नई दिल्ली, 18 जून 2019, लोकसभा चुनाव में करारी पराजय झेलने के बाद लगता है कि कांग्रेस हौसला भी हार गई है. इसी का नतीजा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद अध्यक्ष पद से इस्तीफे को लेकर अडिग हैं. राहुल का विकल्प कांग्रेस अभी तलाश नहीं सकी है, जबकि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अगुवाई में बीजेपी ने पहले से बड़ी जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की है. शाह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को बना दिया गया है. इस तरह से बीजेपी के पास अब दो-दो अध्यक्ष हो गए हैं और कांग्रेस के पास एक भी नहीं है. ऐसे में सवाल है कि इतनी लचर तैयारी के साथ बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस कैसे करेगी?
6 महीने तक रहेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष
दिल्ली में सोमवार को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया. हालांकि अमित शाह ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमित शाह अगले 6 महीने तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे. अमित शाह के साथ मिलकर ही जेपी नड्डा पार्टी का काम काज देखेंगे.
विधानसभा चुनाव तक अध्यक्ष बने रहने की मांग
दरअसल बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में अमित शाह ने कहा कि उनके पास केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है. इसलिए पार्टी अध्यक्ष का पद किसी अन्य व्यक्ति को दिया जाना चाहिए, क्योंकि पार्टी को पर्याप्त समय देने में असमर्थ रहेंगे. इसी के बाद जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष की कमान दी गई है. हालांकि बोर्ड के सदस्यों ने अमित शाह से तब तक अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया जब तक बीजेपी सदस्यता अभियान और आगामी विधानसभा चुनाव समाप्त नहीं हो जाता.
पार्टी नेता बोले- राहुल नहीं तो कोई और नहीं
वहीं, लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया तो पार्टी में हंगामा मच गया. कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने राहुल को पद पर बने रहने और इस्तीफा वापस लेने के लिए कई बार मनाया, लेकिन वह अपने फैसले पर पूरी तरह से कायम है. जबकि पार्टी नेता लगातार यह कह रहे हैं कि राहुल नहीं तो कोई और नहीं.
राहुल की जगह कौन, अब तक फैसला नहीं
राहुल के इस्तीफा दिए हुए करीब एक महीना होने जा रहा है. कांग्रेस के सीडब्ल्यूसी की कई बैठकें होने के बाद भी राहुल की जगह अध्यक्ष पद के लिए किसी दूसरे नेता की तलाश पूरी नहीं हो सकी है. जबकि कांग्रेस के सीनियर नेताओं की बैठक में पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसको इन दोनों नेताओं ने निजी कारण बताते हुए ठुकरा दिया था. इसके अलावा अध्यक्ष के लिए कई नाम और भी मीडिया में आए थे, लेकिन किसी पर अभी मुहर नहीं लग सकी है.
आज नहीं तो कल, राहुल ही अध्यक्ष!
इसका नतीजा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ पिछले दिनों हुई अनौपचारिक बैठक के बाद पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे. हमें इसे लेकर कोई संदेह नहीं है. इसका मतलब साफ है कि आज नहीं तो कल राहुल ही कांग्रेस के अध्यक्ष रहेंगे. फिलहाल कांग्रेस बिना अध्यक्ष के चल रही है.