मुंबई
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद ऐसा लग रहा है कि वहां की राजनीति में अभी कुछ और चौंकाने वाले घटनाएं हो सकती हैं। ऐसी खबर है कि करीब एक दर्जन बीजेपी एमएलए और महाराष्ट्र से राज्यसभा के एक सांसद बीजेपी छोड़कर सत्तारूढ़ गठबंधन की पार्टियों में आना चाहते हैं। इस सिलसिले में उनकी गठबंधन के नेताओं से बातचीत भी चल रही है।
इन संभावित दलबदलुओं में अधिकांश वे बीजेपीए एमएलए हैं जो विधानसभा चुनावों से ऐन पहले एनसीपी और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। एक सूत्र ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि इनके अलावा दूसरे कुछ असंतुष्ट बीजेपी विधायक हैं। एक बीजेपी राज्य सभा एमपी समेत इन सभी ने सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं को संकेत दे दिया है कि वे अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर आने वाले उपचुनावों में गठबंधन में शामिल पार्टियों के उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं। बीजेपी में शामिल होने वाले कई एनसीपी और कांग्रेस एमएलए शिक्षा व्यवसाय और चीनी मिल सेक्टर से जुड़े थे और उन्हें बीजेपी शासन की सख्ती का सामना करना पड़ रहा था।
बीजेपी खुद कर चुकी है ऐसा'
सत्तारूढ़ गठबंधन के एक नेता का कहना था, 'बीजेपी नेतृत्व पहले ही ऐसे उदाहरण प्रस्तुत कर चुका है जहां उन्होंने विभिन्न राज्यों के एमएलए और राज्य सभा में विपक्ष के सांसदों को इस्तीफा दिलाकर उपचुनावों में अपना उम्मीदवार बनाया था। इन उदाहरणों से प्रेरित होकर करीब एक दर्जन बीजेपी एमएलए और एक राज्य सभा एमपी हमसे संपर्क में हैं। वे बीजेपी से इस्तीफा देकर उपचुनाव लड़ने को तैयार हैं। उनकी भविष्य की रणनीति पर हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं।' एक दूसरे नेता ने कहा, 'वे लोग हमारे नेतृत्व के हरी झंडी दिखाने का इंतजार कर रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद यह मुद्दा जोर पकड़ सकता है।'
अधिकांश एनसीपी में आने को इच्छुक
पाला बदलने के इच्छुक इन विधायकों में से अधिकांश एनसीपी को जॉइन करना चाहते हैं। कुछ दूसरे कांग्रेस और बाकी लोग शिवसेना में शामिल होने की इच्छा जता रहे हैं। इन विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में गठबंधन सहयोगियों को हराकर जीत हासिल की थी। उन्हें लगता है कि अगर गठबंधन के सभी सहयोगियों के वोट उन्हें मिल जाएं तो उनके पास उपचुनाव जीतने का अच्छा मौका है।
बीजेपी को भी पता है असलियत
इन नेताओं में से एक ने इस ओर इशारा किया कि उद्धव ठाकरे सरकार ने बीजेपी के वॉकआउट और 169 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत जीता है। उनका कहना था, 'हमारे बीजेपी में कुछ गुप्त सहयोगी हैं। यही कारण है कि देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी ने विश्वास मत और अध्यक्ष के चुनाव के दौरान अपनी ताकत दिखाने से परहेज करते हुए अपना उम्मीदवार हटा लिया था।'
गोवा की बीजेपी सरकार पर भी नजर
संयोग से इसी समय महाराष्ट्र बीजेपी के उन नेताओं ने 'मोहभंग' होने का ऐलान किया और साथ पार्टी बदलने की धमकी दी है जिन्हें चुनाव में टिकट नहीं मिला था। उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने भी हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी गोवा में बीजेपी सरकार को गिराने के मिशन में लगी हुई है।