हनुमानगढ़


हनुमानगढ़। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्त इकबाल खान एवं हनुमानगढ़ जिला कलक्टर श्री कानाराम के निर्देशन में जिले में त्यौहारी सीजन के लिए 'शुद्ध आहार-मिलावट पर वारÓ अभियान के तहत अधिक से अधिक सैम्पल लेने की कार्यवाही की जा रही है ताकि शहरवासियों को उच्च क्वालिटी की खाद्य सामग्री मिले। इसी के तहत हनुमागनढ़ जंक्शन के एक खाद्य व्यवसायी से लिए गए मिठाई के दो सैम्पल की रिपोर्ट अनसेफ एवं सबस्टैण्डर्ड प्राप्त हुई है। अब खाद्य व्यवसायी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि दीपावली का त्यौहार नजदीक होने के कारण समस्त जिले के खाद्य व्यवसाइयों के संस्थानों की जांच कर खाद्य समाग्री के सैम्पल लिए जा रहे हैं। इसी के तहत गत 7 अक्टूबर 2024 को एफएसओ सुदेश कुमार गर्ग ने हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित मैसर्स ओम स्वीट्स से मिल्क केक (मावा मिठाई) व बेसन चक्की का सैम्पल लिया गया था, जिसे जांच के लिए बीकानेर स्थित जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भिजवाया गया था। डॉ. शर्मा ने बताया कि जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला से मिली रिपोर्ट के अनुसार मैसर्स ओम स्वीट्स से लिए गए मिल्क केक (मावा मिठाई) की रिपोर्ट अनसेफ प्राप्त हुई है जबकि बेसन चक्की का सैम्पल सब स्टैण्डर्ड प्राप्त हुआ है। डॉ. शर्मा ने बताया कि मैसर्स ओम स्वीट्स पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी, जिसके तहत मिल्क केक के लिए माननीय सीजेएम कोर्ट एवं बेसन चक्की के लिए माननीय एडीएम कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनसेफ प्रकरण में सीजेएम न्यायालय द्वारा तीन माह की कैद एवं तीन लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त सब स्टैण्डर्ड प्रकरण में अधिकतम पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। डॉ. शर्मा ने बताया कि अक्टूबर माह में लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट जल्द से जल्द मंगवाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि सब स्टैण्डर्ड खाद्य पदार्थ एवं साफ-सफाई ना रखने वाले खाद्य व्यवसाइयों पर सख्त कार्यवाही की जा सके। आज टाउन-जंक्शन से लिए गए पांच सैम्पल सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि आज हनुमानगढ़ जंक्शन एवं टाउन में पांच सैम्पल संग्रहित किए गए। उन्होंने बताया कि मै. शर्मा जी आगरा चाट से सोया सॉस, मै. रमेश ट्रेडिंग कम्पनी (डेली सेव) से धनिया पाउडर, मै. हरिओम मावा पनीर हाउस से घी, मै. जनता स्वीट्स से काजू कतली एवं मै. ईशर जी स्वीट्स से मावा बर्फी का सैम्पल लिया गया, जिसे बीकानेर स्थित जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भिजवाया गया है। आज की कार्यवाही में एफएसओ सुदेश कुमार गर्ग, एफएसओ रफीक मोहम्मद, गार्ड योगेश, हीरावल्लभ, गुरुशरण सिंह एवं बिट्टू शामिल रहे। यहां दें जानकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने आमजन से अपील की कि मिलावट करने वाले खाद्य विक्रेता एवं अवधिपार सामग्री बेचने वाले वाले लोगों की जानकारी चिकित्सा विभाग के नम्बर 01552-261190 अथवा राज्यस्तरीय व्हाट्स एप नंबर 9462819999 पर दें, ताकि जिले में 'शुद्ध आहार-मिलावट पर वारÓ अभियान के तहत प्रभावी कार्रवाई हो सके। इस पर शिकायत मिलने पर विभागीय टीम खाद्य पदार्थ की जांच करेगी और सैंपल लेगी। इसके बाद रिपोर्ट आने पर न्यायालय की ओर से जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि खाद्य व्यापारी शुद्ध, बिना मिलावटी और एक्सपायरी डेट आदि देखकर ही खाद्य पदार्थों का बेचान करें।
मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर में नशा छोडऩे वाले मरीजों की काउंसलिंग एवं उपचार शुरू
ईंट भट्टों की होंगी जांच, टीम गठित नियमों की अवहेलना पर सख्त कार्रवाई
जिला कलक्टर श्री कानाराम के निर्देशन में आयोजित मानस अभियान के तहत जिले में 21 अक्टूबर से 29 नवम्बर 2024 तक आयोजित होंगे चिकित्सा शिविर
विश्व आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस पर जिला स्तरीय संगोष्ठी 21 अक्टूबर को

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बॉलीवुड के बीते जमाने के स्टार जीतेंद्र आज 82 साल के हो गए। तकरीबन चार दशक लंबे करियर में जीतेंद्र ने 'तोहफा', 'हिम्मतवाला', 'कारवां', 'परिचय', 'मवाली' समेत कई हिट फिल्मों में काम किया है। अपने अनोखे डांसिंग स्टाइल की वजह से लोग उन्हें जंपिंग जैक बुलाते थे। जीतेंद्र ने करीब 121 हिट फिल्में दीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कभी बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नहीं मिला। कभी 8 साल में 60 फिल्मों में काम करने वाले जीतेंद्र तकरीबन 23 साल पहले एक्टिंग छोड़ चुके हैं। 2001 में उन्हें फिल्म ‘कुछ तो है’ में देखा गया था। इसके बाद वो कुछ टीवी सीरियलों और वेब सीरीज में चंद मिनट के लिए ही नजर आए हैं। एक इंटरव्यू में जीतेंद्र ने तो ये तक कहा था कि उन्हें याद ही नहीं है कि वे कभी एक्टर थे। वैसे, एक्टिंग के अलावा जीतेंद्र ने प्रोडक्शन हाउस से भी मोटी कमाई की, लेकिन फिल्में प्रोड्यूस करते हुए जीतेंद्र दो बार दिवालिया भी हो गए थे। जीतेंद्र ने तब भी हार नहीं मानी और आज उनकी संपत्ति 1512 करोड़ रुपए है। जन्मदिन के मौके पर जानते हैं जीतेंद्र की लाइफ के कुछ दिलचस्प किस्से… राजेश खन्ना थे जीतेंद्र के क्लासमेट जीतेंद्र का जन्म 7 अप्रैल 1942 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था। उनका असली नाम रवि कपूर है। जीतेंद्र के पिता अमरनाथ फिल्म इंडस्ट्री में नकली ज्वेलरी सप्लाई करने का काम करते थे, इसलिए पूरी फैमिली अमृतसर से मुंबई आकर बस गई थी। जीतेंद्र की शुरुआती पढ़ाई सेंट सेबेस्टियन गोअन हाई स्कूल, मुंबई में हुई थी। इसी स्कूल में उनके साथ राजेश खन्ना भी पढ़ते थे और दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। जीतेंद्र ने आगे की पढ़ाई मुंबई के सिद्धार्थ कॉलेज से पूरी की। ज्वेलरी सप्लाई करते-करते बने बॉडी डबल जीतेंद्र जब बड़े हुए तो अपने पिता के बिजनेस में हाथ बंटाने लगे। इसी सिलसिले में एक दिन वे फिल्ममेकर वी शांताराम से मिले। फिर अक्सर ज्वेलरी सप्लाई के सिलसिले में जीतेंद्र का शांताराम की फिल्म कंपनी में आना-जाना लगा रहता था। इसी दौरान उनके मन में हीरो बनने की इच्छा