रोज हजार से ज्यादा केस, जानिए दिल्ली के अस्पतालों में 'बेड' को लेकर क्यों खड़ा हुआ संकट

नई दिल्ली, 09 जून 2020, कोरोना काल में दिल्ली की 'बेड' व्यवस्था ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों के इलाज का फरमान जारी किया तो 24 घंटे के अंदर ही उपराज्यपाल ने आदेश पलट दिया. अब हालात ये हैं कि दिल्ली में बढ़ते कोरोना के बीच लड़ाई सरकार बनाम उपराज्यपाल की हो गई है. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन की हैसियत से सीएम के फैसले पर वीटो लगाया है. नए आदेश के मुताबिक दिल्ली के अस्पतालों में सभी लोगों का इलाज होगा यानी बाहर से आने वाले भी जगह खाली होने पर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे. इधर उपराज्यपाल ने फैसला बदला उधर दिल्ली सरकार खफा हुई. सीएम केजरीवाल ने तुरंत ट्वीट कर इसे दिल्ली वालों के लिए नई मुसीबत बता दिया. केजरीवाल ने लिखा, ''एलजी साहब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है. देशभर से आने वाले लोगों के लिए करोना महामारी के दौरान इलाज का इंतज़ाम करना बड़ी चुनौती है. शायद भगवान की मर्ज़ी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें. हम सबके इलाज का इंतज़ाम करने की कोशिश करेंगे.' अब कैसे होगा इंतजाम? एलजी के फैसला पलटने के बाद अब केजरीवाल इंतजाम की बात कर रहे हैं. हालांकि, 7 जून को उन्होंने जब यह आदेश जारी किया था तब उनकी दलील ये थी जून के अंत तक 15 हजार कोरोना के मरीजों के लिए बेड की जरूरत होगी. दिल्ली के अस्पतालों में 60 से 70 फीसदी लोग दिल्ली के बाहर के थे. ऐसे में बाहरी लोगों को अगर इलाज कराने की इजाजत दी गयी तो तीन दिन के अंदर बेड भर जाएंगे. इन तमाम मसलों पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र ने आजतक को बताया कि पिछले कई दिनों से रोजाना 1000 से ज्यादा मामले आ रहे हैं, तो दिल्ली के लोगों को इलाज कराने के लिए जगह की आवश्यकता है और दूसरा अगर देखें तो आसपास के राज्य कह रहे हैं कि उनके यहां कोरोना है ही नहीं. जब वह कह ही नहीं रहे हैं कि करोना है तो कोई मुद्दा ही नहीं है. इसके अलावा सत्येंद्र जैन ने बेड को लेकर भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भी 14 से 15 दिन के अंदर मामले डबल हो रहे हैं, तो इस हिसाब से अगले 14 से 15 दिन में दिल्ली में करीब 56,000 मामले हो जाएंगे. अभी हमारे पास साढ़े आठ से नौ हजार बेड हैं लेकिन हमारा लक्ष्य है कि अगले 15 दिन में 15 से 17 हजार बेड की व्यवस्था हो जाए. सरकार अब भले ही बेड के दावे कर रही है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि एक तरफ जहां दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से बढ़ रहा है, खुद सीएम केजरीवाल का कोरोना टेस्ट रहा है, ऐसे में दिल्ली सरकार बेड की व्यवस्था को किस हद तक नियंत्रित कर पायेगी.

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