नई दिल्ली
8 नवंबर 2016 को देश में हुई नोटबंदी के बाद प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने लगातार केंद्र और नरेंद्र मोदी सरकार पर यह हमला जारी रखा कि देश में कैश का संकट गहराया हुआ है। कई राजनीतिक दल नोटबंदी के बाद हुई सख्ती को लेकर हमेशा यह कहते दिखे कि अब राजनीतिक फंड जुटाना मुश्किल हो रहा है। इस सबके बीच कांग्रेस ने कांग्रेस ने इस साल के हुए लोकसभा चुनावों में 820 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कांग्रेस का यह चुनावी खर्च पिछली बार हुए आम चुनावों की तुलना में कहीं ज्यादा अधिक है। 2014 में कांग्रेस ने 516 करोड़ रुपये आम चुनावों में अपने चुनाव प्रचार के लिए खर्च किए थे।
लोकसभा चुनावों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी हुए थे। कांग्रेस की ओर से इन चुनावों का खर्च भी इसमें ही शामिल है। 2014 के आम चुनावों में तब बीजेपी ने कांग्रेस से कहीं ज्यादा 714 करोड़ रुपये अपने चुनावी अभियान पर बहाए थे। हालांकि अभी 2019 चुनावों में बीजेपी द्वारा खर्च की गई रकम का ब्योरा देना अभी बाकी है।
चुनाव के दौरान खर्च हुए रुपयों का विवरण देते हुए कांग्रेस ने 31 अक्टूबर को चुनाव आयोग को जो ब्योरा दिया है, उसके मुताबिक पार्टी ने अपने कोर प्रचार के लिए 626.3 करोड़ रुपये और करीब 193.9 करोड़ रुपये की राशि अपने उम्मीदवारों पर खर्च की। कांग्रेस पार्टी ने चुनावों की घोषणा से लेकर चुनाव खत्म होने तक कुल 856 करोड़ रुपये खर्च किए। बता दें कि चुनावों के दौरान मई में कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना ने बयान दिया था, 'हमारे पास पैसा ही नहीं है।'
उल्लेखनीय है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने चुनावों के मद्देनजर अपने कोर प्रचार पर जो 636.36 करोड़ रुपये की राशि खर्च की थी, उसमें 573 करोड़ रुपये का भुगतान पार्टी ने चेक द्वारा किया, जबकि 14.33 करोड़ रुपये का भुगतान कैश में किया गया। केंद्रीय पार्टी मुख्यालय ने मीडिया पब्लिसिटी और विज्ञापनों पर कुल 356 करोड़ रुपये व्यय किए।
इसके अलावा करीब 47 करोड़ रुपये पोस्टर्स और चुनाव संबंधी अन्य सामग्रियों पर खर्च किए गए। 86.6 करोड़ रुपये अपने स्टार प्रचारकों के यात्रा खर्च पर भी खर्च किए गए। इसके अलावा कांग्रेस ने 40 करोड़ छत्तीसगढ़ और ओडिशा में और उत्तर प्रदेश में 36 करोड़, महाराष्ट्र में 18 करोड़, पश्चिम बंगाल में करीब 15 करोड़ और 13 करोड़ केरल में भी खर्चे, जहां से उसके तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनाव लड़ा था।
कांग्रेस के अलावा अन्य राष्ट्रीय पार्टियों ने भी चुनाव आयोग में अपने-अपने चुनाव खर्च के ब्योरे का विवरण सौंपा है। इनमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 83.6 करोड़, बीएसपी ने 55.4 करोड़, एनसीपी ने 72.3 करोड़ और सीपीएम ने 73.1 करोड़ रुपये खर्च किए।nbt