जाग गई। उन्होंने वी शांताराम से किसी फिल्म की शूटिंग देखने की इच्छा जताई। शांताराम ने कहा-सिर्फ शूटिंग देखने से काम नहीं चलेगा। काम करोगे? जीतेंद्र ने तुरंत हामी भर दी। फिल्म 'नवरंग' की शूटिंग के दौरान जीतेंद्र को छोटे-मोटे काम मिल जाया करते थे। लेकिन एक दिन ऐसा आया जब जीतेंद्र की किस्मत चमक गई। ये किस्सा उन्होंने खुद 'द कपिल शर्मा शो' के दौरान सुनाया था। जब कपिल शर्मा ने उनसे पूछा था कि क्या आप स्ट्रगल के दिनों में हीरोइन के बॉडी डबल बने थे? इस पर जीतेंद्र ने कहा था, हां, मैं फिल्म 'सेहरा' की शूटिंग के दौरान जूनियर आर्टिस्ट था। मुझे शांताराम जी की चमचागिरी करनी पड़ती थी, मैं उस वक्त कुछ भी करने को तैयार था। तो एक दिन बीकानेर में शूटिंग के वक्त हीरोइन संध्या जी की कोई बॉडी डबल नहीं मिल रही थी। शांताराम जी ने मुझे संध्या जी का बॉडी डबल बना दिया और इस तरह मेरी फिल्मों में एंट्री हुई। पहली फिल्म की फीस थी 100 रु. शुरुआत में जीतेंद्र को काम तो मिला लेकिन छह महीने तक कोई फीस नहीं मिली। उनसे वी. शांताराम ने वादा किया था कि जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर उन्हें हर महीने 105 रु. दिए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर जब वी.शांताराम ने जीतेंद्र को 1964 में फिल्म 'गीत गाया पत्थरों ने' से ब्रेक दिया और तब अपनी पहली फिल्म की फीस के तौर पर जीतेंद्र को 100 रु. मिले। 'गीत गाया पत्थरों ने' से जीतेंद्र को ब्रेक तो मिला, लेकिन फिल्म फ्लॉप रही। ऐसे में जीतेंद्र को फिर छोटे-मोटे रोल करके गुजारा करना पड़ा। हालांकि, उनके मन में अब भी सोलो लीडिंग स्टार बनने की तमन्ना थी। 1967 में रिलीज हुई ‘फर्ज’ जीतेंद्र के करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई, लेकिन बतौर लीड स्टार फिल्म इंडस्ट्री में जमना उनके लिए आसान नहीं था। सोलो लीड हीरो बनाने से पहले डायरेक्टर ने रखी जीतेंद्र के सामने शर्त एक बार फिल्ममेकर सुबोध मुखर्जी ने जीतेंद्र से कहा कि वो उन्हें लेकर एक सोलो हीरो फिल्म बनाना चाहते हैं। जीतेंद्र खुश हो गए, लेकिन तभी सुबोध ने एक शर्त रखी। उन्होंने कहा- मैं फिल्म तभी बनाऊंगा, जब हेमा मालिनी इस फिल्म में काम करेंगी। दरअसल, उस दौर में हेमा मालिनी का स्टारडम किसी मेल सुपरस्टार से कम नहीं था। हेमा जिस फिल्म में होती थीं, उसके सफल होने की गारंटी 100% रहती थी। जीतेंद्र भी ये बात भांप गए कि अगर हेमा उनकी हीरोइन बन जाएं तो उनकी भी नैया पार लग जाएगी और वो भी बतौर हीरो स्थापित हो जाएंगे। मगर ये इतना आसान नहीं था। उस समय हेमा के करियर के फैसले उनकी मां जया चक्रवर्ती लेती थीं। जब जीतेंद्र ने उन्हें फिल्म के बारे में बताया तो उन्होंने मना कर दिया। जीतेंद्र उनके पीछे पड़ गए और कहा-आपकी बेटी अगर मेरे साथ फिल्म कर लेगी तो मेरा करियर बन जाएगा। आखिरकार जया मान गईं। जीतेंद्र ने ये बात सुबोध मुखर्जी को बताई और उन्होंने झट से हेमा को फिल्म में साइन कर लिया। हेमा को साइन करके डायरेक्टर ने जीतेंद्र को किया फिल्म से बाहर आगे मामले में ट्विस्ट तब आया जब सुबोध मुखर्जी ने फिल्म में जीतेंद्र के बजाए शशि कपूर को हीरो के तौर पर साइन कर लिया। ये बात जानकर