टूटने के डर से शिवसेना ने होटल में शिफ्ट किए विधायक, गवर्नर से मिलने पहुंचे बीजेपी नेता

मुंबई महाराष्ट्र में सरकार बनाने की डेडलाइन खत्म होने के कुछ घंटों पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एक तरफ शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने मीटिंग के बाद विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया है तो बीजेपी के नेता भी गवर्नर से मिले हैं। सूबे में सरकार गठन को लेकर अगले कुछ घंटे अहम हो सकते हैं। इस बीच ठाकरे परिवार के निवास स्थान 'मातोश्री' में शिवसेना विधायकों की उद्धव ठाकरे के साथ अहम बैठक हुई। मीटिंग के बाद शिवसेना विधायकों को रंग शारदा होटल शिफ्ट गया है। पार्टी का कहना है कि उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। पार्टी यह आशंका अपने मुखपत्र सामना में भी जता चुकी है। लिखें गवर्नर से मिलने के बाद बीजेपी के प्रदेश चंद्रकांत पाटील ने एक बार फिर से गठबंधन सरकार बनने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, 'इस चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने बीते 5 साल तक सरकार चलाने वाले बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है। उस जनादेश के आधार पर अब तक सरकार बननी चाहिए थी, यह सभी नागरिकों की इच्छा है। उसमें समय जा रहा है, ऐसे में इस पर कानूनी दृष्टि से चर्चा करने के लिए हम राज्यपाल महोदय से मिले। हमने उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया।' शिवसेना को विधायकों के टूटने का डर? इस बीच विधायकों को लेकर शिवसेना कितनी सचेत है, इसका संकेत उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग में मिला। शिवसेना विधायकों को फोन स्विच ऑफ करने के निर्देश दिए गए और उनके मोबाइल मीटिंग हॉल से बाहर जमा करा दिए गए। हमारे सहयोगी टाइम्स नाउ के मुताबिक, शिवसेना की मीटिंग में सभी विधायकों ने 50-50 फॉर्म्युले पर बरकरार रहने की बात कही। सभी विधायकों ने पार्टी की सीएम पद को लेकर की जा रही मांग का भी पुरजोर समर्थन किया है। विधायक बोले, अगले दो दिन होटल में डेरा मातोश्री में पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा, 'हम (शिवसेना विधायक) अगले दो दिन होटल रंग शारदा में रहेंगे। हम वहीं करेंगे जो उद्धव ठाकरे कहेंगे। शिवसेना की बैठक में सरकार गठन पर कोई भी फैसला लेने के लिए पार्टी मुखिया उद्धव ठाकरे को अधिकृत किया गया है। ढाई-ढाई साल सीएम पद पर अड़ी शिवसेना शिवसेना की मांग है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद बीजेपी और शिवसेना को दिया जाए। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी सीएम पद को लेकर झुकने नहीं वाली है। वहीं, बीजेपी किसी भी कीमत पर सीएम पद शिवसेना को देने को तैयार नहीं है। बीजेपी के कई नेताओं ने गुरुवार को भी कहा कि सीएम बीजेपी का ही बनेगा। 'देवेंद्र फडणवीस भी हैं शिवसैनिक' बीजेपी के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने एकबार फिर से कहा है कि बीजेपी शिवसेना को साथ रखेगी। उन्होंने कहा, 'हम एक स्थिर और मजबूत सरकार चलाना चाहते हैं। हम शिवसेना के साथ सरकार बनाना चाहते हैं। उद्धव जी ने खुद ही पहले भी कहा है कि देवेंद्र फडणवीस जी खुद एक शिवसैनिक हैं।' मुनगंटीवार से जब पूछा गया कि क्या बीजेपी अल्पमत की सरकार बनाने जा रही है तो उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कोई प्लान नहीं है। गडकरी के CM बनने की चर्चाओं पर बोले मुनगंटीवार एक सुगबुगाहट यह भी है कि नितिन गडकरी भी सीएम बन सकते हैं। इसपर सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि नितिन गडकरी राज्य की राजनीति में नहीं आएंगे। बीजेपी के नेता गुरुवार को ही राज्यपाल से मिलने वाले हैं। इस बारे में मुनगंटीवार ने कहा कि बीजेपी आज सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी। गडकरी बोले- मैं दिल्ली में हूं, महाराष्ट्र आने का सवाल ही नहीं सीएम बनने के सवाल पर खुद नितिन गडकरी ने कहा, 'मैं अब दिल्ली में हूं और मेरे महाराष्ट्र में आने का सवाल ही नहीं है।' नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि सीएम बीजेपी का ही बनेगा और इसके लिए शिवसेना से बातचीत चल रही है। गडकरी ने उम्मीद जताई है कि दोनों पार्टियां मिलकर जल्द ही फैसला लेंगी और जल्द ही सरकार बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। बीजेपी की तरफ से स्पष्ट है कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे। राउत फिर बोले, शिवसेना का होगा CM गुरुवार सुबह मीडिया से बात करते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। जिसके पास बहुमत है, वह सरकार बनाएगा। विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। हमारे विधायकों के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है।' उधर शिवसेना विधायकों को रिजॉर्ट में शिफ्ट करने की बात पर संजय राउत ने कहा, 'हमें ऐसा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, हमारे विधायक अपने संकल्प और पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं। जो लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं उन्हें पहले अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए।' 14 दिन से सरकार गठन पर बना है गतिरोध आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 2014 में गठित हुई विधानसभा का शनिवार को आखिरी दिन है लेकिन अब तक नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। शिवसेना भले ही बीजेपी को धमकी दे रही है कि वह दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकती है लेकिन उसने अब तक किसी भी दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है। इसके अलावा बीजेपी भी अब तक सरकार गठन को लेकर पूरी तरह सक्रिय नहीं दिखी है। एक तरह से सूबे की सभी 4 प्रमुख पार्टियां बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सरकार गठन पर ठहरी हुई दिखती हैं।

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