दिग्विजय सिंह vs साध्वी प्रज्ञा: भोपाल में रेकॉर्ड वोटिंग कर रही क्या इशारा?

भोपाल भीषण गर्मी और तेज धूप के बाद भी देश का दिल कहे जाने वाले मध्‍य प्रदेश में रविवार को 80 लाख वोटर घरों से निकले और वोट देकर लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव में हिस्‍सा लिया। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार पोलिंग का आंकड़ा करीब 8 प्रतिशत बढ़कर करीब 65 फीसदी हो गया। सबसे ज्‍यादा 74 फीसदी वोटिंग राजगढ़ में हुई वहीं साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर और दिग्विजय सिंह के कारण हॉट सीट बनी भोपाल में अब तक के सारे रेकॉर्ड टूट गए और यहां पर 65.7 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी की फायर ब्रैंड नेता साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह के बीच चुनावी जंग ने भीषण गर्मी में भोपाल का राजनीतिक तापमान डबल कर दिया। हालत यह हो गई कि इस बार मोदी लहर से भी 8 फीसदी ज्‍यादा लोगों ने वोट दिया। मतदान के इस बढ़े से माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच कांटे की टक्‍कर होने के आसार हैं। मोदी-राहुल गांधी ने नहीं किया प्रचार भोपाल में मतदान की यह हालत तब है जब न तो पीएम मोदी ने और न ही कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल में चुनाव प्रचार किया है। दिग्‍गी और साध्‍वी के बीच इस चुनावी जंग के परिणाम पर अब पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। चुनाव प्रचार के दौरान दिग्विजय सिंह ने भोपाल के विकास पर जोर दिया उधर, साध्‍वी ने भी बाद के दिनों में भोपाल को बेहतर बनाने का आपना खाका पेश किया। विकास के मुद्दे से इतर पूरे प्रचार के दौरान हिंदुत्‍व का मुद्दा छाया रहा। प्रज्ञा ठाकुर ने इस चुनाव 'धर्म युद्ध' करार दिया और कहा कि उन्‍हें 'बाबरी मस्जिद को गिराने में सहयोग करने पर गर्व है।' वहीं दिग्विजय सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कई मंदिरों का दौरा किया और कंप्‍यूटर बाबा के नेतृत्‍व में सैकड़ों साधुओं ने 'हठ योग' किया। इसके जरिए दिग्विजय ने प्रज्ञा ठाकुर के हिंदुत्‍व के दांव को कुंद करने की कोशिश की। साध्‍वी बनाम दिग्‍गी की जंग का असर मतदान पर साध्‍वी बनाम दिग्‍गी की इस जंग का असर मतदान पर भी साफ नजर आया। मतदान केंद्रों पर रविवार को सुबह सात बजे से ही लंबी-लंबी लाइनें देखी गईं। दोपहर एक बजे तक 35 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था जबकि उस समय तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस था। भोपाल मध्‍य और भोपाल उत्‍तर में मतदान थोड़ा धीमा रहा लेकिन बाद में इसमें तेजी आई। बेरासिया और सेहोर विधानसभा सीटों पर क्रमश: 77 और 76 फीसदी मतदान हुआ। हालांकि भोपाल में मतदान के बाद भगवा ब्रिगेड को एक बुरी खबर भी मिली। बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले गोविंदपुरा इलाके में मात्र 59.8% फीसदी मतदान हुआ। विधानसभा चुनाव में भोपाल दक्षिण-पश्चिम और भोपाल मध्‍य में कांग्रेस को जीत मिली थी और यहां पर क्रमश: 59.4% और 59.3% फीसदी मतदान हुआ। माना जा रहा है कि भोपाल में इतनी ज्‍यादा वोटिंग होने के पीछे वजह यह रही कि दोनों ही पक्षों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी और मतदाताओं को वोटिंग केंद्रों तक लेकर आए। ग्रामीण और उपनगरीय इलाके में जमकर मतदान राजनी‍तिक विश्‍लेषक आरएस तिवारी के मुताबिक इस बार के चुनाव में चुनाव आयोग ने भी काफी प्रयास किया जिसका असर मतदान के प्रतिशत पर साफ नजर आया। बता दें कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भोपाल में 44.69 प्रतिशत और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 57.79 प्रतिशत मतदान हुआ था। रविवार को भोपाल के ग्रामीण और उपनगरीय इलाके में जमकर मतदान हुआ।

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