जीतेंद्र के पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उन्होंने सुबोध से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'फिल्म के प्रोड्यूसर और फाइनेंसर ने कहा है कि जब हीरोइन हेमा मालिनी है तो हीरो भी बड़ा कास्ट करो, जीतेंद्र को लेने की क्या जरूरत। इसलिए मैंने शशि कपूर के साथ फिल्म अनाउंस कर दी।' जीतेंद्र ने जब सुबोध से कहा कि हेमा मेरी वजह से फिल्म में आई हैं तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि हम यहां बिजनेस करने बैठे हैं। जीतेंद्र इस बात से मायूस हो गए लेकिन इसी दौरान एल.वी प्रसाद ने उन्हें फिल्म 'जीने की राह' का ऑफर दिया। ये फिल्म सुपरहिट हो गई और जीतेंद्र चमक गए जबकि हेमा और शशि कपूर स्टारर फिल्म 'अभिनेत्री' बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई। हेमा की मां जीतेंद्र से करवाना चाहती थीं बेटी की शादी जब जीतेंद्र बड़े स्टार बन गए तो हेमा की मां जया चक्रवर्ती को वे अपनी बेटी के लिए परफेक्ट लगे। जया, हेमा की उनसे शादी करवाना चाहती थीं। दरअसल, तब हेमा का अफेयर धर्मेंद्र से चल रहा था और संजीव कुमार भी हेमा से शादी का प्रस्ताव उनके घरवालों के सामने रख चुके थे। हेमा की मां को न संजीव कुमार पसंद थे और न ही धर्मेंद्र। वे नहीं चाहती थीं कि हेमा की इन दोनों में से किसी स्टार से शादी हो जबकि जीतेंद्र उन्हें बेटी के लिए पसंद थे। जया चक्रवर्ती ने बेटी हेमा की शादी जीतेंद्र से फिक्स कर दी थी और चेन्नई में दोनों सात फेरे भी लेने वाले थे। तभी धर्मेंद्र शादी के मंडप में जीतेंद्र की गर्लफ्रेंड शोभा को लेकर पहुंच गए और हेमा से उनकी शादी तुड़वा दी थी। इसके कुछ साल बाद जीतेंद्र ने 1974 में गर्लफ्रेंड शोभा से लव मैरिज कर ली थी। श्रीदेवी के साथ हर फिल्म में काम करना चाहते थे जीतेंद्र 1983 में जीतेंद्र ने फिल्म 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी के साथ पहली बार काम किया था। दोनों की जोड़ी को काफी पसंद किया गया। यही वजह है कि एक दौर ऐसा आया जब जीतेंद्र हर फिल्म में केवल श्रीदेवी के साथ ही काम करना चाहते थे। शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जीतेंद्र को 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी का काम इतना पसंद आया था कि उन्होंने डायरेक्टर राघवेंद्र से कहा कि वे अपनी सभी फिल्मों में उनके अपोजिट केवल श्रीदेवी को बतौर हीरोइन साइन करें।' यही वजह थी कि 'हिम्मतवाला' के बाद राघवेंद्र राव ने जब 'जानी दोस्त' (1983), 'जस्टिस चौधरी' (1983), 'तोहफा' (1984), 'सुहागन' (1986), 'धर्माधिकारी' (1986) और 'दिल लगाके देखो' (1988) फिल्में बनाईं तो उन्होंने इनमें श्रीदेवी को ही लिया। जीतेंद्र को रेखा ने दी थी श्रीदेवी के साथ काम करने की सलाह एक इंटरव्यू में जीतेंद्र ने फिल्म 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी के साथ काम करने के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, 'श्रीदेवी के साथ काम करने की सलाह मुझे रेखा ने दी थी। एक दिन मैं और रेखा, श्रीदेवी की कोई तेलुगु फिल्म देख रहे थे। रेखा ने मुझसे कहा, 'तुम्हें श्रीदेवी के साथ जरूर काम करना चाहिए। उस वक्त रेखा के पास 