दिल्ली में बिगड़ रहे हैं हालात, एलजी ने बनाया हाई लेवल पैनल

नई दिल्ली दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट ने भी राजधानी के हालात पर चिंता जताई है। इसके मद्देनजर दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने शहर में कोरोना से निपटने के लिए आज एक उच्च स्तरीय समिति गठित की। इसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव को भी शामिल किया गया है। यह समिति कोरोना से कारगर तरीके से निपटने के लिए सुझाव देगी। ें बैजल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष हैं। सूत्रों के मुताबिक छह सदस्यीय समिति में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दो सदस्य और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं। केजरीवाल की शाह से मुलाकात दो दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और दोनों नेताओं ने दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति पर व्यावक चर्चा की थी। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34,867 पहुंच चुकी है। गुरुवार को राजधानी में रेकॉर्ड 1877 नए मामले सामने आए। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन का कहना है कि यह जंग जैसे हालात हैं और दिल्ली सरकार कोरोना मरीजों के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। सूत्र ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति डीडीएमए को कोविड-19 से निपटने के लिए सुझाव देगी। इनमें विभिन्न एजेंसियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बीच तालमेल के सुझाव भी शामिल हैं। इससे कोरोना संकट से निपटने के लिए एक व्यावहारिक रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। केजरीवाल ने हाल ही दावा किया था कि अगर अन्य राज्यों के लोग इलाज के लिए दिल्ली आए तो दिल्ली को 31 जुलाई तक 1.5 लाख बेड्स की जरूरत होगी। स्टेडियमों को कोविड-19 फैसलिटी में बदलने का सुझाव उपराज्यपाल द्वारा गठित एक अन्य पैनल ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रगति मैदान, तालकटोरा इंडोर स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अस्थाई कोविड-19 फैसलिटी बनाने का सुझाव दिया है। समिति ने साथ ही त्यागराज स्टेडियम और ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम को भी इसके लिए इस्तेमाल करने की सिफारिश की है। दिल्ली में हर रोज हजार की तादाद में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली मे स्वास्थ्य सेवाओं के भी हालात ठीक नहीं है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चेन्नई और मुंबई की तुलना में दिल्ली में जांच क्यों कम की जा रही है। दिल्ली सरकार को फटकार कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके शव के रखरखाव के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि दिल्ली में और उनके अस्पतालों में बहुत बुरा हाल है। होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। अस्पताल डेड बॉडी का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रही है।

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