जिलाधिकारियों ने दिल्ली से लगी सीमाओं को सील करने का आदेश दे रखा है। प्रशासन का कहना है कि 40 फीसदी से ज्यादा कोरोना के केस दिल्ली सीमा के खुले होने के कारण बढ़े हैं। वहीं, हरियाणा ने भी गुड़गांव से लगती सीमा को सील कर दिया था।
शुक्रवार तक सुझाव, एक सप्ताह के लिए सीमा सील
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बॉर्डर खोलने पर आम जनता से राय मांगी है। उन्होंने कहा कि 'अगर बॉर्डर खोल दिए तो देश भर से लोग इलाज के लिए दिल्ली आते हैं। दो कारणों से आते हैं। एक तो दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं सबसे अच्छी हैं। दूसरा लोग इसलिए दिल्ली आते हैं कि यहां सबकुछ मुफ्त है। जैसे ही हम बॉर्डर खोलेंगे, देशभर से लोग दिल्ली में इलाज के लिए आएंगे। जो साढ़े 7 हजार बेड रखे गए हैं, ये दो दिन के अंदर भर जाएंगे। हमें क्या करना चाहिए? क्या बॉर्डर खोलने चाहिए? कुछ लोगों का कहना है कि बॉर्डर खोल देना चाहिए। कुछ लोगों का सुझाव है कि कोरोना काल तक दिल्ली में सिर्फ दिल्ली के मरीजों का इलाज हो। क्या किया जाना चाहिए, आपका सुझाव चाहिए।' उन्होंने दिल्ली की जनता से शुक्रवार शाम 5 बजे तक सुझाव मांगा है।
यहां दे सकते हैं सुझाव
-8800007722 पर वाट्सऐप पर
-delhicm.suggestion@gmai.com
-फोन करके 1031 पर अपनी राय रिकॉर्ड करा सकते हैं