'हिम्मतवाला' के लिए डेट्स नहीं थी। वे फिल्म में काम करने से मना कर चुकी थीं। ऐसे में मैंने राघवेंद्र राव को श्रीदेवी को कास्ट करने का सुझाव दिया और वे मान गए। इस तरह 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी की एंट्री हुई। श्रीदेवी का डांस में कोई मुकाबला नहीं था। जब 'हिम्मतवाला' की शूटिंग के दौरान डांस मास्टर हमें स्टेप्स सिखाते थे तो श्रीदेवी केवल दो रिहर्सल में ही स्टेप्स सीख जाती थीं और मैं कई बार प्रैक्टिस करता था लेकिन वे भी मेरे साथ तब तक रिहर्सल करती थीं, जब तक मैं अपना डांस स्टेप परफेक्ट तरीके से न कर लूं।' 8 साल में 60 फिल्मों में काम किया 1975 के आसपास जब जीतेंद्र को बतौर हीरो फिल्में मिलना बंद हो गईं तो उनकी फाइनेंशियल कंडीशन काफी खराब हो गई थी। इसके बाद जीतेंद्र दूसरी बार तब दिवालिया हुए जब उन्होंने फिल्म प्रोड्यूस करने के बारे में सोचा। 1982 में उन्होंने फिल्म 'दीदार-ए-यार' बनाई जो कि फ्लॉप साबित हुई। इससे जीतेंद्र को काफी नुकसान हुआ। खराब आर्थिक स्थिति से उबरने के लिए जीतेंद्र ने 8 साल में 60 फिल्मों में काम किया। जीतेंद्र के इतनी फिल्में करने पर लोग उन्हें इनसिक्योर एक्टर तक कहने लगे थे, लेकिन जीतेंद्र को इसमें कुछ गलत नहीं लगता। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैंने 8 साल में लगातार 60 फिल्में इसलिए कीं, क्योंकि ये सच है कि 1980 के दौर में मैं काफी इनसिक्योर था। मैं गोरेगांव की चॉल से उठा व्यक्ति हूं। मैंने वो समय देखा है, जब मेरे घर में पंखा लगा था तो पूरी चॉल के लोग उसे देखने के लिए आए थे। मैंने बुरा दौर करीब से देखा है, इसलिए मैं पागलों की तरह काम करता था।' मैं जॉबलैस हूं' जीतेंद्र 23 साल से फिल्मों से दूर हैं, लेकिन इसके बावजूद वे 1512 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने प्रोडक्शन हाउस बालाजी टेलीफिल्म्स, ऑल्ट बालाजी और बालाजी मोशन पिक्चर के जरिए उनकी सालाना कमाई 300 करोड़ रु. तक है। जीतेंद्र ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में कहा था, '20 से ज्यादा साल हो गए, मैं जॉबलैस एक्टर हूं। मैंने अपना एक रुपया नहीं कमाया है। शोभा (पत्नी) और एकता (बेटी) सब काम संभालती हैं। मेरा योगदान केवल इतना है कि मैंने उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट किया है जो कि उन्होंने कमाया है और वो सारे इन्वेस्टमेंट मेरे लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।' शराब-सिगरेट को 22 साल से हाथ नहीं लगाया जीतेंद्र ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे पहले खूब सिगरेट और शराब पीते थे, लेकिन 22 साल पहले ये सब छोड़ चुके हैं। जीतेंद्र ने कहा था-जवानी के दिनों में मैंने अपनी हेल्थ के साथ जितने खिलवाड़ करने थे, सब कर चुका। लेकिन जब मैं 60 साल का हुआ तो मैंने ये सब छोड़ दिया। लोग मुझे इस उम्र में भी फिट होने पर कॉम्प्लीमेंट देते हैं तो मैं उन्हें भी ये सब छोड़ने की सलाह देता हूं। आज के दौर में मुझे सलमान खान और ऋतिक रोशन की फिटनेस बहुत अच्छी लगती है।
9 फिल्‍में और दांव पर 600 करोड़, अक्षय-अजय देवगन के लिए ईद पर सलमान का रिकॉर्ड तोड़ पाना लगभग नामुमकिन!
‘बिग बॉस देख रहे हैं’: गृह मंत्रालय के चप्पे-चप्पे पर अब तीसरी आंख से नजर
66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का ऐलान, अंधाधुन बेस्ट हिंदी फिल्म, आयुष्मान और विकी कौशल बेस्ट ऐक्टर
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राजस्थान


जयपुर : राजस्थान में पिछले साल जयपुर का सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। क्षत्रिय करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने इसे लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर हत्या करवाने का आरोप लगाया है और बिश्नोई के एनकाउंटर पर एक करोड़ से ज्यादा का इनाम भी रखा है। डाॅ. राज शेखावत ने एक वीडियो जारी कर गोगामेड़ी को शहीद बताया और कहा कि उनकी हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई का हाथ है। उन्होंने आगे कहा कि जो पुलिसकर्मी लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करेगा, उसे करणी सेना 1 करोड़ 11 लाख 11 हजार 111 रुपये का इनाम देगी। गौरतलब है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद से ही राजस्थान में सनसनी फैल गई थी। अब करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई का नाम लेकर एक नया मोड़ ला दिया है। शेखावत का यह बयान सामने आने के बाद पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या वाकई में लॉरेंस बिश्नोई का इस हत्याकांड से कोई संबंध है।
बागी राजेंद्र भांबू को BJP ने उपचुनाव में दिया टिकट
राजस्थान: कोटा के RSS शहर सेवा प्रमुख की हत्या मामले में कार्रवाई, आरोपी फैजान और जीशान गिरफ्तार
10 साल बाद कांग्रेस को इन 4 सीटों पर मिलेगी गुड न्यूज़, लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले पढ़ें राजस्थान के एग्जिट पोल वाला रिजल्ट
Exit Poll: राजस्थान की 25 सीटों पर किसकी होगी जीत?

बहुत कुछ


लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ एक जनसभा के दौरान दिया गया नारा इस समय सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है। विधानसभा चुनावों के दौरान इस स्लोगन का भारतीय जनता पार्टी बड़े स्तर पर इस्तेमाल करती दिख रही है। दरअसल, विपक्षी दलों की ओर से जातीय गोलबंदी के प्रयासों की काट के तौर पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सहारा लिया जा रहा है। दरअसल, बांग्लादेश में बदले राजनीतिक हालात के बीच अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुए अत्याचार के मसले पर दिया गया सीएम योगी का बयान महत्वपूर्ण हो गया है। सीएम योगी बयान को पहले हरियाणा में बड़े स्तर पर प्रचारित किया गया। अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मैदान में 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले पोस्टर खासी चर्चा में हैं। चर्चा तो झारखंड विधानसभा चुनाव तक गरमाई हुई है। एकजुट करने की कोशिश लगातार की जा रही है। इस बयान के जरिए पार्टी की कोशिश अपने वोट बैंक को एकजुट रखकर अन्य वर्गों को साथ लाने की है। सीएम योगी का भी प्रदेशों में कार्यक्रम होना तय है, ऐसे में वह भी इस बयान के जरिए माहौल बनाते दिखेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी की झोली में डाला विधानसभा उपाध्यक्ष का पद, कांग्रेस के दावे की अनदेखी
बांग्लादेशी और रोहिंग्या अब बर्दाश्त से बाहर', हिंदू स्वाभिमान यात्रा के दौरान सीमांचल में गरजे गिरिराज
'अररिया में रहना है तो हिंदू बनना होगा', गिरिराज सिंह की यात्रा में बोले BJP सांसद प्रदीप सिंह, मचा बवाल
आपके पक्ष में फैसला तो सुप्रीम कोर्ट अद्भुत संस्था, खिलाफ आए तो हम बदनाम,

मौसम


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मॉस्को: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को रूस पहुंच गए हैं। ये समिट रूसी शहर कजान में हो रही है। कजान पहुंचने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का औपचारिक तौर पर स्वागत किया। राष्ट्रपति पुतिन ने इस दौरान पीएम मोदी से कहा कि हमारे संबंध इतने पुराने हैं कि इसे समझाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने भारत और रूस को ब्रिक्स के मूल सदस्य देश बताया। पीएम मोदी ने स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद किया। इस दौरान मोदी ने पुतिन के सामने यूक्रेन युद्ध पर भी स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि जंग किसी भी समस्‍या का हल नहीं है। बातचीत के जरिए ही किसी भी मुद्दो को हल किया जा सकता है। नरेंद्र मोदी ने कजान में कहा, 'रूस और यूक्रेन के संघर्ष के मसले पर हम संपर्क में रहे हैं। मैंने पहले भी कहा है और लगाातार दोहराया है कि समस्याओं का शांतिपूर्ण तरीके से हल होना चाहिए। युद्ध किसी मुद्दे का हल नहीं हो सकता है। हमारे सभी प्रयास मानवता को ऊपर रखते हैं। भारत हमेशा शांति के लिए अपना योगदान देने को तैयार है।'
एग्जिट पोल में NDA 400 पार, लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले देश के दूसरे नेता बन सकते हैं नरेंद्र मोदी
'अब क्या जजों के पीछे भी गुंडे छोड़ दोगे?', जानें बारासात में क्या बोले PM मोदी
गोरखपुर के बांसगांव में PM मोदी की जनसभा, कहा- जिस पर पूर्वांचल का प्रहार हुआ वह मैदान से बाहर
चुनाव आयोग ने 5 फेज वोटिंग का पूरा आंकड़ा जारी किया, कहा- एक एक वोट का हिसाब है

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taaja khabar...काला धनः भारत को स्विस बैंक में जमा भारतीयों के काले धन से जुड़ी पहली जानकारी मिली...SPG सिक्यॉरिटी पर केंद्र सख्त, विदेश दौरे पर भी ले जाना होगा सिक्यॉरिटी कवर, कांग्रेस बोली- निगरानी की कोशिश....खराब नहीं हुआ था इमरान का विमान, नाराज सऊदी प्रिंस ने बुला लिया था वापस ....करीबियों की उपेक्षा से नाराज हैं राहुल गांधी? ताजा घटनाक्रम और कुछ कांग्रेस नेता तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं....2 राज्यों के चुनाव से पहले राहुल गांधी गए कंबोडिया? पहले बैंकॉक जाने की थी खबर...2019 में चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का ऐलान, 3 वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से मिला...चीन सीमा पर तोपखाने की ताकत बढ़ा रहा भारत, अरुणाचल प्रदेश में तैनात करेगा अमेरिकी तोप....J-K: पुंछ में PAK ने की फायरिंग, सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब ...राफेल में मिसाइल लगाने वाली कंपनी बोली, ‘भारत को मिलेगी ऐसी ताकत जो कभी ना थी’ ..

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